चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। Show नहीं भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा 1948 में नहीं की गई थी भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा 24 जुलाई 1991 में की गई थी nahi bharat ki audyogik niti ki ghoshana 1948 mein nahi ki gayi thi bharat ki audyogik niti ki ghoshana 24 july 1991 mein ki gayi thi नहीं भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा 1948 में नहीं की गई थी भारत की औद्योगिक नीति की घोषणा 4 342This Question Also Answers: Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! स्वतंत्र के पश्चात् देश की प्रथम औद्योगिक नीति की घोषणा 6 अप्रैल, 1948 को तत्कालीन उद्योग मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के द्वारा की गई थी। इस नीति ने आगामी वर्षों में भारत की मिश्रित अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों का पथ-प्रदर्शन किया। Published by : Sagar Sahni Economics भारत की औद्योगिक नीतिकिसी देश की औद्योगिक नीति (industrial policy) वह नीति है, जिसका उद्देश्य उस देश के निर्माण, उद्योग का विकास करना एवं उसे वांछित दिशा देना होता है। स्वतंत्र भारत में अब तक 6 औद्योगिक नीति की घोषणा हो चुकी है।
औद्योगिक नीति 1948 | Industrial policy 1948औद्योगिक नीति देश स्वतंत्र होने के पश्चात 1948 को प्रथम औद्योगिक नीति की घोषणा तत्कालीन केंद्रीय मंत्री डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा की गई। इस औद्योगिक नीति में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्योगों को महत्व देते हुए मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाने पर बल दिया गया। लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई। सरकारी नियंत्रण के अधीन 18 उद्योगों को रखा गया।औद्योगिक नीति 1956 | Industrial policy 195630 अप्रैल 1956 को केंद्र सरकार ने दूसरी औद्योगिक नीति की घोषणा की उद्योगों पर बल दिया गया, इस हेतु इस औद्योगिक नीति को समाजवादी औद्योगिक नीति भी कहते हैं। 1956 की औद्योगिक नीति की समीक्षा हेतु 1966 में RK हजारी समिति का गठन किया गया। इस समिति ने सिफारिश किया कि औद्योगिक लाइसेंस आवेदन के क्रम में दिया जाए। 1948 की औद्योगिक नीति में उद्योगों की चार श्रेणियां निर्धारित की गई थी, जिसे 1956 की नीति में घटाकर 3 कर दिया गया। उद्योगों का विकास पिछड़े क्षेत्रों का विकास पूंजी की प्रधानता पर बल दिया गया रोजगार को गौण बना दिया गया।औद्योगिक विकास हेतु 1951 में औद्योगिक विकास अधिनियम को पारित किया गया 8 मई 1952 से इन्हें लागू किया गया। 1973 में दत्त समिति की सिफारिश पर संयुक्त क्षेत्र का गठन हुआ, जबकि 1977, 1980 और 1990 की औद्योगिक नीतियों को 'विस्तृत दिशा-निर्देशक' की संज्ञा दी जा सकती है। औद्योगिक नीति 1991 (industrial policy 1991)पी वी नरसिम्हा राव ने 24 जुलाई 1991 को उदारवादी औद्योगिक नीति की घोषणा किया। इस औद्योगिक नीति में अर्थव्यवस्था को उदार बनाया गया और 18 उद्योगों को छोड़कर बाकी सभी उद्योगों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया। बाद में 5 उद्योगों को छोड़कर बाकी सभी उद्योगों को लाइसेंस से मुक्त कर दिया गया।वर्तमान में लाइसेंस की आवश्यकता वाले पांच उद्योग :
नई औद्योगिक नीति की प्रमुख विशेषताएं:
|