अधिगम से आप क्या समझते हैं अधिगम के प्रमुख नियमों का वर्णन करें? - adhigam se aap kya samajhate hain adhigam ke pramukh niyamon ka varnan karen?

थार्नडाइक के सीखने के नियम Tharndike’s Learning Rules

थार्नडाइक के सीखने के नियम-अमेरिकी मनोवैज्ञानिक थार्नडाइक ने सीखने के तीन प्रमुख नियम और पांच गोंण नियम प्रतिपादित किए हैं जो निम्न है। learning rules

अधिगम से आप क्या समझते हैं अधिगम के प्रमुख नियमों का वर्णन करें? - adhigam se aap kya samajhate hain adhigam ke pramukh niyamon ka varnan karen?

अधिगम के तीन मुख्य नियम The three main rules of learning

1. तत्परता का नियम Readiness law-

तत्परता के नियम से यह अभिप्राय है कि जिन कार्यों को सीखने के लिए हम तैयार रहते हैं वे कर्य तो हम सीख लेते हैं लेकिन जिन कार्यों को सीखने के लिए हम तैयार नहीं रहते हैं, यह कार्य अपने जीवन में कभी नहीं सीख पाते हैं, इस नियम के उदाहरण का हम दैनिक जीवन में सदैव अनुभव करते हैं। बालक जिस पाठ को पढ़ने के लिए तैयार रहता है वह पार्टी से शीघ्र ही याद हो जाता है इस प्रकार अन्य कार्य भी अगर तैयार होकर किए जाएं, धोवे शीघ्र ही धारण किए जाते हैं। वास्तव में, तैयारी क्या भाव में, अभ्यास एवं प्रभाव का कोई महत्व नहीं है।

सीखने के किस नियम के द्वारा कार्य शीघ्र व कुशलता से होता है।

भाटिया के अनुसार-“तत्परता या किसी कार्य के लिए तैयार होना युद्ध को आधा विजय कर लेना है।”


2. अभ्यास का नियम Rule of practice-

इस नियम के अनुसार जिस प्रतिक्रिया को हम बार-बार करेंगे, वह प्रतिक्रिया हम शीघ्र ही सीख लेते हैं एवं जिस प्रतिक्रिया की पुनरावर्ती नहीं करेंगे, उन्हें हम नहीं सीख सकते हैं। इसे उपयोग या अनुप्रयोग का नियम भी कहा जाता है।

यह सिद्धांत कुशल बनाता है।

सिद्धांत के दो उपनियम है-

1.) उपयोग का नियम-जब किसी स्थिति तथा प्रतिक्रिया में परिवर्तन लाए जाने वाले संबंध बना दिए जाएं और यदि अन्य वस्तुओं को इस प्रकार रखा जाए तो इसमें संबंध की शक्ति बढ़ जाती है।

2.) अनुपयोग का नियम-ठंडाई के अनुप्रयोग के नियम का स्पष्टीकरण इस प्रकार है-जब स्थिति और प्रतिक्रिया में लंबी अवधि तक कोई परिवर्तन लाने वाला संबंध नही बनाया जाता है तो इस संबंध की शक्ति क्षीण हो जाती है।

कॉलसनिक के अनुसार-“अभ्यास का नियम किसी कार्य की पुनरावर्ती, पुनर्विचार या अभ्यास के औचित्य को सिद्ध करता है।”

3. प्रभाव का नियम Rule of effect-

       प्रभाव के नियमों को संतोष/ असंतोष का नियम भी कहते हैं।हम उस कार्य को सीखना चाहते हैं जिसका का परिणाम हमारे लिए हितकर होता है। इस नियम में पुरस्कार व दंड का बहुत महत्व है। इसलिए इस नियम को पुरस्कार एवं दंड का नियम भी कहते हैं।इ

इस नियम के अनुसार जिस कार्य को करने से हमें सुख और संतोष मिलता है उस कार्य को हम बार बार करते हैं, जिससे हमें असंतोष मिलता है, उसे हम तुरंत छोड़ देते हैं।

अधिगम के गौण Five rules of learning:-

1. बहु प्रतिक्रिया का नियम Law of multi-reaction-

जब हम कोई नया कार्य करना सीखते हैं तब हम उसके प्रति अनेक बार विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं करते हैं। प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत इसी पर आधारित है।

2. अभिवृत्ति या मनोवृति का नियम Law of attitude or mentality-

यदि हम किसी कार्य को करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होते हैं तो या तो हम उसे रोकने में असफल होते हैं या अनेक त्रुटियां करते हैं या बहुत विलंब से करते हैं।

3. आंशिक क्रिया का नियम Law of partial action-

हम जिस कार्य को करना चाहते हैं उसे छोटे-छोटे भागों में विभाजित कर लेते हैं तथा कार्य को शीघ्रता एवं सुगमता से पूर्ण करते हैं।

“अंश से पूर्व की ओर” सिद्धांत इस नियम पर आधारित है।

4. आत्मिकरण का नियम Law of intuition-

हम जो भी नया ज्ञान प्राप्त करते हैं उसका आत्मीकरण या उसे आत्मसात कर लेते हैं। यही कारण है कि जब शिक्षक, बालक को नई बात सिखाता है तब उसका पहले लिखी हुई बात से संबंध स्थापित कर देते हैं।

“ज्ञात से अज्ञात की ओर “सिद्धांत किस नियम पर आधारित है।

5. संबंधित परिवर्तन का नियम Law of related change-

पहले कभी की गई क्रिया को उसी के समान दूसरी परिस्थितियों में उसी प्रकार करना।
उदाहरण-प्रेमिका की अनुपस्थिति में प्रेमी उसके चित्र से उसी प्रकार बातें करता है जिस प्रकार व है उससे करता था।
उदाहरण-यदि मां का बच्चा मर जाता है तो वह उसकी वस्तुओं को उसी प्रकार सीने से लगा दी है जिस प्रकार वह बच्चे को लगाती थी। learning rules

अधिगम के अन्य महत्वपूर्ण नियम–

1. उद्देश्य का नियम-“व्यक्ति का किसी कार्य को करने का उद्देश्य जितना अधिक प्रबल होता है उतनी ही अधिक उस में कार्य करने की तत्परता होती है”-रायब्रन
2. परिपक्वता का नियम-शारीरिक एवं मानसिक परिपक्वता
3. निकटता का नियम
4. अभ्यास वितरण का नियम-“यदि एक व्यक्ति किसी कार्य का एक दिन में 7 या 80 मिनट तक लगातार अभ्यास न करके 4 दिन 15 मिनट अभ्यास करें, तो वह अधिक सीख सकता है”-डगलस एवं हॉलेंड
5. बहु अधिगम का नियम-
“हम एक समय में केवल एक बात कभी नहीं सीखते हैं, हम सदैव बहुत सी बातों को साथ-साथ सीखते हैं”- रायबर्न

यह भी पढ़े-learning rules
अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक
अधिगम का महत्व
अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा
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अधिगम से आप क्या समझते हैं अधिगम के प्रमुख नियम का वर्णन करें?

इस नियम का अभिप्राय यह है कि यदि हम किसी कार्य को सीखने के लिये तैयार होते हैं, तो हम उसे शीघ्र ही सीख लेते हैं। तत्परता में कार्य करने की इच्छा निहित रहती है। यदि बालक में गणित के प्रश्न करने की इच्छा है, तो वह उनको करता है, अन्यथा नहीं। इतना ही नहीं, तत्परता के कारण वह उनको अधिक शीघ्रता और कुशलता से करता है।

अधिगम से आप क्या समझते हैं इसके प्रकारों का वर्णन करें?

सीखना या अधिगम (जर्मन: Gernen, अंग्रेज़ी: learning) एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है।

अधिगम के मुख्य नियम कौन कौन से हैं?

थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित सीखने के दो महत्वपूर्ण नियम बताए गए है जिसके प्रयोग से अधिगम अधिक प्रभावशाली होता है। सीखने के मुख्य नियम- तत्परता का नियम 2. अभ्यास का नियम 3. परिणाम का नियम

अधिगम से आप क्या समझते हैं PDF?

नए ज्ञान को अर्जित करना तथा विभिन्न प्रकार के एकत्रित ज्ञान, व्यवहार कौशलों, मूल्यों तथा जानकारियों को संश्लेषित करना अधिगम या सीखना कहलाता है। अधिगम केवल ज्ञान का एक संग्रह न होकर एक प्रक्रिया है। मानव के प्रत्येक क्षेत्र में सीखना जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्ता तक पाया जाता है।