कम उम्र में घुटने में दर्द क्यों होता है? - kam umr mein ghutane mein dard kyon hota hai?

कम उम्र के लोगों में घुटने का दर्द, अधिक प्रयोग और खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है। ज्यादातर ऐसा तब होता है, जब कुछ मांसपेशियां अन्य मांसपेशियों की अपेक्षा अधिक काम करती हैं, ऐसे में असंतुलन के कारण घुटने में दर्द होना शुरू हो जाता है। इसके अलावा चोट लगना, फ्रैक्चर होना, बैठने का गलत तरीका, भोजन का शरीर को उचित आहार नहीं मिलने के कारण भी कम उम्र के लोगों में घुटने के दर्द का कारण हो सकता है। चलिए जनते है की क्यों होता है कम उम्र के लोगो को भी घुटने में दर्द।

कम उम्र के लोगों में घुटने के दर्द की समस्या के कई कारण हो सकते हैं

  1. शरीर में पोषण की कमी होना।
  2. शरीर का वजन बढ़ना।
  3. सूजन और जकड़न।
  4. घुटने का लाल होना।
  5. घुटने का गर्म होना।
  6. घुटने में कमजोरी महसूस होना।
  7. चलने में घुटने से बैलेंस न बनना।
  8. घुटने को पूरी तरह से सीधा करने में दिक्कत होना।

कम उम्र में घुटने के दर्द को कैसे रोकें

  1. घुटने में अगर दर्द होता है, तो सबसे अच्छा तरीका है कि घुटने को आराम दें।
  2. टने में दर्द होने पर इंटेंस एक्टिविटी से बचना चाहिए।
  3. घुटने में दर्द होने पर बर्फ लगाना सबसे अच्छा तरीका है। इससे सूजन कम होती है और फिर दर्द कम हो सकता है।
  4.  घुटने को के दर्द को कम करने के लिए थैरेपी या स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं।

संपूर्ण आहार से भी कर सकते है उपाय

1.भोजन करने की दिनचर्या को बदले।
2. समय पर भोजन का सेवन करे।
3. खाने में हरी सब्जियां और दालों का उपयोग करें।
4. जंक फ़ूड से दूर रहे।

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इस तरह की समस्या होने पर तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है। जिससे कि वह आपकी समस्या का निदान करके आपको घुटनों व जोडों में दर्द की समस्या से राहत पाने में मदद कर सकें।

घुटनों का दर्द पहले जहां बढ़ती उम्र में होता था, आज कम उम्र के लोग भी इस बीमारी का शिकार हो रही है। उठते-बैठते घुटने में दर्द, घुटने का अचानक चटक जाना जैसी परेशानियां अब युवाओं से भी सुनने को मिलती है। इस बीमारी को आप खुद आमंत्रित करते हैं। कई ऐसी गलत आदतें हैं, जो कम उम्र में ही घुटनों के दर्द का कारण बनती है।

1. मोटापा घुटने में दर्द का एक बड़ा कारण है। मोटापे के कारण शरीर का अधिक भार घुटनों को ही उठाना पड़ता है। इससे घुटनों पर ज्यादा भार पड़ता है, जिससे जोड़ों को नुकसान होता है। मोटापे से ऑस्टियोपो‍रोसिस होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

2. भारतीय महिलाओं में घुटने की समस्याओं की शुरुआत के लिए औसत उम्र 50 साल है, जबकि भारतीय पुरुषों में यह 60 साल है। शोध के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं के घुटने जल्दी खराब होते हैं। महिलाओं में घुटने की समस्याओं के जल्द शुरू होने का कारण मोटापा, व्यायाम ना करना, धूप में कम रहना, हाई हील्स पहनना और खराब पोषण है।

कम उम्र में घुटने में दर्द क्यों होता है? - kam umr mein ghutane mein dard kyon hota hai?

3. आजकल देर रात तक जागना लोगों के रूटीन का हिस्सा बन गया है। इस कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। यह गलत आदत ना सिर्फ घुटनों बल्कि अन्य बीमारियों को भी न्यौता देती है। ऐसे में अपने मसल्स और जोड़ों को हेल्दी रखने के लिए 8 घंटे नींद जरूर लें।

4. जब आप एक ही जगह पर ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं तो शरीर में खून का संचार सही तरह से नहीं हो पाता, जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द होने लगता है। ऐसे में काम करते वक्त बीच-बीच में थोड़ा ब्रेक जरूर लें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा और घुटनों के दर्द की परेशानी नहीं होगी।

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5. डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी के कारण भी घुटनों में यूरिक एसिड जमा हो जाता है। घुटनों दर्द का मुख्य कारण जोड़ों में यूरिक एसिड का जमना है। आमतौर पर शराब का ज्यादा सेवन और लंबे समय तक भोजन न करना न करने के कारण जोड़ों में यूरिक एसिड जमा हो जाता है। इसके अलावा ज्यादा फास्ट फूड, मीट, मसाले, चीनी, नमक और खट्टी चीजें खाने से भी घुटनों पर बुरा असर पड़ता है।

6. पैर पर पैर चढ़ा कर बैठना इसका बड़ा कारण होता है। इतना ही नहीं, अगर आप भारी वेट उठाने के आदि है तो ये आदत बदल दें क्योंकि इससे भी घुटने तेजी से खराब हो सकते हैं।

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7. हाई हील के कारण कमर पर चर्बी बढ़ती और इससे घुटनों पर अतिरिक्त भार पड़ता है। इतना ही नहीं, कई बार हील्स के कारण चाल भी खराब हो जाती है।

कई ऐसी परेशानियां आज हमारे सामने है जो सिर्फ बड़े बुर्जुगों तक ही सीमित नहीं, बल्कि कम उम्र में भी पाई जाने लगी हैं। उनमें से एक है घुटनों में दर्द। हमारे शरीर के लिए घुटनों का स्वास्थ्य महत्त्वपूर्ण है। इसकी मदद से हम चलने, दौड़ने, उठने, और बैठने जैसी गतिविधियां कर पाते हैं। यहां तक कि ये हमारे शरीर के वज़न को संभालने में भी अहम भूमिका रखते हैं। याद रहे, अगर घुटनों में दर्द की समस्या उत्पन्न होती है, तो ये हमारे दिनचर्या की जिंदगी पर काफी असर डाल सकती है।

यह बात आप और हम जानते हैं कि वक्त के साथ इंसान को अपने शरीर में बदलाव महसूस होता है। लेकिन अगर आपकी आयु कम है और फिर भी जोड़ों में दर्द की समस्या से आप प्रभावित हैं, तो कृपया सतर्क हो जाएं। इंसान अपने जीवन में कई ऐसी आदतों को अपना लेता है जो उसके लिए परेशानी की वजह बन सकती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे कारण जिनकी वजह से इंसान को घुटने में दर्द की अनुभूति हो सकती है।

घुटनों में दर्द के कुछ कारण

1. बैठने का गलत तरीका
आजकल यह देखने में आता है कि लोग कई ऐसे कामों में ढले रहते हैं जिसकी वजह से उनके जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाती है। जैसे कि आॅफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करने से निष्क्रियता हो सकती है। ऐसी हालत में मांसपेशियों और टेन्डंस में दर्द हो सकता है। याद रहे कि अगर आप लंबे समय तक बैठ कर काम करते हैं तो अपनी पाॅजिशन को सही रखें और एक नियमित अंतराल में थोड़ा उठकर बैठ जाएं। अन्यथा घुटनों की कैप पर भार आने की वजह से दर्द हो सकता है।

2. आर्थराइटिस
अगर किसी इंसान में आर्थराइटिस की समस्या पाई जाती है, तो यह बड़ी ही चिंता का विषय है। यह स्थिति जोड़ों में सूजन पैदा कर देती है। यह परेशानी वैसे तो ज्यादा उम्र वाले लोगों में दिखाई देती है। लेकिन कुछ कारणों से इसका असर बच्चों और युवा वर्ग में भी देखने को मिलता है। अगर आप भी लंबे समय से घुटनों में दर्द से परेशान हैं, तो किसी अच्छे डाॅक्टर को जरूर दिखाएं।

3. बर्साइटिस
अगर बर्सा में सूजन या जलन की अनुभूति हो, तो यह बर्साइटिस कहलाता है। बर्सा को आप तरल पदार्थ की थैली के रूप में समझ सकते हैं। यह हमारे जोड़ों में कुशन की तरह काम करते हैं। आमतौर पर यह दिक्कत खेल से जुड़े लोगों में पाई जाती है। क्योंकि यह उन जोड़ों को ज्यादा प्रभावित करता है जिनमें एक ही गतिविधि बार-बार दोहराई जाती है। इसके अलावा जिम जाने वाले और ज्यादा वजन उठाने वाले लोगों को भी यह समस्या हो सकती है।

4. मोटापा
अगर शरीर में ज्यादा वजन की उपस्थिति है, तो हमारे घुटनों पर भी ज्यादा भार पड़ जाता है। मोटापे की स्थिति में लंबे समय तक खड़े रहने पर घुटनों में प्रभाव पड़ता है। और यह परिस्थति दर्द का कारण बन सकती है। इसलिए कोशिश कीजिए अपने आप को स्वस्थ, और वजन को संतुलित मात्रा में रखने की।

5. फ्रेक्चर
किसी भिड़ंत या ज़ोर से गिरने पर घुटनों की हड्डियां, जिसमें घुटने की कैप भी शामिल हैं, टूट सकती है। और अगर ऐसा होता है, तो इंसान को दर्द की अनुभूति होती है।

6. मांसपेशियों में बदलाव
मुमकिन है कि मांसपेशियों में बदलाव की वजह से घुटनों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो। इसलिए युवाओं को चाहिए कि वो अपनी मांसपेशियों के विकास और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

कुछ अन्य कारण

पानी की कमी
शराब का सेवन
फास्ट फूड का सेवन
गलत फुटवियर पहनना (जैसे कि हाई हील्स )
ट्रेडमील का अत्यधिक उपयोग करना
नींद की कमी

घुटनों में दर्द का परीक्षण

अगर आप डाॅक्र के पास घुटनों के दर्द की शिकायत लेकर जाते हैं, तो वो कारण जानने के लिए कुछ परीक्षण कर सकता है। जेसे कि इमेजिंग टेस्ट जिसमें एक्स-रे, सी.टी. स्कैन, और एम.आर.आई. शामिल हैं। इसके अलावा ब्लड टेस्ट का उपयोग भी किया जा सकता है।

घुटनों में दर्द का इलाज

कई ऐसे उपचार हैं जिनकी मदद से आप फायदा हासिल कर सकते हैं। जैसे किः
1. अगर घुटनों में दर्द या सूजन हो रही है, तो इसे दूर करने के लिए अपने शरीर को आराम दें और उन कामों से बचें जिनकी वजह से घुटनों पर ज्यादा ज़ोर पड़ रहा हो।
2. बर्फ का सेक करना भी जोड़ में सूजन कम करने के लिए उपयोगी है। और दर्द का अहसास होने पर आप हीट पैक का प्रयोग भी कर सकते हैं। मगर हीट पैक लगाते वक्त याद रहे कि जोड़ के निकट गर्माहट और सूजन नहीं होनी चाहिए।
3. कई ऐसी दवाईयां मौजूद है जिनके सेवन से रोगी को दर्द में मदद मिल सकती है।
4. फिजियोथेरेपी व अन्य कुछ एक्सरसाइज करने से भी मांसपेशियां मज़बूत होती है। अतः इससे शारीरिक संतुलन में सुधार होता है और अगर आपको घुटनों में दर्द की समस्या है, तो यह उपचार का एक अच्छा विकल्प है।
5. ऐसे मामले भी आते हैं जिसमें डाॅक्टरों को इंजेक्शन का इस्तेमाल भी करना पड़ता है। इसके कुछ प्रमुख कारण दर्द को कम करने, और चलने-फिरने में सुधार लाना है।
6. कई ऐसी स्थितियां होती हैं जिनमें सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है। डाॅक्टर आर्थरोस्कोपिक सर्जरी को उस वक्त उपयोग में ले सकते हैं जबकि क्षतिग्रस्त कार्टिलेज की मरम्मत करनी हो या उसे निकालना हो। या फिर जोड़ों का परीक्षण और अन्य कुछ बातों में भी इस तरह की सर्जरी का इस्तेमाल हो सकता है।
7. जब इंसान को घुटनों में ज्यादा तकलीफ हो जो उसके दिनचर्या के कामों में बाधा डाले, साथ ही साथ अगर नाॅन-सर्जिकल उपचार भी रोगी को लाभ ना पहंुचा पाए। तो फिर डाॅक्टर आपको जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी की राय दे सकता है। इसमें क्षतिग्रस्त हड्डी एवं कार्टिलेज को सर्जरी के माध्यम से काटकर निकाल देते हैं। और उसकी जगह कृत्रिम अंग लगाए जाते हैं।

कुछ अहम बातें

ज़रूरी नहीं कि प्रत्येक घुटने का दर्द गंभीर हो। लेकिन हमें सावधानी रखनी चाहिए। शरीर के अन्य अंगों के साथ हमें घुटनों की सेहत पर भी ध्यान देना चाहिए। शुरूआती वक्त में आप कुछ घरेलु नुस्खे अपना सकते हैं जैसे कि सरसों के तेल की मालिश, लोंग के तेल की मालिश या पाउडर, मेथी दाना, जीरा और काली मिर्च का सेवन आदि। अगर इन चीज़ों से भी उचित लाभ ना मिले, तो एक विशेषज्ञ डाॅक्टर से ज़रूर मिलें।

कम उम्र में घुटने के दर्द क्यों होता है?

ज्यादातर ऐसा तब होता है, जब कुछ मांसपेशियां अन्य मांसपेशियों की अपेक्षा अधिक काम करती हैं, ऐसे में असंतुलन के कारण घुटने में दर्द होना शुरू हो जाता है. इसके अलावा चोट लगना, गठिया, एसीएल टूटना, फ्रैक्चर होना, आर्थराइटिस, बर्साइटिस, बैठने का गलत तरीका आदि के कारण भी कम उम्र के लोगों में घुटने के दर्द का कारण हो सकता है.

घुटने में दर्द किसकी कमी से होता है?

हड्डियों का कमजोर होना भी घुटनों के दर्द का कारण बन सकता है। ज्यादा देर तक पैर मोड़कर बैठने या एक ही अवस्था में बहुत समय तक घुटनों को सीमित रखने से भी घुटने दर्द देने लगते हैं मोटापे से हड्डियों पर दबाव पड़ता है और फिर घुटनों के दर्द का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसलिए अगर आप मोटे हैं तो अपना वजन कम करने की कोशिश करें।

बच्चों के घुटनों में दर्द हो तो क्या करें?

आप बच्चे के लिए कुछ खास एक्सरसाइज के बारे में जानने के लिए किसी फिजियोथेरेपिस्ट की मदद भी ले सकते हैं. दर्द को मैनेज करने के तरीके बच्चे को सीखाएं. हीट और कोल्ड ट्रीटमेंट, मसाज, दवाएं आदि कई तरीकों की मदद से घुटनों व जोड़ों के दर्द को कम किया जा सकता है. बच्चे को हेल्दी खिलाएं.

घुटनों में कट कट की आवाज आए तो क्या करें?

घुटनों में कट-कट की आवाज आए तो क्या करें?.
ज्यादा पानी पिएं ... .
अजवाइन और लौंग का तेल लगाएं ... .
हरसिंगार के पत्तों को पीस कर जोड़ों पर लगाएं ... .
अखरोट और बादाम खाएं ... .
एक्सराइज करें.