Gau mata ke shubh sanket : सनातन हिंदू धर्म में गाय को देवी मां का स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी देवता वास करते हैं। शास्त्रों के अनुसार गौ माता में सुरभि नामक लक्ष्मी वास करती हैं, इसलिए कहा जाता है जहां गाय का वास होता है वहां मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। शास्त्रों में गाय के कुछ शुभ संकेत वर्णित किए गए हैं, जिससे आप जान सकते हैं कि आपको लाभ मिलने वाला है और जल्द ही आपको अपने कार्यक्षेत्र में सफलता मिलने वाली है।
गाय के शुभ अशुभ लक्षण, गाय के शुभ अशुभ संकेत
- रास्ते में गौ माता का दर्शन होता है शुभ : यदि आप घर से किसी शुभ कार्य के लिए निकल रहे हैं और रास्ते में आपको गौ माता के दर्शन हो जाते हैं, तो आप अपने कार्य में अवश्य सफल होंगे। उस समय यदि गाय की आवाज भी सुनाई दे जाए तो इससे सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
- गाय का दरवाजे पर आकर खड़ा होना होता है शुभ : गाय का दरवाजे पर आकर रंभाना यानि बोलना शुभ संकेत माना जाता है। शास्त्रों में वर्णित कथा के अनुसार यह दर्शाता है कि भगवान साक्षात आपकी सभी गलतियों को क्षमा करने के लिए द्वार पर खड़े हैं। इस दौरान गाय को रोटी खिलाने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- गाय का रंगोली में पैर रखना : शास्त्रों के अनुसार आंगन या घर के बाहर बनी रंगोली में गाय का पैर रखना या वहां खड़े हो जाना बहुत ही शुभ सूचक माना जाता है। यह सर्वकामना सिद्धिदायक होता है।
- गाय को भूलकर भी ना लांघें : पद्मपुराण और कर्मपुराण के अनुसार गाय को कभी लांघकर नहीं जाना चाहिए। इससे बनता काम भी बिगड़ जाता है। शास्त्रों के अनुसार गाय को लांघना या लात मारना मौत को दावत देना है, इससे जीवन में अकाल मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।
- पीठ पर हाथ फेरने के फायदे : गौ माता की पीठ पर कूबड़ होता है, शास्त्रों के अनुसार कूबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है। प्रतिदिन पीठ पर हांथ फेरने से समस्त रोगों का नाश होता है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
- नवग्रहों की शांति : गाय को नियमित तौर पर भोजन कराने से नवग्रहों की शांति होती है। ऐसे में नियमित तौर पर खुद भोजन करने से पहले गाय को भोजन कराएं। ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है।
- वातावरण होता है शुद्ध : गाय के गोबर से बने उपलों से प्रतिदिन घर, मंदिर व दुकान, परिसर में घूप करने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- सफलता की प्राप्ति : यदि लगातार मेहनत और संघर्ष के बाद भी आपको सफलता की प्राप्ति नहीं हो रही है यानि आपके हांथ की रेखा सोई हुई है तो हथेली पर गुड़ और चना रखकर गाय को खिलाएं। इससे सोए हुए भाग्य की रेखा खुल जाती है और सफलता की प्राप्ति होती है।
- गाय को रोटी खिलाने से : जो भी मनुष्य प्रतिदिन गाय की सेवा करता है और गाय को चारा देने के बाद रोटी खिलाता है, उसके कार्य में आने वाली सभी विघ्न बाधाएं अपने आप खत्म हो जाती हैं।
ये भी जानें
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार गौ माता के पैरों में समस्त तीर्थ स्थल का वास माना गया है, जो व्यक्ति गाय के पैरों में लगी मिट्टी का नित्य तिलक लगाता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है। वहीं महाभारत काल के अनुसार जो व्यक्ति सुबह जागने के बाद सबसे पहले गौ माता के दर्शन करता है उसे कभी अकाल मत्यु नहीं हो सकती।
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गाय बेहद शांत और सौम्य पशु है। हिन्दू धर्म में यह पवित्र और पुजनीय मानी गई है। यहां तक कि ज्योतिष के कई बड़े शास्त्रों में गाय की विशेष महिमा बताई गई है। आइए जानें गाय के 11 शुभ शकुन...जो चौंकाने वाले हैं....
1. ज्योतिष में गोधूलि का समय विवाह के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
2. यदि यात्रा के प्रारंभ में गाय सामने पड़ जाए अथवा अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने आ जाए तो यात्रा सफल होती है।
3. जिस घर में गाय होती है, उसमें वास्तुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है।
4. जन्मपत्री में यदि शुक्र अपनी नीच राशि कन्या पर हो, शुक्र की दशा चल रही हो या शुक्र अशुभ भाव (6, 8, 12)- में स्थित हो तो प्रात:काल के भोजन में से एक रोटी सफेद रंग की गाय को खिलाने से शुक्र का नीचत्व एवं शुक्र संबंधी कुदोष स्वत: समाप्त हो जाता है।
5. पितृदोष से मुक्ति- सूर्य, चंद्र, मंगल या शुक्र की युति राहु से हो तो पितृदोष होता है। यह भी मान्यता है कि सूर्य का संबंध पिता से एवं मंगल का संबंध रक्त से होने के कारण सूर्य यदि शनि, राहु या केतु के साथ स्थित हो या दृष्टि संबंध हो तथा मंगल की युति राहु या केतु से हो तो पितृदोष होता है। इस दोष से जीवन संघर्षमय बन जाता है। यदि पितृदोष हो तो गाय को प्रतिदिन या अमावस्या को रोटी, गुड़, चारा आदि खिलाने से पितृदोष समाप्त हो जाता है।
6. किसी की जन्मपत्री में सूर्य नीच राशि तुला पर हो या अशुभ स्थिति में हो अथवा केतु के द्वारा परेशानियां आ रही हों तो गाय में सूर्य-केतु नाड़ी में होने के फलस्वरूप गाय की पूजा करनी चाहिए, दोष समाप्त होंगे।
7. यदि रास्ते में जाते समय गोमाता आती हुई दिखाई दें तो उन्हें अपने दाहिने से जाने देना चाहिए, यात्रा सफल होगी।
8. यदि बुरे स्वप्न दिखाई दें तो मनुष्य गोमाता का नाम ले, बुरे स्वप्न दिखने बंद हो जाएंगे।
9. गाय के घी का एक नाम आयु भी है- 'आयुर्वै घृतम्'। अत: गाय के दूध-घी से व्यक्ति दीर्घायु होता है। हस्तरेखा में आयुरेखा टूटी हुई हो तो गाय का घी काम में लें तथा गाय की पूजा करें।
10. देशी गाय की पीठ पर जो ककुद् (कूबड़) होता है, वह 'बृहस्पति' है। अत: जन्म पत्रिका में यदि बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर में हों या अशुभ स्थिति में हों तो देशी गाय के इस बृहस्पति भाग एवं शिवलिंगरूपी ककुद् के दर्शन करने चाहिए। गुड़ तथा चने की दाल रखकर गाय को रोटी भी दें।
11. गोमाता के नेत्रों में प्रकाश स्वरूप भगवान सूर्य तथा ज्योत्स्ना के अधिष्ठाता चन्द्रदेव का निवास होता है। जन्मपत्री में सूर्य-चन्द्र कमजोर हो तो गोनेत्र के दर्शन करें, लाभ होगा। (पं. श्रीश्रीकृष्णजी शर्मा)