कैसे मित्रों का साथ हमारे लिए लाभकारी नहीं है? - kaise mitron ka saath hamaare lie laabhakaaree nahin hai?

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जीवन में एक सच्चे दोस्त की बहुत अहमियत होती है और यदि आप को यह निर्णय लेने में परेशानी हो रही है, कि आप का दोस्त सच्चा है या नहीं, तो आप का यह रिश्ता पहले से ही कठिनाइयों में है। दोस्त तो बहुत होते हैं, लेकिन सच्चे दोस्त केवल थोड़े ही होते हैं और इन्हें पाना बहुत मुश्किल होता है। इन्हें आसानी से पहचाना भी जा सकता है।

  1. कैसे मित्रों का साथ हमारे लिए लाभकारी नहीं है? - kaise mitron ka saath hamaare lie laabhakaaree nahin hai?

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    सच्चे दोस्त हमेशा सहयोगी टिप्पणी और प्रोत्साहन देते हैं: सच्चे मित्र आप को हमेशा आश्वस्त और खुश महसूस करते हैं। भले ही जब वे आप से सहमति ना रखते हों, तब भी आप को जितना सहयोग प्रदान कर सकते होंगे, प्रदान करेंगे।

    • यदि आप का मित्र हर एक चीज़ पर आप की सच्ची तारीफ करता है, तो यह एक अच्छा संकेत है।
    • प्रोत्साहन देगा, भले ही वह कोई बकवास सी चीज़ ही क्यों हो, यह भी एक अच्छा संकेत है।
    • क्या आप का मित्र हमेशा आप का गुणगान करता है। यद्यपि, यदि आप का मित्र सच्चा है, तो वह हर समय आप का गुणगान नहीं करेगा, यह सिर्फ़ आप की सही बातों का गुणगान करेगा और आप को सफलता के लिए प्रेरित करेगा।
    • यदि आप का मित्र हमेशा आप की सफलता को खारिज़ करता है, या खुद को आप से एक कदम आगे बताता है ("जैसे आप को परीक्षा में 85 मार्क्स मिलने पर, वह कहे कि यह अच्छा है, मुझे तो 89 मार्क्स मिले हैं), आप को नीचा दिखाता है या फिर आप कभी सफल भी हो सकते हैं, इस बात पर कभी विश्वास ही नहीं करता, तो ये आप का सच्चा मित्र नहीं है।

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    सच्चा मित्र हमेशा आप की बात सुनता है: कभी-कभी आप को किसी ऐसे की ज़रूरत होती है, जो चुप रहे और आप की बात सुने। सच्चा दोस्त इस बात को समझता है, कि उसे कब और कैसे अपना मुँह बंद और कानों को खुला रखना है। उसे ध्यान से देखें, आप से बात करते समय वह आप की आँखों से संपर्क बनाए रखेगा, और आप उसे क्या बता रहे हैं, उसे भी याद रख कर आप से कुछ सवाल भी करेगा। ध्यान दें कि कौन ज़्यादा बोलता है। एक सच्ची मित्रता में दोनों मित्र समान मात्रा में अपनी भावनाएँ एक-दूसरे के साथ बाँटते हैं। यदि आप को ऐसा महसूस होता है कि आप अपने मित्र की समस्याओं को सिर्फ़ आप ही हमेशा सुनते रहते हैं, तो आप की मित्रता सही नहीं है।

    • जब आप अपने मित्र से बात करें, तो ध्यान दें कि कहीं वो कमरे में चारों ओर या फिर बार-बार अपने फ़ोन की तरफ तो नहीं देख रहा है, और आप की बातें भी उसे याद नहीं रह पा रही हैं, तो ये आप का सच्चा दोस्त नहीं होगा।

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    सच्चे दोस्त आपस में खुलकर बात करते हैं: सच्चे दोस्तों के साथ आप अपने कुछ शर्मनाक पल और राज़ भी खुलकर बाँट सकते हैं और वे भी आप के साथ ऐसा ही करेंगे। ये आप के बताए बिना भी आप के मूड को पहचान सकते हैं। उदाहरण के लिए वह आप की ओर देख कर कहेगा "क्या बात है-- आज तुम बहुत शांत लग रहे हो" और आप से हमदर्दी दिखाएगा। उसे आप की परवाह है। जब भी कुछ गड़बड़ होती है, तो सच्चे मित्र उस की चर्चा चारों तरफ नहीं करते, वे आप के साथ बात कर के मसले को सुलझाएँगे।

    • यदि आप नाखुश होते हुए भी अच्छी तरह से बात करना जानते हैं, तो फिर आप को बातचीत करने का अच्छा ज्ञान है। "मुझे बहुत बुरा लगा, तुम मेरी पार्टी में नहीं आए" यदि आप या आप का दोस्त ऐसा कहने में नहीं हिचकिचाते, तो आप ने एक अच्छा मित्र पा लिया है।
    • यदि आप को उस से अपनी चीज़ें छिपाने की, ज़रूरत महसूस हो रही है, या फिर आप उसे कोई भी अच्छी बात या अपना राज़ छिपाते हैं, या फिर वह आप के साथ अभी तक सहज नहीं हो पाया है, तो शायद यह भी आप का सच्चा मित्र नहीं है।

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    तय करें कि आपका दोस्त ईमानदार है: ईमानदारी किसी भी दोस्ती का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर आपका फ्रेंड आपके साथ बहुत खुला हुआ और ईमानदार है तो ये एक अच्छा साइन है। अगर आपका फ्रेंड झूठ बोलता है, फिर चाहे वो किसी छोटी बात के लिए हो या बड़ी बात के लिए, इस बात के बहुत चांस हैं कि वो आपका सच्चा फ्रेंड नहीं है।[१]

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    सच्चे दोस्त अफवाहों से दूर रहते हैं: यदि आप का यह मित्र बहुत बातूनी है, और ऐसा भी होता है कि जब आप उस के आसपास नहीं रहते तो वो आप के बारे में भी अफवाह फैलाता है। हर किसी को मजेदार गपशप करने में मज़ा आता है, लेकिन एक सही समय पर ही। पर यदि आप का मित्र हर समय किसी ना किसी के बारे में बुराई करता रहता है तो संभावना है, कि आप का मित्र आप के पीठ पीछे आप की बुराई भी करता होगा। यहाँ ऐसे कुछ उदाहरण हैं, जिन से आप जान सकते हैं, कि क्या आप का मित्र हद से ज़्यादा बुराई करता है:

    • यदि आप का मित्र किसी के कमरे से निकलते ही उस की बुराई करना शुरू कर देता है, तो आप का यह मित्र एक बहुत ही ख़तरनाक व्यक्ति है।
    • यदि आप का वह मित्र जिस व्यक्ति को अपना सब से करीबी मित्र बताता है और उस के बारे में नियमित रूप से बात करता है, तो वह अन्य लोगों के सामने आप को लेकर भी कुछ ऐसा ही करता होगा।
    • यदि आप का मित्र हमेशा ऐसे लोगों के बारे में बुराई करता है, जो उस के आसपास नहीं है, तो आप का यह मित्र पक्का आप का सच्चा मित्र नहीं है।

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    सच्चे मित्र हमेशा आप के लिए समय निकालते हैं: हर कोई अपने जीवन में व्यस्त होता है, यहाँ तक कि उस के पास सोने तक का वक़्त नहीं होता। लेकिन एक सच्चे मित्र के पास हमेशा आप के लिए समय रहता है। यदि वह आप से फ़ोन पर बात करने का समय भी नहीं दे पाता, तो फिर ऐसे मित्र होने का क्या फायदा?

    • यदि आप का मित्र आप से नियमित रूप से फ़ोन पर बात करता है, लंच या डिनर पर बुलाए जाने पर सही समय पर पहुँच जाता है, तो आप के पास एक अच्छा मित्र है। हाँ लेकिन आप भी उस के साथ इसी तरह से व्यवहार करते हैं, इस बात का ध्यान रखें।
    • यदि आप का मित्र कभी भी आप के लिए समय नहीं निकाल पाता, और हमेशा ही अपने जीवन की शिकायत करता रहता है और आप से उस के समयानुसार ही सब कुछ करने को कहता है, तो यह एक समस्या है। विशेष रूप से जब वह अन्य लोगों या मित्रों के साथ में समय बिताता है और आप के लिए उस के पास समय नहीं है। हर कोई व्यस्त है, लेकिन हर कोई इस की शिकायत नहीं करते।

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    सच्चे मित्र हर चीज़ को समान रूप से रखते हैं: एक सच्ची मित्रता में, दोनों ही अपने रिश्ते को बनाए रखने में समान रूप से मेहनत करते हैं, भले ही फिर यह बातचीत करना हो, साथ में कुछ पल बिताना हो, या फिर आप के लिए कोई चीज़ खरीदना हो। यह एक तरह से लेन-देन वाला रिश्ता है, तो यदि आप का यह मित्र सिर्फ़ चीज़ों को लेने वाला हो, तो आप ज़रा संभल जाएँ। आमतौर पर ये आप को कुछ इस तरीके से महसूस होगा, जैसे मूवी नाइट हमेशा आप के घर पर होती है, आप ही हमेशा उसे पहले कॉल करते हैं, या फिर वह हमेशा आप की चीज़ें आप से उधार माँग कर ले जाता है। और यदि आप को ये सारी बातें होते हुए नज़र आ रहीं हैं, तो ऐसे मित्रों से दूर रहना ही बेहतर होगा! सच्चे दोस्त आप के सोचने और माँगने से पहले ही आप की चीज़ें वापस लौटा देते हैं।

    • आप दोनों को एक दूसरे से स्नेह दिखाना होगा। हर कोई अपनी भावनाओं को गले लगा कर नहीं दर्शाता, लेकिन हर एक के पास इसे व्यक्त करना का कोई ना कोई तरीका ज़रूर होता है।
    • हर एक चीज़ को समान रखने का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है, कि आप को उस पर उस के जितने पैसे खर्च करने की ज़रूरत है -- रिश्ते इस तरह से खरीदे या बेचे नहीं जाते।
    • जब भी ज़रूरत हो तो उसे मदद के लिए पूछें। आप दोनों को समय-समय पर एक दूसरे के पास जाते रहना चाहिए, ना सिर्फ़ उन के मदद माँगने तक का इंतेज़ार ना करें, कभी-कभी अपनी तरफ से भी मदद का हाथ बढ़ाएँ।

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    सच्चे मित्र हमेशा आप को सच्ची बात बताते हैं: कई चेहरों वाला व्यक्ति किसी का मित्र नहीं होता। यदि आप का मित्र जो कहता है, वो नहीं करता, जैसे उसी की बनाई योजनाओं को भूल जाता है या आप को कहीं पर फँसा कर छोड़ देता है, तो वह आप का सच्चा मित्र नहीं है। ऐसा हमारे साथ भी हो सकता है कि हम कोई योजना बना कर आख़िरी समय में उसे पूरा नहीं कर पाते, लेकिन यदि वो बार-बार ऐसा करता है, तो शायद उसे आप के समय की कोई कद्र नहीं है। किसी मित्र के लिए: बोली गई हर बात पर अमल करना ज़रूरी है।

    • यदि आप का मित्र आप के साथ कोई भी योजना बनाता है, और बनाकर भूल भी जाता है, तो वह आप का सच्चा मित्र नहीं है।

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    सच्चे दोस्त के पास आप के दोस्त बने रहने का कोई और उद्देश्य नहीं होता: इस तरह से उस के अंदर झाँक कर उस की योजनाओं से अवगत होना बहुत कठिन काम है, लेकिन यह बहुत ज़रूरी भी है। कुछ समय लेकर इस बारे में सोचें कि आप का मित्र किस उद्देश्य से आप के साथ समय बिताता है। एक झूठे मित्र के आप से मित्रता करने के पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं, यदि ये आप के सच्चे मित्र नहीं हैं, तो आप को कोई ना कोई संकेत तो ज़रूर ही मिल जाएगा। लेकिन फिर भी ऐसे दोस्तों को पहचानें, जो आप के साथ कुछ इन कारणों से हैं:

    • लोकप्रियता। लोकप्रिय होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है। कुछ लोग आप के बहुचर्चित होने के कारण आप से जुड़ेंगे, लेकिन आप के सच्चे मित्र आप से हमेशा जुड़े रहेंगे, भले ही फिर आप लोकप्रिय हों या ना हों।
    • धन-संपत्ति। ग़लतियाँ ना करें -- अमीर दोस्त होना एक अच्छी बात है। इस से वह उन सभी चीज़ों को पा सकेगा, जिन्हें पाने की उस की कभी गुंजाइश ही नहीं थी! यदि आप के मित्र आप से, आप की धन-संपत्ति के कारण स्नेह रखते है, तो ये आप के धन के ख़त्म होने के कुछ पल पहले ही भाग खड़े होंगे।
    • सुविधा। क्या आप उन्हें ऑफिस तक अपनी गाड़ी में ले जाते हैं या फिर घर के कामों में उन की मदद करते हैं? क्या वे इस के बदले में आप को कुछ दे रहे हैं?
    • उदासी। गर्मी की छुट्टियाँ आ गई हैं और आप का पड़ोसी एकदम से आप के साथ घुल मिल गया। स्कूल शुरू होने के बाद वह आप को नज़र भी ना आए। इस तरह के मित्र आप के झूठे मित्र होते हैं, और ये किसी नए दोस्त के मिलने के बाद, आप को कभी भी छोड़ सकते हैं।

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    पहचानें अगर आपके दोस्त आपसे उनके आत्मसम्मान की उम्मीद करते हैं: जबकि दोस्तों का काम एक-दूसरे को प्रोत्साहित करना और एक दूसरे को सपोर्ट करना होता है, कुछ दोस्त बहुत अधिक कंजूस और ज़रूरतमंद हो सकते हैं। यदि आपका फ्रेंड भी आपको अपने ईगो को लगातार संतुष्ट करने और उन्हें अपने बारे में बेहतर महसूस करने के लिए देखता है, तो वो आपको यूज़ कर रहा/रही है।

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    सच्चे मित्र आप को अपने बारे में अच्छा महसूस कराते हैं: आप के मित्र को आप के द्वारा की गई हर बात के साथ में सहमत होने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन आप का सच्चा मित्र आप को आप के अपने बारे में अच्छा महसूस कराता है। ये आप के साथ रहकर आप को दुनिया जीत सकने वाली भावना दिलाते हैं। यदि आप ने अपने मित्र के साथ अपने कुछ रहस्य वाली बातें नहीं बाँट पा रहे हैं, तो फिर किस तरह की मित्रता?

    • यदि आप को अपने मित्र को अलविदा कहते वक़्त हर समय ऐसा महसूस होता है, जैसे आप कुछ ग़लत कर रहे है, आप ने कोई ग़लती कर दी है, मित्र को दुख पहुँचाया है या फिर आप बहुत बेकार इंसान हैं, तो यह एक समस्या की बात है। यदि आप का मित्र खुद की खुशी के लिए आप को नीचा दिखाता है, तो यह भी एक समस्या है। यदि आप का मित्र आप के रंग-रूप, वजन आदि के बारे में भद्दी टिप्पणियाँ करता है, तो -- शायद आप समझ ही चुके होंगे।

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    सच्चे दोस्त आप को अपनी अहमियत महसूस कराते हैं: यदि अपने मित्र के साथ में आप की मौजूदगी, से आप यह नहीं महसूस कर पा रहे हैं कि आप की उस की ज़िंदगी में मौजूदगी की कोई अहमियत है या नहीं? तो फिर यह मित्र भी आप के लिए सच्चा नहीं है। हालाँकि एक मित्र को, आप को झूठ के साथ खुद से बाँधे नहीं रखना चाहिए, एक सच्चा मित्र हमेशा आप को महसूस कराता है, कि आप बहुत महत्वपूर्ण और अति आवश्यक हैं। वे आप से सलाह माँगते हैं, और उन पर गौर भी फरमाते हैं और किसी और मित्र के आने पर भी आप को छोड़ कर कहीं नहीं जाते। किसी के पास भी इस तरह के खेलने का समय नहीं होता, तो एक ऐसा मित्र ढूँढें जो आप की मित्रता का सम्मान कर सके।

    • झूठे मित्र आप के साथ अकेले में तो अच्छा व्यवहार करेंगे, लेकिन जब किसी पार्टी में मिलेंगे तो इन्हें आप की उपस्थिति तक का एहसास नहीं होगा। जब ये लोगों के साथ होंगे तो ये आप की सारी सलाह या विचारों को एकदम खारिज़ कर देंगे।

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    सच्चे मित्र आप को हमेशा खुश रखेंगे: यह बहुत ही सामान्य बात होगी, है ना? सच्चे मित्र वही होते हैं, जिन के आसपास आप भी खुशी महसूस करें। यदि आप उस से बात करते वक़्त ज़्यादा खुशी महसूस नहीं कर पाते, तो वह आप का सच्चा मित्र नहीं है।

    • हर किसी में कोई ना कोई कमी होती है। लेकिन यदि आप को ऐसा लगता है जैसे आप का मित्र हर समय किसी ना किसी समस्या से घिरा रहता है और आप कभी भी उस के साथ खुल कर आनंद नही ले पाए क्योंकि आप हमेशा ही उस की मदद करने में लगे रहते हैं, तो यहाँ पर भी एक समस्या है। आप एक मित्र हैं, ना कि सिर्फ़ रोने के लिए एक कंधा।
    • यदि आप को नहीं लगता कि आप आगे इस मित्र के साथ मित्रता रख पाएँगे, तो इन्हें अपने परिवार से या अपने अन्य मित्रों से दूर रखें, ये आप के सच्चे मित्र नहीं हैं।

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    मित्रों को ढूँढते वक़्त अपने अंदर से आने वाली आवाज़ को सुनें: यदि कुछ ऐसा है, जो ग़लत लग रहा है, तो वह ग़लत है। यदि आप उन के साथ में खुश नहीं हैं, या फिर उस पर विश्वास नहीं कर पा रहे है, तो उन के मित्र ना रहें। मानते हैं कि सच्चा मित्र किसी को ऐसे ही नहीं मिलता, लेकिन इस का मतलब यह तो नहीं है, कि आप किसी ऐसे व्यक्ति के भी साथ में मित्रता निभाते रहें, जो आप के साथ एक तुच्छ व्यक्ति की तरह व्यवहार करता हो। एक कदम पीछे लेकर, खुद से सवाल करें, क्या आप को सच में लगता है कि वह आप का सच्चा मित्र है, या फिर आप उस के साथ सिर्फ़ सामान्य मित्रता रखना चाहते हैं।

    • यदि आप ने अपने मित्र की सत्यता के बारे में कभी भी खुद से सवाल किए हैं, तो संभावना है, कि आप का रिश्ता कोई बहुत अच्छा रिश्ता नही है। कोई भी मित्रता एकदम सही नहीं होती और हर मित्रता में कुछ ना कुछ उतार-चढ़ाव भी होते हैं।

सलाह

  • सच्चा मित्र आप को, आप जैसे हैं वैसे ही स्वीकार करता है।
  • सच्चे मित्र हमेशा आप के पास रहते हैं। ये लोग, मुश्किल हालात से निपटने में आप की मदद करते हैं और हर घड़ी आप का साथ देते हैं।
  • एक सच्चा मित्र कभी भी आप की पीठ-पीछे बुराई नहीं करता या फिर वह कभी भी आप की चीज़ें नहीं चुराता या आप से झूठ भी नहीं बोलता।
  • सच्चा मित्र हमेशा आप की मदद करने को तैयार रहता है।
  • यदि आप का मित्र किसी और से बात कर रहा है और जब तक आप खुद ही बात शुरू नहीं करते, वो भी आप से बात नहीं करता, एक अच्छा रिश्ता नहीं है।
  • सच्चे मित्र आप को हर चीज़ में शामिल करते हैं।
  • यदि वह आप का सच्चा मित्र है, तो आप को किसी अन्य व्यक्ति के साथ देख कर भी उसे आप से जलन नहीं होगी।
  • किसी समस्या को सुलझाने में, हमेशा अपने मित्र की मदद करें।
  • सच्चा मित्र जो भी बोलेगा आप के सामने बोलेगा, ना की आप के पीछे।
  • सच्चा मित्र हमेशा आप को सम्मान देता है।
  • जब सारी दुनिया आप का साथ छोड़ देगी, तब भी आप का सच्चा मित्र आप का साथ देगा।
  • यदि आप को नहीं लगता कि आप का मित्र, आप का सच्चा मित्र है, तो वो नहीं है।

चेतावनी

  • अपने मित्र से बार-बार और बेरूख़ी से सवाल ना करें। यदि आप की मित्रता सच्ची है, तो आप ऐसा कर के इसे बरबाद कर रहे हैं।
  • आप जिसे नहीं बदल सकते, उसे बदलने की कोशिश ना करें। यदि आप का मित्र सच में बहुत बुरा मित्र है, तो उस से मित्रता बनाए रखने से कोई फायदा नहीं होगा। उसे भूल जाएँ और कोई नया और सच्चा दोस्त ढूँढने की कोशिश करें।
  • आप किसी के सच्चे मित्र हैं, ऐसा सोच कर खुद से झूठ ना कहें, विशेष रूप से यदि वह भी आप के बारे में ठीक आप की तरह कुछ भी महसूस नहीं करता हो, तब। इस तरह से आप खुद को ही दुख पहुँचा रहे हैं।
  • अपने मित्र से झूठ ना बोलें क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं, तो बदले में आप को भी झूठ ही मिलेगा। और यदि आप किसी महत्वपूर्ण बात पर भी अपनी ईमानदारी नहीं दिखाते और वे आप को झूठ बोलते हुए पकड़ लेते हैं, तो हो सकता है कि वे आप के साथ अपनी इस दोस्ती को भी तोड़ दें। तो कुछ भी हो जाए, आप हमेशा उन से सच ही कहें!
  • https://www.lifeadvancer.com/5-ways-to-know-if-your-friend-is-a-true-friend
  • विकीहाउ के बारे में

    सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ८०,६९९ बार पढ़ा गया है।

    यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?

    सच्चे मित्र का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

    दोस्त एक-दूसरे को भावनात्मक सहायता प्रदान करने के लिए हैं। जब हम कमज़ोर महसूस करते हैं तब वे हमें खुश करते हैं, पढ़ाई में हमारी सहायता करते हैं, खरीदारी के लिए हमारे साथ लंबी दूरी तय करते हैं और विभिन्न मजेदार गतिविधियों में हमारे साथ शामिल होते हैं। मित्र हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं।

    सच्चे मित्र में कौन कौन से गुण होने चाहिए?

    शास्त्रों से: जिस व्यक्ति में होते हैं ये 6 गुण, वही होता है आपका....
    आपकी गलतियों को बताएं ... .
    दूसरों के सामने आपके अवगुण न दिखाएं ... .
    सभी के सामने आपके गुणों की तारीफ़ करें ... .
    मुश्किल समय में धन देकर करें मदद ... .
    अच्छे कामों के लिए आपको प्रेरित करें ... .
    बुरे समय में आपका साथ न छोड़ें.

    मित्रता के क्या लाभ है?

    Answer : मित्रता का महत्व— कोई भी मनुष्य बिना मित्र के नहीं रहता। प्रत्येक व्यक्ति का कोई न कोई मित्र होता ही है| दूसरों से मित्रता करना मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृति है| उसे दूसरों के बारे में जानने में दिलचस्पी होती है और इसी दिलचस्पी के परिणामस्वरुप वह दूसरों से दोस्ती करता है| कभी—कभी यही मित्र बेहद अजीज हो जाते हैं।

    अच्छे मित्र की पहचान क्या है?

    सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय ही होती है। जो मित्र विपत्ति में आपका साथ दे वही सच्चा मित्र है। जो मित्र आपकी खुशी में शामिल होता है और दुख आने पर आपसे दूर हो जाता है तो वह आपका सच्चा मित्र नहीं है। ऐसा मित्र शत्रु से भी ज्यादा खतरनाक है।