5 ऐन ने अपनी डायरी किट्टी को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी? - 5 ain ne apanee daayaree kittee ko sambodhit chitthee kee shakl mein likhane kee jaroorat kyon mahasoos kee hogee?

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 4 डायरी के पन्ने | डायरी के पन्ने (अभ्यास-प्रश्न)

डायरी के पन्ने (अभ्यास-प्रश्न)

5 ऐन ने अपनी डायरी किट्टी को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी? - 5 ain ne apanee daayaree kittee ko sambodhit chitthee kee shakl mein likhane kee jaroorat kyon mahasoos kee hogee?

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प्रश्न 1. "यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज, जो किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण लड़की की है।" इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के सन्दर्भ में ऐनी फ्रैंक की डायरी के पठित अंशो पर विचार करें।

ऐनी फ्रैंक की डायरी में उनके निजी जीवन का वर्णन नहीं किया गया है बल्कि साठ लाख यहूदियों पर अत्याचार किए गए थे; उनकी यह जीती जागती कहानी हैं। यह लड़की न तो कोई संत थी, न ही कोई कवि; बल्कि हिटलर के अत्याचारों द्वारा भूमिगत रहने वाले परिवार की एक आम सदस्य थी। उस समय यहूदी लोग फटे पुराने कपड़े और घिसे पिटे जूते पहनकर समय काट रहे थे। राशन की बहुत कमी रहती थी और बिजली का कोटा निर्धारित था। जब कोई हवाई आक्रमण होता था तो बेचारे कांप जाते थे। इसलिए यह कहना उचित है कि डायरी के पन्ने में वर्णित कहानी किसी एक परिवार की नहीं बल्कि साठ लाख लोगों की कहानी है।

प्रश्न 2. "काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला-।" क्या आपको लगता है कि एन के इस कथन में आप उसके डायरी लेखन का कारण छिपा है?

यह सच्चाई है कि लेखक अपनी अनुभूतियों को व्यक्त करने के लिए कविता, कहानी या कोई लेख लिखता है। परंतु अगर उसे कोई गंभीर श्रोता नहीं मिले तो वह किसी कल्पित पात्र अथवा पाठकों के लिए अपनी अभिव्यक्ति करता है। ऐनी फ्रैंक के सामने भी यही स्थिति थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि भूमिगत आवास में क्या करें? वह बाहर की प्रकृति को देखना चाहती थी परंतु यह वर्जित था। उसकी भावनाओं को और उसकी बातों को सुनने वाला कोई नहीं था। इसलिए उसने अपने उद्गार इस डायरी में व्यक्त किए हैं।

प्रश्न 3. "प्रकृति-प्रदत-प्रजनन शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें- इस की स्वतंत्रता स्त्री से छीनकर हमारी विश्व-व्यवस्था ने न सिर्फ स्त्री को व्यक्तित्व विकास के अनेक अवसरों से वंचित किया है बल्कि जनाधिक्य की समस्या भी पैदा की है।" ऐन की डायरी के 13 जून 1944 के अंश में व्यक्त विचारों के संदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूँढें।

एन का विचार है कि पुरुष शारीरिक दृष्टि से सक्षम होता है और नारियाँ कमजोर होती है। इसलिए पुरुष नारियों पर शासन करते हैं। बच्चे को जन्म देते समय नारी जो पीड़ा व व्यथा भोगती है। वह युद्ध में घायल हुए सैनिकों से कम नहीं है। सच्चाई तो यह है कि नारी अपनी बेवकूफी के कारण अपमान व उपेक्षा को सहन करती रहती है। परंतु नारियों को समाज में उचित सम्मान मिलना चाहिए। उनका अभिप्राय यह नहीं है कि महिलाएँ बच्चों को जन्म देना बंद कर दे; प्रकृति चाहती है कि महिलाएँ बच्चों को जन्म दे। समाज में औरतों का योगदान विशेष महत्त्व रखता है अतः स्त्रियों को भी उचित सम्मान मिलना चाहिए।

प्रश्न 4. "ऐन की  डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है तो साथ ही उसके निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है।" इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति और असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।

डायरी-लेखक जब अपने जीवन का वर्णन करता है तब वह अपने आसपास के वातावरण पर भी प्रकाश डालता है। एन एक सामान्य लड़की है। वह कोई साहित्यकार नहीं है। फिर भी उसने अपने निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथल पुथल का संवेदनात्मक वर्णन किया है। वे भूमिगत होकर अभावमय और कष्टमय जीवन व्यतीत कर रहे थे। लेकिन एन तत्कालीन ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन करती है। जैसे अज्ञातवास जाने के कारण आवास में जर्मनों के डर के कारण दिन-रात अंधकार में छिपकर रहना, ब्रिटेन द्वारा हालैंड को मुक्त कराने का प्रयास करना, प्रतिदिन वायुयानों द्वारा बारूद की वर्षा करना आदि तत्कालीन ऐतिहासिक दौर के जीवंत दस्तावेज भी कहे जा सकते हैं। एन ने निजी जीवन की व्यथा के साथ-साथ ऐतिहासिक तथ्यों का यदा कदा वर्णन किया है जिससे दोनों का अंतर मिट गया है।

प्रश्न 5. ऐन ने अपनी डायरी 'किट्टी' (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?

आठ सदस्य अज्ञातवास में रह रहे हैं। इनमें से ऐनी सबसे छोटी आयु की लड़की थी। परंतु आठ सदस्यों में से कोई भी उसकी भावनाओं को नहीं समझता था। भूमिगत आवास में से बाहर निकलना संभव नहीं था। उसकी माँ केवल उपदेश देती थी। मिस्टर वानदान और मिसेज़ वानदान उसकी हर बात की नुक्ताचीनी करते रहते थे। यही बातचीत उसकी डायरी के पन्ने बन गए। किट्टी को संबोधित करके डायरी लिखना उसकी मजबूरी थी।

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    • 2. “काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफ़सोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला…।” क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसके डायरी लेखन का कारण छिपा है?
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    • 3. ‘प्रकृति-प्रदत्त प्रजनन-शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें- इस की स्वतंत्रता स्त्री से छीन कर हमारी विश्व-व्यवस्था ने न सिर्फ़ स्त्री को व्यक्तित्व-विकास के अनेक अवसरों से वंचित किया है बल्कि जनांधिक्य की समस्या भी पैदा की है‘। ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में व्यक्त विचारों के संदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूँढे़ं।
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    • 4. ”ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फ़र्क मिट गया है।” इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।
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    • 5. ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी‘ (एक निर्जीव गुडि़या) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की ज़रूरत क्यों महसूस की होगी?
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5 ऐन ने अपनी डायरी किट्टी को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी? - 5 ain ne apanee daayaree kittee ko sambodhit chitthee kee shakl mein likhane kee jaroorat kyon mahasoos kee hogee?

NCERT Class 12 Hindi Core Chapter-wise Solutions

Aroh (Chapters)

  1. Harivansh Rai Bachchan
  2. Alok Dhanwa
  3. Kunwar Narayan
  4. Raghuvir Sahay
  5. Gajanan Madhav Muktibodh
  6. Shamser Bahadur Singh
  7. Suryakant Tripathi Nirala
  8. Tulsidas
  9. Firaq Gorakhpuri
  10. Umashankar Joshi
  11. Mahadevi Varma
  12. Jainendra Kumar
  13. Dharamvir Bharati
  14. Phanishwar Nath Renu
  15. Vishnu Khare
  16. Razia Sajjad Zaheer
  17. Hazari Prasad Dwivedi
  18. Bhimrao Ramji Ambedkar

Vitan (Chapters)

  1. Silver Wedding
  2. Joojh
  3. Ateet Mein Dabe Paavan
  4. Diary Ke Panne

1. ”यह साठ लाख लोगों की तरफ़ से बोलने वाली एक आवाज़ है। एक ऐसी आवाज़, जो किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण-सी लड़की की है।”इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के संदर्भ में ऐन फ्रैंक की डायरी के पठित अंशों पर विचार करें।
उत्तर
:- ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी क्योंकि इसमें ऐन ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हॉलैंड के यहूदी परिवारों की अकल्पनीय यंत्रणाओं का वर्णन करने के साथ-साथ, वहाँ की राजनैतिक स्थिति एवं युद्ध की विभीषिका का जीवंत वर्णन किया है।

यहूदियों को तरह-तरह के भेदभाव पूर्ण ओर अपमानजनक नियम-कायदों को मानने के लिए बाध्य किया जाने लगा। गेस्टापो (हिटलर की खुफिया पुलिस) छापे मारकर यहूदियों को अज्ञातवास से ढूँढ़ निकालती और यातनागृह में भेज देती। चारों तरफ अराजकता फैली हुई थी। यहूदी अज्ञातवास में निरंतर अंधेरे कमरों में जीने को मजबूर थे। उन्हें एक अमानवीय जीवन जीने को बाध्य होना पड़ा। हिटलर की नाजी फौज का खौफ उन्हें हर वक्त आतंकित करता रहता था।
इसलिए इल्या इहरनबुर्ग की यह टिप्पणी कि ”यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज जो किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण-सी लड़की की है।’ सर्वमान्य एवं सत्य है।


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2. “काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफ़सोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला…।” क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसके डायरी लेखन का कारण छिपा है?

उत्तर:- यह सत्य है कि लेखक आत्माभिव्यक्ति के लिए लिखता है। ऐन भी अपने अनुभवों को डायरी के माध्यम से व्यक्त करती है। पढ़ाई के लिए उसे कई बार डाँट-फटकार मिलती है। वह एक जगह लिखती है –
‘मेरे दिमाग में हर समय इच्छाएँ, विचार, आरोप तथा डाँट-फटकार ही चक्कर खाते रहते हैं। मैं सचमुच उतनी घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मुझे समझते हैं। मैं किसी और की तुलना में अपनी कई कमजोरियों और खामियों को बेहतर तरीके से जानती हूँ।’ तथा दूसरे स्थान पर वह कहती है – ‘लोग मुझे अभी भी इतना नाक घुसेड़ू और अपने आपको तीसमारखाँ समझने वाली क्यों मानते हैं?’
इस प्रकार ऐन अपनी भावनाएँ डायरी के माध्यम से प्रकट करती है।’


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3. ‘प्रकृति-प्रदत्त प्रजनन-शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें- इस की स्वतंत्रता स्त्री से छीन कर हमारी विश्व-व्यवस्था ने न सिर्फ़ स्त्री को व्यक्तित्व-विकास के अनेक अवसरों से वंचित किया है बल्कि जनांधिक्य की समस्या भी पैदा की है‘। ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में व्यक्त विचारों के संदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूँढे़ं।

उत्तर:- ऐन के अनुसार औरतों को उनके हिस्से का सन्मान मिलना चाहिए। पुरुषों ने औरतों पर शुरू से ही इस आधार पर शासन करना शुरू किया कि वे उनकी तुलना में शारीरिक रूप से ज्यादा सक्षम हैं पुरुष ही कमाकर लाता है बच्चे पालता पोसता है और जो मन में आए, करता है, लेकिन हाल ही में स्थिति बदली है। सौभाग्य से शिक्षा, काम तथा प्रगति ने औरतों की आँखें खोली हैं।

औरत ही तो है जो मानव जाति की निरंतरता को बनाए रखने के लिए इतनी तकलीफों से गुजरती है और संघर्ष करती है। वह जितना संघर्ष करती है, उतना तो सिपाही भी नहीं करते।

ऐनी के कहने का कतई मतलब नहीं है कि औरतों को बच्चे जनना बंद कर देना चाहिए, इसके विपरीत प्रकृति चाहती है कि वे ऐसा करें और इस वजह से उन्हें यह काम करते रहना चाहिए।
ऐनी सिर्फ़ इतना चाहती है की समाज औरतों के योगदान को सराहे।


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4. ”ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फ़र्क मिट गया है।” इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।

उत्तर:- ऐन की डायरी से हमें उसके जीवन व तत्कालीन परिवेश का परिचय मिलता है। इसमें द्वितीय विश्वयुद्ध के समय हॉलैंड के यहूदी परिवारों की अकल्पनीय यंत्रणाओं का वर्णन करने के साथ-साथ, वहाँ की राजनैतिक स्थिति एवं युद्ध की विभीषिका का जीवंत वर्णन किया है। यहूदियों को तरह-तरह के भेदभाव पूर्ण ओर अपमानजनक नियम-कायदों को मानने के लिए बाध्य किया जाने लगा। गेस्टापो (हिटलर की खुफिया पुलिस) छापे मारकर यहूदियों को अज्ञातवास से ढूँढ़ निकालती ओर यातनागृह में भेज देती। हिटलर के घायल सैनिकों में हिटलर से हाथ मिलाने का जोश, अराजकता का माहौल आदि। साथ ही यह डायरी ऐन के पारिवारिक सुख-दुःख और भावनात्मक स्थिति को प्रकट करती है – गरीबी, भुखमरी, अज्ञातवास में जीवन व्यतीत करना, दुनिया से बिलकुल कट जाना, पकड़े जाने का डर, आतंक। इस तरह यह डायरी ऐतिहासिक दस्तावेज होने के साथ-साथ ऐन के जीवन के सुख-दुख का चित्रण भी है।


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5. ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी‘ (एक निर्जीव गुडि़या) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की ज़रूरत क्यों महसूस की होगी?

उत्तर:- ऐन अज्ञातवास में थी तब उसकी आयु मात्र आठ वर्ष की थी। अज्ञातवास में ऐन से बाते करनेवाला और उसके भावों को समझने वाला कोई न था एवं बड़ों की बातें सुनकर वह उब गई थी। वह एक निर्जीव गुडि़या को काल्पनिक मित्र बनाती है और उसे संबोधित कर अपने अनुभवों को डायरी के माध्यम से व्यक्त करती है।

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ऐन ने अपनी डायरी किट्टी को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?

Solution. ऐन ने अपनी डायरी की प्रत्येक चिट्ठी किट्टी अपनी गुडिया को संबोधित करके लिखी। उसे यह संबोधित करने की जरूरत इसलिए पड़ी होगी ताकि गोपनीयता बनी रहे। यदि यह डायरी कभी पुलिस के हाथ लग भी जाए तो पुलिस इसे बच्चों की डायरी समझे और ऐन फ्रैंक को छोड़ दे।

ऐन ने अपनी डायरी किट्टी के रूप में किसे संबोधित किया है और क्यों?

ऐन ने अपनी डायरी में सम्बोधन के लिए अपनी गुड़िया किट्टी को चुना है, परिवार या बाहर के किसी व्यक्ति को नहीं। इस तरह वह स्वयं से ही बातें करती है। अगर कोई दूसरा उसकी भावनाओं और विचारों को जानने वाला होता तो शायद उसे डायरी लिखने की जरूरत ही नहीं पड़ती।