Bhumadhya Rekha Ki LambaiGkExams on 18-12-2018 Show
परिभाषा के अनुसार भूमध्य रेखा का अक्षांश शून्य (0) होता है। पृथ्वी की भूमध्य रेखा की लम्बाई लगभग 40,075 कि.मी.(24,901.5 मील) (शुद्ध लम्बाई 40,075,016.6856 मीटर) है। पृथ्वी के घूर्णन की धुरी और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा की कक्षा से प्राप्त सतह के बीच के संबंध स्थापित करें, तो पृथ्वी की सतह पर अक्षांश के पांच घेरे मिलते हैं। उनमें से एक यह रेखा है, जो पृथ्वी की सतह पर खींचा गया महानतम घेरा (चक्र) है। सूर्य अपनी सामयिक चाल में आकाश से, वर्ष में दो बार, 21 मार्च और 23 सितंबर को भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है।इन दिनों भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह के एकदम लम्बवत पड़ती हैं। भूमध्य रेखा पर स्थित प्रदेशों में सूर्योदय और सूर्यास्तअपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों पर वर्ष भर, सैद्धांतिक रूप से, 12 घंटों के दिन और रात होते हैं, जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में दिन का समय मौसम के अनुसार बदलता रहता है। जब इसके उत्तर में शीतकाल में दिन छोटे और रात लंबी होती हैं, तब इसके दक्षिण में ग्रीष्मकाल में दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं। वर्ष के दूसरे छोर पर मौसम दोनों गोलार्धों में एकदम उलटे होते हैं। किंतु भूमध्य रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी समान ही रहता है। पृथ्वी भूमध्य रेखा पर थोड़ी से उभरी हुई है। इस रेखा पर पृथ्वी का व्यास 12759.28 कि.मी.(7927 मील) है, जो ध्रुवों के बीच के व्यास (12713.56 की.मी., 7900 मील) से 42.72 कि॰मी॰ अधिक है। भूमध्य रेखा के आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र के लिए अच्छे हैं (जैसे गुयानाअंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ, फ्रेंच गुयाना), क्योंकि वह पृथ्वी के घूर्णन के कारण पहले से ही पृथ्वी पर किसी भी अन्य स्थान से अधिक गतिमान (कोणीय गति) हैं और यह बढ़ी हुई गति, अन्तरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए आवश्यक ईंधन की मात्रा को कम कर देती है। इस प्रभाव का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष यान को पूर्व दिशा में प्रक्षेपित किया जाना चाहिए | सम्बन्धित प्रश्नComments HARSH on 24-08-2022 Bhu MADHYA REKHA KITNI KILOMETRE HA Makar r on 16-05-2021 rekha ki lambai kitani hai ghanshyam chandra on 08-05-2021 मकर रेखा की कुल लंबाई कितनी है। Lucky dumra on 12-10-2020 मकर रेखा की कुल लम्बाई Sourav tanwar on 26-03-2020 भूमध्य रेखा Akash Kaurav on 21-12-2019 Earth ki bhumadya Rekha ki lambai अंधी घाटियां किसे कहते हैं on 04-10-2019 I dont know Bhumadhya Rekha Ki LambaiPradeep Chawla on 12-05-2019 भूमध्य रेखा या विषुवत् रेखा (Equator) वह काल्पनिक रेखा है जो भूमंडल के उत्तरी गोलार्द्ध को दक्षिणी गोलार्द्ध से अलग करती है। इस रेखा पर स्थित प्रत्येक बिंदु से उत्तरी एवं दक्षिणी दोनों ध्रुव समान दूरी पर होते हैं। यह रेखा वृत्ताकार है जिसका समतल पृथ्वी की धुरी को लंबवत् काटता है। पृथ्वी के आकार में मध्यगत प्रसार के कारण धरातल पर खींचे जानेवाले काल्पनिक वृत्तों में यह वृत्त सबसे बड़ा है। यही कारण है कि इस रेखा पर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति न्यूनतम होती है। 22 मार्च और 23 सिंतंबर को सूर्य की किरणें विषुवत् रेखा पर लंबवत् पड़ती हैं। 23 मार्च को पृथ्वी दक्षिणी गोलार्द्ध से उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करती है। भारत के राष्ट्रीय पंचांग के अनुसार 23 मार्च ही वर्ष का प्रथम दिवस माना जाता है। संयुक्त राज्य अमरीका के वाणिज्य विभाग के आधार पर भूमध्य रेखा की कुल लंबाई 40,075.56 किमी. बताया था, किंतु 1866 ई. में क्लार्क महोदय ने अपने गणनानुसार इसके अर्धव्यास की लंबाई 6,378.2064 किमी. बताई। चुंबकीय ध्रुव की दृष्टि से चुंबकीयश (magnetic) विषुवत् रेखा धरातलीय विषुवत् रेखा से भिन्न है। चुंबकीय विषुवत् रेखा वही काल्पनिक रेखा है जिसपर सूई का नयनांश शून्य है। विषुवत् रेखीय वृत्त के समतल में पड़नेवाले आकाशीय वृत्त को खगोलीय (celestial) विषुवत् रेखा कहते हैं। पृथ्वी के धरातल पर सूर्य के ताप का वितरण समान रूप से नहीं होता। स्थल अधिक गरम रहता है और सागर अपेक्षाकृत कम। अधिक गर्मीवाले स्थानों को मिलानेवाली काल्पनिक रेखा को तापीय विषुवत् रेखा कहते हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में स्थल की मात्रा अधिक होने के कारण तापीय विषुवत रेखा औसत रूप से धरातलीय विषुवत् रेखा के उत्तर ही स्थित रहती है। सम्बन्धित प्रश्नComments Pinky on 13-03-2021 Hamari bhomadhya rekha ki lambai kitni h Raj maurya on 27-10-2020 Bhumadhya rekh ki lambay Hamai bhumadhya rekha ki lambai kiya hai on 15-09-2019 Hamari bhumadhya rekha ki lambai kiya hai भूमध्य रेखा की लम्बाई कितनी है on 03-09-2019 भूमध्य रेखा की लम्बाई Krishna bhardwaj on 12-05-2019 Bhumadhya Rekha Ki Lambai Bhumdya rekha ki lambai on 12-05-2019 Bhumdya rekha ki lambai विश्व के मानचित्र पर भूमध्य रेखा लाल रंग में गोलक का महानतम चक्र (घेरा) उसे ऊपरी और निचले गोलार्धों में बांटाता है। भूमध्य रेखा पृथ्वी की सतह पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव से सामान दूरी पर स्थित एक काल्पनिक रेखा है। यह पृथ्वी को उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में विभाजित करती है। दूसरे शब्दों में पृथ्वी के केंद्र से सर्वाधिक दूरस्थ भूमध्यरेखीय उभार पर स्थित बिन्दुओं को मिलाते हुए ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा को भूमध्य या विषुवत रेखा कहते हैं। इस पर वर्ष भर दिन-रात बराबर होतें हैं, इसलिए इसे विषुवत रेखा भी कहते हैं। अन्य ग्रहों की विषुवत रेखा को भी सामान रूप से परिभाषित किया गया है। इस रेखा के उत्तरी ओर २३½° में कर्क रेखा है व दक्षिणी ओर २३½° में मकर रेखा[1] है।[2] भूमध्य रेखा का भूमंडल शास्त्रपर्यटन क्षेत्रों में भूमध्य रेखा को सड़क के किनारों पर चिह्नित किया जाता है परिभाषा के अनुसार भूमध्य रेखा का अक्षांश शून्य (०) होता है। पृथ्वी की भूमध्य रेखा की लम्बाई लगभग ४०,०७५ कि.मी.(२४,९०१.५ मील) (शुद्ध लम्बाई ४०,०७५,०१६.६८५६ मीटर) है। पृथ्वी के घूर्णन की धुरी और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा की कक्षा से प्राप्त सतह के बीच के संबंध स्थापित करें, तो पृथ्वी की सतह पर अक्षांश के पांच घेरे मिलते हैं। उनमें से एक यह रेखा है, जो पृथ्वी की सतह पर खींचा गया महानतम घेरा (चक्र) है। सूर्य अपनी सामयिक चाल में आकाश से, वर्ष में दो बार, २१ मार्च और २३ सितंबर को भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर से गुजरता है।[3] इन दिनों भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह के एकदम लम्बवत पड़ती हैं। भूमध्य रेखा पर स्थित प्रदेशों में सूर्योदय और सूर्यास्त अपेक्षाकृत अधिक देर से होता है। ऐसे स्थानों पर वर्ष भर, सैद्धांतिक रूप से, १२ घंटों के दिन और रात होते हैं, जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में दिन का समय मौसम के अनुसार बदलता रहता है। जब इसके उत्तर में शीतकाल में दिन छोटे और रात लंबी होती हैं, तब इसके दक्षिण में ग्रीष्मकाल में दिन लंबे व रातें छोटी होती हैं। वर्ष के दूसरे छोर पर मौसम दोनों गोलार्धों में एकदम उलटे होते हैं। किंतु भूमध्य रेखा पर दिनमान के साथ साथ मौसम भी समान ही रहता है। पृथ्वी भूमध्य रेखा पर थोड़ी से उभरी हुई है। इस रेखा पर पृथ्वी का व्यास १२७५९.२८ कि.मी.(७९२७ मील) है, जो ध्रुवों के बीच के व्यास (१२७१३.५६ की.मी., ७९०० मील) से ४२.७२ कि॰मी॰ अधिक है। भूमध्य रेखा के आस-पास के स्थान अंतरिक्ष केंद्र के लिए अच्छे हैं (जैसे गुयाना अंतरिक्ष केंद्र, कौरोऊ, फ्रेंच गुयाना), क्योंकि वह पृथ्वी के घूर्णन के कारण पहले से ही पृथ्वी पर किसी भी अन्य स्थान से अधिक गतिमान (कोणीय गति) हैं और यह बढ़ी हुई गति, अन्तरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए आवश्यक ईंधन की मात्रा को कम कर देती है। इस प्रभाव का उपयोग करने के लिए अंतरिक्ष यान को पूर्व दिशा में प्रक्षेपित किया जाना चाहिए | भूमध्य रेखीय जलवायुवर्षा ऋतु और अधिक ऊंचाई के भागों को छोड़कर, भूमध्य रेखा के निकट वर्ष भर उच्च तापमान बना रहता है। कई उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में लोग मौसम को दो प्रकार का बताते है: आर्द्र और शुष्क। फिर भी भूमध्य रेखा के निकट अधिकतर स्थान वर्ष भर गीले ही रहते हैं और मौसम समुद्र तल से ऊंचाई और समुद्र से दूरी जैसे अनेक कारणों के अनुसार बदलता रहता है। बरसाती और आर्द्र परिस्थितियों से पता चलता है की भूमध्य रेखीय क्षेत्र विश्व की सर्वाधिक गर्म क्षेत्र नहीं हैं। पृथ्वी की सतह पर अधिकतर भूमध्य रेखीय क्षेत्र समुद्र का भाग है। भूमध्य रेखा का उच्चतम बिंदु ४६९० मीटर ऊंचाई पर कायाम्बे ज्वालामुखी, इक्वाडोर के दक्षिणी ढाल पर है। भूमध्य रेखीय देशभूमध्य रेखा १४ देशों के स्थल या जल से होकर जाती है। मध्याह्न रेखा से प्रारंभ होकर ये पूर्व की ओर जाती है:
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
भूमध्य रेखा की लंबाई कितनी होती है?पृथ्वी की भूमध्य रेखा की लम्बाई लगभग ४०,०७५ कि. मी. (२४,९०१.५ मील) (शुद्ध लम्बाई ४०,०७५,०१६.६८५६ मीटर) है। पृथ्वी के घूर्णन की धुरी और सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की परिक्रमा की कक्षा से प्राप्त सतह के बीच के संबंध स्थापित करें, तो पृथ्वी की सतह पर अक्षांश के पांच घेरे मिलते हैं।
भारत में भूमध्य रेखा की लंबाई कितनी है?भारत का पूरा क्षेत्रफल भूमध्य रेखा के उत्तरी भाग में आता है। भूमध्य रेखा को शून्य अक्षांश रेखा माना जाता है। दो अक्षांशों के बीच की दूरी लगभग 111 किलोमीटर की होती है। इस कारण भूमध्य रेखा और भारत के भूभाग के बीच की कुल दूरी 876 किमी अथवा 544.32 मील है।
भूमध्य रेखा पर कुल कितने देश हैं?भूमध्य रेखा 13 देशों, 3 महाद्वीपों और 3 जल निकायों से होकर गुजरती है। भूमध्य रेखा इन देशों के माध्यम से गुजरती है: इक्वाडोर, कोलंबिया, ब्राजील, साओ टोम और प्रिंसिपे, गैबॉन, कांगो गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, युगांडा, केन्या, सोमालिया, मालदीव, इंडोनेशिया और किरिबाती।
भूमध्य रेखा कितने डिग्री पर स्थित है?आसान खगोलीय गणना और अनुसंधान के उद्देश्य से पृथ्वी को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम दोनों से एक दूसरे के समानांतर चलने वाली काल्पनिक रेखाओं से विभाजित किया गया है। 0 डिग्री या भूमध्य रेखा। 23 1/2 डिग्री उत्तर और 23 1/2 डिग्री दक्षिण को क्रमशः कर्क रेखा और मकर रेखा कहा जाता है।
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