निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये: Show
636 Views कैप्टन फेरी लगाता था। फेरी वाले हमारी जिंदगी का एक अभिन्न अंग हैं। यह हमारी दौड़ती-भागती जिंदगी को आराम देते हैं। फेरी वाले घर पर ही हमारी आवश्यकताओं को पूरा कर देते हैं। गली में कई फेरी वाले आते हैं जैसे सब्जी वाले, फल वाले, रोजाना काम में आने वाली वस्तुएँ आदि। फेरी वालों ने हमारे जीवन को सुगम बना दिया है। हमें छोटी से छोटी चीज घर बैठे मिल जाती है इससे हमारे समय की बचत होती है। हम अपना बचा हुआ समय किसी उपयोगी कार्य में लगा सकते हैं। कुछ फेरी वाले जहाँ हमारे जीवन के लिए उपयोगी हैं वहीं कुछ फेरी वाले समस्या भी उत्पन्न कर देते हैं। कई कॉलोनियाँ शहर से दूर होती हैं इसलिए वहाँ के लोगों को अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए इन फेरी वालों पर निर्भर रहना पड़ता है। ये फेरी वाले उन लोगों की जरूरतों का फायदा उठाते हुए मनमाने मूल्यों पर वस्तु बेचते हैं। कई बार तो दुगने पैसों पर गंदा और घटिया माल बेच देते हैं। कई फेरी वाले अपराधिक तत्वों से मिलकर उन्हें ऐसे घरों की जानकारी देते हैं जहाँ दिन में केवल बच्चे और बूढ़े होते हैं। फेरी वालों की मनमानी रोकने के लिए उनको नगरपालिका से जारी मूल्य-सूची दी जानी चाहिए। फेरी वालों के पास पहचान-पत्र और लाइसेंस होना चाहिए। 548 Views नेताजी सुभाषचंद्र बोस के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक प्रोजेक्ट बनाइए। विद्यार्थीयो अपने अध्यापका अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें। 681 Views आपके विद्यालय में शारीरिक रूप में चुनौतीपूर्ण विद्यार्थी है। उनके लिए विद्यालय परिसर और कक्षा-कक्ष में किस तरह के प्रावधान किए जाएँ प्रशासन को इस संदर्भ में पत्र द्वारा सुझाव दीजिये । सेवा में आपको विदित ही है कि हमारे विद्यालय में अनेक ऐसे विद्यार्थी हैं जो किसी न किसी रूप से शारीरिक विकलांगता से युक्त हैं। उन्हें विद्यालय में प्रथम अथवा द्वितीय तल पर स्थित कक्षाओं में जाने तथा प्रसाधन कक्षों का प्रयोग करने में बहुत कठिनाई होती है। आप से प्रार्थना है कि शारीरिक रूप से असमर्थ विद्यार्थियों की कक्षाएं निचले तल पर लगाई जाएं तथा सीढ़ियों के साथ-साथ रैंप भी बनाए जाएं जिससे उन्हें आने-जाने में तकलीफ न हो। उनके लिए पुस्तकालय, प्रसाधन कक्षों में भी समुचित व्यवस्था की जाए। आशा है आप हमारी प्रार्थना को स्वीकार कर समुचित प्रबंध कराएंगे। धन्यवाद, 961 Views सीमा पर तैनात फ़ौजी ही देश-प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश प्रेम प्रकट करते हैं; जैसे-सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे कार्यों का उल्लेख करें और उन पर अमल भी कीजिये। हम अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे कई कार्यों को उचित ढंग से कर सकते हैं जिससे देश प्रेम का परिचय मिलता है। पानी हमारे प्राणी जीवन के लिए अनमोल धैरोहर है। पानी का उचित प्रयोग करना चाहिए।
बिना मतलब के पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। पानी की टंकी को खुला न छोड़े। पानी के प्रयोग के बाद तुरंत पानी की टंकी बंद कर देनी चाहिए। 369 Views “वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!” हालदार साहब के मन में नेता जी की मूर्ति पर चश्मा
लगाने वाले के प्रति आदर था। जब उन्हें पता चला कि चश्मा लगाने वाला कोई कैप्टन था तो उन्हें लगा कि वह नेता जी का कोई साथी होगा। परंतु पानवाला उसका मजाक उड़ाते हुए बोला कि वह एक लँगड़ा व्यक्ति है इसलिए वह फौज में कैसे जा सकता है। 400 Views हालदार साहब के चेहरे पर कौतुक भरी मुस्कान क्यों आ गई?हालदार साहब जब पहली बार इस कस्बे से गुजरे और चैराहे पर पान खाने रुके तभी उन्होंने इसे लक्षित किया और उनके चेहरे पर एक कौतुकभरी मुसकान फैल गई।
कौतुक भरी मुस्कान का क्या अर्थ है?- 1. कुतूहल; आश्चर्य; अचंभा 2. विनोद; हँसी-मज़ाक 3.
हालदार साहब के मन में कौतुक और प्रफुल्लता के भाव क्यों उठते थे?Answer. Answer: हालदार साहब के लिए ये कौतुहल दुर्दमनीय हो उठा :- हालदार साहब जब भी नेताजी की मूर्ती को देखते उस पर अलग चश्मा लगा होता। एक बार हालदार साहब ने पानवाले से पूछ लिया, की नेताजी का चश्मा हर बार बदल कैसे जाता है।
हालदार साहब पान वाले से कैप्टन चश्मे वाले के बारे में क्या पूछना चाहते थे?उत्तर- “वह लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में , पागल है पागल”। यह बात हालदार साहब द्वारा चश्मेवाले यानि कैप्टन के बारे में पूछने पर पानवाले ने कही , जो सर्वथा अनुचित है।
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