बुधवार का व्रत क्यों किया जाता है - budhavaar ka vrat kyon kiya jaata hai

जानिए बुधवार का व्रत क्यों रखा जाता है और इसकी विधि क्या है

जैसा कि आपको पता ही है कि बुध ग्रह का महत्व हमारे जीवन में बहुत है। जबकि बुधवार का व्रत वो लोग करते है जिनके ऊपर बुध ग्रह का कुप्रभाव होता है और वो इससे बचना चाहते हैं। बता दें कि बुध ग्रह व्यक्ति को विद्वता, वाद-विवाद की क्षमता प्रदान करता है। इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि यह  जातक के दांतों, त्वचा और गर्दन पर भी प्रभाव डालता है। तो आइये आज हम बुधवार व्रत के बारे में अच्छे और विस्तार से जानेंगे, तो चलिए शुरू करते है।

क्या है बुधवार के व्रत रखने का मुख्य उद्देश्य

सबसे पहले तो हम यह जानेंगे कि आखिर बुधवार का व्रत रखने का मुख्य उद्देश्य क्या है। तो जाने माने ज्योतिषों के अनुसार इस व्रत को नियमित रूप में रखने से सर्व सुखों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा भविष्य में जीवन में किसी भी प्रकार की कोई कमी या अभाव नहीं रहता और बुद्धि में वृद्धि होती है।

बुधवार व्रत विधि

बुधवार व्रत से यह तो साफ़ हो जाता है कि यह व्रत बुधवार के दिन ही रख सकते है और इसी कारण इसका नाम बुधवार व्रत है। वहीं अगर विधि की बात करें तो भक्तजनों को इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और फिर सफाई करनी चाहिए। इसके बाद अच्छे से नहा धोकर तैयार हो जाएं। कहा जाता है कि जिस दिन बुधवार का व्रत रखो उस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनने चाहिए जो ज्यादा लागभायक माने जाते है। फिर ऐसा करने के बाद भक्तों को पवित्र जल का घर में छिड़काव करना चाहिए।

भारत के जाने माने ज्योतिषियों द्वारा जाने भगवान बुध की पूजा विधि का सही तरीका।  अभी बात करने के लिए क्लिक करे।

ऐसा करने के बाद अभी घर में कहीं पवित्र जगह पर भगवान बुध या शंकर भगवान की मूर्ति या उनका कोई चित्र लगाएं और उनके सामने धूप और घी का दिया जलाएं और पूजा करें। इसके अलावा व्रत रखने वालों को निम्न मंत्र से बुध की प्रार्थना करनी चाहिए। बुध त्वं बुद्धिजनको बोधदः सर्वदा नृणाम्‌। तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र नमो नमः॥

इस दिन हो सके तो बुधवार व्रत से जुड़ी कथा जरूर पढ़ें और फिर आरती वाचन करें। वहीं प्रसाद में आप गुड़, भात और दही चढ़ा सकते है।

गौरतलब हो कि ज्योतिष ये कहते है कि अगर अच्छा फल पाना है तो इन सबके अलावा भक्तजनों को बुधवार व्रत वाले दिन भगवान को सफ़ेद फूल व हरे रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए इससे ज्यादा लाभ होते है और भगवान प्रसन्न हो जाते है।

बुधवार व्रत के लाभ

इसी बीच आपको बता दें कि बुधवार के दिन अगर आप भी व्रत रखते है तो फायदे बहुत होते है। जी हाँ, बुधवार व्रत से आपके जीवन में कोई अभाव नहीं रहता है और बुद्धि का विकास होता है। वहीं नियमित और सही समय पर यह व्रत करने से घर के दुःख दूर हो जाते है और सुख शांति बनी रहती है। इसके अलावा रोग नजदीक ही नहीं आते है। तो हम उम्मीद करते है कि आपको इस आर्टिकल से बुधवार व्रत से जुड़ी सारी जानकारी समझ में आ गयी होगी।

बुधवार व्रत विधि का अंग्रेजी अनुवाद पढ़ने के लिए क्लिक करे।

बुधवार का व्रत घर से तमाम विपदाओं को दूर करता है और सुख-शांति लेकर आता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ बुद्ध देव की भी पूजा की जाती है.

बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित हैं. भगवान गणेश बुद्धि प्रदाता होने के साथ शुभता प्रदान करने वाले देव माने जाते हैं. बुधवार का व्रत घर से तमाम विपदाओं को दूर करता है और सुख-शांति लेकर आता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ बुद्ध देव की भी पूजा की जाती है.

अगर आपको त्वचा संबन्धी कोई रोग है, व्यापार में घाटा हो रहा है, कर्ज से परेशान हैं या घर में अक्सर क्लेश बना रहता है तो आपको बुधवार का व्रत जरूर करना चाहिए. ऐसे में ये व्रत काफी फलदायी माना जाता है. जानें इस व्रत से जुड़ी तमाम जरूरी बातें.

कब से शुरू करना चाहिए ये व्रत

बुधवार का व्रत वैसे तो किसी भी महीने में शुक्ल पक्ष के बुधवार से शुरू किया जा सकता है, लेकिन इसे विशाखा नक्षत्र वाले बुधवार से शुरू करना अत्यंत शुभदायी माना जाता है. अग्निपुराण में भी विशाखा नक्षत्र वाले बुधवार से व्रत शुरू करने की बात कही गई हैं. इसके अलावा एक बार व्रत शुरू करने के बाद कम से कम 7 व्रत रहने चाहिए. अगर समस्या ज्यादा विकट है तो 21 या 24 बुधवार तक व्रत रखें. आखिरी व्रत वाले दिन इसका उद्यापन कर दें.

ऐसे करें पूजन

स्नानादि से निवृत्त होकर बुधवार के यंत्र को मंदिर में स्थापित करें. इसके बाद भगवान गणेश को याद करके बुधवार के जितने व्रत करने हों, उसका संकल्प लें. इसके बाद उनकी पूजा करें. पूजा के दौरान उन्हें रोली, अक्षत, दीपक, धूप, दक्षिणा, दूब आदि अर्पित करें. उन्हें लड्रडू या मूंग की दाल का बना हलवा प्रसाद में चढ़ाएं. बुधदेव को याद करके बुध यंत्र का पूजन करें. बुध यंत्र पर जल और हरी इलाएची, रोली, अक्षत, पुष्प आदि अर्पित करें. इसके बाद बुधवार के व्रत की कथा पढ़ें और आरती करें.

ये भी ध्यान रहे

बुधवार के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है. दिन में फलाहार लें और शाम के समय एक वक्त भोजन करें. इसके अलावा शाम को प्रसाद खाकर ही व्रत खोलें, इसके बाद भोजन ग्रहण करें. व्रत वाले दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को हरी मूंग की दाल, हरी सब्जी, हरे वस्त्र या कुछ भी हरे रंग का अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें. किसी की चुगली न करें, न ही किसी के बारे में अपशब्द कहें.

यह भी पढ़ें –  तुलसी चढ़ाने से भगवान गणेश क्यों हो जाते हैं नाराज? जानिए वजह

यह भी पढ़ें – Akshaya Tritiya 2021 : अक्षय तृतीय पर खरीदें ये शुभ चीजें, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

बुधवार का व्रत करने से क्या फायदा होता है?

- बुधवार का व्रत करने से जीनव में धन की कमी से मुक्ति मिलती है, और सुखों की प्राप्ति होती है। - बुध को माल और व्यापारियों का स्वामी माना जाता है। इसीलिए अगर आप के व्यापार में परेशानियां आ रहीं हैं तो ये व्रत करने से परेशानियां दूर हो सकतीं हैं।

बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए?

मनोकामना पूर्ति के लिए इस व्रत की संख्या 7 या 21 होनी चाहिए. आखिरी व्रत वाले दिन विधि वत पूजा कर उद्यापन करें. मान्यता है कि पितृ पक्ष में इस व्रत को शुरु नहीं करना चाहिए. बुधवार व्रत के नियम - व्रतधारी बुधवार व्रत वाले दिन नमक से युक्त भोजन ग्रहण न करें.

बुधवार के व्रत में हमें क्या खाना चाहिए?

* व्रत के दौरान भागवत महापुराण का पाठ भी करवाया जा सकता है। * इसके अलावा बुधवार के व्रत में हरे रंग के वस्त्र, फूल या सब्ज़ी आदि दान करने चाहिए। * इस दिन एक समय दही, मूंग दाल का हलवा या फिर हरी वस्तु से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए। * केवल एक समय भोजन करना चाहिए

गणेश जी का व्रत करने से क्या होता है?

मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने वाले जातक के जीवन में सुख, शांति और यश बरकरार रहता है. साथ ही उसके अन्न और धन के भंडार कभी खाली नहीं होते हैं। इस व्रत में नियम, संयम, और संकल्प निहित होता है। व्यक्ति को अपने जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता को प्राप्त करने के लिए संकल्प और नियमों की आवश्यकता पड़ती है।