बिजली से लगी आग को कैसे बुझाए? - bijalee se lagee aag ko kaise bujhae?

आग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड और जल.[1] उत्पन्न होते हैं। ऑक्सीकरण से उत्पन्न गैस आयनीकृत होकर प्लाज्मा.[2] पैदा करते हैं। दहनशील पदार्थ में सन्निहित अशुद्धि के कारण ज्वाला के रंग और आग की तीव्रता में अंतर हो सकता है। सामान्य रूप में आग दाह पैदा करता है जिसमें भौतिक रूप से पदार्थों को क्षतिग्रस्त करने की क्षमता है।

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आग के प्रकार -

1.लकड़ी से लगी आग (class 'A' ) - इसे बुझाने के लिए पानी मिट्टी व रेत का प्रयोग किया जाता है और soda acid fire extinguisher का प्रयोग किया जाता है।

2.तेल से लगी आग ( class 'B') - इसे बुझाने के लिए foam fire extinguisher or CO2 का प्रयोग किया जाता है l

आरा। विगत 14 अप्रैल से जारी अग्नि सुरक्षा सप्ताह के तहत शुक्रवार को रेड क्रॉस भवन में एक कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को मॉक ड्रिल के जरिए आग से बचाव की कई अहम जानकारियां उपलब्ध कराई गई। कार्यक्रम के दौरान अत्यधिक गर्मी, हवा का बहाव, ज्वलनशील वस्तु तथा बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगने वाली आग के बारे में विशेष रूप से चर्चा की गई। प्रशिक्षकों ने प्रयोग के माध्यम से जानकारी देते हुए बिजली, गैस व पेट्रोलिय से लगी आग को बुझाने में एबीसी गैस के इस्तेमाल को सबसे कारगर उपाय बताया। जबकि सिर्फ बिजली से लगी आग को बुझाने के लिए सीओ-2 गैस के इस्तेमाल की आवश्यक्ता बताई। वहीं गैस सिलिडर से लगी आग बुझाने के लिए गीले कपड़े का उपयोग करने को कहा। साथ ही इन सुझावों को प्रयोग कर प्रदर्शित भी किया। प्रशिक्षकों ने बताया कि लकड़ी, कागज या अन्य ज्वलनशील वस्तुओं से लगी आग बुझाने में भी सीओ-2 गैस का उपयोग कारगर होता है। प्रशिक्षकों ने आग लगने के बाद कमरे में धुआं भरने पर उससे बचाव के तरीकों को भी प्रयोग के माध्यम से बताया। कार्यक्रम में बतौर प्रशिक्षक जिला अग्निशमन पदाधिकारी रविशंकर प्रसाद, सहयोगी अग्निक रौशन कुमार, अरुण कुमार, चालक मनोज कुमार शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन रेड क्रॉस सोसायटी की सचिव विभा कुमारी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मदन मोहन द्विवेदी ने किया। इस मौके पर उपस्थित कर्मचारियों में चंचल कुमार, प्रभात कुमार मिश्रा, प्रवीण कुमार, वीर बहादुर सिंह, अमित कुमार, आमोद कुमार, रंजीत राम, भोला प्रसाद, सत्येंद्र प्रसाद, ओम प्रकाश, दिलीप सिंह आदि शामिल थे।

Edited By: Jagran

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धनबाद : सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को आज झारखंड अग्निशमन विभाग की ओर से मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों को आधारभूत जानकारी दी गई। इस मौके पर झारखंड अग्निशमन विभाग के अमरजीत कुमार सिंह (एलएफएम) के नेतृत्व में विद्यालय में आयोजित एक 'फायर फाइटिंग कार्यशाला' के दौरान बच्चों को आग लगने के कारण, तरीके तथा उनपर तात्कालिक कार्यवाही करते हुए कैसे काबू पाया जाए इसकी पूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही बच्चों को प्रयोगात्मक तरीके से आग लगाकर उसपर विभिन्न माध्यमों से काबू करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें एलपीजी सिलेंडर, बिजली उपकरण, तेल, कागज, कपड़े इत्यादि से लगने वाले आग तथा उनपर कैसे काबू पाया जाए तथा किन-किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए यह विस्तारपूर्वक बताया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य रविप्रकाश तिवारी व शिक्षक उपस्थित थे।

इसी तरह अशोक नगर स्थित राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में आग लग जाने पर उससे बचने और उसे बुझाने के तौर तरीकों का व्यावहारिक ज्ञान दिया। प्रधान अग्निचालक बंधु उराव ने बताया कि आग के चार प्रकार हैं। चार प्रकार के आगों की प्रकृति और उसके बुझाने के तरीके और उपकरण अलग-अलग हैं। दस्ते में बंधु उराव, राजेंद्र राम, अमरजीत सिंह, लाल मोहन बेदिया, संजय कुमार सिंह उपस्थित थे। मौके पर प्राचार्य राजेश कुमार सिंह उपस्थित थे।

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चार प्रकार की होती है आग

1- पहला जनरल फायर कोयला, कपड़ा और कागज की आग इस श्रेणी में आती है। इसे पानी और सीओ-2 एक्सटीगाइजर (अग्निशामक) से बुझाते हैं।

2- दूसरा तेल की आग डीजल, पेट्रोल की आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे डीसीपी एक्सटीगाइजर एवं फोम एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं।

3- रासायनिक एवं बिजली आग शॉर्ट सर्किट और बिजली से लगी आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे डीसीपी एवं सीओ-2 एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं।

4- धातु आग किसी भी धातु में लगी आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे डीसीपी सीओ-2 एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं।

इसे सुनेंरोकें3- रासायनिक एवं बिजली आग शॉर्ट सर्किट और बिजली से लगी आग इस श्रेणी में आते हैं। इसे डीसीपी एवं सीओ-2 एक्सटीगाइजर से बुझाते हैं।

आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंध करना चाहिए?

इसलिए आज हम बता रह हैं सुरक्षा के ऐसे कुछ उपाय जो आग लगने पर काम आ सकते हैं:

  1. आग लगने पर तुरंत 101 नंबर पर कॉल करके सूचना दें।
  2. आग लगने पर सबसे पहले इमारत की अग्नि चेतावनी की घंटी (फायर अलार्म) को सक्रिय करें।
  3. आग लगने पर लिफ्ट का उपयोग न करें, सिर्फ सीढ़ियों का ही प्रयोग करें।

घर में आग से होने वाली सावधानियों से बचने के लिए आप क्या क्या करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंआग लग जाए तो क्या करें – सबसे पहले आग वाली जगह से बाहर निकलें लेकिन पैनिक क्रिएट करने और दौड़ने की बजाए शांति बनाए रखें। – आग लगने पर कभी भी बेड के नीचे या घर में किसी कॉर्नर में छिपने की कोशिश न करें। – आग लगने की स्थिति में कभी भी लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से ही नीचे जाएं।

अग्नि सुरक्षा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअग्नि सुरक्षा आग के कारण होने वाले विनाश को कम करने के उद्देश्य से किया गया अभ्यास है। अग्नि सुरक्षा उपायों में वे शामिल हैं जो एक अनियंत्रित आग के इग्निशन को रोकने के लिए हैं, और जो आग लगने के बाद आग के विकास और प्रभावों को सीमित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

आग बुझाने वाले सिलेंडर को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंफायर एक्सटिंग्विशर जिसे हम अग्निशमन यंत्र कहते हैं, ये एक छोटा सा गैस सिलिंडर होता है जिसमें ऐसा पदार्थ भरा रहता है जिसे छोड़ने से आग पर नियंत्रण पाया जा सकता है. जानकारी के लिए बता दें कि इस सिलेंडर का इस्तेमाल हम तब ही करते हैं जब आग फैलने का दायरा कम हो.

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विद्युत कार्यालय में आग बुझाने के लिए क्या उपलब्ध होना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंआग बुझाने के लिए साधारणत सबसे अच्छी रीति पानी उड़ेलना है। बालू या मिट्टी डालने से भी छोटी आग बुझ सकती है। दूर से अग्नि पर पानी डालने के लिए रकाबदार पंप अच्छा होता है।

जलते हुए तेल की आग बुझाने के लिए क्या प्रयोग नहीं करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंकानपुर देहात, जागरण संवाददाता : यदि कभी तेल में आग लग जाए तो उसे बुझाने के लिए पानी डालने की गलती नहीं करें बल्कि इसके लिए फोम वाले पानी का प्रयोग करें। यह पानी हलका झागयुक्त होता है, इससे तेल ऊपर नहीं आ पाता है और आग बुझने लगती है।

आग बुझाने के लिए क्या करना चाहिए?

आग बुझाने के उपाय

  1. आग लगाने पर उपलब्ध साधनों से आग बुझाने का प्रयत्न करें।
  2. बेकाबू आग लगने पर फायर ब्रिगेड को सूचित करें।
  3. तेल व बिजली से लगी आग को पानी से ना बुझाई, रेत आदि का प्रयोग करें.
  4. बिजली से आग लगने पर तुरंत विद्युत आपूर्ति काट दे।
  5. शरीर पर आग लगने पर भागना नहीं चाहिए।

एक बिल्डिंग में आग लग गई है आग बुझाने में आपातकालीन परिस्थितियों में आप क्या कर सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसूचना उपकरण आग या अन्य आपातकालीन परिस्थिति से जुड़ी कार्रवाई करने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए अधिवासियों को सूचित करने के लिए उच्च विश्वसनीयता वाले स्पीकरों का इस्तेमाल किया जाता है। इन स्पीकरों को बड़े-बड़े केन्द्रों में लगाया जाता है जहाँ सामान्य अनिर्दिष्ट निकासी को अव्यावहारिक या अवांछनीय माना जाता है।

आग लगने का तीन कारण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंबिजली से लगने वाले – इसमे बिजली संबंधी आग लगती है। जो बिजली से चलती हैं जैसें टेन, प्रेस, हिटर या तारों के शार्ट-सर्किट इत्यादि। ज्वलनशील तरल और गैस – इसमे पेट्रोल, डीजल, मिट्टी के तेल, एल.पी. तेल और वसा – वनस्पति और जानवर के वसा से लगने वाला आग, खाना बनाने वाले तेल जैसे – सरसों, सूर्यमुखी आदि से लगने वाले आग।

अग्नि त्रिभुज क्या है अग्नि त्रिभुज के प्रकार और व्याख्या कीजिए?

इसे सुनेंरोकें- गैस अथवा पाउडर का प्रयोगकिया जाता है। चतुर्थ श्रेणी – ज्वलनशील ठोस पदार्थों के जलने से होती हैं। जैसे मैग्नीशियम, अल्युमीनियम, जिंके – रासायनिक प्रक्रियाओं से बुझाया जाता हैं। पंचम श्रेणी – जो बिजली केउपकरणों के दुश्प्रयोग अथवा भार्ट सर्किट से होती है।

प्र 3 आग से बचने के लिए विद्यालय में कौन से प्रमुख तीन उपाय करने चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंभवन के अंदर पटाखे व विस्फोटक वस्तुओं का प्रयोग न करें। आग लगने पर लिफ्ट का प्रयोग न करें। पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिचित करें। बुझाकर छोड़ें।

इसे सुनेंरोकेंबिजली में लगी आग को बुझाने में पायरीन अग्निशामक प्रयुक्त होता है.

आग लगने पर कौन से नंबर पर फोन करें?

इसे सुनेंरोकेंजब आपको फायर ब्रिगेड या एम्बुलेंस की जरूरत होती है, तो आप 112 (या 101) पर कॉल करते हैं.

आग लगने के तीन कारण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआग लगने के कारण आग लगने के अनेको कारण है आग घरो मे, बाजारो मे, जंगलों मे और बिजली घरो मे कही भी लग सकती हैं। लोग घरो मे गैस पर खाना बना कर उसे बंद करना भूल जाते हैं। जब लोग कपड़ा प्रेस करती है तो कभी-कभी प्रेस को लगाकर भूल जाते हैं या उसे ज्यादा देर तक गर्म होने को लिये छोड़ देती है।

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फायर कितने प्रकार के होते हैं?

बुझाने के तरीके

  • पहला जनरल फायर कोयला, कपड़ा और कागज की आग इस श्रेणी में आती है।
  • दूसरा तेल की आग डीजल, पेट्रोल की आग इस श्रेणी में आते हैं।
  • रासायनिक एवं बिजली आग शॉर्ट सर्किट और बिजली से लगी आग इस श्रेणी में आते हैं।
  • धातु आग किसी भी धातु में लगी आग इस श्रेणी में आते हैं।

आग कैसे बुझाई जाती है?

इसे सुनेंरोकेंआग को ऑक्सीजन और ईंधन में से किसी एक को अलग कर बुझाया जा सकता है। आग पर पानी की पर्याप्त बौछार पड़ती है तो ईंधन को ऑक्सीजन की उपस्थिति में बाधा पड़ती है और आग बुझ जाती है। आग पर कार्बन-डाइऑक्साइड के प्रयोग से भी आग बुझा जा सकती है।

बिजली से आग लगने पर क्या करना चाहिए?

  1. यदि विद्युत आग लग जाती है तो तुरन्त फायर ब्रिगेड को सहायता के लिए फोन करके बताये।
  2. अगर आग छोटी है, तो आप इसे बेकिंग सोडा प्रयोग करके बुझा सकते हैं।
  3. अगर आग छोटी है तो कपड़ों या भारी कंबल के साथ ऑक्सीजन स्रोत को हटाकर इससे बचा जा सकता है।
  4. इसे बचने के लिए पानी का उपयोग न करें।
  5. अपने आग बुझाने वाले यंत्र की जाँच करें।

Fire नंबर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकंट्रोल रूम के तैयार होने के बाद शहर के लोगों को एंबुलेंस फायर ब्रिगेड या अन्य मदद के लिए एक ही नंबर पर कॉल कर सकेंगे। शुरू में 100 नंबर के साथ-साथ 112 नंबर होगा, जबकि बाद में इसे 112 नंबर ही बना दिया जाएगा। किसी भी एमरजेंसी में इस नंबर पर ही फोन करना होगा।

कहीं आग लग जाए तो फायर ब्रिगेड को बुलाने के लिए कितने नंबर पर डायल करोगे?

इसे सुनेंरोकेंइसी प्रकार आग लग जाने पर फायर ब्रिगेड का 101 नंबर और किसी के अचानक बीमार पड़ जाने पर शीघ्र इलाज के लिए एंबुलेंस बुलाने हेतु 102 नंबर डायल कर घटना की जानकारी देते हुए उस स्थान का पता जरूर बता देना चाहिए, जहाँ उनकी जरूरत है।

आग कैसे लगता है?

इसे सुनेंरोकेंदरअसल आग लगने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता होती है। किसी ज्वलनशील जैसे लकड़ी , कोयला , कागज , आग जलने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन तथा ऊष्मा अर्थात गर्मी का होना । ऊष्मा द्वारा ही ज्वलनशील वस्तु अपने ‘ ज्वलनांक ‘ तक पहुंचती है । हर वस्तु एक निश्चित तापमान पर जलने लगती है यदि तापमान उस वस्तु का ज्वलनांक कहलाता है ।

आग बुझाने वाली गैस का नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआग बुझाने में काम आती है कार्बन डाई आक्साइड

आग बुझाने वाले यंत्र का क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकेंअग्निशमन यंत्र (Fire Extinguisher) एक आग से बचाव का एक युक्ति है जिसकी सहायता से छोटे अकार की आग को बुझाया जा सकता है या उसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।

आग लगने की घटना को क्या कहते है?

इसे सुनेंरोकेंआग दहनशील पदार्थों का तीव्र ऑक्सीकरण है, जिससे उष्मा, प्रकाश और अन्य अनेक रासायनिक प्रतिकारक उत्पाद जैसे कार्बन डाइऑक्साइड and जल. उत्पन्न होते हैं। ऑक्सीकरण से उत्पन्न गैस आयनीकृत होकर प्लाज्मा.

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आग के प्रकार कितने होते हैं?

चार तरह की आग, बुझाने के तरीके अलग

  • पहला जनरल फायर कोयला, कपड़ा और कागज की आग इस श्रेणी में आती है।
  • दूसरा तेल की आग डीजल, पेट्रोल की आग इस श्रेणी में आते हैं।
  • रासायनिक एवं बिजली आग शॉर्ट सर्किट और बिजली से लगी आग इस श्रेणी में आते हैं।
  • धातु आग किसी भी धातु में लगी आग इस श्रेणी में आते हैं।

प्र 1 विद्युत आग का मुख्य कारण क्या है A ढीले जोड़ b अधिक लोड C ख़राब फ्यूज D उपरोक्त सभी?

इसे सुनेंरोकेंआग अगने की दुर्घटना के प्रमुख कारणों में बिजली एक कारण है । बिजली शॉर्ट-सर्किट अत्याधिक गर्मी पैदा होने, ओवरलोडिंग, घटीया उपकरणों के उपयोग, अवैध ढंग से बिजली के तार लगाने, गलत तरीके से की गई बिजली की वायरिंग, लापरवाही और अज्ञानता आदि के कारण ६०% मामले में बिजली से आग लग जाती है।

विद्युत कार्यशाला में आग बुझाने के लिए क्या उपलब्ध होना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंCO2 अर्थात कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस से युक्त सिलेंडर द्वारा हम बिजली से लगी आग को बुझा सकते हैं।

Fire सिलेंडर कितने प्रकार के होते हैं?

आग बुझाने के लिए कई प्रकार के सिलेंडरों का उपयोग किया जाता है । इसमें विभिन्न प्रकार की क्षमताओं के फायर एक्सटिंगिवशर का यूज किया जाता है

  • 1 वाटर टाइप फायर एक्सटिंग्विशर ।
  • 2 फोम टाइप फायर एक्सटिंग्विशर।
  • 3 सोडा वाटर टाइप फायर एक्सटिंग्विशर।
  • 4 CO2 एक्सटिंग्विशर।
  • ड्राई केमिकल पाउडर टाइप फायर एक्सटिंग्विशर।
  • आग क्या है आग के प्रकार?

    श्रेणी A की आग आग की इस श्रेणी मे लकडी , कागज , कपडा , जुट जैसे पदार्थ आते है ।

  • श्रेणी B की आग सामान्यत: इस श्रेणी मे डीजल , पेट्रोल , केरोसिन जैसे तरल द्रव ज्वलनशिल पदार्थों में लगी आग आती है ।
  • श्रेणी C की आग श्रेणी C की आग में LPG, CNG जैसी सभी ज्वलनशिल गैसे आती है।
  • श्रेणी D की आग
  • शॉर्ट सर्किट को कैसे कम किया जा सकता है?

    इसे सुनेंरोकेंग्राउंडेड आउटलेट्स को स्थापित करना, जो कि 3 प्रकार के होते हैं, शॉर्ट सर्किट से बचने का एक आसान तरीका है क्योंकि वे उच्च वोल्टेज झटके को रोकने में मदद करते हैं। यह विशेष रूप से सच है यदि आप उन विद्युत उपकरणों को जोड़ते हैं जिनमें आंतरिक शॉर्ट सर्किट होता है।

    विद्युत खतरों से बचाव के लिए कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए लिखिए?

    इसे सुनेंरोकें- पावर प्वाइंटस को कवर करके रखें। यदि घर में छोटे बच्चे हों तो सभी प्वाइंट्स में प्लग प्रोटेक्टर्स लगाकर रखें। – गीले हाथों से बिजली के किसी भी उपकरण को न चलाएं। बाथरूम में बिजली के उपकरणों का प्रयोग करते समय विशेष तौर पर सावधानी बरतें।

    इसे सुनेंरोकेंऊष्मा द्वारा ही ज्वलनशील वस्तु अपने ‘ ज्वलनांक ‘ तक पहुंचती है । हर वस्तु एक निश्चित तापमान पर जलने लगती है यदि तापमान उस वस्तु का ज्वलनांक कहलाता है । जब किसी वस्तु का तापमान ज्वलनांक तक पहुंच जाता है तो उसमें आग लग जाती है और वह वस्तु वातावरण में उपस्थित ऑक्सीजन की सहायता से जलती रहती है ।

    बिजली से लगी आग पर क्या डालना चाहिए?

    बिजली में लगी आग को बुझाने में पायरीन अग्निशामक प्रयुक्त होता है.

    तेल तथा बिजली से लगी आग को कैसे नियंत्रित किया जाता है?

    विद्युत उपकरणों में लगी आग या तेल द्वारा लगी आग को जल द्वारा नहीं बुझाया जा सकता, क्योंकि जल विद्युत का अच्छा चालक है तथा तेल से भारी होता है। इस कारण तेल ऊपर आकर जलने लगता है। इस प्रकार की आग की लिए कार्बन डाइऑक्साइड का प्रयोग अग्निशामक के रूप में किया जा सकता है।

    आग बुझाने के 4 तरीके क्या हैं?

    वाटर एक्सटिंग्विशर आग बुझाने के मामले में सबसे ज्यादा प्रयोग वाटर एक्सटिंग्विशर का ही होता है. ... .
    फोम एक्सटिंग्विशर पेट्रोल-डीजल या अन्य ज्वलनशील पदार्थ में लगी आग को फोम एक्सटिंग्विशर के माध्यम से बुझाया जाता है. ... .
    पॉवडर एक्सटिंग्विशर ... .
    कार्बन डाइऑक्साइड एक्सटिंग्विशर ... .
    वेट केमिकल एक्सटिंग्विशर.

    बिजली से लगी आग को पानी से क्यों नहीं बुझाना चाहिए?

    पानी बिजली का सुचालक है. अगर बिजली के शॉर्ट सर्किट से आग लगी है और बिजली का कनेक्शन चालू है तो पानी डालने से पानी फेंकने वाला बिजली के सम्पर्क में आकर चिपक सकता है. यानि कि आग लगने के साथ साथ एक और मुश्किल खड़ी हो जाएगी.