नमक के दरोगा में वंशीधर के पिता बंशीधार को किस प्रकार की नौकरी देना चाहते दिलाना चाहते थे?... Show
ज्ञान गंगापितारसायन विज्ञान आचार्य समशेर सिंह यादववास्तुविद् व संस्कृत प्रोफेसर1:06 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार अब आपने पूछा है नमक के दरोगा में बंशीधर के पिता बंशीधर को किस प्रकार की नौकरी देना चाहते दिलाना चाहते थे देखिए इसमें बंशीधर के जो पिता थे उसको बहुत ही लालची दिखाया गया है और उनका मानना था कि जो तनखा मिलती है जो वेतन मिलता है वह तो ईद का चांद होता है अर्थात 1 दिन महीने में दिखाई देता है और वह घटता रहता है लेकिन उसके अलावा जो रिश्वत है जो ऊपर ही आए हैं जिसको ऊपर आएगा गए इस पाठ के अंदर वह एक बहता हुआ सरोवर है जिसमें चाहे जब गोते लगा लो चाहे जब हाथ धोए जा सकते हैं इस प्रकार को उनके साथ साथ वह चाहते थे कि मेरा बेटा बंशीधर वह नौकरी करें जिसके अंदर ऊपरी आय आदि को धन्यवाद Romanized Version 41 1590 1 जवाब ऐसे और सवाल बंशीधर के पिता बंशीधर से क्या चाहते थे?...और पढ़ें डॉ साधना गुप्ताPh.d / net / Acupressure/ World Record Holder वंशीधर की नौकरी छूट जाने पर उसके पिता की प्रतिक्रिया कैसी थी?...वेदर की नौकरी छूट जाने पर उसके पिता को एक पत्र में कैसी थी हरऔर पढ़ें Rihan ShahI want to become An IAS Officer (Love Realationship Full Experience) बंशीधर का गाना कौनसा है?...शादी की नमस्कार गुड इवनिंग आपने कृष्ण क्या है आपने गुस्सा है बंशीधर का गानाऔर पढ़ें Ashwani Thakur👤Teacher & Advisor🙏 वंशीधर के पिता द्वारा दी जाने वाले सिख स क्या आप सहमत है? और क्यों?...वंशीधर के पिता द्वारा दी जाने वाली एक से क्या आप सहमत हैं भैया उन्होंनेऔर पढ़ें Harsh GoyalChemical Engineer यह साल में बंशीधर कौन सा गाना निकाला?...यह साल में बंशीधर कौन सा गाना निकला है आपने आपस में पूछा है तोऔर पढ़ें saurabh kumarTeacher बंशीधर का घर कहाँ पड़ता है कौन सा ज़िला घर किधर है?...आपका प्रश्न यह है कि बंशीधर का घर कहां पड़ता है कौन सा जिला घरऔर पढ़ें Pradeep SinghTeacher नमक का दरोगा कहानी के माध्यम से मुंशी प्रेमचंद हमें क्या संदेश देना चाहते हैं आंसर?...और पढ़ें Narendar Guptaप्राकृतिक योगाथैरिपिस्ट एवं योगा शिक्षक,फीजीयोथैरीपिस्ट सत्यवादी होते हुए भी वंशीधर अकेले क्यों पड़ गए?...मैं हूं मागिलाल उत्तराखंड श्रीनगर से प्रश्न है सत्यवादी होते हुए भी वंचित अकेले क्योंऔर पढ़ें उमा घिल्डियालAuthor नमक का दरोगा किसकी रचना है?...और पढ़ें Shailesh Kumar DubeyYoga Teacher , Retired Government Employee
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अर्थात उनके बंशीधर के पिता चाहते थे कि बंशीधर ऐसी नौकरी करें, जहाँ पर ऊपरी कमाई की जुगाड़ हो यानी वह रिश्वत ले सके। बंशीधर के पिता के अनुसार नौकरी पेशा व्यक्ति का वेतन तो पूर्णमासी के चाँद के समान है, जो केवल महीने में एक बार दिखता है, और धीरे-धीरे घटता जाता है।
बंशीधर पिता का क्या नाम था?इनके पिता पं॰ छेदीलाल शुक्ल सीधे-सादे सरल ह्रदय के किसान थे जो अच्छे अल्हैत के रूप में विख्यात थे और आसपास के क्षेत्र में उन्हें आल्हा गायन के लिए बुलाया जाता था। वे नन्हें बंशीधर को भी अपने साथ ले जाया करते थे। पिता द्वारा ओजपूर्ण शैली में गाये जाने वाले आल्हा को बंशीधर मंत्रमुग्ध होकर सुना करते थे।
मुंशी वंशीधर के पिता ने नौकरी में उदय को क्या नाम दिया?मुंशी वंशीधर के पिता ने नौकरी में पद को पीर का मजार का नाम दिया था। मुंशी बंशीधर के पिता एक अनुभवी पुरुष थे और जब मुंशी वंशीधर रोजगार की खोज में निकले, तो वह अपने बेटे को समझाने लगे कि नौकरी में पद की ओर ध्यान मत देखना। यह तो पीर का मजार है। निगाह चढ़ावे और चादर पर रखनी चाहिए।
बंशीधर के पिता ने नौकरी के बारे में अपने पुत्र को क्या सीख दी?उनके पिता ने घर से निकलते समय उन्हें बहुत समझाया जिसका सार यह था कि ऐसी नौकरी करना जिसमें ऊपरी कमाई हो और आदमी तथा अवसर देखकर घूस जरूर लेना। वंशीधर पिता से आशीर्वाद लेकर नौकरी की तलाश में निकल जाते हैं। भाग्य से नमक विभाग के दारोगा पद की नौकरी मिल जाती है जिसमें वेतन अच्छा था साथ ही ऊपरी कमाई भी ज्यादा थी।
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