बिहार का सबसे शिक्षित और अशिक्षित जिला कौन सा है? क्या आप इसको सर्च कर रहे हैं. आज आप एक बेहतरीन वेबसाईट तक पहुंच चुके हैं. बिहार के शिक्षा से संबंधित पूरी जानकारी लिजिए.
भारत में 28 राज्य हैं जिनमे एक राज्य बिहार है। जिसकी राजधानी पटना है। ये भारत के उत्तर- पूर्वी भाग में है। बिहार का पुराना नाम ”मगध” था।
22 मार्च 1912 को इसकी स्थापना हुई। बिहार में 38 जिला हैं। बिहार में प्रमंडल की संख्या 9 है और अनुमंडल की संख्या 101 हैं।
बिहार के अंतर्गत 534 ब्लॉक, 45103 गांव तथा 8471 पंचायत हैं। जनसंख्या के आधार पर बिहार का स्थान भारत में तीसरा और क्षेत्रफल के आधार पर बारहवाँ है।
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1 2023 में, बिहार का सबसे शिक्षित जिला कौन है?
2 बिहार के किस जिले में सबसे ज्यादा पुरुष साक्षर है?
3 बिहार के किस जिले में सबसे ज्यादा महिला साक्षरता दर हैं?
4 बिहार के 38 जिलों का साक्षरता दर जान लीजिए।
5 बिहार का सबसे कम शिक्षित जिला कौन है?
6 बिहार का साक्षरता दर क्या है?
7 आखिरकार बिहार में साक्षरता दर क्यों नहीं है?
8 साक्षरता दर में बिहार का भारत में कौन सा स्थान है?
9 Conclusion Points
2023 में, बिहार का सबसे शिक्षित जिला कौन है?
बिहार का सबसे शिक्षित जिला रोहतास है। इस जिले का साक्षरता दर 73.37% है। पुरुषों के मुकाबले में महिलाओं की साक्षरता दर कम है। यहाँ के 83.88% पुरुष शिक्षित है जबकि 62.97% महिलाएं ही शिक्षित है।
10 नवंबर 1972 में जब शाहाबाद जिले को रोहतास और भोजपुर में विभाजित किया गया था तब यह अस्तित्व में आया था। यहां भोजपुरी और हिंदी मुख्य रूप से बोली जाती है. रोहतास जिले का मुख्यालय सासाराम है।
यह पटना प्रमंडल का एक भाग है। इसके अंतर्गत तीन अनुमंडल हैं। इसकी जनसंख्या 2011 के अनुसार 29,59,918 है यहाँ का जनसंख्या घनत्व 763 व्यक्ति प्रति किलोमीटर है।
यह जिला 3850 वर्ग किलोमीटर पर फैला हुआ है। रोहतास बिहार का चौथा सबसे बड़ा जिला है।
बिहार के किस जिले में सबसे ज्यादा पुरुष साक्षर है?
रोहतास बिहार का सर्वाधिक साक्षरता दर वाला जिला है। रोहतास की कुल जनसंख्या 2011 के अनुसार 29,59,918 है।
रोहतास के बाद दूसरा सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाला जिला पटना है। जिसकी साक्षरता दर 70.68% है।
यहां हमें यह पता चल चुका है कि बिहार का सबसे अधिक साक्षरता दर वाला जिला कौन सा है अब आप यह जानना चाह रहे होंगे कि बिहार के किस जिले में सबसे ज्यादा पुरुष साक्षर है।
रोहतास जिले के ही सबसे ज्यादा पुरुष साक्षर हैं। यहाँ के 83.88% पुरुष साक्षर हैं।
यहाँ के पुरुषों की जनसंख्या 15,43,546 है। यानि यहाँ के साक्षर पुरुष की संख्या 10,61,783 है।
जिस तरह बिहार के सबसे अधिक साक्षरता दर वाले जिलों में रोहतास सबसे आगे हैं उसी तरह बिहार के सबसे ज्यादा पुरुष साक्षरता दर वाले जिलों में रोहतास ही अग्रिम स्थान पर है।
बिहार के किस जिले में सबसे ज्यादा महिला साक्षरता दर हैं?
सर्वाधिक पुरुष साक्षरता दर वाले जिले में रोहतास का नाम आता है तो सर्वाधिक महिला साक्षरता दर वाले जिले में भी रोहतास का ही नाम आता है और रोहतास ही बिहार का सर्वाधिक साक्षरता दर वाला जिला भी है।
रोहतास की कुल जनसंख्या 29,59,918 में से महिलाओं की जनसंख्या 14,16,372 है। जिसमें से 7,38,049 महिलाएं शिक्षित है यानी कि महिलाओं की साक्षरता दर 62.97% है।
अगर हम यह बात करें कि बिहार का सर्वाधिक साक्षरता दर वाला जिला कौन सा है बिहार के किस जिले के सबसे ज्यादा पुरुष साक्षर है या फिर बिहार के किस जिले की महिला सबसे ज्यादा साक्षर है इन तीनों में रोहतास का ही नाम आता है।
रोहतास ही बिहार का सर्वाधिक साक्षरता दर 73.37% वाला जिला है। सर्वाधिक पुरुष साक्षरता दर 83.88% वाला जिला है तथा सर्वाधिक महिला साक्षरता दर 62.97% वाला जिला है।
बिहार के 38 जिलों का साक्षरता दर जान लीजिए।
जिला का क्रम साक्षरता दर के अनुसार (2011)
जिला साक्षरता दर
रोहतास 73.37%
पटना 70.68%
भोजपुर 70.47%
मुंगेर 70.46%
औरंगाबाद 70.32%
बक्सर 70.14%
सिवान 69.45%
कैमूर 69.34%
अरवल 67.43%
जहानाबाद 66.80%
वैशाली 66.60%
सारण 65.96%
गोपालगंज 65.47%
नालंदा 64.43%
बेगूसराय 63.87%
शेखपुरा 63.86%
मुजफ्फरपुर 63.43%
भागलपुर 63.14%
लखीसराय 62.42%
समस्तीपुर 61.86%
जमुई 59.79%
नवादा 59.76%
मधुबनी 58.62%
बांका 58.17%
खगड़िया 57.92%
सुपौल 57.67%
दरभंगा 56.56%
पूर्वी चंपारण 55.79%
पश्चिमी चंपारण 55.70%
किशनगंज 55.46%
शिवहर 53.78%
अररिया 53.53%
सहरसा 53.20%
मधेपुरा 52.25 %
कटिहार 52.24%
सीतामढ़ी 52.05%
पूर्णिया 51.08%
बिहार का सबसे कम शिक्षित जिला कौन है?
बिहार का सबसे कम शिक्षित जिला पूर्णिया है। यहां का साक्षरता दर 51.08% है। पूर्णिया की कुल जनसंख्या 2011 के अनुसार 32,64,619 है। जिसमें पुरुषों की संख्या 16,99,370 और महिलाओं की संख्या 15,65,249 है।
कुल जनसंख्या 32,64,619 में 13,32,326 लोग साक्षर हैं। यानी कि यहाँ के 8,05,261 पुरुष शिक्षित है जबकि 5,27,065 महिला शिक्षित है।
यहाँ हम पूर्णिया के बारे में और कुछ बातें जानते चलते हैं बिहार के पूर्वोत्तर नगर में पूर्णिया सबसे बड़ा नगर है। पूर्णिया की स्थापना 14 फरवरी 1770 में हुई यह 3229 वर्ग किलोमीटर पर फैला हुआ है। यह 4 प्रमंडल में विभाजित है जिसका मुख्यालय पूर्णिया है। यहां पर 14 ब्लॉक 251 ग्राम पंचायत और 1296 गांव है।
पूर्णिया बिहार का सबसे न्यूनतम साक्षरता दर वाला जिला है। न्यूनतम पुरुष साक्षरता दर वाला जिला भी पूर्णिया है और न्यूनतम महिला साक्षरता दर वाला जिला में भी पूर्णिया का ही नाम आता है।
बिहार का साक्षरता दर क्या है?
बिहार का साक्षरता दर 63.82% है। हम ये भी जान लेते हैं कि बिहार की कुल जनसंख्या में कितने प्रतिशत पुरुष साक्षर है और कितनी प्रतिशत महिलाएं साक्षर है।
बिहार की कुल जनसंख्या 2011 के अनुसार 10,40,99,452 है। जिसमें 5,25,04,553 लोग साक्षर हैं।
यहाँ पुरुषों की जनसंख्या 5,42,78,157 है जिसमें 3,16,08,023 पुरुष साक्षर हैं जबकि महिलाओं की जनसंख्या 4,98,21,295 है जिसमें 2,08,96,530 शिक्षित हैं।
यानी यहाँ के 79.7 प्रतिशत पुरुष साक्षर है जबकि 60 प्रतिशत महिलाएं साक्षर है।
आखिरकार बिहार में साक्षरता दर क्यों नहीं है?
बिहार का साक्षरता दर 63.82%है जो कि भारत के दूसरे राज्यों के तुलना में काफी कम है। बिहार में साक्षरता दर की कमी के कई कारण हैं।
प्राइमरी स्कूल शिक्षा की दशा ठीक नहीं है प्रशिक्षित शिक्षकों का अभाव है। स्कूल की कई बुनियादी जरूरतों का अभाव है जैसे स्कूल भवन, शिक्षा व्यवस्था, शिक्षकों की स्कूल से अनुपस्थिति।
बिहार में शिक्षा की दयनीय स्थिति का एक मुख्य कारण कॉलेज भी है मतलब यह कि बहुत सारे कॉलेज डिग्री बेचने का अड्डा है शिक्षकों की बहुत सारी बहाली डिग्री पर हुई है डिग्री के जरिया नौकरी दिया गया जिस कारण बीएड कॉलेजों में डिग्री बेचा जाने लगा सरकारी विद्यालयों में कई शिक्षक डिग्री खरीद कर शिक्षक बने हैं ऐसे शिक्षकों को तो खुद तो कुछ नहीं आता बच्चों को क्या शिक्षा देंगे।
उच्च शिक्षा संस्थानों की भी कमी है। ड्रॉप आउट भी एक बहुत बड़ी समस्या है। पहली कक्षा में दाखिला लेते हैं और दसवीं कक्षा तक आते-आते उनकी तादाद काफी कम हो जाती है। ड्रॉप आउट की समस्या लड़कियों में लड़कों के मुकाबले में ज्यादा है।
बिहार में ड्रॉपआउट की समस्या 30% है। बिहार में 23% लोग ऐसे हैं जो कभी किसी स्कूल में दाखिला लिए ही नहीं।
साक्षरता दर में बिहार का भारत में कौन सा स्थान है?
भारत के 28 राज्यों में बिहार का साक्षरता दर सबसे कम है यानी बिहार साक्षरता दर में सबसे नीचे स्थान पर है। बिहार में 17% साक्षरता दर की वृद्धि हुई है लेकिन फिर भी दूसरे राज्यों के मुकाबले में बिहार का साक्षरता दर सबसे कम है।
बिहार पुरुष साक्षरता दर और स्त्री साक्षरता दर दोनों में सबसे नीचे स्थान पर है। बिहार के लगभग 36% लोग निरक्षर हैं महिलाओं का निरक्षरता दर 47% है जो कि पुरुष के मुकाबला में 21% ज्यादा है।
बिहार के लगभग 19% लोग प्राइमरी स्कूल तक ही पढ़े लिखे हैं जबकि लगभग 16% लोग माध्यमिक स्तर तक 7% उच्च माध्यमिक स्तर तक तथा 6% स्नातक और उससे ऊपर तक पढ़े लिखे हैं।
हम ये भी जान लेते हैं कि भारत का सर्वाधिक साक्षरता दर वाला राज्य कौन है।
केरल भारत का सर्वाधिक साक्षरता दर वाला राज्य है। जिसकी साक्षरता दर 93.91% है। भारत के सारे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों मे सबसे अधिक साक्षरता दर केरल का ही है।
Conclusion Points
प्रश्न यह था कि बिहार का सबसे शिक्षित जिला कौन सा है? इसका उत्तर है रोहतास बिहार का सबसे शिक्षित जिला है।जिसकी साक्षरता दर 73.37% है। रोहतास जिला के ही सबसे ज्यादा पुरुष और सबसे ज्यादा महिलाएं शिक्षित हैं।
सबसे शिक्षित जिला में रोहतास शीर्ष स्थान पर है जबकि सबसे कम शिक्षित जिला पूर्णिया है। जिसकी साक्षरता दर 51.08% है और पूर्णिया में ही सबसे कम शिक्षित पुरुषों और महिलाओं की संख्या है।
बिहार के सबसे ज्यादा शिक्षित जिला और सबसे कम शिक्षित जिला का पता चल चुका है। जब हम एक सवाल का उत्तर जान जाते हैं तो हमारे मस्तिष्क में उससे संबंधित और भी प्रश्न आते हैं जैसे कि बिहार का साक्षरता दर क्या है और बिहार का स्थान भारत में साक्षरता दर के अनुसार क्या है?
बिहार का साक्षरता दर 63.82% है यानी भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साक्षरता दर के अनुसार बिहार का स्थान सबसे नीचे है। जबकि जनसंख्या की दृष्टि से बिहार भारत में तीसरे स्थान पर और क्षेत्रफल की दृष्टि से बारहवें स्थान पर है।
बिहार में साक्षरता दर की कमी के मुख्य कारण में प्रशिक्षित एवं योग्य शिक्षकों की कमी, विद्यालयों से शिक्षकों की अनुपस्थिति, स्कूल की बुनियादी जरूरतों का अभाव, अच्छी शिक्षा प्रणाली का अभाव, उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी, ड्रॉप आउट जैसे समस्या आते हैं।
बिहार में साक्षरता के लिए जो बहुत सारे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं उसकी वजह से गांव की बहुत सारी महिलाएं लिखना पढ़ना सीख रही है गांव के बुजुर्ग भी अब अंगूठा के निशान के बजाय हस्ताक्षर करना सीख रहे हैं।
अगर राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की, स्कूल में प्रशिक्षित एवं योग्य शिक्षकों की बहाली की, उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी को दूर करने की, ड्रॉप आउट को कम करने की ओर ध्यान दें और सरकार ने शिक्षा से संबंधित जो सारी योजनाएं बनाई है वे सही तरीके से चले तो वक्त दूर नहीं कि बिहार का नाम भी भारत के सबसे शिक्षित राज्यों में शुमार होने लगेगा।
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