गले में एसिड क्यों बनता है? - gale mein esid kyon banata hai?

जो भोजन हम खाते हैं वह ठीक से पचाने की ज़रूरत होती है. पचाने की प्रक्रिया है, प्रकेरा के दौरान हमारे पेट में एसिड बनता है. लेकिन अधिकांश समय इस एसिड की मात्रा का उत्पादन होता है इसके मुकाबले यह आवश्यक है. इससे खट्टे मतदाता पैदा हो सकता है, जिससे गले और छाती, गैस और थकान में जलन हो सकती है.

गले में जलन के और भी कारणों से सच्चे हैं. खैने से एलर्जी, जीवाणु और वायरल संक्रमण और अन्नप्रणाली के सूजन की वजह से वह उसके कारण हैं. कई बार, गले में दर्द वायरल संक्रमणों जैसे कि आम सर्दी या फ्लू के कारण होता है. जिसमें नाक चलने के साथ खांसी और बुखार होता है.

गले में हल्की जलन से निपटने के लिए, कुछ जीवनशैली से संबंधित परिवर्तनों को पेश करना महत्वपूर्ण है. बाजार में भी दवाएं अपलाभ हैं जो गेल की जलन से होती है. इस लेख में गले की जलन के मामले में राहत लाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं.

स्वयं सहायता: वज़न कम करने के पेट के दबाव से काम कर है और यह भी एसिड भाटा को आसान बनाता है. यह, बदले में, गले में जलन कम करने में मदद करता है. नींबू का रस और सेब साइडर सिरका को पानी के साथ साथ भी गले को आराम मिलता है.

एक बेहतरीन अभ्यास के रूप में, गले की जला से सह पालने के लिए आप अपने भोजन को अक्सर भोजन ले सकते हैं. अल्कोहल कम करें, धूम्रपान छोड़ दें, ज्यादा मसलेदार खाने को कैसे करे और अपना पानी पीने से बचना चाहिए.

  1. बेकिंग सोडा: आधे चम्मच बेकिंग सोडा को एक ग्लास पानी में मिक्स करते हुए पीने से गले में जलन कम होती है. यह हमारे पेट के एसिड को निष्पक्ष कर रहे हैं.
  2. मुसब्बर वेरा: खाना खाने से पहले एक कप का मुसब्बर वेरा रस पीने से गले और सीने की जलन से बच जा सका है. यह एक लेक्टेसी की तार्ह काम करे है और कब्ज के मामले में भी राहत लाती है.
  3. गले के स्प्रे और लोजेंज: क्लोरेसेप्टिक स्प्रे एंटीबायोटिक और सुन्न गुण हैं. यह गले के दार्ड को भी काम करते है और संक्रमण के लिए भी कर रहे हैं. लोझेंज बाजार में असैनानी से मिल जाए और यह एक परेशान गले को शांत करने में मदद करता है.
  4. आयुर्वेदिक उपचार: कच्चा आमला गले को आराम देता है और सब्सिडी से प्यार दिखता है. तुलसी के पत्ते रोज़ सुबह खाली पेट खाने से गैस नई बनती है और गले की जलन में आराम मिलता हैं. गुड़ भी हालत के लिए एक प्रभावी इलाज है. दूध में हल्दी मिलाकर लेना किसी प्रकार के गले के संक्रमण को ठीक करता है और दर्द कम करता है.

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एसिड रिफ्लक्स उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारा भोजन से बनने वाला एसिड आंतों के निचले हिस्से में जाने की बजाय वापस इसोफेगस की ओर लौटने लगता है. जब खाना ढंग से पचता नहीं है तो वह एसिड का निर्माण करता है और यह एसिड वापस इसोफेगस की ओर आने लगता है.

हम जो भी भोजन करते हैं, वो एक नली के द्वारा मुंह से होकर पेट तक जाता है. उस नली को इसोफेगस कहते हैं. इसोफेगस का दूसरा नाम भोजन नली भी है. यह नली गले और पेट के बीच एक तरह से पुल का काम करती है, जिससे होकर भोजन पहले छोटी आंत, फिर बड़ी आंत से होता हुआ किडनी तक की यात्रा तय करता है. यह एक बेहद जटिल प्रक्रिया होती है. खाया गया भोजन पचकर शरीर को आवश्‍यक जरूरी तत्‍व प्रदान करने और उसका वेस्‍ट हिस्‍सा शरीर से बाहर निकलने से पहले एक लंबी प्रक्रिया से गुजरता है.

एसिड रिफ्लक्‍स उस स्थिति को कहते हैं, जब हमारा भोजन से बनने वाला एसिड आंतों के निचले हिस्‍से में जाने की बजाय वापस इसोफेगस की ओर लौटने लगता है. जब खाना ढंग से पचता नहीं है तो वह एसिड का निर्माण करता है और यह एसिड वापस इसोफेगस की ओर आने लगता है.

एसिड रिफ्लक्‍स के लक्षण

हालांकि गैस, अपच, एसिडिटी और एसिड रिफ्लक्‍स की समस्‍या कभी भी पाचन तंत्र में होने वाली किसी भी गड़बड़ी के कारण हो सकती है. ज्‍यादा तेल-मसाले वाला खाना खाने, गरिष्‍ठ खाना खाने या भूख से ज्‍यादा खा लेने पर भी एसिडिटी या अपच हो जाती है, लेकिन कुछ खास लक्षण ऐसे हैं, जो प्रोलॉंग एसिड रिफ्लक्‍स की ओर इशारा करते हैं.

अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण को लंबे समय तक महसूस करें तो उसे इग्‍नोर न करें. यह एसिड रिफ्लक्‍स हो सकता है.

पेट में जलन

अगर आपको अकसर खाना खाने के बाद पेट में जलन सी महसूस होती है तो इसका अर्थ है कि खाना पच नहीं रहा है और इसकी वजह एसिड रिफ्लक्‍स हो सकती है.

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सीने में जलन

अगर खाना खाने के तुरंत बाद आपको सीने में जलन सी महसूस होती है तो इसे इग्‍नोर न करें. तुरंत डॉक्‍टर की सलाह लें.

खट्टी डकारें आना

भोजन के उपरांत और उसके कई घंटे बाद भी अगर आपके मुंह से खट्टी डकारें आ रही हैं या सांस में एसिडिक एहसास बना हुआ है और यह लंबे समय से हो रहा है तो यह एसिड रिफ्लक्‍स का संकेत हो सकता है.

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मुंह से बदबू आना

लंबे समय तक एसिड रिफ्लक्‍स की स्थिति बनी रहने वाली हमारी सांस पर भी उसका असर दिखाई देने लगता है. मुंह से हमेशा एक एसिडिक किस्‍म की महक आती रहती है. जेसे टीवी के विज्ञापनों में दिखाते हैं कि मुंह की बदबू की वजह टूथब्रश करना नहीं होता. ऐसा नहीं है. हालांकि ब्रश रोज दो बार करना चाहिए लेकिन फिर भी मुंह से आनी वाली स्‍थाई दुर्गंध की मुख्‍य वजह पाचन तंत्र की गड़बड़ी है.

खाना निगलने में दर्द होना

अगर आपको खाना निगलने में परेशानी हो रही है तो इसे भी इग्‍नोर न करें. यह एसिड रिफ्लक्‍स की शुरुआत हो सकती है.

गले में गांठ बनना

लंबे समय तक एसिड रिफ्लक्‍स की स्थिति बनी रहने पर गले में गांठ भी हो सकती है.

बार-बार लंग इंफेक्‍शन होना

एसिड के इसोफेगस में लौटने की वजह से बार-बार लंग इंफेक्‍शन भी होने लगता है. इसलिए इस संकेत के प्रति भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.

गले में एसिडिटी होने पर क्या करें?

शहद को चाय में या गर्म पानी में मिलाकर पीने से गले की जलन (Burning Throat) में आराम मिलता है. कई बार श्वास नली में दिक्कत होने पर या एसिडिटी में भी गले में जलन (Throat Burn) होने लगती है. दही आपको ठंडक और आराम देगी. आइसक्रीम खाने से गले की जलन कम होती है.

ज्यादा एसिड बनने से क्या होता है?

भोजन करने के बाद जब भोजन पेट के अंदर पाचन तंत्र में पहुंचता है, तब इस भोजन को पचाने के लिए एक एसिड बनता है। यह पेट में भोजन को पचाने का काम करता है। जब यह एसिड पेट में जरूरत से ज्यादा बनने लगे तो एसिडिटी हो जाती है। इससे पेट में जलन होने लगती है, जो छाती तक पहुंच जाती है।

एसिडिटी से कौन सी बीमारी होती है?

सीने और गले में लगातार जलन, सूखी खांसी, पेट फूलना, सांसों में बदबू, खट्‌टी डकार, कभी-कभी उल्टी होना, उल्टी में अम्ल या खट्‌टे पदार्थ का निकलना जैसी समस्याएं एसिडिटी के कारण होने लगती हैं। 1) लम्बे समय से एसिडिटी है तो..? अगर एसिडिटी लंबे समय से है तो इससे पेट में छाले या सूजन हो सकती है।

एसिड बनने के क्या लक्षण है?

एसिडिटी के लक्षण (Symptoms of Acidity).
सीने में जलन जो भोजन करने के बाद कुछ घंटो तक लगातार रहती है।.
खट्टी डकारों का आना कई बार डकार के साथ खाने का भी गले तक आता है।.
अत्यधिक डकार आना और मुँह का स्वाद कड़वा होना.
पेट फूलना.
मिचलाहट होना एवं उल्टी आना.
गले में घरघराहट होना.
साँस लेते समय दुर्गन्ध आना.
सिर और पेट में दर्द.