शिवलिंग पर दूध कब चढ़ाना चाहिए? - shivaling par doodh kab chadhaana chaahie?

महाशिवरात्रि 2021 (Mahashivratri 2021) के मौके पर रुद्राभिषेक किया जाता है जिसमें दूध का विशेष प्रयोग किया जाता है. कई लोग व्रत भी रखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है ? यहां जानिए इसके बारे में...

हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. इस बार महाशिवरात्रि आज 11 मार्च को मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है. इस दिन श्रद्धालु सुबह- सुबह उठकर स्नान कर भगवान शिव की पूजा करते हैं. शिवलिंग पर दूध, धतूरा, भांग और बेलपत्र चढ़ाते हैं.

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शास्त्रों के अनुसार दूध को मन के दृष्टिकोण से सात्विक समझा जाता है. मान्यता है कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. सोमवार के दिन दूध का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है. शिवजी के रुद्राभिषेक में भी दूध का विशेष प्रयोग किया जाता है. कई लोग व्रत भी रखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है.

क्यों किया जाता है शिवलिंग पर दूध का अभिषेक

दूध चढ़ाने की परंपरा सागर मंथन से जुड़ी हुई है. पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन से सबसे पहले जो हलाहल विष निकला था. उस विष की ज्वाला से सभी देवता और दैत्य जलने लगे. इस पर सभी ने भगवान शिव से प्रार्थना की. देवाताओं की प्रार्थना सुनकर भगवान शिव ने उस विष को हथेली पर रखकर विषपान किया. लेकिन उन्होंने विष को कंठ से नीचे नहीं उतरने दिया. इसलिए उनका कंठ नीला पड़ गया और उन्हें नीलकण्ठ भी कहा जाता है.

इस विष का प्रभाव भगवान शिव और उनकी जटा में बैठी देवी गंगा पर पड़ने लगा. विष के ताप को कम करने के लिए देवताओं ने भगवान शिव से दूध ग्रहण करने का आग्रह किया. भगवान शिव ने जैसे ही दूध ग्रहण किया उनके शरीर से विष का असर कम होने लगा. इसके बाद से ही शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई.

यह भी पढ़ें- Mahashivratri 2021 : इस तरह करेंगे पूजा तो जल्द प्रसन्न होंगे महादेव, लेकिन भूलकर भी न करें ये गलतियां

जिससे आपको भी पता चल सके दोस्तों पर आपको भी जानना है कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के फायदे कौन-कौन से हैं तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे तो चलिए दोस्तों सबसे पहले शुरू करते हैं कि शिवलिंग पर दूध कैसे चढ़ाएं और फिर शिवलिंग पर दूध चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए

Table of contents : दिखाएँ

1. शिवलिंग पर दूध कैसे चढ़ाये ?

2. शिवलिंग पर दूध चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए

3. शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का मंत्र ?

3.1. मंत्र

4. भगवान शंकर को जल क्यों चढ़ाया जाता है ?

5. शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के फायदे क्या है ?

6. शिवलिंग को दूध से स्नान क्यों कराया जाता है?

7. शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही तरीका ?

8. शिवलिंग की पूजा

9. FAQ :शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के फायदे

9.1. शिवलिंग पर दूध चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

9.2. शिवलिंग पर किस दिन क्या चढ़ाना चाहिए?

9.3. शिवजी को धतूरा चढ़ाने से क्या होता है?

10. निष्कर्ष

शिवलिंग पर दूध कैसे चढ़ाये ?


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सोमवार को शिव मंदिर में जाकर दूध-मिश्रित जल शिवलिंग पर चढ़ाते हुए रूद्राक्ष की माला से ‘ऊँ सोमेश्वराय नमः’ का 108 बार जप करें। साथ ही पूर्णिमा को जल में दूध मिला कर चन्द्रमा को अर्ध्य देते हुए घर-व्यवसाय में उन्नति देने की प्रार्थना करें।

शिवलिंग पर दूध चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए

शिवलिंग पर दूध चढ़ाते समय इस मंत्र का प्रयोग करें अब इसके सामने बैठकर शिवजी (Shivji) के मन्त्र “ॐ दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय” का जाप करें. मंत्र जप के बाद इस दूध को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें. सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना के बाद दूध का दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है.

शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का मंत्र ?

सबसे पहले जब आप शिवलिंग पर जल चढ़ाएं तब इस मंत्र का प्रयोग जरूर करे। शिवलिंग पर दूध चढ़ाते समय इन मंत्रों का प्रयोग करने से बाबा भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं और आपने जो वरदान मांगा है उसको पूरा करेंगे शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का मंत्र मैंने आपको नीचे दिया है उस मंत्र का प्रयोग जरूर करें.


मंत्र

कामधेनुसमुद्भूतं सर्वेषां जीवनं परम् ।
पावनं यज्ञहेतुश्च पयः स्नानाय गृह्यताम् ।।
श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । पयः स्नानं समर्पयामि ।

भगवान शंकर को जल क्यों चढ़ाया जाता है ?

( यह लेख आप OSir.in वेबसाइट पर पढ़ रहे है अधिक जानकारी के लिए OSir.in पर जाये  )

भगवान शिव को जल इसलिए चढ़ाया जाता है क्योंकि उन्हें जल अत्यंत प्रिय है और नियम से इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है भगवान शंकर की कृपा पाने के लिए पूरे नियम से शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए.

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शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के फायदे क्या है ?

  1. शिव जी के रुद्राभिषेक में दूध का विशेष महत्व माना जाता है ऐसा माना जाता है कि दूध से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से आपकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है.
  2. सोमवार के दिन दूध का दान करने से आपका चंद्रमा मजबूत धार्मिक मान्यता के अनुसार जी ने चंद्रमा को अपने सर पर धारण किया हैं.
  3. सावन के महीने और सोमवार के दिन शिवलिंग को दूध से स्नान करवाया जाता है माना जाता है कि भगवान शिव को दूध अत्यंत प्रिय है.

शिवलिंग को दूध से स्नान क्यों कराया जाता है?

वास्तव में उसके पीछे भी एक कहानी है मुद्र मंथन की पूरी कथा विष्णु पुराण और भागवत कथा में वर्णित है जिसमें एक कथा मिलते हैं उस कथा के अनुसार मुद्र मंथन के दौरान विष की उत्पत्ति हुई थी तो पूरा संसार इसके तीव्र प्रभाव में आ गया था.

जिस कारण सभी लोग भगवान शिव की शरण में आ गए क्योंकि विष की तीव्रता को सहने की ताकत केवल शिव भगवान के अंदर ही थी भगवान शिव ने बिना किसी भय के संसार के कल्याण हेतु विषपान कर लिया था विष की तीव्रता इतनी थी कि भगवान शिव का कंठ नीला हो गया था. विष की तीव्रता इतनी थी कि भगवान शिव को शांत करने के लिए जल की शीतलता भी कम पड़ गई.

तभी सभी देवताओं ने उन्हें दूध ग्रहण करने के लिए कहा लेकिन अपने जीवन मात्र की चिंता के स्वभाव के कारण भगवान शिव ने दूध से उनके द्वारा ग्रहण करने की आज्ञा मांगी भगवान से शीतल और निर्मल दूध ने शिव के इस विनम्र निवेदन को स्वीकार कर लिया भगवान शिव ने उस दूध को ग्रहण किया दूध को ग्रहण करने के बाद उनकी तीव्रता काफी हद तक शांत हो गई.

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही तरीका ?

  • शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय जल को बैठकर चढ़ाएं.
  • शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय जल में कुछ और ना मिलाएं. और जल को ज्यादा तेज से ना चढ़ाएं.

शिवलिंग की पूजा

भगवान शिव की पूजा आपको किस प्रकार करनी है हम आपको इसमें बताएंगे भगवान शिव जो है वह बहुत ही कम सामग्री में प्रसन्न हो जाते हैं भगवान भोलेनाथ घर पर भी प्रसन्न हो जाते हैं अगर किसी विशेष मनोकामना के लिए आपको भोलेनाथ की पूजा करनी है तो आपको शिवलिंग में जाना ही चाहिए जैसे कि आप के आस पास कोई बाबा भोलेनाथ का मंदिर हो बाबा भोलेनाथ की पूजा करने का शुभ दिन सोमवार को माना जाता है.

  • रोज सुबह उठकर स्नान करके भगवान भोलेनाथ का स्मरण करते हुए भक्त व्रत एवं उपवास का पालन करते हुए और भगवान का भजन करते हुए पूजा की शुरुआत करें
  • पूजा की शुरुआत सबसे पहले जल दूध धतूरा आदि चढ़ाएं उसके बाद सुपारी पंचामृत नारियल और बेलपत्र चढ़ाई और माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं
  • उसके बाद तिल के तेल का दीपक जलाएं और धूपबत्ती जरा कर आरती उतारे
  • उसके बाद ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें.
  • पूजा के अंत में शिव चालीसा एवं शिवजी की आरती जरूर पढ़ें तभी आपकी पूजा संपन्न मानी जाएगी और पूजा समाप्त होते ही प्रसाद का वितरण करते हैं.
  • व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए और दिन में दो बार और शाम भगवान शिव की प्रार्थना करनी चाहिए.

FAQ :शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के फायदे

शिवलिंग पर दूध चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

"ॐ दारिद्र्य दुःख दहनाय नमः शिवाय" का जाप करें. मंत्र जप के बाद इस दूध को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.

शिवलिंग पर किस दिन क्या चढ़ाना चाहिए?

कुछ लोगो के मन में शंका होता है. की शिवलिंग पर शाम को जल चढ़ाना चाहिए या नहीं. लेकिन हम आपको बता रहे है. की जी हां, शाम के समय भी शिवलिंग पर जल चढ़ाया जा सकता हैं.

शिवजी को धतूरा चढ़ाने से क्या होता है?

शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने का मतलब यही कि अपने मन से कड़वाहट का संकल्प लेना।

शिवलिंग पर दूध कब चढ़ाना चाहिए? - shivaling par doodh kab chadhaana chaahie?

निष्कर्ष

दोस्तों जैसे कि आपने देखा मैंने आज आपको शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के फायदे बताएं और यह भी बताया कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का मंत्र कौन सा होता है और शिवलिंग पर दूध कैसे चढ़ाएं तो दोस्तों आपको यह जानकारी इस आर्टिकल में मिल गई होगी और उम्मीद करते हैं कि आपको अच्छी भी लगा होगा कि भगवान भोलेनाथ को दूध क्यों पसंद है।

शिवलिंग पर दूध कैसे चढ़ाना चाहिए?

दूध में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं खासतौर पर जब बात काले तिल की आती है तब इसे पूजा की एक पवित्र सामग्री माना जाता है। कई जगह पर काले तिल भगवान शिव के प्रसाद के रूप में वितरित किए जाते हैं। वहीं काले तिल यदि दूध में मिलाकर भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं तो ये आपके जीवन में सुख समृद्धि लाता है।

शिवलिंग पर doodh कब चढ़ाना चाहिए?

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और भगवान शिव ही चंद्रमा को अपने शिश पर धारण करते हैं. अगर आपकी कुंडली में कोई भी ग्रह अशुभ प्रभाव डाल रहा है तो इसके लिए सोमवार के दिन सुबह शीघ्र उठकर स्नान आदि से निवृत होकर शिवालय जाकर शिवलिंग पर कच्चा दूध अर्पित करें।

क्या शाम को शिवलिंग पर दूध चढ़ा सकते हैं?

आप शिव लिंग पे कभी भी जल, दूध, शहद, चंदन, भस्म, बेल पत्र, धतूरा, कभी भी चढ़ा सकते है। कोई भी बंदिश नहीं है।

तांबे के लोटे से दूध चढ़ाने से क्या होता है?

पूजा के दौरान तांबे के बर्तन में दूध, दही या चरणामृत को नहीं रखना चाहिए। तांबे में रखे गए ये पदार्थ मदिरा तुल्य होते हैं। खासकर दूध, दूध से बनी चीजें और खट्टी चीजें। ये विषाक्त हो सकती हैं।