रेडॉक्स (उपचयन-अपचयन) अभिक्रिया में पदार्थों से ऑक्सीजन या हाइड्रोजन का योग या ह्रास होता है। ऑक्सीजन का योग या हाइड्रोजन का ह्रास ऑक्सीकरण या उपचयन कहलाता है। ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है। Show A redox reaction involves the addition or loss of oxygen or hydrogen from substances. The addition of oxygen or the loss of hydrogen is called oxidation or oxidation. Loss of oxygen or addition of hydrogen is called reduction. रसायन विज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Chemistry.) कॉपर के चूर्ण को खुली हवा में गर्म करने पर उसके ऊपर काली परत बन जाती है। यह काली परत कॉपर ऑक्साइड की होती है। कॉपर ऑक्साइड, कॉपर में ऑक्सीजन के योग से बनता है। इस रासायनिक अभिक्रिया में कॉपर का कॉपर ऑक्साइड में उपचयन या ऑक्सीकरण होता है। इस रासायनिक अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है– Copper powder is heated in open air to form a black layer on it. This black layer is made of copper oxide. Copper oxide is formed by the addition of oxygen to copper. In this chemical reaction, copper is oxidised or oxidised to copper oxide. Following is the chemical equation of this chemical reaction– रसायन विज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Chemistry.) यदि इस गर्म पदार्थ कॉपर ऑक्साइड (CuO) के ऊपर हाइड्रोजन गैस को प्रभावित किया जाए, तो इसकी सतह पर भूरे रंग की परत बन जाती है। इस स्थिति में वितरित अभिक्रिया संपन्न होती है एवं कॉपर प्राप्त होता है। इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण निम्नलिखित है– If hydrogen gas is impacted on this hot material, copper oxide (CuO), a brown coating is formed on its surface. In this case distributed reaction takes place and copper is obtained. Following is the chemical equation of this reaction– रसायन विज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Chemistry.) रासायनिक अभिक्रिया के समय जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है तो ऐसी स्थिति में कहते हैं, कि उसका उपचयन हुआ है। इसके विपरीत जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का ह्रास होता है, तो ऐसी स्थिति में कहा जाता है कि उसका अपचयन हुआ है। When there is an increase in oxygen in a substance during a chemical reaction, it is said to be oxidised. Conversely, when oxygen is lost in a substance in a chemical reaction, it is said to have been reduced. रसायन विज्ञान के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़ें। (Also read these 👇 episodes of Chemistry.) किसी अभिक्रिया में पदार्थ का उपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन की वृद्धि या हाइड्रोजन का ह्रास होता है। पदार्थ का अपचयन तब होता है जब उसमें ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन की वृद्धि होती है। The oxidation of a substance in a reaction occurs when there is an increase in oxygen or loss of hydrogen. Reduction of a substance occurs when there is a loss of oxygen or an increase of hydrogen. रेडॉक्स (Redox ; 'Reduction and Oxidation' का लघुकृत रूप) वह अभिक्रियाएँ जिसमें ऑक्सीकरण (Oxidation) एवं अपचयन (Redction) दोनों साथ साथ होती हैं रिडॉक्स (रेडॉक्स) अभिक्रिया कहलाती हैं/ रिडॉक्स अभिक्रिया के अन्तर्गत वे सब रासायनिक अभिक्रियाएँ सम्मिलित हैं जिनमें परमाणुओं के आक्सीकरण अवस्थाएँ बदल जातीं हैं। सामान्यतः रेडॉक्स अभिक्रियाओं के अभिकारकों के परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रानों का आदान-प्रदान होता है। कभी भी आक्सीकरण या अपचयन अभिक्रिया अकेले नहीं होती। दोनो साथ-साथ होतीं हैं। एक ही अभिक्रिया में यदि किसी चीज का आक्सीकरण होता है तो किसी दूसरी का अपचयन होता है। इसीलिये इनको अलग-अलग न पढ़के एकसाथ पढ़ा जाये तो दोनों को मिलाकर 'रेडॉक्स' कहते हैं। परिभाषा वह अभिक्रिया जिसमें एक क्रियाकारक का ऑक्सीकरण होता है, एवं दूसरे क्रियाकारक का अपचयन होता है । रेडाॅक्स अभिक्रिया कहलाती है । नोट : यदि किसी अभिक्रिया में एक पदार्थ का ऑक्सीकरण होता है तो दुसरे पदार्थ का अपचयन होगा अत: इन्हें संयुक्त रूप से ऑक्सीकरण-अपचयन या रेडोक्स अभिक्रिया कहते है। इलेक्ट्रॉनिक अवधारणाइस अवधारणा के अनुसार अभिक्रिया में भाग लेने वाली स्पिसिज के द्वारा इलेक्ट्रॉन त्यागे व ग्रहण किये जाते है। ऑक्सीकरण : 1. जब किसी परमाणु या अणु या आयन द्वारा इलेक्ट्रॉन त्यागे जाते है तो वह ऑक्सीकरण कहलाता है अर्थात ऑक्सीकरण अंक में वृद्धि होना ऑक्सीकरण कहलाता है। 2. ऑक्सीकरण को वि-इलेक्ट्रॉनिकरण कहते है। 3. ऑक्सीकरण में धनावेश में वृद्धि या ऋणावेश में कमी होती है। उदाहरण : Na → Na+ + e– Cu+ → Cu2+ + e– Zn → Zn2+ + e– Fe2+ → Fe3+ + e– [Fe(CN)6]4- → [Fe(CN)6]3- + e– अपचयन : 1. जब किसी परमाणु , अणु या आयन द्वारा इलेक्ट्रॉन ग्रहण किया जाता है तो वह अपचयन कहलाता है अर्थात ऑक्सीकरण अंक में कमी होना अपचयन कहलाता है। 2. अपचयन में धनावेश में कमी या ऋणावेश में वृद्धि होती है। 3. अपचयन को इलेक्ट्रॉनिकरण भी कहते है। उदाहरण : Na+ + e– → Na Cu2+ + e– → Cu+ Zn2+ + 2e– → Zn Fe3+ + e– → Fe2+ [Fe(CN)6]3- + e– → [Fe(CN)6]4- ऑक्सीकारक : वे परमाणु , अणु या आयन जो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते है ऑक्सीकारक कहलाते है अर्थात जिसका अपचयन होता है , ऑक्सीकारक कहलाते है। ऑक्सीकारक इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर अपचयित हो जाता है। अपचायक : वे परमाणु , अणु या आयन जो इलेक्ट्रॉन त्यागते है अपचायक कहलाते है अर्थात जिसका ऑक्सीकरण होता है उन्हें अपचायक कहते है। अपचायक इलेक्ट्रॉन त्याग कर ओक्सिकृत हो जाता है। असमानुपाती या स्वत: ऑक्सीकरण अपचयन अभिक्रियाएँवह अभिक्रिया जिसमें एक ही पदार्थ का ऑक्सीकरण तथा अपचयन दोनों ही होते है वह असमानुपाती या असमानुपातन की अभिक्रिया कहलाती है। इन अभिक्रियाओं में एक ही पदार्थ का ऑक्सीकरण तथा अपचयन दोनों का कार्य करता है। उपरोक्त अभिक्रिया में क्लोरिन का NaCl में अपचयन हो रहा है तथा NaOCl में ऑक्सीकरण हो रहा है अत: यह असमानुपातन की अभिक्रिया है। ऑक्सीकरण अंक संकल्पना : किसी यौगिक या तत्व के अणु में उपस्थित किसी परमाणु पर स्थित आवेश को उस परमाणु का ऑक्सीकरण अंक कहते है। यह आवेश इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण से आता है। ऑक्सीकरण (उपचयन) एवं अवकरण (अपचयन) ऑक्सीकरणः विद्युत ऋणात्मक परमाणु या मूलक का अनुपात बढ़ाना या धन आवेश का बढ़ना या इलेक्ट्रॉन का त्याग ऑक्सीकरण या उपचयन कहलाता है। इसमें ऑक्सीजन या किसी अन्य विद्युत ऋणात्मक तत्वय जैसे – फ्लु ओरीन, क्लोरीन, नाइट्रोजन आदि का संयोग होता है। इसमें हाइड्रोजन या किसी अन्य विद्युत धनात्मक तत्वय जैसे- सोडियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, कॉपर आदि का पृथक्करण होता है। इसमें इलेक्ट्रॉनों की हानि होती है अर्थात् ऑक्सीकरण संख्या बढ़ जाती है। अवकरणः विद्युत धनात्मक परमाणु या मूलकों के अनुपात का बढ़ना या धन आवेश का घट जाना या इलेक्ट्रॉन का ग्रहण करना अवकरण या उपचयन कहलाता है। इसमें हाइड्रोजन या किसी अन्य विद्युत धनात्मक तत्व का संयोग होता है अथवा ऑक्सीजन या किसी अन्य विद्युत ऋणात्मक तत्व का पृथक्करण होता है। इसमें इलेक्ट्रॉन का लाभ अर्थात् ऑक्सीकरण संख्या घट जाती है। ऑक्सीकारक वे पदार्थ हैं, जो अन्य पदार्थों का ऑक्सीकरण कर सकते हैं। उदाहरण- तथा तथा विद्युत ऋणात्मक तत्व, जैसे , आदि। अपचायक वे पदार्थ हैं, जो अन्य पदार्थों का अपचयन कर सकते हैं अर्थात् अन्य पदार्थों को इलेक्ट्रॉन देते हैं। उदाहरणः विद्युत धनात्मक तत्व अर्थात् धातुः जैसे – लीथियम, सोडियम, मैग्नीशियम, आयन, जिंक तथा एल्युमीनियम, हाइड्राइड देने वाले अभिकर्मकय जैसे – तथा आदि। ऑक्सीकरण अवस्था यह काल्पनिक आवेश है, जो किसी परमाणु से जुड़े सभी तत्वों को हटाने पर, उस परमाणु पर उपस्थित होता है। इसको संख्या द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। यह धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य कुछ भी हो सकती है। ऑक्सीकरण संख्या हाइड्रोजन के लिए +1, ऑक्सीजन के लिए -2 (परॉक्साइड जिसमें -1 होती है तथा जिसमें +2 होती है, को छोड़कर), सोडियम व पोटैशियम के लिए +1 तथा मैग्नीशियम, कैल्शियम व स्ट्रॉन्शियम के लिए +2 होती है। अपचयन का मतलब क्या होता है?अभिक्रिया के दौरान जब किसी पदार्थ में ऑक्सीजन की वृद्धि होती है तो कहते हैं कि उसका उपचयन हुआ है और जब अभिक्रिया में किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का ह्रास होता है तो कहते हैं कि उसका अपचयन हुआ है।
अपचयन अभिक्रिया क्या है एक उदाहरण दीजिए?उदाहरण : 2mg + O2 → 2mgOS + O2 → SO2तथा वे अभिक्रियाएँ जिनमें तत्व या यौगिक से ऑक्सीजन का निष्कासन होता है अपचयन कहलाता है।
अपचयन की क्रिया में क्या होता है?अपचयन (Reduction) वह प्रक्रम है, जिसमें ऑक्सीजन का निष्कासन और हाइड्रोजन का संयोग होता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो रसायन शास्त्र में अपचयन का मतलब एक ऐसी अभिक्रिया होता है , जिसमे हाइड्रोजन या किसी अन्य विद्युत् धनात्मक तत्त्व का संयोग हो या फिर ऑक्सीजन अथवा विद्युत् ऋणात्मक तत्त्व का वियोग हो ।
उपचयन और अपचयन में क्या अंतर है?50: उपचयन तथा अपचयन में क्या अंतर है? उत्तर- अभिक्रिया में पदार्थों से ऑक्सीजन या हाइड्रोजन का योग अथवा ह्रास भी होता है। ऑक्सीजन का योग या हाइड्रोजन का ह्रास ऑक्सीकरण या उपचयन कहलाता है। ऑक्सीजन का ह्रास या हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है।
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