भारत ने 1968 में परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने से इंकार क्यों किया? - bhaarat ne 1968 mein paramaanu aprasaar sandhi par hastaakshar karane se inkaar kyon kiya?

भारत ने 1968 में परमाणु अप्रसार संधि एनटीपी पर हस्ताक्षर करने से इंकार क्यों किया?...


भारत ने 1968 में परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने से इंकार क्यों किया? - bhaarat ne 1968 mein paramaanu aprasaar sandhi par hastaakshar karane se inkaar kyon kiya?

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1968 में 4 देशों के पास परमाणु हथियार से अमेरिका रूस चीन और फ्रांस एंड चारों देशों की पहल पर एक संधि का मसौदा तैयार किया गया जिसके अनुसार भविष्य में कोई भी देश परमाणु हथियार का परीक्षण नहीं कर सकता है इस संधि के हिसाब से 1 जनवरी 1967 के पहले जितने परीक्षण कर लिया कर लिया उसके बाद में कोई और देश नहीं कर सकता परंतु यह संधि इस प्रकार की कोई रोक नहीं लगाती थी कि यह जो चार्ट दें जिन्होंने परमाणु परीक्षण कर लिया है कि भविष्य में कोई परमाणु परीक्षण नहीं करेंगे सारी रोड केवल अन्य देशों के लिए थी इन 4 देशों के ऊपर कोई रोक नहीं थी इसलिए भारत ने यह कहकर संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए यह संधि एकतरफा जो पहले से परमाणु संपन्न देश है वह किसी भी प्रकार का संयम बरतने की बात नहीं कर रहे हैं ना कोई वादा कर रहे हैं कि भविष्य में वह कि परमाणु परीक्षण नहीं करेंगे इस स्थिति में भारत इस संधि पर हस्ताक्षर नहीं कर सकता उस समय करीब 40 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए और 1970 से यह संधि अगले 25 वर्षों के लिए साइन की गई थी और यह तय हुआ था कि हर 5 साल में इसकी समीक्षा होगी पर उन 295 में इसको अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया है और आज की तारीख में 19110 ऐसे हैं जिन्होंने इसके ऊपर हस्ताक्षर किए हैं जो लोग इसके ऊपर हस्ताक्षर कर देते हैं उनको परमाणु संपन्न देश या भरोसा दिलाते हैं कि परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए जो भी तकनीकी सहायता आवश्यक होगी वह सहायता उनको प्रदान की जाएगी क्योंकि भारत ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए इसलिए इस प्रकार की सहायता लेने में उसको कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ा मुंबई में जो हमारे बाबा में अप्सरा और वगैरह जो न्यूक्लियर पावर प्लांट से उसके लिए कनाडा ने निकले सप्लाई रोक दी थी जब 1974 में अन्य परमाणु परीक्षण किया था हमने 1976 में परमाणु परीक्षण किया उसके बाद में जब अटल बिहारी बाजपेई की करती तब हमने एक और परमाणु परीक्षण किया हमारे तुरंत बाद पाकिस्तान में परमाणु परीक्षण किया जो दक्षिण कोरिया है उसने 1985 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे परंतु 2003 में और संदीप से हट गया था उसने भी कई परमाणु परीक्षण किए हैं इसी प्रकार इजराइल ने भी परमाणु परीक्षण किए हैं पर वह इस बात को खुलेआम स्वीकार नहीं करता है धन्यवाद

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भारत ने 1968 में परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने से इंकार क्यों किया? - bhaarat ne 1968 mein paramaanu aprasaar sandhi par hastaakshar karane se inkaar kyon kiya?

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भारत ने 1968 में परमाणु अप्रसार संधि एनपीटी पर हस्ताक्षर करने से इंकार क्यों किया?

Retired GM ONGC. चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

भारत ने एनपीटी पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है क्योंकि?

जैसा कि भारत हमेशा अप्रसार संधि (एनपीटी) को भारत के प्रति भेदभाव मानता था, इसलिए उसने इस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दियाभारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय संधियों का विरोध किया है जिसका उद्देश्य अप्रसार था क्योंकि वे गैर-परमाणु शक्तियों पर चुनिंदा रूप से लागू थे और पांच परमाणु हथियार शक्तियों के एकाधिकार को वैध बनाते थे।

परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर कब हुए?

परमाणु अप्रसार संधि (अंग्रेज़ी:नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी) को एनपीटी के नाम से जाना जाता है। इसका उद्देश्य विश्व भर में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के साथ-साथ परमाणु परीक्षण पर अंकुश लगाना है। १ जुलाई १९६८ से इस समझौते पर हस्ताक्षर होना शुरू हुआ। अभी इस संधि पर हस्ताक्षर कर चुके देशों की संख्या १९0 है।

इस समय कितने देशों ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए हैं?

दुनिया में नौ देशों - चीन, फ़्रांस, भारत, इसराइल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान,रूस, अमेरिका और ब्रिटेन - के पास परमाणु हथियार हैं. चीन, फ़्रांस, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन उन 191 देशों में शामिल हैं जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किए हुए हैं.