श्री कृष्ण का जन्म कब हुआ date? - shree krshn ka janm kab hua datai?

जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त यानी आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण का द्वापर युग में बुधवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्म लिया था। भगवान कृष्ण तीनों लोकों के तीन गुण सतगुण, रजगुण और तमोगण में से सतगुण विभाग के प्रभारी हैं।

देवकी के आठवें पुत्र और भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं कृष्ण
भगवान कृष्ण में जन्म से ही सिद्धियां मौजूद थीं। उनके पिता वसुदेव और माता देवकी जी के विवाह के समय जब मामा कंस अपनी बहन देवकी को ससुराल पहुंचाने जा रहे थे, तभी एक आकाशवाणी हुई। जिसमें बताया गया कि देवकी के आठवें पुत्र के हाथों कंस का वध होगा। इसके बाद वसुदेव और देवकी को कंस ने कारागार में डाल दिया। अष्टमी के दिन रात्रि 12 बजे कंस की कारागार के सभी ताले टूट गए और सभी सैनिक गहरी नींद में सो गए। आकाश में घने बादल छा गए और भयंकर बारिश होने लगी। इसके बाद कृष्णजी का जन्म हुआ। भगवान के जन्म के लिए जिस नक्षत्र और समय को चुना गया, वह काफी मायनों खास है। आइए जानते हैं आखिर भगवान ने जन्म के लिए आधी रात का समय ही क्यों चुना।

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इसलिए आधी रात में जन्मे अजन्मे
अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि को जन्म लेने का प्रमुख कारण चंद्रवंशी होना है। भगवान राम सूर्यवंशी हैं, क्योंकि उनका जन्म सुबह हुआ था और भगवान कृष्ण चंद्रवंशी हैं क्योंकि उनका जन्म रात्रि में हुआ था। श्रीकृष्ण चंद्रवंशी हैं और चंद्रदेव उनके पूर्वज। चंद्रदेव के पुत्र बुध हैं, इसलिए भगवान ने जन्म के लिए बुधवार का दिन चुना। वहीं रोहिणी चंद्रमा की पत्नी व नक्षत्र हैं, इसी कारण रोहिणी नक्षत्र में भगवान ने जन्म लिया। वहीं अष्टमी तिथि शक्ति का प्रतीक मानी जाती है और भगवान विष्णु इसी शक्ति के कारण पूरे ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। इसलिए बुधवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जिस समय उनके सभी पूर्वज उपस्थित थे।

जन्म के समय ऐसा हो गया था माहौल
पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रदेव की इच्छा थी कि वह उनके कुल में जन्म लें। क्योंकि भगवान राम ने तो सूर्य के कुल में जन्म लिया था इसलिए हे प्रभु इस अवतार में मेरे कुल में जन्म लें ताकि यह सुख मुझे भी प्राप्त हो सके और प्रत्यक्ष दर्शन कर सकूं। भगवान कृष्ण का रात्रि में जब प्रादुर्भाव हुआ, तब पूरे ब्रह्मांड का वातवरण सकारात्मक हो गया, देवी-देवता मंगल गीत गाने लगे और ईश्वर का गुणगान करने लगे। प्रकृति, पशु, पक्षी, साधु-संत, किन्नर आदि सभी नाचने गाने लगे और ईश्वर के जन्म के लेकर हर्षित हुए। बताया जाता है कि पृथ्वी से लेकर इंद्रलोक तक चारों तरह ईश्वर के आने का हर्षमय वातावरण हुआ। जब ईश्वर ने पृथ्वी पर जन्म लिया तब देवताओं ने स्वर्ग से फूल बरसाए थे।

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यह भी थी वजह
भगवान कृष्ण ने कंस के कारागार से निकलने के लिए भी आधी रात का समय चुना। ताकि उनके पिता सुरक्षित स्थान पर भेज सकें। इसलिए जब कृष्ण का जन्म हुआ, तभी सबी कारागार के द्वार खुल गए और सैनिक गहरी नींद में सो गए। तब उनके पिता वसुदेव गोकुल में सुरक्षित पहुंचा सके और वापस जेल में अपनी पत्नी के पास आ गए।

साधु-संत और गृहस्थ एक ही दिन मनाएंगे जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त यानी आज मनया जा रहा है। भारतीय ज्योतिष की काल गणना के अनुसार, विक्रम संवत 2078 में भाद्रपद कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार को सूर्योदय से पूर्व हो शुरू होकर रात्रि 02 बजकर 02 मिनट तक विघमान रहेगी। अर्थात सूर्यादय और चंद्रोदय (भगवान कृष्ण के जन्म का समय) दोनों समय अष्टमी रहेगी। इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सभी शाखाओं (स्मार्त, वैष्णव, शैव, निम्बार्क) के लिए समान रूप से मान्य, विशेष पुण्यदायक और तीन जन्मों के पापों को नष्ट करने वाला रहेगा।
यथा- सोमहाणि बुधवारे वा अष्टमी रोहिणी युता।
जयंती सा समारव्याता हन्ति पाप त्रिजन्मजम्।।

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18 वर्षों बाद ऐसा शुभ योग
सिद्धात रूप से भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र सोमवार, वृषराशिस्थ चंद्रमा अर्धरात्रि के समय माना गया है। श्रीमद् भागवत, ब्रह्मवैवर्त पुराण, भविष्य पुराण आदि ग्रंथों में ऐसे दुर्लभ योग की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई है। भगवान कृष्ण के जन्म के समय परम दुर्लभ छह योग माने गए हैं, वे सभी योग इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन एकास उपलब्ध रहेंगे, ऐसे सभी योग 18 वर्षों बाद बने हैं। कृष्ण भक्तों के दृष्टिकोण से ऐसे ही कृष्ण जन्म योग में किया गया व्रत पूजन श्रीकृष्ण को झूला झुलाना आदि राष्ट्र व समाज के लिए अक्षय श्रीपद् व कल्याणकारी सिद्ध होगा।

janmashtami kab hai : भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि को हुआ था। इस बार भाद्रपद की अष्टमी दो दिनों तक है। अष्टमी तिथि का प्रवेश इस बार 18 अगस्त 2022 द

श्री कृष्ण का जन्म कब हुआ date? - shree krshn ka janm kab hua datai?

Yogesh Joshiकार्यालय संवाददाता,धनबादThu, 18 Aug 2022 04:46 PM

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अभी रक्षाबंधन पर तिथियों को लेकर मतभेद खत्म भी नहीं हुआ था कि एक बार फिर से कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर विभिन्न पंचांगों की तिथियां अलग-अलग बताई जा रही हैं। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि को हुआ था। इस बार भाद्रपद की अष्टमी दो दिनों तक है। अष्टमी तिथि का प्रवेश इस बार 18 अगस्त 2022 दिन गुरुवार को रात्रि में हो रहा है। इस कारण कई लोग 18 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे। वहीं शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में उदया तिथि सार्वभौमिक माना गया है, इसलिए 19 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे। वैष्णव संपद्राय भी 19 अगस्त को ही श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाएगा।

दोनों ही तिथियों में नहीं है रोहिणी नक्षत्र

जन्माष्टमी और कृष्ण जन्मोत्सव में एक चीज सर्वमान्य होती है और वह है रोहिणी नक्षत्र। क्योंकि रोहिणी नक्षत्र में ही भगवान का जन्म हुआ था। रोहिणी नक्षत्र में उत्सव मनाने की परंपरा है। लेकिन इस बार दो तिथियों में अष्टमी तिथि होने के बाद भी 18 और 19 को रोहिणी नक्षत्र नहीं पड़ रहा है। रोहिणी नक्षत्र 20 को 01:53 बजे प्रवेश कर रहा है।

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18 को रात्रि में 9:21 में प्रवेश हो रही है अष्टमी

महाविर पंचाग के अनुसार 18 अगस्त को रात्रि में 9:21 बजे अष्टमी का प्रवेश हो रहा है। इसलिए इस तिथि में भी लोग जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे। जबकिबनरासी पंचाग में 19 को जन्माष्टमी मनाने पर जोर दिया गया है। वैसे भी उदया तिथि मानने वाले लोग 19 अगस्त शुक्रवार को जन्माष्टमी मनाएंगे। खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी राकेश पांडेय बताते हैं कि चूंकि यह व्रत निशाव्यापनी है, 18 को मनाया जा सकता है। वेदाचार्य पंडित रमेश चंद्र त्रिपाठी बतातें हैं कि बनारसी पंचाग के अनुसार अष्टमी शुक्रवार की रात 1:08 बजे तक है इसलिए 19 को ही जन्माष्टमी मनाना सर्वमान्य होगा। मिथिला पंचाग में भी 19 को जन्माष्टमी दर्शाया गया है।

कृष्ण का जन्म कौन से सन में हुआ?

कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्री के १२ बजे हुआ था । कृष्ण का जन्मदिन जन्माष्टमी के नाम से भारत, नेपाल, अमेरिका सहित विश्वभर में मनाया जाता है। कृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। वे माता देवकी और पिता वासुदेव की ८वीं संतान थे।

श्री कृष्ण का जन्म आज से कितने साल पहले हुआ?

इसलिए 125+5000 = 5125 वर्ष पूर्व (लगभग) कृष्ण का जन्म हुआ है। अतएव वेदों पुराणों के ज्ञान अनुसार श्री कृष्ण का जन्म आज से लगभग 5125 वर्ष पहले हुआ है।

श्री कृष्ण का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. श्रीकृष्ण के जन्म की इसी शुभ घड़ी का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था.