हरियाणा शहीदी दिवस क्यों मनाया जाता है? - hariyaana shaheedee divas kyon manaaya jaata hai?

हरियाणा के जिला फरीदाबाद में आगामी 23 सितम्बर को शहीद स्मारक पर हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस मनाया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी इंद्रपाल सिंह लांबा ने बताया...

हरियाणा शहीदी दिवस क्यों मनाया जाता है? - hariyaana shaheedee divas kyon manaaya jaata hai?

एजेंसीWed, 16 Sep 2009 10:58 PM

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हरियाणा के जिला फरीदाबाद में आगामी 23 सितम्बर को शहीद स्मारक पर हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस मनाया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी इंद्रपाल सिंह लांबा ने बताया कि इस दिन शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया जाएगा तथा स्कूली बच्चों द्वारा शहीदों की याद में एक रैली का आयोजन होगा।
   

उन्होंने बताया कि इसके अलावा खेल परिसर में शहीदों पर भाषण प्रतियोगितायें भी होंगी । उन्होंने बताया कि इस अवसर पर शहीदों की विधवाओं को भी सम्मानित किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: हरियाणा विशेषकर अहीरवाल की राजनीति में 23 सितंबर का दिन काफी अहम रहा है। वैसे तो यह दिन जंग-ए-आजादी के महानायक राव तुलाराम की पुण्यतिथि व इसके उपलक्ष्य में सरकारी स्तर पर मनाए जाने वाले हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के लिए याद किया जाता है, लेकिन इस दिन का प्रदेश की राजनीति में भी विशेष महत्व है, क्योंकि विशाल हरियाणा पार्टी के कांग्रेस में विलय व जलयुद्ध शुरू करने जैसे बड़े राजनीतिक फैसले इसी दिन लिए गए हैं।

रीजनल सेंटर (अब इंदिरा गांधी विवि) का एलान व रेवाड़ी को जिला बनाने की घोषणा भी इसी दिन हुई थी। इस बार राव इंद्रजीत ¨सह बड़ा जलसा नहीं कर रहे हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक विचारधारा से अलग चल रहे उनके भतीजे राव अर्जुन ¨सह रविवार को कनीना में रणदीप सुरजेवाला को लेकर आ रहे हैं।

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छुट्टी पर रहा है विवाद

पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल ने अपने पहले कार्यकाल में बतौर मुख्यमंत्री तेइस सितंबर को हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस पर विशेष अवकाश घोषित किया था। बाद में जब चौ. बंसीलाल सत्ता में आए तो उन्होंने इस छुट्टी को रद कर दिया था।

तब इलाके में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। तत्कालीन विधायक रघु यादव ने तब वर्ष 1987 में यहां चौधरी देवीलाल की रैली करवाई थी। उन्होंने न केवल शहीदी दिवस पर छुट्टी बहाल की बल्कि रैली के मंच से ही रीजनल सेंटर की घोषणा की थी। तब का रीजनल सेंटर अब इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय बन चुका है। दो वर्ष बाद वर्ष 1989 में फिर राजनीति बदली। राव बिरेंद्र ¨सह ने खुद चौ. देवीलाल की रैली करवाई तथा बतौर सीएम चौ. देवीलाल ने 23 सितंबर 1980 को रैली के मंच से रेवाड़ी को जिला बनाने की घोषणा की। चौ. बंसीलाल ने अपने दूसरे कार्यकाल में छुट्टी को बरकरार रखा।

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ये भी जानिए:

-23 सितंबर 1977 को राव बिरेंद्र ¨सह ने अपनी विशाल हरियाणा पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था।

-23 सितंबर 2003 को रेवाड़ी में हुई रैली में चौ. भजनलाल विरोधी नेताओं ने जलयुद्ध का एलान किया था। इनमें राव

इंद्रजीत ¨सह, चौ. भूपेंद्र ¨सह हुड्डा, चौधरी बीरेंद्र ¨सह व ओमप्रकाश ¨जदल सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता थे।

-23 सितंबर 2013 को रेवाड़ी में विशाल रैली करके ही राव इंद्रजीत ¨सह ने कांग्रेस से 35 वर्ष पुराना नाता तोड़ने की घोषणा की थी। कुछ दिन बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे।

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राव सहित कई नेता आएंगे आज

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह बेशक इस बार बड़ा आयोजन नहीं कर रहे हैं, लेकिन वे रविवार को नाईवाली चौक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचेंगे।

हरयाणा शहीद दिवस हर साल 23 सितम्बर को मनाया जाता है। इस दिवस को हरयाणा के उन शहीदों के मान किया जाता है जिन्होंने इस देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण की बलिदान दे दिया। इस दिन हरयाणा के राज्य में बहुत सी रैली निकाली जाती है। स्कूलों में भाषण प्रतियोगिता की जाती है।

हरियाणा शहीद दिवस पर निबंध – Long and Short Essay on Haryana Shahid Diwas in Hindi

उपायुक्त डॉ. गरिमा मित्तल ने बताया कि सरकार की हिदायतोंनुसार इस वर्ष 23 सितम्बर का दिन हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस को गरिमापूर्ण ढग से मनाया जाएगा। डा. गरिमा मित्तल ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल 23 सितम्बर को जिला रेवाड़ी मुख्यालय (रेवाड़ी) में हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय समारोह के मुख्यातिथि होंगे।

उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर 23 सितम्बर को हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के अवसर पर जनसभाएं समारोह एवं गोष्ठियां आदि आयोजित करके शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इसके अलावा शहीदों के परिवारों तथा युद्ध में वीरता पुरस्कार पाने वालों को स्मृति चिन्ह भेंट कर यथावत सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ साथ जिला स्तर पर आयोजित समारोह में स्वतंत्रता सेनानियों एवं कारगिल के योद्धाओं को भी सम्मान से आमंत्रित किए जाएगा।

शहीद दिवस भारत में उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जो भारत की आजादी, कल्याण और प्रगति के लिए लड़े और अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। इसे हर वर्ष 30 जनवरी को पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। भारत विश्व के उन 15 देशों में शामिल हैं जहाँ हर वर्ष अपने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद दिवस मनाया जाता है।

शहीद दिवस के दिन देश के पिता मोहनदास करमचंद गाँधी की मृत्यु की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है, उनकी हत्या 30 जनवरी को 1948 को नाथूराम गोडसे ने की थी। गोडसे ने गांधी को भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया इस प्रकार उन्होंने गाँधी जी को गोली मार दी। इस बुराई के लिए गोडसे को 15 नवम्बर 1949 को फांसी दी गई थी।

शहीदों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देश की संप्रभुता की रक्षा करते हुए सैनिकों की शहीदता को 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर याद किया गया और इससे 30 जनवरी को शहीद दिवस का नाम दिया गया।

इस दिन न केवल प्रधानमंत्री बल्कि सशस्त्र बलों के प्रमुख अधिकारी भारत के गेट पर शहीदों को सलाम करते हैं। इस दिन आम आदमी भी कुछ समय के लिए अपनी समान्य गतिविधियों को छोड़ कर 2 मिनट के लिए मौन होकर उनके प्रति कृतज्ञता दिखाते हैं। सुबह 11 बजे हर सरकारी प्रतिष्ठान में सायरन की आवाज होती है।

उस समय हर कोई, औद्योगिक इकाइयों या सरकारी कार्यालयों में जहाँ भी हो, यहाँ तक कि आम आदमी भी अपने काम को रोक देते हैं और शहीद आत्माओं कि याद में दो मिनट के लिए मौन करते हैं। फिर दो मिनट के बाद साइरन फिर से बजता है, यानी लगभग 11:2 बजे लोगों को अपना काम करने की इजाज़त होती है।

यह दिन विजयी उत्सव होता है, सैन्य शक्ति नवीनतम हथियार उपलब्धि और विज्ञापन का प्रदर्शन करते हैं। महात्मा गाँधी के अनुयायी उनकी पूजा करते हैं और उद्धरण देते हैं-वह इस धरती पर अबतक के सबसे बड़े इंसान हैं। बापू गुणों और महानता का प्रतीक थे। धन्यवाद!

हरियाणा में 23 सितंबर को शहीदी दिवस क्यों मनाया जाता है?

हरियाणा में 23 सितम्बर का दिन सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक अमर शहीद राव तुलाराम (Rao Tularam) की शहादत के लिए मनाया जाता है

हरियाणा शहीदी दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

सोनल गोयल ने कहा कि 23 सितंबर का दिन 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक अमर शहीद राव तुलाराम की शहादत पर हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हरियाणा शहीदी दिवस कब है?

हरियाणा हर साल 23 सितंबर को राव तुलाराम की याद में 'शहीदी दिवस' मनाता है। 1857 के विद्रोह के दौरान राव तुला राम स्वतंत्रता सेनानी थे। राव तुला राम का जन्म 9 दिसंबर 1825 को हुआ था और वे रेवाड़ी के एक यदुवंशी अहीर राजा थे।

23 सितम्बर को कौनसा दिवस मनाया जाता है?

23 सितंबर को मनाया जाएगा हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस