राजनीति के क्षेत्र में जो विचारधारा ‘साम्यवाद’ या ‘मार्क्सवाद’ के नाम से जानी जाती है , साहित्य के क्षेत्र में वही विचारधारा ‘प्रगतिवाद’ के नाम से जानी जाती है |अर्थात् साम्यवादी विचारधारा के अनुरूप लिखा गया काव्य ही ‘प्रगतिवादी काव्य’ कहलाता है | ‘कार्ल मार्क्स’ को ही ‘प्रगतिवाद’ का भी आदि प्रवर्तक माना जाता है | डॉ. नगेन्द्र के अनुसार
– “ प्रगतिवादी काव्य की संज्ञा उस काव्य को दी गई जो छायावाद के समाप्तिकाल में 1936 ई. के आसपास से सामाजिक चेतना को लेकर निर्मित होना आरंभ हुआ |” प्रगतिवादी काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ - 1 मार्क्सवाद व साम्यवाद का समर्थन 2 शोषण का विरोध एवं शोषितों के प्रति सहानुभूति की भावना 3 धर्म और
ईश्वर का विरोध 4 नारी के सम्मान की प्रतिष्ठा 5 सामाजिक अन्धविश्वासो व रुढियों का खंडन 6 सामजिक भावना का चित्रण 7 ठोस यथार्थ का चित्रण 8 विश्व बंधुत्व की भावना 9 कला के प्रति नवीन दृष्टिकोण 10 युगानुकूल परिवर्तन एवं नव निर्माण की उत्कट लालसा प्रगतिवाद के प्रमुख कवि 1 नागार्जुनजन्मकाल – 1911 ई. ( 30 जून , 1911 ई. ) प्रमुख रचनाएँ - 1 युगधारा – 1953 ई. उपन्यास 1 रतिनाथ की चाची विशेष तथ्य -
2. केदारनाथ अग्रवालजन्मकाल – 1911 ई. प्रमुख रचनाएँ - 1 नींद के बादल – 1947 ई. विशेष तथ्य -
3. डॉ रामविलास शर्माजन्मकाल – 1912 ई. प्रमुख रचनाएँ - 1 रूप तरंग – 1956 ई. विशेष तथ्य -
4. शिवमंगलसिंह सुमनजन्मकाल – 1915 ई. प्रमुख रचनाएँ - 1 हिल्लोल विशेष तथ्य -
5. रांगेय राघवजन्मकाल – 1923 ई. प्रमुख रचनाएँ - 1 अजेय खंडहर – 1944 ई. विशेष तथ्य - 1 इनका मूल नाम ‘त्र्यंबक वीर राघवाचार्य’ था | 6. त्रिलोचन शास्त्रीजन्मकाल – 1915 ई. प्रमुख रचनाएँ - 1 धरती – 1945 ई. विशेष तथ्य -
प्रगतिवादी काव्यधारा के अन्य कवि -1 डॉ पद्मसिंह शर्मा ‘कमलेश’रचनाएँ – 1 तू युवक है – 1949 ई. 2. शंकर शैलेन्द्ररचनाएँ – 1 न्यौता और चुनौती 3. चन्द्र देव शर्मारचनाएँ – 1 पंडितजी गजब हो रहा है 4. गणपति चन्द्र भंडारीरचनाएँ – 1 रक्तदीप 5. विजय चन्द्ररचनाएँ – 1 चेहरे
कौन सा कवि बाबा के नाम से भी जाना जाता था?शायद इसीलिए बाबा नागार्जुन ऐसे कवि थे जो बगैर महाकाव्य लिखे भी महाकाव्यात्मक कवि थे.
कौन कवि साहित्य के क्षेत्र में बाबा के नाम से जाने जाते हैं?उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र है परंतु हिन्दी साहित्य में वे बाबा नागार्जुन के नाम से मशहूर रहे हैं। वे एक कवि साथ-साथ प्रगतिवादी विचारधारा के लेखक थे। हिंदी साहित्य में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा मैथिली में 'यात्री' उपनाम से रचनाओं का सृजन किया था। 1945 के आसपास साहित्य सेवा के क्षेत्र में उन्होंने कदम रखा।
नागार्जुन कौन से युग के कवि हैं?परिचय नागार्जुन जी ( 30 जून, 1911 - 5 नवंबर, 1998) प्रगतिवादी विचारधारा के लेखक और कवि हैं। नागार्जुन ने 1945 ई. के आसपास साहित्य सेवा के क्षेत्र में क़दम रखा।
नागार्जुन का दूसरा नाम क्या है?Answer: नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था परंतु हिन्दी साहित्य में उन्होंने नागार्जुन तथा मैथिली में यात्री उपनाम से रचनाएँ कीं।
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