[अभिषेक प्रताप सिंह] कुछ साल पहले खबर आई थी कि एक महिला ने 11 बच्चों को एक साथ जन्म दिया, कोई कह रहा था कि ये महिला भारत की है तो किसी ने यह कहा कि ये महिला इंडियाना की है। इसके बाद इंटरनेट पर बहस छिड़ गई लेकिन इसका सच क्या है अभी तक किसी को नहीं पता है। आइए हम आपको इस सच से रूबरू कराते हैं-
पहले आप ऊपर लगी फोटो को देख लीजिए कुछ जानी पहचानी सी लगेगी और अगर अभी नहीं पचचान पाए तो बता दें कि ये वही फोटो है जो वाइरल हुई थी इस खबर के साथ कि सूरत में एक महिला ने 11 बच्चों को एक साथ जन्म दिया। आपको ये भी बता दें कि ये फोटो तो एक दम सही है लेकिन इसके साथ जो जानकारी दी गई थी वो बिल्कुल गलत थी।
पढ़ें- 'Virgin' होता क्या है, कहां से हुई शुरूआत और इसका असली मतलब क्या है?, यहां मिलेगा जवाब
जब मैंने 21St Century Hospitals Private Limited & Test Tube Baby Centre में फोन लगाया और पूछा कि क्या से सही खबर है कि आपके यहां एक महिला ने एक साथ 11 बच्चों को जन्म दिया तो डॉक्टर ने साफ मना कर दिया और कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को अलग-अलग महिलाओं ने जन्म दिया था और ऐसा संभव भी नहीं है कि एक महिला एक साथ 11 बच्चों को जन्म दे सके।
अब सवाल यह है कि ये खबर फैली कैसे? दरअसल 21St Century Hospitals Private Limited & Test Tube Baby Centre में अलग-अलग महिलाओं ने 11 बच्चों को जन्म दिया था तो ये फोटो वाइरल हो गया लेकिन गलत जानकारी के साथ।
पढ़ें- OMG! ये वो शख्स है जिसे कोबरा से लेकर माम्बा जैसे सांप काट चुके हैं लेकिन हुआ कुछ नहीं
पढ़ें- कमाल के मूवी हॉलः यहां नहाते हुए देखें फिल्में
ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं इस फोटो को इंटरनेट पर डाल कहा गया था कि इस महिला ने 11 बच्चों को जन्म दिया लेकिन इसकी भी अलग सच्चाई है। दरअसल ये महिला भारत की है ही नहीं ये मैक्सिको की रहने वाली है और इसके पेट में बच्चे नहीं थे, बल्कि यह ट्यूमर था।
पढ़ें- इन कामों को करने वाला जाता है सीधे नर्क में, जिनका हो मजबूत कलेजा वही क्लिक करे
इसके बाद कहा गया कि ये बच्चे भारत में नहीं इंडियाना में पैदा हुए तो ऐसी भी कोई जानकारी नहीं मिली कि वहां पर इस तरह का केस हुआ हो इसके लिए हमने अन्य श्रोतों जैसेे- विकीपीडिया आदि को चेक किया तो उसमें अब तक की जानकारी के मुताबिक एक महिला ने 9 बच्चों को जन्म दिया था वो भी साल 1971 में और उनमें से कोई जिंदा भी नहीं है।
इसके बाद मलेशिया में साल 1999 में भी एक महिला ने 9 बच्चों को जन्म दिया था और इन बच्चों की मौत पैदा होने के 6 घंटे बाद हो गई थी।
साउथ अफ्रीका से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर एक महिला ने एक साथ 10 बच्चों को जन्म देकर एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. पिछले महीने एक ही प्रेगनेंसी से सबसे ज्यादा बच्चों को जन्म देने का रिकॉर्ड मोरक्को में माली की हलीमा सिसी नाम की महिला ने बनाया था. उन्होंने 9 बच्चों को जन्म देकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया था. लेकिन अब उनका यह रिकॉर्ड महज एक महीने के भीतर ही टूट गया.
Photo Credit- Thobile Mathonsi/African News Agency (ANA)
इस महिला का जन्म 1707 में हुआ था और वे रूस के तीसरे सबसे बड़े शहर शुया में रहती थी. उन्होंने रूसी किसान फ्योडोर वासिलयेव से शादी रचाई थी. रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने अपनी जिंदगी में 16 बार जुड़वां बच्चों, 7 बार एक साथ तीन बच्चे और 4 बार एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया था. (प्रतीकात्मक तस्वीर/Getty Images)
दुनिया में सबसे ज़्यादा 69 बच्चों को जन्म देने वाली 40 साल की फलिस्तीनी महिला की गाज़ा पट्टी में मौत हो गई है. समाचार चैनल अल अरबिया की वेबसाइट के मुताबिक महिला की मौत की ख़बर की पुष्टि उनके पति ने की है.
आज के ही दिन पिछले साल माली की एक महिला हलीमा सिसे ने एक साथ नौ बच्चों को जन्म दिया था. बच्चों का जन्म मोरक्को के एक अस्पताल में हुआ था. माली की सरकार ने उन्हें खास देखभाल के लिए उस समय मोरक्को भेजने का इंतज़ाम किया था.
26 साल की हलीमा सिसे आज अपने बच्चों का जन्मदिन मना रही हैं.
हलीमा सिसे के पति अब्दुल क़ादिर अर्बी ने बीबीसी को बताया, ''बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा है.''
माली के सेना में काम करने वाले अर्बी बताते हैं, ''बच्चे अब घुटनों के बल चलने लगे हैं. कुछ बच्चे बैठने लगे हैं और अगर किसी चीज़ का सहारा मिल जाए तो कुछ चलते भी हैं.''
ये सभी बच्चे मोरक्को में उसी क्लीनिक की देखभाल में हैं जहाँ उनका जन्म हुआ था. बच्चों की मां हलीमा सिसे की सेहत भी अच्छी है.
बच्चों के पिता ने बीबीसी को बताया, ''ये आसान नहीं है लेकिन ये बहुत अच्छा है, भले ये कभी कभी थका देने वाला ही क्यों ना हो. जब आप बच्चों को कतार से देखते हैं और उन्हें स्वस्थ पाते हैं तो राहत मिलती है. ऐसे में हम सब कुछ भूल जाते हैं''
पिता अअब्दुल क़ादिर अर्बी 6 महीने में पहली बार अपनी तीन साल की बड़ी बेटी सौदा के साथ मोरक्को लौटे हैं और अपने परिवार से मिलकर काफी खुश हैं.
पिता ने बताया, ''क्लीनिक में काम करने वाली नर्सों और पड़ोसियों के साथ मिलकर ही वे जन्मदिन का छोटा सा सेलिब्रेशन करेंगे. पहले साल से बेहतर कुछ नहीं है. हम इस क्षण को याद रखेंगे जिसे हम महसूस करने जा रहे हैं''
इमेज कैप्शन,
अब्दुल क़ादिर अर्बी और हलीमा सिसे
4 मई 2021 को जन्म से पहले हलीमा सिसे को स्पेशलिस्ट केयर के लिए माली सरकार ने मोरक्को भेज दिया था.
इस तरह कई सारे बच्चों को जन्म देने वाली डिलीवरी ना सिर्फ़ बच्चों के लिए मुश्किल होती है बल्कि मां के लिए भी काफ़ी जोखिम भरा होता है.
ऐसे देश में जहां गर्भपात को क़ानूनी मान्यता प्राप्त है, वहां महिलाओं को चार से ज़्यादा बच्चे एक बार में कंसीव (गर्भधारण) नहीं करने की सलाह दी जाती है.
ज़्यादातर ऐसी प्रेग्नेंसी में बच्चे प्रीमैच्योर (वक्त से पहले) पैदा होते हैं, जैसा कि सिसे के केस में भी देखा गया था.
जो बच्चे समय से पहले पैदा हो जाते हैं, उन्हें प्रीमैच्योर कहा जाता है. ऐसे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने और संक्रमण के ख़तरे ज्यादा होते हैं. कई मामलों में ऐसे बच्चों का दिमाग़ ठीक से विकसित नहीं हो पाता.
इस वक्त बच्चे उसी फ्लैट में रहते हैं जहां उनका जन्म हुआ था. उनके पिता उसे एक 'मेडिकलाइज्ड फ्लैट' कहते हैं. कासाब्लैंका का ये फ्लैट ऐन बोरजा क्लीनिक के मालिकों का है. यहीं पर बच्चों का खास ध्यान रखा जाता है.
बच्चों के पिता बताते हैं, ''मेरी पत्नी के अलावा यहां नर्सें हैं जो बच्चों की देखभाल करने में मदद करती हैं. क्लीनिक ने एक मेन्यू दिया हुआ है जिसके मुताबिक ही बच्चों को खाना दिया जाता है''
माली के स्वास्थ्य मंत्री, फैंटा सिबी के अनुसार, पांच लड़कियां और चार लड़कों ने पैदा होने में 30 हफ्तों का समय लिया था''
ऐन बोरजा क्लिनिक के चिकित्सा निदेशक प्रोफेसर यूसुफ अलाउई ने जन्म के समय एएफपी समाचार एजेंसी को बताया था कि उनका वज़न 500 ग्राम और 1 किलोग्राम के बीच था. मां की सीज़ेरियन डिलीवरी हुई थी.
लड़कों का नाम मोहम्मद VI, ओउमर, एल्हादजी, बाह है, जबकि लड़कियों का नाम कदीदिया, फातौमा, हवा, अदामा और ओउमौ रखा गया है.
पिता का कहना है कि हर बच्चे का अपना अलग व्यक्तित्व है, ''सभी का व्यक्तित्व अलग-अलग है. कुछ शांत हैं, जबकि कुछ बहुत शोर करते हैं और रोते हैं. कुछ बच्चे हर समय चाहते हैं कि कोई उन्हें गोद में उठा ले. ये सब बच्चे अलग हैं और पूरी तरह से ठीक हैं''
माली की सरकार ने जो परिवार की मदद की उसके लिए पिता शुक्रगुज़ार हैं. पिता कहते हैं, ''बच्चे अब तक माली नहीं गए हैं, लेकिन उन्हें लेकर देश में काफी चर्चा है. परिवार वाले, दोस्त यार सब बच्चों को अपनी आंखों से देखना चाहते हैं''
इमेज स्रोत, MALI'S HEALTH MINISTRY
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया
जन्म के समय एक साथ जीवित रहने वाले सबसे अधिक बच्चों का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी हलीमा सिसे के नाम है.
इससे पहले साल 2009 में एक साथ आठ बच्चे पैदा करने वाली अमेरिका में रहने वाली एक महिला का नाम सबसे ज़्यादा बच्चे पैदा करने के लिए गिनीज़ बुक में शामिल किया गया था.
इससे पहले भी ऐसे दो मामले सामने आए थे. साल 1971 में ऑस्ट्रेलिया में एक महिला ने एक साथ नौ बच्चों को जन्म दिया था और 1999 में इंडोनेशिया में एक महिला ने भी नौ बच्चों को जन्म दिया था, लेकिन ये बच्चे कुछ दिनों तक ही ज़िंदा रह पाए थे.
वर्ल्ड रिकॉर्ड रखने वाली नादिया सुलेमान ने एक साथ आठ बच्चों को जन्म दिया था जो अब 12 साल के हो चुके हैं, ये प्रेग्नेंसी विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ़) के ज़रिए हुई थी.