गाय का ऋतु चक्र कितने दिन का होता है? - gaay ka rtu chakr kitane din ka hota hai?

एक डेयरी झुंड के कुशल और लाभप्रद प्रजनन प्रदर्शन के लिए गर्मी (मद) का उचित समय पर पता लगाना बहुत जरुरी है। गाय मादाओं में एक निश्चित अवधि के बाद बार-बार शारीरिक परिवर्तन होते हैं जो उनमें जनन हार्मोनों द्वारा उत्पन्न होते हैं। इसे जनसामान्य की भाषा में पशु का 'गरम होना'  कहा जाता है। और इसे मद चक्र  कहते हैं। मद चक्र लैंगिक रूप से वयस्क  मादाओं में चलता रहता है जब तक वे गर्भ धारण न कर लें। यह चक्र प्रायः मृत्यु तक जारी रहता है।

मद चक्र में हारमोन की भूमिका

मादा पशुओं में मद चक्र एक अत्यन्त जटिल क्रिया है जिसमें अनेक हारमोन कार्य करते हैं। मस्तिष्क के निचले हिस्से से जुडी एक अंत: स्रावी ग्रन्थि जिसे पीयूष ग्रंथि अथवा पिट्यूटरी ग्रंथि कहते हैं जो  पशु प्रजनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रत्येक अंडाशय में जन्म से ही हजारों की संख्या में अपरिपक्क अवस्था में अंडाणु होते हैं। पशु के युवावस्था में आने के बाद पिट्यूटरी ग्रन्थि के अगले भाग से गोनेडोट्रोफिन्स (एफ.एस.एच.एवं.एल.एच.) हार्मोन्स का स्राव होता है जिनके प्रभाव से अंडाशय में अनेक अंडाणुओं की वृद्धि व उनके परपक्कीकरण का कार्य शुरू हो जाता है। इनमें से केवल एक अंडाणु सामान्य रूप से हर 20-21 दिन के बाद ग्रफियन फोलिकल के अन्दर परिपक्क होकर मदकल की समाप्ति के लगभग 10 घण्टे के बाद अंडाशय से बाहर निकल कर डिम्बवाहनियों में प्रवेश करता हैं। यदि इसका इस स्थान पर निषेचन (शुक्राणु से मिलकर भ्रूण में परिवर्तन) नहीं होता, तो ये अंडाणुयहीं नष्ट हो जाता हैं तथा अंडाशय में दूसरा अंडाणु परिपक्क/विकसित होने लगता हैं। यह चक्र तब तक चलता रहता है जब तक की पशु गर्भधारण नहीं कर लेता। इस चक्र को ही मद चक्र कहते हैं।

     मद काल में अंडाशय में ग्रफियन फोलिकल जिसमें कि अंडाणु का परीपक्कीकरण होता है उससे ईस्ट्रोजन हारमोन निकलता है तथा यही हारमोन पशु में गर्मी के लक्षण उत्पन्न करता है। ग्रफियन फोलिकल पशु के मदकल की समाप्ति के कुछ समय बाद फट जाता हैं तथा इस स्थान पर एक अन्य रचना जिसे कोरंपस ल्युटियम (सी.एल) कहते हैं, विकसित होने लगती है। कोरंपस ल्युटियम से एक अन्य हारमोन जिसे प्रोजेस्टरोन कहते हैं जोकि गर्भाशय को भ्रूण के विकास के लिये तैयार करता हैं तथा ये पशु को गर्मीं में आने से भी रिक्त हैं। अत: कोरपस ल्युटियम की गर्भ धारण के पश्चात सफल गर्भवस्था के लिए नितान्त आवश्यकता है। यदि पशु का गर्भकाल में गर्भधान नहीं कराया गया हैं अथवा गर्भधान करने के बाद किसी कारण वश अंडाणु का निषेचन नहीं हो पाया तो मदकाल के लगभग 16वें दिन गर्भाशय से एक विशेष हारमोन जिसे पी.जी.एफ2 अल्फ़ा कहते हैं निकलता है जो अंडाशय में विकसित हुई कोर्पस ल्युटियम को घोल देता हैं। फलस्वरूप प्रोजेस्ट्रोन हारमोन का बनाना बन्द हो जाता हैं तथा अन्य अंडाणु का परीपक्कीकरण शुरू हो जाता हैं और कुछ समय बाद पशु पुन: गर्मी में आ जाता हैं।

मद के स्पष्ट लक्षणों के लिये ईस्ट्रोजन के साथ-साथ कम मात्रा में प्रोजेस्ट्रोन हारमोन जोकि पिछले मद चक्र के समाप्त हो रहे सी.एल. से उत्पन्न होता है, भी आवश्यक है। इसी कारण प्रथम बार बछडियों के मद में आने पर तथा प्रसव के बाद पर उनमें स्पष्ट मद के लक्षण नहीं दिखते।

 गायों में मदकाल के लक्षण

  1. मादा को भूख ना लगना
  2. पशु का रांभना
  3. मादा का विचलित व अधीर होना
  4. मादा का रुक-रुक कर मूत्र विसर्जन करना
  5. मादा की योनि में सुजन व गाढ़े सफेद रंग का स्राव
  6. मादा का पूंछ ऐंठना
  7. मादा का दूसरे पशुओं के साथ आलंबन।

मादा के मदकाल में होने का पता टीजर बैल से भी लगाया जा सकता है। टीजर बैल को मादा के पास ले जाने पर वह विशेष लक्षण दर्शाता है। टीजर बैल मादा के व्यवहार के आधार पर मादा के मदकाल में होने का पता चल जाता है।

इसे सुनेंरोकेंयदि गर्भाधान सही हुआ है तो आप उसके ब्याने का समय निकाल सटे हैं क्योकि गाय का औसत गर्भकाल 280-290 दिन एवं भैंस 305 – 318 दिन।

गाय का ऋतु चक्र कितने दिन का होता है?

इसे सुनेंरोकेंपशुओं में प्रजनन की सफलता के लिए पशुपालकों को मादा पशु में पाए जाने वाले मद चक्र की प्रक्रिया को जानना बहुत ही आवश्यक है। गाय या भैंस सामान्य तौर पर हर १८ से २१ दिन के बाद गर्मी में आती है जो की पशुओं के शरीर का वज़न लगभग २५० किलो होने पर शुरू होता है।

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कैसे पता करें कि गाय गाभिन है या नहीं?

इसे सुनेंरोकें* पशु के हीट में आने के लक्षण में पतले पारदर्शी चमकीले तांते आते हैं, ये तांते अगर पशु के क्रास या AI कराने के बाद भी आते तो समझ जाना चाहिए कि भैंस ठहरी नहीं है, दुबारा फिर क्रास की जरूरत है। * पशु के हीट में आने के 12-14 घंटे के बाद 18 वें घंटे में क्रास करवाना चाहिए।

गाय का बच्चा कितने महीने में पैदा होता है?

इसे सुनेंरोकेंएक अन्य गाय गौरी से पिछले छह महीनों में 56 गर्भाधान करवा चुके हैं। ये सभी बच्चे अगले वर्ष में जनवरी से जून माह के अंत में पैदा होंगे।

ऋतुस्राव क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंमहिलाओं में, एक डिंब परिपक्व होता है और हर 28 से 30 दिनों में एक बार अंडाशय द्वारा जारी किया जाता है। यदि अंडे को एक शुक्राणु द्वारा निषेचित नहीं किया जाता है, तो यह शरीर से गर्भाशय के मोटी पर्त के साथ बाहर निकल जाता है। इससे महिलाओं में मासिक रक्तस्राव होता है और इसे मासिक धर्म कहा जाता है।

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गाय को कैसे पता करें कि प्रेग्नेंट है?

इसे सुनेंरोकेंकेंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने दुनिया में पहली बार पशुओं के लिए गर्भ जांच किट तैयार की है। अब गाय-भैंस में 18 से 20 दिन में भी यह पता लगाया जा सकेगा कि गर्भ ठहरा है या नहीं। किट के पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है। पेटेंट मिलने के बाद यह किट बाजार में आएगी।

गाय में मद चक्र की अवधि कितनी होती है?

पशुओं में प्रजनन में मद की यह अवस्था बहुत महवपूर्ण होती है क्योंकि कृत्रिम गर्भाधान के लिए यही अवस्था सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसकी अवधि लगभग १० घंटे तक रहती है| पशुओं में प्रजनन की इस अवस्था में पशु काफी उत्तेजित रहता है तथा वह अन्य पशुओं में रूचि दिखता है।

गाय में मद चक्र क्या है?

गाय मादाओं में एक निश्चित अवधि के बाद बार-बार शारीरिक परिवर्तन होते हैं जो उनमें जनन हार्मोनों द्वारा उत्पन्न होते हैं। इसे जनसामान्य की भाषा में पशु का 'गरम होना' कहा जाता है। और इसे मद चक्र कहते हैं। मद चक्र लैंगिक रूप से वयस्क मादाओं में चलता रहता है जब तक वे गर्भ धारण न कर लें।

गाय कितने दिनों में बच्चे को जन्म देती है?

गाय गाभिन होने के 9 माह 9 दिन भैंस गाभिन होने के 10 माह 10 दिन में बच्चा देती है। इसलिए पशु के गाभिन होने की तारीख का पता होना जरुरी होता है।

गाय कितने दिन लेती है?

यदि गर्भाधान सही हुआ है, तो उसके ब्याने का समय का अनुमान लगाया जा सकता हैं, क्योकि गाय का औसत गर्भकाल 280-290 दिन एवं भैंस का 305 – 318 दिन होता है।