उदारीकरण क्या है इसकी व्याख्या करें? - udaareekaran kya hai isakee vyaakhya karen?

उदारीकरण का अर्थ ऐसे नियंत्रण में ढील देना या उन्हें हटा लेना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उदारीकरण में वे सारी क्रियाएँ सम्मिलित हैं, जिसके द्वारा किसी देश के आर्थिक विकास में बाधा पहुँचाने वाली आर्थिक नीतियों, नियमों, प्रशासनिक नियंत्रणों, प्रक्रियाओं आदि को समाप्त किया जाता है या उनमे शिथिलता दी जाती है।

इस प्रक्रिया में विश्व के साथ व्यापार की शर्तो को उदार बनाया जाता है जिससे ना केवल अर्थव्यवस्था का विकास सुनिश्चित होता है बल्कि देश का व्यापक विकास तथा बहुमुखी उन्नति होती है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • आर्थिक उदारीकरण
  • भारत में आर्थिक सुधार

उदारीकरण से आप क्या समझते हैं वर्णन करें?

उदारीकरण का अर्थ ऐसे नियंत्रण में ढील देना या उन्हें हटा लेना है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले। उदारीकरण में वे सारी क्रियाएँ सम्मिलित हैं, जिसके द्वारा किसी देश के आर्थिक विकास में बाधा पहुँचाने वाली आर्थिक नीतियों, नियमों, प्रशासनिक नियंत्रणों, प्रक्रियाओं आदि को समाप्त किया जाता है या उनमे शिथिलता दी जाती है।

उदारीकरण क्या है और इसकी विशेषताएं?

उदारीकरण का तात्पर्य Udarikaran ka tatparya देश में प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार करने के लिए व्यापार को प्रोत्साहन देना होता है। इसके लिए उद्योगों पर लगे कुछ कठोर प्रतिबंधों को अपने अधिकार क्षेत्र से हटा देना। निजी और विदेशी निवेश का विस्तार करने के लिए नियमों में ढील देना ही उदारीकरण कहलाता है।

उदारीकरण से क्या लाभ है?

उदारीकरण के लाभ 1- 1991 के बाद भारत की जीडीपी वृद्धि दर बढ़ी। 2- प्रतिस्पर्धा के कारण, वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार। 3- विनिर्माण क्षेत्र में निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी। 4- गुणवत्ता और सस्ते सामान और सेवाओं के कारण उपभोक्ता को लाभ

उदारीकरण शिक्षा से क्या समझते हैं ?`?

उदारीकरण से धन लाया जायेगा जो शोध आधारित कैरियर की सुविधा प्रदान करेगा और भारतीय शिक्षकों और छात्रों के भविष्य के लिए एक उचित विकल्प होगा। 2. शिक्षा संस्थानों में प्रतिस्पर्धा यह सुनिश्चित करेगी कि वे शिक्षा के लिए अत्याधिक प्रीमियम भुगतान न करें।

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