इसे सुनेंरोकेंआइये जानते हैं गणेश स्थापना का शुभ समय और पूजा विधि. गणेश चतुर्थी के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 18 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त से शुरू होगा और रात 9 बजकर 57 मिनट तक पूजन का शुभ समय रहेगा. खास बात ये है कि इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर भद्रा का साया नहीं रहेगा. गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे? गणेश जी की मूर्ति की स्थापना कैसे करें? इसे सुनेंरोकेंवास्तु शास्त्र के अनुसार भगवान गणेश की मूर्ति दक्षिण या उत्तर दिशा में स्थापित करना
चाहिए। वहीं यदि आपके घर का मेन दरवाजा इस दिशा में है तो भगवान गणेश की प्रतिमा मेन गेट पर स्थापित करें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि जहां पर आप भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें उनकी पीठ नहीं दिखनी चाहिए। इसे सुनेंरोकेंप्रतिमा को सुंदर वस्त्र पहनाएं व प्रभु की प्रतिमा को स्वच्छ जगह पर विराजित करें। विविध पुष्पों से शृंगार, चंदन का लेप आदि करके प्रतिमा को इत्र अर्पित करें। बाद में इनके सम्मुख धुप दीप प्रज्जवलित करें तथा स्तुति, आरती और नैवेद्य
अर्पित करकें जिस देवता या देवी की मूर्ति हो, उनके बीज मंत्र का जप विधि से करें। गणेश स्थापना में गणेश जी का मुंह किधर होना चाहिए? इसे सुनेंरोकें- प्रतिमा या तस्वीर लगाते वक्त केवल इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी का मुंह दक्षिण दिशा (South Direction) या नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए वरना इसका विपरित प्रभाव भी हो सकता है. – आप चाहें तो घर में बैठे हुए और ऑफिस में खड़े गणेश जी का चित्र भी लगा सकते हैं. गणेश जी की स्थापना कैसे करें घर पर? इसे सुनेंरोकेंगणेश जी के स्थान के उलटे हाथ की तरफ जल से भरा हुआ कलश चावल या गेहूं के ऊपर स्थापित करें। धूप व अगरबत्ती लगाएं। कलश के मुख पर मौली बांधें एवं आमपत्र के साथ एक नारियल उसके मुख पर रखें। नारियल की जटाएं सदैव ऊपर रहनी चाहिए। हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें?इसे सुनेंरोकेंसुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें। पारद हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे तो विशेष फल मिलता है। जप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें। प्राण प्रतिष्ठा और स्थापना में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंस्थापित करने का तात्पर्य यह है कि अब यह मूर्ती स्थिर या जागृत हो गयी. प्राण प्रतिष्ठा सिर्फ मूर्ती क़ी ही होती है. किसी यंत्र या अंगूठी क़ी प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती है. इनकी सिर्फ स्थापना होती है. Ganesh Mantra: बुधवार का दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है. सावन में गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. गणेश जी के प्रभावशाली मंत्र आइए जानते हैं-Ganesh Mantra: सावन का पावन मास चल रहा है. 27 जुलाई 2022 को बुधवार का दिन है. बुधवार का दिन गणेश जी की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. इस दिन इन मंत्रों से गणेश जी का प्रसन्न कर सकते हैं और शिक्षा, व्यापार या जीवन की अन्य परेशानियों को दूर किया जा सकता है. गणेश जी का आवाहन मंत्र- गजाननं भूतगणादिसेवितम कपित्थजम्बू फल चारू भक्षणं। उमासुतम शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम।। आगच्छ भगवन्देव स्थाने चात्र स्थिरो भव। यावत्पूजा करिष्यामि तावत्वं सन्निधौ भव।। गणेश जी प्राण प्रतिष्ठा मंत्र- अस्यैप्राणाः प्रतिष्ठन्तु अस्यै प्राणा क्षरन्तु च। अस्यै देवत्वमर्चार्यम मामेहती च कश्चन।। सुख-समृद्धि के लिए गणेश जी का मंत्र- 'ऊँ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुद्धि प्रचोदयात।। सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए- ॐ गं गणपतये नमः.धन प्राप्ति के लिए गणेश जी का मंत्र- ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा। Tags: Ganesh Mantra ganesh ji Sawan 2022 Ganesh Puja 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Astro News in Hindi गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा कैसे की जाती है?आवाहन मंत्र. प्राण प्रतिष्ठा मंत्र. आसान में बैठाने का मंत्र. स्नान का मंत्र. पहले दूध् से स्नान कराएं और यह मंत्र जपें. दही से स्नान कराते वक्त यह मंत्र जपें. घी से स्नान कराते वक्त यह मंत्र जपें. शहद से स्नान करते वक्त यह मंत्र जपें. गणेश जी की स्थापना करने में क्या क्या सामग्री चाहिए?गणेश पूजन सामग्री लिस्ट
भगवान गणेश के पूजन के लिए अभी से गणेश की प्रतिमा, गंगाजल, लाल कपड़ा, धूप, दीप, कपूर, फूल, जनेऊ, दूर्वा, कलश, नारियल, रोली, पंचामृत, मौली, फल, सुपारी, लाल चंदन, पंचमेवा, मोदक शामिल हैं।
घर में गणेश जी की स्थापना कैसे करते हैं?कैसे करें गणेश स्थापना : श्रीगणेशजी के आगमन के पूर्व घर को साफ सुथरा करके सजाया जाता है। इसके बाद गणेशजी की मूर्ति को स्थापित करने के पूर्व ईशान कोण को अच्छे से साफ करके कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और हल्दी से चार बिंदी बनाएं। फिर एक मुट्ठी अक्षत रखें और इस पर छोटा बाजोट, चौकी या लकड़ी का एक पाट रखें।
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