Jharkhand Board Class 8 Hindi Notes | बूढ़ी पृथ्वी का दुःख Show JAC Board Solution For Class 8TH Hindi Chapter 14 14. बूढ़ी पृथ्वी का दुःख पाठ का सारांश : प्रस्तुत पाठ में यह बताया गया है कि विकास के नाम पर पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है। नदियाँ प्रदूषित हो गई हैं। वायु प्रदूषित हो गया है। ध्वनि प्रदूषण बढ़ गया है। जलचक्र भी अनियंत्रित हो गयी है। मौसम चक्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इन प्रदूषणों से एक दिन धरती पर से जीवन लुप्त हो जाएगा। इसके जिम्मेवार सिर्फ हम ही होंगे। लेखक परिचय : निर्मला पुतुल का जन्म 6 मार्च, 1972 को दुमका में हुआ। यह संताल परगना में पड़ता है जो झारखंड राज्य में स्थित है। इन्हें मुकुट बिहारी सरोज स्मृति सम्मान, भारत आदिवासी सम्मान, राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्राप्त हुआ। नगाड़े की तरह बजते शब्द, अपने घर की तलाश में इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। अभ्यास प्रश्न □ पाठ से: 1. इस कविता में कवयित्री किससे प्रश्न पूछ रही है ? उत्तर―इस कविता में कवयित्री पाठक (जनता) से प्रश्न पूछ रही है। 2. पहाड़ का सीना क्यों दहलता है ? उत्तर― पहाड़ों में डाइनामाइट लगाकर तोड़ा जा रहा है। क्रेशर मशीनों से उन्हें तोड़ा जा रहा है। इन सबसे पहाड़ का भी सीना दहल रहा है। 3. कवयित्री को किसके आदमी होने पर संदेह है ? उत्तर―कवयित्री को हम लोगों के आदमी होने पर संदेह है। हम कैसे अपने को चेतन, बुद्धिमान मनुष्य कहते हैं। अगर हम बुद्धिमान हैं तो पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण के संकट को क्यों नहीं देख समझ पा रहे। इसको कम करने के उपाय क्यों नहीं ढूँढ रहे हैं। 4. बूढ़ी पृथ्वी को किस बात का दुःख है ? उत्तर―पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण ने उसे असमय ही बूढ़ी बना दिया है। बूढ़ी जिस प्रकार विभिन्न प्रकार की व्याधियों और कष्टों से घिरी रहती है उसी तरह प्रदूषणों ने हमारी पृथ्वी को भी गंदा कर रखा है। पृथ्वी को इसी बात का दुःख है। □ पाठ से आगे: 1. आपकी समझ में कवयित्री ने पृथ्वी के लिए यूडी विशेषण का प्रयोग क्यों किया है? उत्तर― बुढ़ापा दुःखदायी होता है। पृथ्वी भी बूढी हो गई है, क्योंकि पृथ्वी पर प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इस प्रदूषण के कई भयानक एवं गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। अतः पृथ्वी के लिए बूढ़ी विशेषण सर्वथा उपयुक्त है। 2. पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए आप कौन-कौन से उपाय करेंगे? उत्तर― पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हम निम्नांकित उपाय कर सकते हैं― (i) वृक्षारोपण कर (ii) प्रदूषण पर नियंत्रण कर (iii) नदी जल को साफ कर (iv) धरती पर कूड़ा करकट एकत्र कर । 3. किसी पेड़ को कटकर धरती पर गिरते देखकर आपके मन में क्या विचार उठते हैं ? लिखें। उत्तर―जब पेड़ कटकर धरती पर गिरता है तो लगता है किसी मनुष्य की हत्या कर दी गई है। ★★★ FLIPKART We are providing Free PDF download of UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 ऋषि कुमार नचिकेता (महान व्यक्तित्व), all the important Questions and Answers with detailed explanation that aims to help students to understand the concepts better. UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 ऋषि कुमार नचिकेता (महान व्यक्तित्व)Mahan Vyaktitva Class 7 पाठ का सारांश महर्षि वाजश्रवा महान विद्वान और चरित्रवान थे। नचिकेता उनके पुत्र थे। एक बार वाजश्रवा ने विश्वजित यज्ञ किया। उन्होंने अपनी सारी सम्पत्ति दान में देने की प्रतिज्ञा की। दान में पिता ने निर्बल और बूढ़ी गाएँ भी दीं जो लाभ की नहीं थीं। नचिकेता (UPBoardSolutions.com) ने पिता से लाभकारी और प्रिय वस्तु को दान देने की सलाह देते हुए पूछा कि आप मुझे दान के रूप में किसके हवाले करेंगे। बार-बार पूछने पर पिता ने क्रोध में कहा, “मैं तुझे यमराज के हवाले कर दूंगा।” नचिकेता आज्ञाकारी बालक था। वह पिता के वचन को सत्य करना चाहता था; अतः पिता से बहुत ही मुश्किल से आज्ञा पाने के बाद वह यमलोक पहुँचा। यमदूतों से पता चला कि यमराज कहीं गए हैं। बालक का परिचय पूछा। नचिकेता ने निर्भीकता और विनम्रता से अपना परिचय दिया। यमराज ने प्रसन्न होकर आज्ञाकारी बालक से तीन वरदान माँगने को कहा। नचिकेता ने पहला वरदान यह माँगा कि मेरे घर लौटने पर पिता मुझे पहचान लें और प्रसन्न हो जाएँ। यमराज ने कहा, “तथास्तु। दूसरा वरदान माँगो।” नचिकेता ने दूसरे वरदान में पृथ्वी पर दुख के निवारण का उपाय पूछा। यमराज ने बहुत परिश्रम से इसका ज्ञान भी बालक को दिया। तीसरे वरदान में नचिकेता ने पूछा कि मृत्यु क्यों होती है? मृत्यु के बाद (UPBoardSolutions.com) मनुष्य का क्या होता है? वह कहाँ जाता है? यह प्रश्न सुनकर यमराज चौंक पड़े। उन्होंने बताया कि यह कठिन प्रश्न है, जिसका उत्तर देना आसान नहीं है। फिर उन्होंने समझाया कि जिसने कोई पाप नहीं किया, और किसी को सताया नहीं और जो सच्चे मार्ग पर चलता है, उसे मृत्यु की पीड़ा नहीं होती। नचिकेता ने छोटी उम्र में अपनी पितृभक्ति, दृढ़ता और सच्चाई के बल पर ऐसा ज्ञान प्राप्त कर लिया, जिसे महान पंडित, ज्ञानी और विद्वान भी न कर सके। अभ्यास-प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए UP Board Class 7 Mahan Vyaktitva प्रश्न 1: UP Board Solution Class 7 Mahan Vyaktitva प्रश्न 2: महान व्यक्तित्व कक्षा 7 प्रश्न 3: सही विकल्प चुनकर लिखिए Class 7 Mahan Vyaktitva प्रश्न 4: Mahan Vyaktitva Kaksha 7 प्रश्न 5: कक्षा 7 महान व्यक्तित्व प्रश्न 6: UP Board Solution Class 7 Hindi Chapter 1 प्रश्न 7: योग्यता विस्तार- नोट– विद्यार्थी स्वयं करें। We hope the Class 7 Hindi UP Board Solutions for Chapter 1 ऋषि कुमार नचिकेता (महान व्यक्तित्व) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 1 ऋषि कुमार नचिकेता (महान व्यक्तित्व), drop a comment below and we will get back to you at the earliest. पृथ्वी को बूढ़ा क्यों कहा गया है?उत्तर: पर्यावरण में दिन-प्रतिदिन दोष बढ़ रहे हैं जो पृथ्वी के विनाश का सूचना दे रहा है। अर्थात् पृथ्वी विनाश के कग़ाड़ पर बैठी है। इसलिए क्षीण आयु पृथ्वी को बूढी पृथ्वी कहा गया है ।
धरती को बूढ़ी करने का क्या तात्पर्य है?प्रश्न_ धरती को बूढी कहने का क्या तात्पर्य है? उत्तर बुढ़ापे में आदमी सुसत और निढाल हो जाता है उसमें उत्साह नहीं रहता इसी प्रकार भीषण गर्मी के कारण धरती पर चारों ओर सूखापन और उदासी दिखाई दे रही है धरती को बूढी कहने का यही तात्पर्य है।
आपने बूढ़ी पृथ्वी का दुख पाठ पढ़ा पृथ्वी का दुख दूर करने में आप क्या योगदान देंगे?Expert-Verified Answer
हम अधिक से अधिक पेड़ लगायें और पेड़ों को कटने से बचायें। धरती पर उपस्थित हरियाली को नष्ट ना करें। हम अपनी नदियों को प्रदूषित ना करें, उनमें व्यर्थ का कचरा और कल-कारखानों का अपशिष्ट न बहायें। हम अपनी हवा को भी प्रदूषित होने से बचायें।
पृथ्वी को प्रदूषण से बचाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?यह तरीके हैं तो बहुत छोटे, लेकिन वो कहते हैं न 'बूंद-बूंद से सागर बनता है'.. धरती को बचाने के उपाय. जल संरक्षण धरती को बचाने में जल संरक्षण बेहद अहम भूमिका निभाता है. ... . कम से कम केमिकल का इस्तेमाल लोगों को कम से कम केमिकल का इस्तेमाल घरों में करना चाहिए. ... . बिजली का कम इस्तेमाल ... . वायु प्रदूषण को कम करना ... . कचरा प्रबंधन. |