विशद यानि विस्तृत, व्यापक। विशद के कई और अर्थ हैं मसलन उज्ज्वल; निर्मल; स्वच्छ या श्वेत; सफ़ेद; चमकीला; सुंदर। इसके अलावा लंबा- चौड़ा अथवा स्पष्टता के अर्थ में भी प्रयुक्त किया जाने वाला शब्द है। अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- विशद। प्रस्तुत है शिवमंगल सिंह 'सुमन' की कविता: चलना हमारा काम है 1 year ago फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ मुझ पर विधाता वाम है?'फिर व्यर्थ क्यों कहता फिरूँ, मुझ पर विधाता वाम है' – का आशय स्पष्ट कीजिए। उत्तर: कवि के अनुसार इस संसार में हर व्यक्ति को सुख और दुख सहना पड़ता है और ईश्वर के आदेश के अनुसार चलना पड़ता है। इसीलिए कवि कहता है कि दुःख आने पर में क्यों कहता फिरूँ के मुझसे विधाता रुष्ट है।
क गति प्रबल पैरों में भरी से कवि का क्या तात्पर्य है?ICSE Class 10 Chalna Humara Kaam (Sahitya Sagar): Videos, MCQ's & Sample Papers | TopperLearning.
विधाता वाम है से क्या तात्पर्य है किस प्रकार के लोग ऐसा कहते हैं?(iii) "विधाता वाम" का तात्पर्य है कि ईश्वर हमारे विरुद्ध है। कवि का कहना है सुख-दुख जीवन का अनिवार्य अंग है।
घ उपर्युक्त पंक्तियों द्वारा कवि क्या संदेश दे रहा है उत्तर?उसके यश की कीर्ति चारों दिशाओं में गूंजती है | कवि महान परोपकारी व्यक्तियों; यथा- दधीचि, रंतिदेव, उशीनर, कर्ण आदि का उदाहरण देते हुए अपने तथ्य को स्पष्ट करते हैं। हमें कभी भी अपने धन तथा कुशलता पर गर्व नहीं करना चाहिए। जब तक परम पिता परमेश्वर हमारे साथ हैं, तब तक हम भाग्यहीन तथा अनाथ नहीं हैं।
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