हर माता-पिता को अपने छोटे बच्चों को पढ़ाने में समस्या यह होता है की बच्चों को कैसे पढ़ाएं, आज इसी समस्या की हल लेकर हाजिर हैं, और जानेंगे घर पर छोटे बच्चों को पढ़ाने का तरीका जिसके बाद अपने छोटे बच्चों को भी पढ़ा पाएंगे। Show
हर बच्चों को पढ़ना उनके भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी होता है और यह एक माता-पिता के लिए चींता का विषय बना रहता है की उनके बच्चे पढ़ पाएंगे की नहीं ? अगर नहीं पढ़ेंगे तो उनका आगे का भविष्य का क्या होगा | और इसी सब के कारण बच्चे के माता-पिता उन्हें एक अच्छे स्कूल में नामांकन भी करा देते हैं ताकी उनके बच्चे पढ़ें लेकिन होता यह है की कई बार बच्चे स्कूल तो जाते हैं मगर वह ठीक से पढाई नहीं करते हैं | और अपने स्कूल में होनेवाले एग्जाम या मासिक टेस्ट में बहुत काम नंबर लाते हैं उसके बाद माता-पिता को ऐसा लगने लगता है की हमारे बच्चे पढ़ाई में कमजोर है | मगर ऐसा बात नहीं हैं बस जरूरत है उन्हें एक अच्छे मार्गदर्शन का जिसके बाद अच्छी से पढ़ सकेंगे। तो आइये जानते हैं छोटे बच्चों को पढ़ाने के तरीके. ऐसे बहुत से Baccho ko padhane ka tarika hindi हैं जिन्हें अपनाकर आप भी अपने बच्चों को पढ़ा सकेंगे। बच्चों को कैसे पढ़ाएं?सबसे पहले जाने की बच्चों को यह समझें की वह कुछ सीखना चाहतें हैं और वह अभी बिलकुल इस दुनिया में नए हैं, तो ऐसे में उनसे ज्यादा कुछ जानने की उम्मीद न रखें, बल्कि उन्हें वह छोटी से छोटी बातों को सिखने का प्रेरित करें जो वह अभी नहीं जानते हों। इस तरह से पढ़ना सीख जाएंगे। ये हैं छोटे बच्चों को पढ़ाने का तरीका1. बच्चों को दोस्त बनाएंबच्चों के साथ सबसे बड़ी समस्या यह होता है की वह अपने माता-पिता या घर के बड़े लोगों से डरते हैं, ऐसे में उनके साथ एक दोस्त के जैसा व्यवहार करें। उनके हर सवालों को एक मित्र की भांती ही पुछा करें। 2. बच्चों को पढ़ाई में मदद करेंरोज बच्चों के होम वर्क बनाने में मदद करें और उनसे पूछे की उनकी कोई ऐसा विषय है जिनमें उन्हें समझ में ना आता हो वह समझाएं। जिससे उनके पास ज्यादा सवालों को लेकर तनाव उत्त्पन्न ना हो। 3. पढ़ाई की महत्व को बताएंबच्चों को यह समझाएं की पढ़ना उनके लिए बहुत ही जरूरी हैं। और बच्चों के पढ़ने के फायदे का बारे में समझाएं। बच्चों को कहानी या कोई ऐसा कुछ सुनाएं जिनसे की उन्हें पढ़ाई की और उनका रुझान बढ़ें। 4. बच्चों को टास्क देंबच्चों को कोई छोटी- छोटी टास्क दें और उसे पूरा करने को कहें, और पूरी होने के बाद उन्हें शाबासी जरूर दें| और साथ ही उनके हल करने में अपना मार्गदर्शन जरूर दें। 5.बच्चों को उत्साहित करेंउनसे कोई कविता या कहानी कहने को कहें अगर ऐसा न करते हों तो उन्हें ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। और अपने बच्चों को आपस में कविता या कहानियां सुनने और सुनाने को कहें। इस तरह मनोरंजन के साथ-साथ पढ़ाई भी हो जायेगा। 6. सफलता और विफलता में अंतर को बताएँअपने बच्चों को सफलता के राज बताएं और साथ ही यह भी समझाएं की विफलता से नहीं दरें बल्कि विफलता से सिखने को कहें। इस स्थिति में बच्चों को हताश ना होने अलावा उनका हौसला कायम रखने के लिए बोल सकतें हैं। 7. पढ़ाई का दबाव न बनाएंअपने बच्चों को कभी भी पढ़ाई का दबाव न बनाए और उनके ही मन मुताबिक पढ़ने को कहें, और पढ़ने के लिए जबरदस्ती ना करें, जब भी बच्चों के साथ बैठे उनसे प्यार से प्रश्न पूछें, और उनके जबाव की जबरदस्ती ना करें | 8. बच्चे की पढ़ने की तरीके को समझेबच्चे की पढ़ने की तरीके को समझे और उन्हें वैसा ही करने दे क्योंकि सभी लोगों की पढ़ने और लिखने का तरीका अलग अलग हो सकता है। 9. बच्चों का पढ़ने का समय बनाएंबच्चे की इतना समझ नहीं होते हैं की वे खुद से ही पढ़ने के लिए बैठ सकें वो भी एक समय पर उनका जब मन होगा पढ़ेंगे जब मन नहीं करेगा पढ़ने से दिल चुरायेंगे, तो ऐसे में आप खुद ही उनके पढ़ने के लिए समय तय करें और उस वक्त का पालन कराएँ | 10. छोटी-छोटी चीजों से करें शुरुबच्चे को पढ़ाते वक्त ये ध्यान रखें की उन्हें हल्की व आसान चीजें सिखाएं, और वक्त के साथ इसमें बदलाव करते रहें | 11. अनुशासन का रखें ख्यालबच्चों को पढ़ाते वक्त सिर्फ किताब ही नहीं बल्कि नैतिक आदतों पर भी ध्यान दे और ये सब के साथ ही उन्हें सदा अनुशासित रहना भी सिखाएं | 12. बच्चे की गलतियाँ सुधारेस्कूल से आने के बाद उनके साथ बैठें और उनके स्कूल की गतिविधियों के बारे में जानने की प्रयास करें | 13. बच्चे को लिखना सिखाएंबच्चों को पढ़ाते वाक्य यह ध्यान रखें की उन्हें लिखने को ज्यादा कहें अगर आपके बच्चे को अभी ठीक से लिखना नहीं आता तो उन्हें लिखने को सिखाएं नहीं तो उन्हें पेन्सिल से ड्राइंग बनाने को दें | 14. बच्चे को डांटने से बचेपढ़ाते वक्त बच्चों को डांटे नहीं बल्कि उनके गलतियों को नोट करें और पुनः समझाने के बाद फिर से प्रश्नों को हल करने को दें | 15. नए-नए बाते बताएंअपने बच्चों को नए-नए चीजों के बारे में बताएं जो की बिना वजह के भी हो सकता है। और उनके पसंद की चीजों को जानने की कोशिश करें और उसी से जुडी हुई बातें को बताएं | और उसके बारें में प्रश्नों को जानने की प्रयास करें। 16. किताबों से कराएँ दोस्तीसबसे पहले उन्हें किताबें पढ़ना सिखाएं ताकि वह खुद से भी कुछ पढ़ सकें। और उनके सब्जेक्ट से अलग किताबें भी पढ़ने को दे ज्यादा बच्चे रंगीन और चित्रों से भरी हुई किताबों को पसंद करते हैं तो उन्हें उसी प्रकार के किताबें लाकर दें। 17. बच्चों के पसंद के विषय पूछेंसभी बच्चे की पसंद एक जैसा तो हो नहीं सकता है ऐसे में उनसे ही पूछे की उनका मन कौन सा विषय में ज्यादा लगता है, और उनकी पसंद के अनुसार विषयों में आप भी रुची लें और उन्हें ये बताएं की इस विषय में किस तरह के चींजे होते हैं और क्या पढ़ना है। 18. मार्क्स का दबाव ना बनाएंज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को यह सोचकर पढ़ाते हैं ताकि उनकी नम्बर ज्यादा आये लेकिन ये बहुत बड़ा गलत आदत है इसीलिए बच्चों पर अभी मार्क्स का दबाव ना बनायें। 19. बच्चों के मनोरंजन का रखें ख्यालपढ़ाई के साथ उनके मनोरंजन का भी ख्याल रखें छुट्टियों वाले दिनों में अपने आस-पास घुमाने ले जा सकते हैं। और साथ ही ऐसे जगह जाए जहाँ इतिहास जुड़ी हो और उसके बारे में चर्चा करें। इससे बच्चे प्रायोगिक तरीके से किसी भी चीज को सीख पायेंगे और लम्बे समय तक भुलाएँगे नही। 20. खेलने से न रोकेंछोटे बच्चों को कभी खेलने से नहीं रोकें बल्कि उन्हें समय के अनुसार खेलने भी दें और अपने आस परोस के बच्चों के साथ मिलने दे ऐसा करने से बच्चा दुनिया के बारे में भी सिख पाएंगे। ऐसे भी बच्चे अभी नहीं तो कब खेलेंगे। इसिलिए बच्चों को खेलने से ना रोकें। 21. बच्चों को समय का महत्व बतायेंछोटे बच्चों को पढ़ाई के दौरान समय का भी महत्व को बताएं जिससे बच्चें समय पर अपना पढ़ाई कर सके। ये भी पढ़ें-
ये हैं स्कूल में छोटे बच्चों को पढ़ाने का तरीका
2 से 6 साल के बच्चों को कैसे पढ़ाएं?2 से 6 साल के बच्चन बहुत ही छोटे होते हैं जो की अभी पढ़ने से ज्यादा उन्हे सीखना बहुत ज्यादा जरुरी होता है। 2 से 6 साल के बच्चे उम्र के अलग-अलग पराव पर होने के कारण उनके समझने की समय भी अलग-अलग हो सकतें हैं। 2 से 6 साल के बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्हे पहलें नाम से परिचित कराएं उन्हे कविता और कहानियाँ याद कराएं जा सकतें हैं। इन बच्चों को जानवर और फल, पक्षी के नाम याद करायें और किताब में दिए गये चित्र के द्वार उनका परिचित करायें। 2 साल के बच्चों को कैसे पढ़ाएं?जैसा की आप समझ हैं की इस 2 साल के बच्चे बहुत छोटे होते हैं ऐसे में 2 साल के बच्चे को कविता या Abcd पढ़ाएं जा सकतें है साथ ही वह अगर बोलता हो तो ऐसे में कुछ याद कराए जा सकते हैं।
3 साल के बच्चे को कैसे पढ़ाएं?जब आपके बच्चे 3 साल के हो चुकी है तो उन्हे कई प्रकार की ज्ञान दिए जा सकते हैं। जैसे की उन्हे लोगों के परिचय के बारे में बतायें साथ ही 3 साल के बच्चों को खड़ियं भी याद कराए जा सकतें हैं। 3 साल के बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्हे बड़े बच्चों के साथ में भी बैठा सकतें हैं। जिससे की वे पढ़ाई के तरफ ध्यान आकर्षित कर सकें। ऐसे मे यह जरूरी हो जाता है की बच्चे को मन लगाने के लिए उन्हे चित्र वाली किताबें खरीद कर दे सकतें हैं जिन्हे वे देख कर समझ सकें। ऐसे पढ़ाएं 3 साल के बच्चे को
4 साल के बच्चों को क्या और कैसे पढ़ाएं?जब बच्चे 4 साल की हो जाते हैं तो कई स्कूल में नामांकन लेना शुरु कर देते हैं क्योंकि 4 साल के बच्चों को बोलना और चलना कुछ हद तक सीख चूकें होते हैं। ऐसे में उन्हे बहुत कुछ या विषय हैं जो इन्हे पढ़ाया जा सकता है। ऐसे पढ़ाएं 4 साल की बच्चे को
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आशा है की हमारे द्वारा बताई गई बच्चों को पढ़ाने की टिप्स पसंद आया होगा आज हमने सिखा बच्चों को कैसे पढ़ाएं ? और छोटे बच्चों को पढ़ाने का 20 तरीका. Chhote Baccho ko padhane ke tarike hindi इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें। ये भी पढ़े-
FAQ Q.1 - कमजोर बच्चों को कैसे पढ़ाएं ?
Q.2 - बच्चों को हिंदी पढ़ना कैसे सिखाएं ?
शुरुआत में बच्चों को कैसे पढ़ाएं?बच्चों को कैसे पढ़ाएं?. बच्चों को दोस्त बनाएं बच्चों के साथ सबसे बड़ी समस्या यह होता है की वह अपने माता-पिता या घर के बड़े लोगों से डरते हैं, ऐसे में उनके साथ एक दोस्त के जैसा व्यवहार करें। ... . बच्चों का पढ़ने का समय बनाएं ... . छोटी-छोटी चीजों से करें शुरु ... . अनुशासन का रखें ख्याल ... . बच्चे की गलतियाँ सुधारे ... . बच्चों के पसंद के विषय पूछें. छोटे बच्चों को पढ़ना कैसे सिखाएं?किताबों पर उंगलियां रखकर पढ़ाएं – बच्चों को पढ़ना सिखाने के लिए, बच्चों के साथ-साथ माता-पिता को भी पढ़ना चाहिए। साथ ही पढ़ते समय अक्षरों पर उंगलियां रखें। इससे बच्चे को अक्षरों का ज्ञान होगा। इससे बच्चे पढ़ाए जाने वालों अक्षरों या शब्दों को आसानी से पहचान सकेंगे।
6 साल के बच्चे को कैसे पढ़ाएं?6 साल के बच्चे को कैसे पढ़ाएं. बच्चा जो भी क्रिया करें उसका सकारात्मक प्रोत्साहन दें. इस उम्र में वह खुद ही पढ़ना लिखना शुरू करेगा, आप उसे प्रोत्साहित करें. बच्चे के स्वभाव, आदतों आदि के बारे में शिक्षक को अवश्य बताएं. कमजोर बच्चों को कैसे पढ़ना चाहिए?कमजोर बच्चों को पढ़ाने के 5 तरीके-How to improve weak students in studies in hindi. कहानियों के जरिए पढाएं हिस्ट्री हर बच्चा अलग-अलग तरीके से पढ़ाई में कमजोर हो सकता है। ... . खाने-पीने के दौरान पढ़ाएं बायोलॉजी और साइंस ... . मैप से पढ़ाएं जियोग्राफी ... . बोलते समय सिखाएं नए शब्द और वाक्य ... . क्रिएटिव तरीकों से याद करवाएं मैथ्स के फॉर्मूले. |