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Advertisement Remove all ads Short Note पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई डेल्टा क्यों नहीं है? Advertisement Remove all ads Solutionभारत के पश्चिमी भागों में बहने वाली नदियों की ढाल काफी तीव्र है, इसलिए ये नदियाँ अपने मुहाने पर अनेक भागों में न बहकर एक भाग में बहती हैं। अर्थात ये नदियाँ डेल्टा न बनाकर ज्वारनदमुख बनाती हैं। इसलिए पश्चिमी तटीय मैदान पर कोई भी डेल्टा नहीं है। Concept: भूआकृति - तटीय मैदान Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 2: संरचना तथा भूआकृति विज्ञान - अभ्यास [Page 20] Q 2. (iii)Q 2. (ii)Q 3. (i) APPEARS INNCERT Geography Class 11 [भूगोल - भारत: भौतिक पर्यावरण ११ वीं कक्षा] Chapter 2 संरचना तथा भूआकृति विज्ञान Advertisement Remove all ads पश्चिमी तटीय मैदान भारत के पश्चिमी तट और पश्चिमी घाट पहाड़ियों के बीच 50 किलोमीटर (31 मील) चौड़ाई की एक तटीय मैदान पट्टी है, जो तापी नदी के दक्षिण से शुरू होती है। यह मैदान पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच स्थित हैं। मैदान उत्तर में गुजरात से शुरू होता है और दक्षिण में केरल में समाप्त होता है। इसमें महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक राज्य शामिल हैं। इस क्षेत्र में तीन खंड हैं: तट के उत्तरी भाग को कोंकण (मुंबई-गोवा) कहा जाता है, मध्य खंड को करावली कहा जाता है, जबकि दक्षिणी खंड को मालाबार तट कहा जाता है। इसके उत्तरी भाग में दो खाड़ी हैं: खंबात की खाड़ी और कच्छ की खाड़ी। तट के किनारे की नदियाँ ज्वारनदमुख बनाती हैं और मछली पालन के लिए आदर्श स्थिति प्रदान करती हैं। इस भाग में तटीय भूमि कम होने के कारण यह भूमंडलीय ऊष्मीकरण से अधिक प्रभावित होगा। पश्चिमी तट के उत्तरी भाग को कोंकण और दक्षिणी भाग को मालाबार कहा जाता है। दक्षिण मालाबार या केरल तट टूट गया है और कुछ लैगून बन गये हैं। उत्तर मालाबार तट को कर्नाटक तट के रूप में जाना जाता है। यहाँ मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले शरवती नदी 275 मीटर ऊँची चट्टान से नीचे गिरती है और जोग जल प्रपात बनाती है। पश्चिमी तटीय मैदान उत्तर में दक्षिण में कन्याकुमारी से 1,500 किमी, उत्तर में दक्षिण से 10 से 25 किमी तक की चौड़ाई, गुजरात के मैदान कोंकण मैदान (दमन से गोवा, 500 किमी), कर्नाटक के मैदानी इलाके तक फैले हुए हैं। (गोवा से 225 किमी दक्षिण में), और कोंकण से कन्याकुमारी तक 500 किमी की दूरी पर केरल तटीय मैदान पश्चिम तटीय मैदान बनाते हैं। वेस्ट कॉन्टिनेंटल शेल्फ बॉम्बे के तट सबसे चौड़ा (350 किमी) है, जहां तेल से समृद्ध बॉम्बे हाई, प्रसिद्ध हो गया है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
Tatiya maidan me bhoutik dashaye- varshik tapantar kam paya jata hai Vsrshik varsha 250cm -400cm hoti hai भारत के प्रायद्वीपीय पठार के पूर्व एवं पश्चिम में स्थित दो संकरे मैदान हैं जिन्हें क्रमश: पूर्वी तटीय मैदान एवं पश्चिमी तटीय मैदान कहा जाता है। इनका निर्माण सागरीय तरंगों द्वारा अपरदन एवं निक्षेपण तथा प्रायद्वीपीय पठार की नदियों द्वारा लाये गए अवसादों के जमाव के कारण हुई है।
चिल्का झील भारत की खारे पानी की सबसे बड़ी झील है,जो ओडिसा के महानदी डेल्टा के दक्षिण में स्थित हैं, तथा यह नदी भी तटीय मैदान पर ही डेल्टा का निर्माण करती हैं। DisclaimerWe strive continuously to provide as precisely and as timely contents as possible, however, we do not guarantee the accuracy, completeness, correctness, timeliness, validity, non-obsolescence, non-infringement, non-omission, merchantability or fitness of the contents of this website for any particular purpose. Notify us by email if we have published any copyrighted material or incorrect informations. CONTACT INFORay Solutions C-21, Siddharth Lake City xamstudy.com [email protected] +91 9300930012 (Whatsapp Only)
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पश्चिमी तटीय मैदान का क्या अर्थ है?पश्चिमी तटीय मैदान भारत के पश्चिमी तट और पश्चिमी घाट पहाड़ियों के बीच 50 किलोमीटर (31 मील) चौड़ाई की एक तटीय मैदान पट्टी है, जो तापी नदी के दक्षिण से शुरू होती है। यह मैदान पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच स्थित हैं। मैदान उत्तर में गुजरात से शुरू होता है और दक्षिण में केरल में समाप्त होता है।
भारत के तटीय मैदान की क्या विशेषता है?तटीय मैदान का महत्व
इन मैदानों में लगभग 12 बड़े तथा अनेक छोटे बंदरगाह स्थित हैं। ये मैदान कृषि की दृष्टि से अत्यंत उपजाऊ हैं। कृष्णा-गोदावरी डेल्टा ने चावल के उत्पादन में हरित क्रांति का नेतृत्व किया है तथा पश्चिमी तटीय मैदानों में विशिष्ट प्रकार की फसलें उगायी जाती हैं।
पूर्वी तट और पश्चिमी तट की वर्षा में भिन्नता क्यों पाई जाती है?दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से भारत के पूर्वी-तट की अपेक्षा पश्चिमी तट पर ज्यादा वर्षा क्यों होती है? Solution : पश्चिमी घाट का पश्चिमी पार्श्व औसत समुद्र तल से लगभग 2500 मी. से अधिक ऊँचा है जिससे अरब सागर शाखा की ओर से आने वाली आर्द्रता युक्त दक्षिण-पश्चिमी मॉनसूनी हवाओं को ग्रहण प्रभावशाली रूप से किया जा सकता है।
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