भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.

भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
भरी महफ़िल में दोस्ती का जिक्र हुआ,
हमने तो सिर्फ आपकी और देखा,
और लोग वाह-वाह कहने लगे।

भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
दोस्ती यकीन पर टिकी होती है,
यह दिवार बड़ी मुश्किल से खड़ी होती है,
कभी फुरसत मिले तो पढ़ना किताब रिश्तो की,
दोस्ती खून के रिश्तो से बड़ी होती है।

भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
लोग दौलत देखते है, हम इज्जत देखते है।
लोग मंजिल देखते है, हम सफर देखते है।
लोग दोस्ती बनाते है, और हम उसे निभाते है।

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इतिहास के हर पन्ने पर लिखा है,
दोस्ती कभी बड़ी नही होती,
बल्कि दोस्ती निभाने वाले हमेशा बड़े होते है।

भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
आये थे अकेले इस दुनिया में,
और आपकी दोस्ती ने कर्जदार कर दिया,
ये भी जानते हैं जायेंगे भी अकेले,
इसलिए ज़िन्दगी दोस्ती पर बलिदान कर दिया।

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दोस्ती की वजह नहीं होती,
दोस्ती सजा नहीं होती,
दोस्ती में होती है ईमानदारी,
दोस्ती में दुनियादारी नहीं होती,
दोस्त जान से प्यारा होता है,
दोस्त से जान प्यारी नहीं होती।

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क्या फ़र्क़ है दोस्ती और मोहब्बत में?
रहते तो दोनों दिल में ही है लेकिन,
फ़र्क़ बस इतना है, बरसों बाद मिलने पर,
मोहब्बत नजर चुरा लेती है और दोस्त सीने से लगा लेता है।

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कितने कमाल की होती है ना दोस्ती,
वजन होता है, लेकिन बोझ नही होती।

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दोस्ती वो नहीं जो जान देती है,
दोस्ती वो भी नहीं जो मुस्कान देती है,
अरे सच्ची दोस्ती तो वो है,
जो पानी में गिरा हुआ आंसू भी पहचान लेती है।

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सारा खेल दोस्ती का है ए मेरे दोस्त,
वरना जनाजा और बारात एक ही सामान है।

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दोस्ती का फर्ज इस तरह निभाया जाये,
अगर रहीम रहे भूखा तो राम से भी ना खाया जाये।

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फासले मिटा कर आपस में प्यार रखना,
दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा बरकरार रखना,
बिछड़ जाए कभी आपसे हम,
आँखों मैं हमेशा हमारा इंतज़ार रखना।

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भरी महफ़िल में दोस्ती का जिक्र हुआ,
हमने तो सिर्फ आपकी और देखा,
और लोग वाह-वाह कहने लगे।


भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
दोस्ती नाम है सुख-दुःख की कहानी का,
दोस्ती राज है सदा ही मुस्कुराने का,
ये कोई पल भर की जान-पहचान नहीं है,
दोस्ती वादा है उम्र भर साथ निभाने का।

भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
दोस्ती दर्द नहीं खुशियों की सौगात है,
किसी अपने का ज़िंदगी भर का साथ है,
ये तो दिलों का वो खूबसूरत एहसास है,
जिसके दम से रौशन ये सारी कायनात है।

भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
तेरी दोस्ती में ज़िंदगी में तूफ़ान मचाएंगे,
तेरी दोस्ती में दिल के अरमान सजायेंगे,
अगर तेरी दोस्ती ज़िंदगी भर साथ दे,
तो हम दोस्ती में मौत को भी पीछे छोड़ जायेंगे।

भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
एक रात रब ने मेरे दिल से पूछा,
तू दोस्ती में इतना क्यूँ खोया है?
दिल बोला दोस्तों ने ही दी हैं सारी खुशियाँ,
वरना प्यार करके तो दिल हमेशा रोया है।

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करनी है खुदा से गुजारिश,
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले,
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा,
या फिर कभी जिंदगी न मिले।

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नादान से दोस्ती कीजिये,
क्योंकि मुसीबत के वक्त,
कोई भी समझदार साथ नहीं देता।

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सोचा था न करेंगे किसी से दोस्ती,
न करेंगे किसी से वादा,
पर क्या करे दोस्त मिला इतना प्यारा की,
करना पड़ा दोस्ती का वादा।

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सच्ची है मेरी दोस्ती, आजमा के देखलो,
करके यकीं मुझ पे, मेरे पास आ के देखलो.
बदलता नहीं कभी सोना अपना रंग,
जितनी बार चाहे आग लगा कर देखलो।

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मैं कोई रिश्ता नहीं हूँ, जो निभाओगे मुझे,
बस दोस्त हूँ, दोस्ती से ही पाओगे मुझे।

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जाम पर जाम पीने से क्या फायदा,
रात भर पी सुबह तक उतर जाएगी,
दो बूंद मेरी दोस्ती के पीले,
जिंदगी सारी नशे में गुजर जाएगी।

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ये दोस्ती का गणित है साहब,
यहाँ 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता।

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इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है,
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी सारी ज़िन्दगी,
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।


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गुण मिलने पर शादी होती है,
और अवगुण मिलने पर दोस्ती।

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बेवजह है, तभी तो दोस्ती है,
वजह होती, तो साजिश होती।

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दोस्ती में दोस्त, दोस्त का ख़ुदा होता है,
महसूस तब होता है, जब वो जुदा होता है।

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बुरे वक़्त में भी एक अच्छाई होती है,
जैसे ही ये आता है फ़ालतू के दोस्त विदा हो जाते है,
सच्ची दोस्ती एक अच्छे स्वास्थ की तरह है,
खोने पर ही उसकी महत्वता पता चलती है।

भरी महफ़िल मे दोस्ती का जिक्र हुआ, हमने तो.. सिर्फ़ आप की ओर देखा और लोग वाह-वाह कहने लगे। - bharee mahafil me dostee ka jikr hua, hamane to.. sirf aap kee or dekha aur log vaah-vaah kahane lage.
खुदा ने कहा दोस्ती न कर, दोस्तों की भीड़ में खो जाएगा,
मैने कहा कभी जमीन पर आकर मेरे दोस्तों से तो मिल,
तू भी ऊपर जाना भूल जाएगा।

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दोस्ती एक वो खुबसूरत एहसास होता है,
जो अनजाने लोगो को भी पास लाता है,
जो हर पल साथ दे वही दोस्त कहलाता है,
वरना तो अपना साया भी साथ छोड़ जाता है।