२३ सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का २६६वॉ (लीप वर्ष मे २६७ वॉ) दिन है। साल मे अभी और ९९ दिन बाकी है।
- 951 - द ग्रेट ओटो प्रथम इटली का राजा बन गया।
- 1719 - लिकटेंस्टीन ने जर्मन साम्राज्य से आजादी की घोषणा की।
- 1739 - रूस और तुर्की ने बेलग्रेड की शांति सन्धि पर हस्ताक्षर किया।
- 1803 - ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने असाये की लड़ाई में मराठा सेना को पराजित किया।
- 1863 - 1857 के विद्रोह के नेताओं में से एक राव तुला राम का काबुल में निधन हो गया।
- जेनेवा स्थित भौतिकी की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न में जारी प्रयोग ओपेरा में वैज्ञानिकों ने सर्न से ७३० किलोमीटर दूर इटली की ग्रैन सासो प्रयोगशाला में भेजे गए उपपरमाणविक कण न्यूट्रिनो की गति प्रकाश की गति से भी अधिक पाई।
- फ्रांसीसी न्यायालय ने हिंद अहमास और नजाइत अली नाम की दो मुस्लिम महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने के लिए पहली बार सजा के रूप में १२० और ८० यूरो जुर्माना लगाया।
.1863-स्वतंत्रता सेनानी राव तुलाराम सिंह
23 सितंबर को दुनिया भर में हर साल अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (International Day of Sign Languages -IDSL) मनाया जाता है। यह दिन सांकेतिक भाषाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सांकेतिक भाषाओं की स्थिति को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। 2021 के अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का विषय “हम मानवाधिकारों के लिए हस्ताक्षर करते हैं (We Sign For Human Rights)” इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे हम में से प्रत्येक – दुनिया भर में बहरे और सुनने वाले लोग – जीवन के सभी क्षेत्र में सांकेतिक भाषाओं का उपयोग करने के हमारे अधिकार की मान्यता को बढ़ावा देने के लिए हाथ से हाथ मिलाकर काम कर सकते हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का इतिहास:
दिन का प्रस्ताव वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ (World Federation of the Deaf – WFD) से आया, जो दुनिया भर में लगभग 70 मिलियन बधिर लोगों के मानवाधिकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले बधिर लोगों के 135 राष्ट्रीय संघों का एक संघ है। 23 सितंबर का चयन उस तारीख को याद करता है जब 1951 में WFD की स्थापना की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पहली बार 2018 में बधिरों के अंतर्राष्ट्रीय सप्ताह के हिस्से के रूप में मनाया गया था।
फतेहाबाद। गत वर्षों की भांति इस बार भी 23 सितंबर का दिन हरियाणा वीर एवं शहीदी के रूप में मनाया जाएगा। एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस दिन को गरिमापूर्ण ढंग से मनाने के लिए विभिन्न स्थलों पर जन सभाएं, समारोह तथा गोष्ठियां आदि आयोजित करके शहीदों को श्रृद्धांजलि अर्पित की जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस पर शहीदों के परिवारों तथा युद्ध में वीरता पुरस्कार पाने वालों को स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया जाएगा।