भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई थी? - bhaarat kee audyogik neeti kee ghoshana kab kee gaee thee?

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नहीं भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा 1948 में नहीं की गई थी भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा 24 जुलाई 1991 में की गई थी

nahi bharat ki audyogik niti ki ghoshana 1948 mein nahi ki gayi thi bharat ki audyogik niti ki ghoshana 24 july 1991 mein ki gayi thi

नहीं भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा 1948 में नहीं की गई थी भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा

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भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई थी? - bhaarat kee audyogik neeti kee ghoshana kab kee gaee thee?
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भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई थी? - bhaarat kee audyogik neeti kee ghoshana kab kee gaee thee?

भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई थी? - bhaarat kee audyogik neeti kee ghoshana kab kee gaee thee?

भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई थी? - bhaarat kee audyogik neeti kee ghoshana kab kee gaee thee?

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स्वतंत्र के पश्चात् देश की प्रथम औद्योगिक नीति की घोषणा 6 अप्रैल, 1948 को तत्कालीन उद्योग मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के द्वारा की गई थी। इस नीति ने आगामी वर्षों में भारत की मिश्रित अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों का पथ-प्रदर्शन किया।

Published by : Sagar Sahni    Economics

भारत की औद्योगिक नीति

किसी देश की औद्योगिक नीति (industrial policy) वह नीति है, जिसका उद्देश्य उस देश के निर्माण, उद्योग का विकास करना एवं उसे वांछित दिशा देना होता है। स्वतंत्र भारत में अब तक 6 औद्योगिक नीति की घोषणा हो चुकी है।
  • पहली औद्योगिक नीति (1948)
  • दूसरी औद्योगिक नीति (1956)
  • तीसरी औद्योगिक नीति (1977)
  • चौथी औद्योगिक नीति (1980)
  • पाँचवीं औद्योगिक नीति (1990)
  • छठी औद्योगिक नीति (1991)

औद्योगिक नीति 1948 | Industrial policy 1948

भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई थी? - bhaarat kee audyogik neeti kee ghoshana kab kee gaee thee?

औद्योगिक नीति देश स्वतंत्र होने के पश्चात 1948 को प्रथम औद्योगिक नीति की घोषणा तत्कालीन केंद्रीय मंत्री डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा की गई। इस औद्योगिक नीति में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्योगों को महत्व देते हुए मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाने पर बल दिया गया। लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई। सरकारी नियंत्रण के अधीन 18 उद्योगों को रखा गया।

औद्योगिक नीति 1956 | Industrial policy 1956

30 अप्रैल 1956 को केंद्र सरकार ने दूसरी औद्योगिक नीति की घोषणा की उद्योगों पर बल दिया गया, इस हेतु इस औद्योगिक नीति को समाजवादी औद्योगिक नीति भी कहते हैं। 1956 की औद्योगिक नीति की समीक्षा हेतु 1966 में RK हजारी समिति का गठन किया गया। इस समिति ने सिफारिश किया कि औद्योगिक लाइसेंस आवेदन के क्रम में दिया जाए। 1948 की औद्योगिक नीति में उद्योगों की चार श्रेणियां निर्धारित की गई थी, जिसे 1956 की नीति में घटाकर 3 कर दिया गया। उद्योगों का विकास पिछड़े क्षेत्रों का विकास पूंजी की प्रधानता पर बल दिया गया रोजगार को गौण बना दिया गया।
औद्योगिक विकास हेतु 1951 में औद्योगिक विकास अधिनियम को पारित किया गया 8 मई 1952 से इन्हें लागू किया गया।
1973 में दत्त समिति की सिफारिश पर संयुक्त क्षेत्र का गठन हुआ, जबकि 1977, 1980 और 1990 की औद्योगिक नीतियों को 'विस्तृत दिशा-निर्देशक' की संज्ञा दी जा सकती है।

औद्योगिक नीति 1991 (industrial policy 1991)

पी वी नरसिम्हा राव ने 24 जुलाई 1991 को उदारवादी औद्योगिक नीति की घोषणा किया। इस औद्योगिक नीति में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया गया और 18 उद्योगों को छोड़कर बाकी सभी उद्योगों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया। बाद में 5 उद्योगों को छोड़कर बाकी सभी उद्योगों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया।
वर्तमान में लाइसेंस की आवश्यकता वाले पांच उद्योग :
  • अल्कोहल युक्त पदार्थ का आसवन एवं इससे शराब बनाना
  • इलेक्ट्रॉनिक एयरोस्पेस एवं समस्त प्रकार के रक्षा उपकरण
  • इटोनेटिंग फ्यूज़,सेफ्टी फ्यूज, गन पाउडर, नाइट्रो सेल्यूलोस,माचिस सहित औद्योगिक विस्फोटक सामग्री
  • खतरनाक रसायन
  • तम्बाकू के सिगार एवं सिगरेटें तथा विनिर्मित तम्बाकू के अन्य विकल्प

नई औद्योगिक नीति की प्रमुख विशेषताएं:

  • निजीकरण (Privatisation)
  • उदारीकरण (Liberalization)
  • वैश्वीकरण (Globalization)
नई औद्योगिक नीति 1991 में सार्वजनिक क्षेत्र हेतु केवल 8 उद्योग को रखा गया था, परंतु वर्तमान में आरक्षित उद्योगों की संख्या 3 हो गई है।
  • परमाणु ऊर्जा
  • रेलवे परिवहन
  • परमाणु ऊर्जा के काम में आने वाले खनिज
भारतीय उद्योग | INDIAN INDUSTRIES