कबीर ने संसार को झूठ बोलने को क्यों कहा?... Show चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। प्रश्न है कबीर ने संसार को झूठ बोलने को क्यों कहा उन सारे जो लोग झूठ बोलते हैं उन पर विश्वास करते हैं संसार में रहने वाले लोग सच्ची बातों पर क्रोधित हो जाते हैं झूठ पर देना चाहते हैं संसार में लोगों परमात्मा की प्राप्ति के लिए धार्मिक एंड वालों का सहारा लेते हैं और धन्य विश्वास अंधविश्वास जैसी बातों पर विश्वास करते हैं प्रातः उठकर स्नान करते हैं और अपनी आत्मा को मारकर पत्थरों को पूजते हैं कबीरदास कहते हैं कि यह सब मोह माया है हमें अच्छे काम और प्यार से रहना चाहिए अपने पर विश्वास और सच्चाई के रास्ते चलना चाहिए Romanized Version 1 जवाब Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given UP Board Solutions for Class 9 Hindi Chapter 1 कबीर (काव्य-खण्ड). विस्तृत उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. निम्नलिखित पद्यांशों की ससन्दर्भ व्याख्या कीजिए तथा काव्यगत सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए : 1. सतगुरु हम सँ…………………….भीजि गया सब अंग। (Imp.)
भावार्थ- प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने बहुत सुन्दर ढंग से ज्ञान और भक्ति के क्षेत्र में गुरु की महत्ता का वर्णन किया है। 2. राम नाम के पटतरे….…………………….. हौंस रही मन माँहिं।
3. ग्यान प्रकास्या गुर …………………………….. मिलिया आई।
4. माया दीपक……………………………… उबरंत। 5. जब मैं था ………………………………………. न समाहिं। 6. भगति भजन हरि………….………………………………… सुमिरण सार। देह धरे कर यहु फलु भाई। भजिय राम सब काम बिहाई॥ 7. कबीर चित्त चमंकिया…………………..
बेगे लेहु बुझाई।
8. अंषड़ियाँ झाईं पड़ी ………………………………. राम पुकारि-पुकारि।
9. झूठे सुख को ……………………………..………….कछु गोद। 10. जब मैं था तब ……………………………………………………………देख्या माँहिं। 11. कबीर कहा……………………………………….………..जामै घास। 12. यहुँ ऐसा संसार………………………………………………… न भूलि।
13. इहि औसरि ………………………………………………… मुख बेह।
14. यह तन काचा ………………………………………………… आया हाथि।
15. कबीर कहा गरबियौ…………………………………………………भुवंग।
प्रश्न 2. कबीरदास का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए। कबीर जन्म- 1398 ई०, काशी।मृत्यु- 1495 ई०,
मगहर।
काव्यगत विशेषताएँ (क) भाव-पक्ष-
(ख) कला-पक्ष-
साहित्य में स्थान- कबीर एक निर्भय, स्पष्टवादी, स्वच्छ हृदय, उपदेशक एवं समाज-सुधारक थे। हिन्दी का प्रथम रहस्यवादी कवि होने का गौरव उन्हें प्राप्त है। इनके सम्बन्ध में यह कथन बिल्कुल ही सत्य उतरता है – ”तत्त्व-तत्त्व कबिरा कही, तुलसी कही अनूठी। ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) प्रश्न 1. मोक्ष प्राप्त करने के लिए कबीर ने किन साधनों को अपनाने का उपदेश दिया है? प्रश्न 2. कबीर के समाज-सुधार पर अपने विचार संक्षेप में लिखिए। ”हिन्दू कहै मोहि राम पिआरा, तुरक कहै रहमाना। कबीर ने विभिन्न वर्ग, जाति, धर्म एवं सम्प्रदायों के बीच भेद मिटाने का प्रयास किया । पाखण्ड और ढोंगों के विरुद्ध हिन्दू और मुसलमान दोनों को फटकार लगायी। प्रश्न 3. कबीर के काव्य की मुख्य विशेषताएँ बताइए। प्रश्न 4. कबीर की भाषा का उल्लेख कीजिए। | प्रश्न 5. कबीर के अनुसार जीवन में गुरु के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए। | प्रश्न 6. कबीर ने संसार को सेमल के फूल के समान क्यों कहा है? | प्रश्न 7. कबीर मनुष्य को गर्व न करने का उपदेश क्यों देते हैं? प्रश्न 8. सतगुरु की सरस बातों का कबीर पर क्या प्रभाव
पड़ा? प्रश्न 9. कबीर की रचना में से ऐसी दो पंक्तियाँ खोजकर लिखिए जिनमें उन्होंने अहंकार को नष्ट करने का उपदेश दिया है।
( अतिलघु उत्तरीय प्रश्न ) प्रश्न 1. भक्तिकाल के किसी एक कवि तथा उसकी एक रचना का नाम लिखिए। प्रश्न 2. कबीर किस धर्म के पोषक थे? प्रश्न 3. कबीर उस घर को कैसा
बताते हैं जहाँ न तो साधु की पूजा होती है और न ही हरि की सेवा। प्रश्न 4. निम्नलिखित में से सही वाक्य के सम्मुख सही (√) का चिह्न लगाइए – प्रश्न 5. कबीर किस काल के कवि हैं? प्रश्न 6. कबीर कैसी वाणी बोलने के लिए कहते हैं? प्रश्न 7. कबीर का जन्म एवं मृत्यु संवत् बताइए। प्रश्न 8. ‘साखी’ किस छन्द में लिखा गया है? प्रश्न 9. कबीर की भाषा-शैली की मुख्य विशेषताएँ बताइए। प्रश्न 10. कबीर की रचनाओं
की सूची बनाइए। काव्य-सौन्दर्य एवं व्याकरण-बोध प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए प्रश्न 2. निम्नलिखित पंक्तियों में अलंकार एवं
छन्द बताइए प्रश्न 3. ‘जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाहिं’ पंक्ति का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।
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कबीर ने संसार के बारे में क्या कहा है?स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि ।
कबीर ने अपने को दीवाना क्यों कहा है कबीर ने ऐसा क्यों कहा है कि संसार बौरा गया है?कबीर ने स्वयं को दीवाना इसलिए कहा है, क्योंकि वह निर्भय है। उसे किसी का कुछ भी कहना व्यापता नहीं है। वह ईश्वर के सच्चे स्वरूप को पहचानता है। वह ईश्वर का सच्चा भक्त है, अत: दीवाना है।
कबीर ने संसार को क्या कहा है क पागल ख समझदार ग ज्ञानी घ मूर्ख?3 (क)॥
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