Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers. Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 6 हम उस धरती की
संतति हैं Textbook Questions and Answers कृति (कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (आ) के लिए) सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए: प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं Additional Important Questions and Answers पद्यांश क्र. 1 कृति 1: (आकलन) प्रश्न 1.
उत्तर:
प्रश्न 2. उत्तर: प्रश्न 3. उत्तर लिखिए: (i) पद्यांश में बड़ाई की गई है, इनकी – (ii) पद्यांश में प्रयुक्त सौरमंडल का एक प्रसिद्ध ग्रह – (iii) पद्यांश में आया वह नाम, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा – (iv) पद्यांश में आया वन का एक हिंसक पशु – उत्तर: (i) पद्यांश में बड़ाई की गई है, इनकी – लड़कों की। (ii) पद्यांश में प्रयुक्त सौरमंडल का एक प्रसिद्ध ग्रह – घरती। (iii) पद्यांश में आया वह नाम, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा – भरत। (iv) पद्यांश में आया वन का एक हिंसक पशु – शेर। कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति) प्रश्न. श्रोता अच्छे कलाकारों की कव्वाली सुनने में पूरी रात गुजार देते हैं, फिर भी उनका मन नहीं, भरता। कव्वालियों में कल्पना पक्ष प्रमुख होता है और उपमाओं की भरमार होती है। कव्वाली गायक किसी बात का उदाहरण देते-देते कहीं भटक जाता है, तो भी वह बड़ी खूबसूरती के साथ फिर अपने विषय पर लौट आता है। लोकप्रियता के कारण कव्वाली को कई फिल्मों में भी समाहित किया गया है। कव्वाली गायकों में से कुछ के नाम तो लोगों की जबान पर होते हैं। पद्यांश क्र. 2 कृति 1: (आकलन) प्रश्न 1. उत्तर प्रश्न 2. उत्तर प्रश्न 3. प्रश्न 4. कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति) प्रश्न. हमारे देश में प्राचीन काल से नारियों का सम्मान करने की परंपरा रही है। हमारे यहाँ नारी को देवी का सम्मान दिया जाता रहा है और उसकी पूजा करने की परंपरा रही है। दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, महाकाली आदि देवियों की हम श्रद्धा और भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं। सीता, सावित्री तथा अनुसूया जैसी महान नारियाँ हमारी आदर्श रही हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा है ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहाँ नारियों की पूजा की जाती है वहीं देवता निवास करते हैं। आज हमारे देश में स्त्रियाँ हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ बराबरी के स्तर पर काम कर रही हैं। आज की नारी पहले की अपेक्षा अधिक जागरूक हो चुकी है। नारी को सम्मान देने से स्त्रियाँ ही सम्मानित नहीं होंगी, बल्कि उन्हें सम्मान देने वाले खुद भी गौरवान्वित होंगे। पद्यांशु क्र. 3 कृति 1: (आकलन) (1) आकृति पूर्ण कीजिए: उत्तर: प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति) प्रश्न. झगड़े के परिणामस्वरूप पीढ़ी-पीढ़ी तक दुश्मनी बनी रहती है। इसलिए झगड़े को भूलकर आपस में बातचीत के माध्यम से ही किसी समस्या का हल निकालने की बात सोचनी चाहिए। अत: किसी समस्या का हल निकालने का सही मार्ग झगड़ा नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण माहौल में आपस में बातचीत कर समझौता करना है। हम उस धरती की संतति हैं Summary in Hindiविषय-प्रवेश : कव्वाली एक लोकप्रिय काव्य विधा है। इसमें दो दल अपनी-अपनी तारीफों अथवा किसी विषय पर अपनी राय को रोचक और तार्किक ढंग से नोक-झोंक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। अच्छे कव्वाली गायकों को श्रोता रात-रात भर सुनते रहते हैं। हम उस घरती की संतति हैं’ कव्वाली के एक दल में लड़के हैं और दूसरे दल में लड़कियाँ हैं। लड़के देश के प्रसिद्ध महापुरुषों और शूरवीर योद्धाओं से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ साबित करते हैं, तो लड़कियाँ सीता, सावित्री तथा युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाली योद्धा नारियों से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ बताती हैं। पर बाद में दोनों दलों को अहसास होता है कि उन्हें इस झगड़े से कोई लाभ नहीं है। स्त्री-पुरुष दोनों भारतमाता के रथ के दो पहियों के समान हैं और देश के लिए दोनों आवश्यक हैं। हम उस धरती की संतति हैं कविता का सरल अर्थ 1. हम उस धरती ……………………………… धरती के लड़के हैं। [कविता में लड़कों (पुरुष जाति) को लड़कियों (स्त्रियों) से बढ़-चढ़कर बताते हुए लड़के अपनी प्रशंसा करते हुए कहते हैं -] “हम उस परती पर रहने वाले लड़के हैं, जिनकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। यह वही घरती है, जहाँ ध्रुव जैसे महापुरुष का जन्म हुआ था और वे इसी मिट्टी में खेलते थे। इसी मिट्टी में भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ था। सारी दुनिया को मालूम है कि वे अपनी धुन के कितने सच्चे थे। यहीं पर भरत जैसे वीर और साहसी महापुरुष का जन्म हुआ था। वे इतने निडर थे कि शेरों के मुँह खुलवाकर उनके दाँत गिना करते थे। __जयमल और पत्ता जैसे वीर इसी मिट्टी में पैदा हुए थे, जो अपने जैसा वीर किसी को समझते ही नहीं थे। लड़के लड़कियों को नीचा दिखाते हुए कहते हैं कि इन सभी कारणों से हम (लड़के) तुम लोगों (लड़कियों) से बढ़कर हैं। इसलिए तुम सब (लड़कियों) हमारा (पुरुषों का) सामना नहीं कर सकती हो। अतः हमारे सामने तुम सब अपना मुँह बंद रखो। कुछ बोलने की कोशिश मत करो।” 2. बातों का जनाब ……………………………… हम उस धरती की लड़की हैं। (लड़कों को अपनी बड़ाई करते हुए सुनकर लड़कियाँ लड़कों को जवाब देती हैं-) दुर्गावती और रजिया सुलताना जैसी मर्दानी वीरांगनाएँ जिस मिट्टी में पैदा हुई थीं, जिन्होंने लड़ाई के मैदान में अपना अद्भुत पराक्रम दिखाया था, हम उस धरती की लड़कियाँ हैं। चाँद बीबी जैसी वीरांगना और जौहर की ज्वाला में हँसते-हँसते कूद जाने वाली महान नारी पद्मिनी का जन्म भी इसी मिट्टी में हुआ था। यह सीता और सावित्री जैसी महान सन्नारियों की जन्म-स्थली है। यदि आप (लड़के) अपने श्रेष्ठ होने की बड़ी-बड़ी बातें करेंगे, तो आप लोग हमारे ताने भी सहिए। याद रखिए, हम (लड़कियाँ) इन सन्नारियों की धरती की लड़कियाँ हैं। 3. यों आप खफा ……………………………… धरती की संतति हैं। (लड़कियों का जवाब सुनकर लड़के समझदारी की बात करते हुए कहते हैं-) (हमारी बातों पर) आप नाराज क्यों होती हैं? इसमें आपस में E झगड़े की कोई बात नहीं है। इस बात में क्या रखा है कि हमसे आप लोग बढ़कर हैं अथवा आप लोगों से हम लोग बढ़कर हैं। इस तरह की बातें हमें आपस में उलझाकर रख देंगी और इससे न हमें कोई फायदा होगा और न आपको ही। सच्ची बात तो यह है कि ध्रुव (पुरुष) और रजिया (स्त्री) दोनों ही इसी धरती भारत माँ की संतान हैं। हम लोग भारत माता के रथ के (स्त्री-पुरुष रूपी) दो पहिए हैं। हम सब इसी धरती की संतान हैं। हम उस धरती की संतति हैं मुहावरे-अर्थ
हम उस धरती की संतति हैं टिप्पणियाँ :
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