चिर जीवो जोरी जुरे क्यों न सुने गंभीर? - chir jeevo joree jure kyon na sune gambheer?

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हलधर बिहारो-सतसई अन्वय-सुभग-सिरमौरु स्यामु जहाँ जहाँ ठाढ़ौ लख्यौ, अजौं वह ठौरु,

उन बिन हूँ, हगन छिनु गहि रहतु । सुभग-सिरमौर = सुन्दर पुरुषों में सर्वश्रेष्ठ । ठौर=स्थान । छिन =क्षण । गहि रहतु=पकड़ लेता है। सुन्दरों के सिरताज श्यामसुन्दर को जहाँ-जहाँ मैंने खड़े हुए देखा था, उनके न रहने पर मी, अाज भी वे स्थान आँखों को एक क्षण के लिए (बरबस) पकड़ लेते हैं-आँख वहाँ से नहीं हटतीं। चिरजीवौ जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर । को घटि ए बृषभानुजा वे हलधर के बीर ॥ ८॥ अन्वय-जोरी चिरजीवी; गॅमीर सनेह क्यों न जुरै, को घटि-ए वृषमानुजा, वे के बीर ॥८॥ चिरजीवौ =(१) सदा जीते रहो, (२) चिर+जीवौ =घासपात खाते रहो । जुरै =जुटे, एक साथ मिले । स्नेह =(१) प्रेम, (२) घी । गंभीर = गम्भीर, अगाध । घटिन्यून, कम, छोटा । बृषभानुजा = (१) वृषभानु+जा

वृषभानु की बेटी, (२) बृषभ+अनुजा= साँड़ की छोटी बहिन । हलधर

(१) बलदेव, (२) हल+धर =बैल । बीर =भाई। (राधा-कृष्ण की यह ) जोड़ी चिरजीवी हो। (इनमें) गहरा प्रेम क्यों न बना रहे ? ( इन दोनों में ) कौन किससे घटकर है ? ये हैं (बड़े बाप !) वृषभानु की (लाडली) बेटी, (और) वे हैं (विख्यात वीर) बलदेवजी के छोटे भाई ! श्लेषार्थ -यह जोड़ी घासपात खाती रहे ! इनसे अगाध घी क्यों न प्राप्त हो ? घटकर कौन है ? ये हैं साँड़ की छोटी बहिन, तो वे हैं बरद के छोटे भाई ! नोट: -इस छोटेसे दोहे में उत्कृष्ट श्लेष लाकर कवि ने सचमुच कमाल किया है। नित प्रति एकत ही रहत बैस बरन मन एक । चहियत जुगल किसोर लखि लोचन जुगल अनेक ॥९॥

चिर जीवो जोरी जुरे क्यों न सुने गंभीर? - chir jeevo joree jure kyon na sune gambheer?

चिरजीवौ जोरी जुरै क्यों न स्नेह गंभीर?

(१) बलदेव, (२) हल+धर =बैल । बीर =भाई। (राधा-कृष्ण की यह ) जोड़ी चिरजीवी हो। (इनमें) गहरा प्रेम क्यों न बना रहे ? ( इन दोनों में ) कौन किससे घटकर है ?

सतसैया के दोहरे ज्यों नावक के तीर देखन में छोटे लगे घाव करे गंभीर किसकी कविता के सम्बन्ध में कहा गया है?

ये दोहा कबीर जी का है।

सतसैया के दोहरे किसका दोहा है?

कुछ प्रसिद्ध दोहे सतसैया के दोहरे, ज्यों नैनन के तीर। देखन में छोटे लगे, बेधे सकल शरीर।

वीर सतसई में कितने दोहे हैं?

सतसई, मुक्तक काव्य की एक विशिष्ट विधा है। इसके अंतर्गत कविगण 700 या 700 से अधिक दोहे लिखकर एक ग्रंथ के रूप में संकलित करते रहे हैं।