कामचोर कहानी क्या संदेश देती हैं - kaamachor kahaanee kya sandesh detee hain

‘कामचोर’ कहानी क्या संदेश देती है? 

Show


‘कामचोर’ कहानी यह संदेश देती है कि बच्चों को घर के कामों से अनभिज्ञ नहीं होना चाहिए। कुछ छोटे-मोटे कार्यो को करने की आदत डालनी चाहिए। माता-पिता को भी चाहिए कि बच्चों से छोटे-छोटे कार्य करवा कर उन्हें काम करने की आदत डालें। न कि उन्हें पूर्णतया नौकरों पर निर्भर कर दें।
इस पाठ में भी यही दर्शाया है कि पहले तो माता-पिता ने बच्चों को काम करने की आदत डाली नहीं और जब उन्हें काम करने को कहा तो वे बेचारे कुछ कर नहीं पाए इसमें उनका भी कोई कसूर न था। अपनी ओर से तो उन्होंने कार्य करने की पूरी कोशिश की थी।

2511 Views


कहानी में एक समृद्ध परिवार के ऊधमी बच्चों का चित्रण है। आपके अनुमान से उनकी आदत क्यों बिगड़ी होगी? उन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए आप क्या-क्या सुझाव देना चाहेंगे?


इन बच्चों की आदतें बिगड़ने का कारण है इनसे बचपन में काम न लेना उन्हें किसी भी काम की जानकारी न देना। इसीलिए वे किसी भी काम को करने में सक्षम नहीं हैं। सभी कार्यों हेतु नौकरों पर निर्भर रहते हैं।
इन्हें ठीक ढंग से रहने के लिए निम्न सुझाव दिए जा सकते हैं-
1. उन्हें छोटे-छोटे कार्यों को करने की स्वछंदता दी जाए।
2. कार्य गलत होने पर उन्हें डाँटना-फटकारना नहीं चाहिए।
3. प्रत्येक कार्य हेतु उनका आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए।
4. बच्चों के पूर्ण सहयोगी बनना चाहिए।
5. कार्य करते हुए यदि कोई मुश्किल आ जाए तो उन्हें सिखाना भी हमारा कर्तव्य बनता है।

497 Views


किसी सफल व्यक्ति की जीवनी से उसके विद्यार्थी जीवन की दिनचर्या के बारे में पढ़ें और सुव्यवस्थित कार्यशैली पर एक लेख लिखें।


लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी पढ़ने का प्रयास कीजिए।

1579 Views


कहानी में 'मोटे-मोटे किस काम के हैं?' किन के बारे में और क्यों कहा गया? 


कहानी में ‘मोटे-मोटे किस काम के’ घर के बच्चों के लिए कहा गया है क्योंकि उनके माता-पिता काे लगता है कि वे केवल नौकरों पर हुक्म चलाते हैं और खा-पीकर आराम करते हैं। घर का कोई काम नहीं करते।

2187 Views


बच्चों के ऊधम मचाने के कारण घर की क्या दुर्दशा र्हुई?


बच्चों को जब घर के कार्य करने के लिए कहा गया तो वे करने के लिए तैयार तो हो गए लेकिन उन्हें कुछ भी न आता था। नतीजा यह हुआ कि घर में ऐसा अहसास होने लगा जैसे तूफ़ान आ गया हो। सबसे पहले दरी साफ की गई जिसने इतनी धूल उड़ाई कि घर ही धूल से भर गया बाद में पानी डालने से दरी की धूल कीचड़ ही हो गई। फिर पड़ी को पानी देने के बारे में सोचा तो छोटे से छोटा बर्तन भी इस कार्य हेतु जुज लिया गया और नल पर इतना झगड़ा हुआ कि कोई पानी न भर सका।
मुर्गियों को दड़बे में बंद करने की सोची गई तो सारी की सारी मुर्गियाँ घर में फैल गई , भेड़ों काे दाने का सूप दिया गया तो जैसे घर में तूफ़ान ही आ गया। बच्चों ने दूध दुहने की सोची तो भैंस को चाचाजी की चारपाई से इस कदर बाँधा कि वह चाचाजी को चारपाई समेत लेकर ही भाग गई।
शाम होने तक सारे घर में मुर्गियाँ, भेड़ें, टूटे हुए तसले. बालटियाँ, लोटे, कटोरे व बच्चे इस कदर दिखाई पड़ने लगे जैसे घर में तूफान आ गया हो। इस प्रकार बच्चों के ऊधम मचाने से घर की दुर्दशा हुई।

921 Views


भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? कामचोर कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।


भरा पूरा परिवार सुखद तब बन सकता है जब सब मिल-जुलकर सभी कार्य करें व दुखद तब बनता है जब सभी स्वार्थ की भावना से कार्य करें, कोई अपने कार्यों के प्रति सचेत न हो। एक व्यक्ति पिसता रहे व दूसरे आराम करते रह। कामचोर कहानी के आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि बच्चों को पहले तो कोई काम सिखाया नहीं गया और न ही किसी काम की जिम्मेदारी उन पर डाली गई। सभी काम अम्मा या घर के नौकर करते थे। एक समय ऐसा आया कि अम्मा-अब्बा भी नौकरों से तंग आ गए। उन्हें अपने बच्चे भी निठल्ले लगने लगे। एकदम से उनका यह निर्णय लेना कि सभी काम बच्चे करें परिवार के लिए दुखदायी बन जाता है क्योंकि बच्चों को किसी काम को करने का सलीका ही नहीं आता। सारा घर तूफान आने की भांति बिखर जाता है। यह सब माँ सहन नहीं कर सकती और यह निर्णय लेती है कि यदि बच्चे काम करेंगे तो वह अपने मायके चली जाएँगी। अंत में अब्बा बच्चों को हिदायत देते हैं कि वे किसी काम को हाथ नहीं लगाएँगे। यदि कोई काम करेंगे तो उन्हें रात का खाना नहीं दिया जाएगा।
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि यदि बच्चों को थोड़ा-थोड़ा काम करने की आदत डाली जाती तो ऐसी दुखदायी स्थिति ही उत्पन्न न होती।

385 Views


Home

'कामचोर'कहानीक्यासंदेशदेतीहै?

Question

'कामचोर' कहानी क्या संदेश देती है ?

Open in App

Solution

कामचोर से यही सीख मिलती है कि काम के लिए समझदारी होना आवश्यक है। बिना सोचे समझे किया गया काम हमेशा नुकसान ही देता है, जैसे पिताजी द्वारा करने को दिए गए कामों को अपनी नासमझी से बच्चों ने बर्बाद कर दिया। अगर वो इसी काम को आराम से व समझदारी से करते तो उनके घर का बुरा हाल न होता। बच्चों को शुरू से तरीके से काम करना सिखाना चाहिए।

Suggest Corrections

2

Same exercise questions

Q.

वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?

Q.

कहानी में मोटे-मोटे किस काम के हैं? किन के बारे में और क्यों कहा गया?

Q.

गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें।

Q.

बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी रह सकी।

Q.

टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई? टोपी बनने तक के एकएक कार्य को लिखें।

View More

कामचोर कहानी से हमें क्या संदेश देती है?

कामचोर से यही सीख मिलती है कि काम के लिए समझदारी होना आवश्यक है। बिना सोचे समझे किया गया काम हमेशा नुकसान ही देता है, जैसे पिताजी द्वारा करने को दिए गए कामों को अपनी नासमझी से बच्चों ने बर्बाद कर दिया। अगर वो इसी काम को आराम से व समझदारी से करते तो उनके घर का बुरा हाल न होता।

कामचोर कहानी क्या संदेश देती है Brainly?

Answer: कामचोर कहानी हमें यह संदेश देती है हमें अपना कार्य स्वयं करना चाहिए। हमें अपने कार्यों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। बिना सोचे समझे कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए।

कामचोर कहानी आज के युवाओं के लिए क्या संदेश छोड़ जाती है कहानी की प्रासंगिकता बताते हुए स्पष्ट कीजिए?

आज का युवा वर्ग परिश्रम से दूर भागता है। शारीरिक श्रम करना उसके बस की बात नहीं । वह माँ-बाप के धन पर ही आश्रित रहकर सुख भोगना चाहता है। ऐसे में इस कहानी से युवाओं को यह संदेश मिलता है कि वे बचपन से ही काम करने की, शारीरिक श्रम करने की आदत डालें।

कार्य की सफलता के लिए कामचोर कहानी के बच्चों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

Numeric Code दिया गया है।