वेलनटीना तेरेश्कोवा अंतरिक्ष में जाने वाली पहली (एकल मिशन वोस्तोक 6, 1963) और 1982 तक इकलौती महिला थीं।
मॅई जेमिसन एसटीएस -47, 1992 में अंतरिक्ष में पहली अश्वेत महिला हैं।
कल्पना चावला (सामने)- भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री और लॉरेल क्लॉर्क STS-107 पर, चित्र क्रू की वापसी से पहले का है, जिसमें उनकी जान चली गई थी।
अंतरिक्ष में पहली महिला, सोवियत कॉस्मोनॉट वेलेंटीना टेरेशकोवा ने 1963 में उड़ान भरी थी। हालांकि अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों में 1980 के दशक तक उनके बाद महिलाओं को शामिल नहीं किया गया। तब से कई देशों की महिलाओं ने अंतरिक्ष में काम किया है, हालांकि कुल मिलाकर महिलाओं का अंतरिक्ष में जाने के लिए पुरुषों की तुलना में बहुत कम चयन किया जाता है। चंद्रमा पर जाने वाली पहली महिला को आर्टेमिस कार्यक्रम के भाग के रूप में 2024 के लिए योजनाबद्ध किया गया है।[1]
तीन देश (चीन, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका) सक्रिय अंतरिक्ष कार्यक्रम बनाए रखते हैं जिसमें महिलाओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा, कई अन्य देशों - कनाडा, फ्रांस, भारत, ईरान, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया और यूनाइटेड किंगडम ने महिलाओं को रूसी या अमेरिकी मिशन पर कक्षा या अंतरिक्ष में भेजा है। अंतरिक्ष शटल और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मिशन के साथ अंतरिक्ष में अधिकांश महिलाएं संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिक रही हैं।
2003 में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया आपदा में मिशन विशेषज्ञों कल्पना चावला और लॉरेल क्लार्क सहित क्रू पृथ्वी के वातावरण में पुनर्प्रवेश पर मृत्यु को प्राप्त हुआ था।[2]
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बीजिंग, आठ नवंबर (भाषा) अंतरिक्ष यात्री वांग यपिंग ने सोमवार को अंतरिक्ष में चलने वाली पहली चीनी महिला की उपलब्धि हासिल कर इतिहास रच दिया है। अपने पुरुष सहकर्मी झाई जिगांग के साथ वह निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन से बाहर निकलीं और छह घंटे से ज्यादा समय तक उन्होंने अन्य गतिविधियों में हिस्सा लिया। सरकारी मीडिया की खबर से यह जानकारी मिली।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार दोनों अंतरिक्ष स्टेशन के कोर मॉड्यूल ‘तियान’ से बाहर निकले और सोमवार तड़के साढ़े छह घंटे तक अंतरिक्ष में चहलकदमी की और फिर सफलतापूर्वक स्टेशन लौट आए।
‘चाइना मेन्ड स्पेस एजेंसी’ ने एक बयान में कहा कि चीन के अंतरिक्ष इतिहास में ऐसा पहली बार था जब एक महिला अंतरिक्ष यात्री ने अंतरिक्ष में चहलकदमी की।
चीन ने तीन अंतरिक्ष यात्रियों को 16 अक्टूबर को छह महीने के लिए शेनजो-13 यान से अंतरिक्ष में रवाना किया था। देश द्वारा आर्बिटिंग स्ट्रक्चर (अंतरिक्ष स्टेशन) का काम पूरा करने के लक्ष्य से इन्हें भेजा गया है और ऐसी उम्मीदें हैं कि स्टेशन निर्माण का काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा।
शांदोंग प्रांत की मूल निवासी और पांच साल की एक बच्ची की मां वांग (41) पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) एयर फोर्स से अगस्त,1997 में जुड़ी थीं। पीएलए की अंतरिक्ष इकाई के दूसरे समूह के अंतरिक्षयात्रियों से मई, 2010 में जुड़ने से पहले वह उप स्क्वाड्रन कमांडर थीं। अंतरिक्ष में जाने वाली वह दूसरी चीनी महिला हैं।
मौजूदा मानव अंतिरक्ष मिशन के लिए उनका चयन दिसंबर 2019 में किया गया था।
सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ की खबर के अनुसार वांग से पहले, 1984 से अक्टूबर 2019 तक, 42 ‘स्पेसवॉक’ में कुल 15 महिलाओं ने भाग लिया था। अंतरिक्ष यात्री स्वेतलाना सवित्स्काया अंतरिक्ष में चहलकदमी करने वाली पहली महिला बनी थीं।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री संघ के लिए अंतरिक्ष परिवहन समिति के उपाध्यक्ष यांग यूगुआंग ने ‘ग्लोबल टाइम्स’ से कहा, ‘‘अतिरिक्त गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी मानवयुक्त अंतरिक्ष का एक अभिन्न अंग है, और हम वांग की बहादुरी के जरिये इतिहास रचते देख रहे हैं।’’
वांग और झाई ने अतिरिक्त गतिविधियों का संचालन किया, जिसमें सोमवार को अंतरिक्ष में चलहकदमी भी शामिल थी। चालक दल के तीसरे सदस्य, ये गुआंगफू ने मॉड्यूल के भीतर से एक सहायक की भूमिका निभाई।
बयान में कहा गया है कि यह जोड़ी लगभग 6.5 घंटे में सफलतापूर्वक अपना काम पूरा करने के बाद देर रात 1:16 बजे (बीजिंग समयानुसार) कोर मॉड्यूल में लौट आई।
समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की रिपोर्ट के अनुसार, मिशन ने स्वदेशी रूप से विकसित नई पीढ़ी के अतिरिक्त अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष यात्रियों और यांत्रिकी के बीच समन्वय और ईवीए से संबंधित सहायक उपकरणों की विश्वसनीयता और सुरक्षा का परीक्षण किया।
ये तीनों 16 अक्टूबर को अंतरिक्ष स्टेशन में छह महीने के लंबे मिशन पर अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे, जो चीन के अंतरिक्ष इतिहास में सबसे लंबा मानव मिशन है।
चीन के अंतरिक्ष स्टेशन के लिए यह दूसरा मानवयुक्त मिशन है। इससे पहले, तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री - नी हैशेंग, लियू बोमिंग और टैंग होंगबो - अंतरिक्ष स्टेशन मॉड्यूल में तीन महीने तक सफलतापूर्वक रहने के बाद 17 सितंबर को पृथ्वी पर लौटे थे।