होम /न्यूज /धर्म /हनुमान जयंती 2022: मां सीता से मिला था संकटमोचन को अमरता का वरदान
हनुमान जयंती पर अंजनी पुत्र की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.
हनुमान जयंती इस साल 16 अप्रैल (शनिवार) को मनाई जाएगी. मान्यता है कि हनुमान जी को माता सीता ने अमरता का वरदान दिया था जब ...अधिक पढ़ें
- News18 हिंदी
- Last Updated : April 15, 2022, 18:05 IST
इस वर्ष 16 अप्रैल (शनिवार) को हनुमान जयंती मनाई जाएगी. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था. हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के राम अवतार के सहयोग के लिए संकट मोचन हनुमान जी ने अवतार लिया था. हनुमान जयंती के दिन पवन पुत्र की पूजा करने से जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि बजरंगबली दयालु और शक्तिशाली है इनकी कृपा से भक्तों को जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. जहां हनुमान जी की कृपा होती है उस घर में किसी चीज की कमी नहीं रहती.
देशभर में धूमधाम से मनेगा
जन्मोत्सव
16 अप्रैल को देशभर में हनुमान जन्म उत्सव मनाया जा रहा हैं. हनुमान महोत्सव के दिन मंदिरों में विशेष अनुष्ठान होते हैं भक्त उपवास रखकर भगवान हनुमान को प्रसन्न करते हैं. हनुमान महोत्सव का दिन विशेष माना गया है यह दिन हनुमान जी को समर्पित है. इस दिन हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए अति शुभ माना गया है. हनुमान जी के जन्मदिन पर किए गए उपाय जीवन में विशेष फल प्रदान करते हैं.
माता सीता से मिला था अमरता का वरदान
पुराणों में बताया गया है कि भगवान हनुमान को
चिरंजीव होने का वरदान प्रभु श्री राम और माता सीता से मिला था. वाल्मीकि रामायण के अनुसार जब हनुमानजी माता सीता की खोज करते हुए लंका में पहुंचे और उन्होंने भगवान श्रीराम का संदेश सुनाया तो वह बहुत प्रसन्न हुई. इसके बाद मां सीता ने उन्हें अमर होने का वरदान दिया.
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मनोकामनाएं
ऐसे मिला हनुमान नाम
पौराणिक कथाओं के मुताबिक हनुमान जी जब छोटे थे तब एक दिन उनका ध्यान सूर्यदेव पर गया उन्हें वह एक मीठे फल की तरह लगे और उन्हें वह खाने पहुंच गए. जैसे ही उन्होंने सूर्य देव को खाने के लिए अपना मुंह खोला इंद्रदेव ने मारुति पर वज्र प्रहार कर दिया और तब से ही मारुति का नाम हनुमान पड़ गया.
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हनुमान जयंती पर बना है विशेष योग
इस साल हनुमान जयंती का दिन शनिवार पड़ रहा है. इस दिन रवि योग बन रहा है, जो सभी तरह के दोषों को दूर करने वाला और कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला है. इस बार रवि योग सुबह से ही बन रहा है. यह सुबह 05 बजकर 55 मिनट से
शुरू होकर सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करना आपके लिए कल्याणकारी होगा. (Disclaimer: इस लेख में दी गई
जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news 18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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Tags: Hanuman Jayanti, Religion
FIRST PUBLISHED : April 15, 2022, 17:33 IST
Lord Hanuman and Mata Sita Story of Lanka: हनुमान जी ने सीता जी के सामने जब प्रभु राम की दी हुई अंगूठी गिराई तो उन्होंने उसे अपने हाथों में लिया और पहचान कर विचार करने लगीं कि ऐसी अंगूठी माया से रची नहीं जा सकती है. फिर श्री रघुनाथ जी तो अजेय हैं जिन्हें हरा कर कोई यह अंगूठी प्राप्त नहीं कर सकता. इस बीच हनुमान जी बिना सामने आए अपने प्रभु का गुणगान करने लगे तो सीता माता ने पूछा आप कौन हैं और सामने क्यों नहीं आते हैं. इसके बाद जैसे ही हनुमान जी लघु रूप में उनके सामने आए तो जानकी जी ने उन्हें देखते ही मुंह फेर लिया. क्योंकि उन्हें लगा कि इतना छोटा सा वानर इतना बड़ा काम नहीं कर सकता. लेकिन जब हनुमान ने पूरी कथा सुनाई तो सीता जी को विश्वास हो गया और उनके प्रति स्नेह का भाव जाग गया.
छलक आईं माता सीता की आंखें
सीता जी को जब हनुमान जी पर विश्वास हो गया तो उनकी आंखों में जल भर आया और शरीर में कुछ अजीब सी सिहरन होने लगी. उन्होंने हनुमान जी से कहा कि मैं तो विरह के सागर में डूब रही थी किंतु तुम जहाज के रूप में मेरे सामने आ गए हो. अब तुम जल्दी से छोटे भाई लक्ष्मण जी सहित सुख के धाम प्रभु श्रीराम की कुशल मंगल के बारे में बताओ. उन्होंने कहा कि वह तो कृपा के सागर हैं फिर मेरे बारे में वह इतना निष्ठुर कैसे हो गए. मुझे क्यों भुला दिया और अभी तक सुध क्यों नहीं ली. क्या उनको फिर से देख कर हम अपनी आंखों को शीतल कर सकेंगे.
हनुमान जी ने बंधाया माता सीता को धीरज
हनुमान जी ने सीता माता के दुख को समझा और धीरज बंधाते हुए कहा कि हे माता, कृपा के सागर, दूसरों पर प्रेम और करुणा बरसाने वाले श्री राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी के साथ कुशल से हैं. लेकिन आपके दुख से बहुत दुखी हैं. हे माता आप अपना मन छोटा मत कीजिए क्योंकि उनके मन में आपके प्रति दोगुना प्रेम है.
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