which you have to do and you can easily score good marks in upcoming exams.I will give you all the important information by typing. Show Hindi (301) Syllabus प्र-1 पीढिया और गिटटियां पाठ के आधार पर बतायें की पुरानी पीढी
के लिए नई क्या क्या व्यवस्था कर दी थी ? प्र-13 ' अनुराधा ' कहानी की पात्र अनुराधा के चरित्र की दो प्रमुख विशेषताएं उदहारण सहित स्पष्ट कीजिये। प्र-14 पठित कहानी ' अनुराधा ' की नायिका अनुराधा द्वारा लिए गए निर्णय से आप कहाँ तक सहमत है। पक्ष अथवा विपक्ष में कोई दो तर्क देते हुए उत्तर की पुष्टि कीजिये। प्र-15 'अनपढ बनाये रखने की साजिश ' के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? किन्ही दो बिन्दुओ
का उल्लेख कीजिये। प्र-16 ' आज के आधुनिक सामंत सारे देश को दूरदर्शन केन्द्रो के बढ़ते हुए जाल में बांधकर अपने जरिये वचन या घटिया मनोरंजन पिला रहे है ' कथन से क्या आप सहमत है? तर्क
सहित उत्तर दीजिये। प्र-17 ' परशुराम के उपदेश ' कविता के आधार पर स्वतंत्रता की दो विशेषताएं बताये? प्र-18 ' वह तोड़ती पत्थर ' कविता के आधार पर मजदूरों के कठिन जीवन पर प्रकाश डालिये। प्र-19 ' वह तोड़ती पत्थर '- कविता का केंद्रीय भाव लिखिये। प्र-20 '
वह तोड़ती पत्थर ' कविता के आधार पर शोषक और शोषित के जीवन का अंतर बताइये। प्र-21 ' वह तोड़ती पत्थर ' कविता के आधार पर ग्रीष्म ऋतु
की भीषणता का वर्णन कीजिये। प्र-22 ' एक था पेड़ और एक था ठूठ ' पाठ में पेड़ और ठूठ किस बात के
प्रतीक है? प्र-23 ' पेड़ और ठूंठ किनका प्रतीक है ' एक था पेड़ और एक था ठूंठ पाठ के आधार पर स्पष्ट
कीजिये। प्र-24 ' एक था पेड़ और एक था ठूठ ' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिये कि पेड़
जैसे लोगो और ठूठ जैसे लोगो के व्यक्तित्व में क्या अंतर होता है? आपने भी इन दोनों तरह के लोगो को देखा होगा कि उनके विषय में अपने अनुभव लिखिए। प्र-25 ' क्रोध सब मनोविकार से फुर्तीला है ' कथन का आशय स्पष्ट कीजिये। अनुभव आधारित कोई दो उदाहरण देते हुए उत्तर की पुष्टि कीजिये। प्र-26 रामचंद्र शुक्ल ने ' क्रोध ' पाठ में बैर को क्रोध का आचार या मुरब्बा क्यों कहा है? प्र-27 शुक्ल जी ने क्रोध को अंधा क्यों कहा है? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये। प्र-28 ' मुझे कदम कदम पर ' कविता का केंद्रीय भाव लिखिये। उत्तर-28 ' मुझे कदम कदम पर ' कविता का केंद्रीय भाव यह है कि वर्तमान युग में कवि की कठिनाई विषयो का अभाव नहीं है, उसकी कठिनाई यह है कि विषय बहुत अधिक है परन्तु वह स्वयं उनमे से चुनाव कर पाने में असमर्थ है। वह सभी विषयो पर लिखना चाहता है क्योंकि सभी विषय उसे अपनी ओर खींचते है। कवि का मानना है कि उसकी यह सोच गलत है कि प्रत्येक पत्थर हिरा होगा , हर आत्मा बेचैन होगी या हर मुस्कान सदानीरा होगी या फिर प्रत्येक वाणी में महाकाव्य की पीड़ा समाई होगी। चोहराहे पर पहुंचकर उसे लगता है कि उसे एक कहानी मिल गई है फिर दूसरो से बाते करने पर लगता है कि उसे उपन्यास का प्लाट मिल गया है। उसे खुशी होती है कि वह चोहराहे से नए प्रतीक व नए रूपचित्र लेकर लौट रहा है। प्र-29 'मौन ' अथवा ' भरत का भातृप्रेम ' कविता का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिये। प्र-30 ' मैं नीर भरी दुःख की बदली ' कविता में महादेवी वर्मा ने नारी के जीवन की तुलना एक जल भरी बदली से की है, कैसे? प्र-31 भरत का अपने बड़े भाई श्री राम के प्रति आदर व प्रेम की प्रासंगिकता की पुष्टि आज के सन्दर्भ में कीजिये। प्र-32 ' परशुराम के उपदेश 'अथवा' मैं नीर भरी दुःख की बदली' कविता का केंद्रीय भाव 40-50 शब्दों में स्पष्ट कीजिये।
प्र-33 बाहिर लैके दियवा, वारन जाय.... प्रस्तुत बरवै में रहीम ने गृहस्थ प्रेम का अत्यंत सुन्दर चित्रण किया है। स्पष्ट कीजिये। प्र-34 ' प्रभुजी तुम चन्दन हम पानी.... ' पद में संत रैदास ने ईश्वर की उपमा कई उपनामो से दी है। उसे स्पष्ट कीजिये। प्र-35 छायावाद और प्रगतिवाद में अंतर के दो बिन्दुओ को उदाहरणसहित स्पष्ट कीजिये। प्र-36 निर्गुण भक्ति और सगुण भक्ति का उदाहरण देते हुए अंतर स्पष्ट कीजिये। प्र-37 राम-भक्ति काव्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिये। प्र-38 कृष्ण-भक्ति काव्य की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिये।
प्र-39 राजेंद्र यादव की भाषा शैली की विशेषताएं? प्र-40 रामचंद्र शुक्ल की भाषा की
विशेषताएं? प्र-41 आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की भाषा शैली की विशेषताएं? प्र-42 छोटी रानी के चरित्र की प्रमुख विशेषताओं को सोदाहरण स्पष्ट कीजिये। प्र-43 कुमुद के चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश इलिये। प्र-44 अलीमर्दान के चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिये? प्र-45 कुंजर सिंह के चरित्र की
विशेषताएं? प्र-46 'विराटा की पदमिनी ' की भाषा- शैली की तीन विशेषताओं पर प्रकाश इलिये। प्र-47 क्या ' विराटा की पद्मिनी को ऐतिहासिक उपन्यास माना जा सकता है? पक्ष या विपक्ष में तीन तर्क
दीजिये। प्र-48 ' विराटा की पद्मिनी ' उपन्यास के संवादों की तीन विशेषताओं पर प्रकाश डालिये। प्र-49 गोमती ने दुर्गा से क्या वरदान माँगा? प्र-50 कुंजर सिंह को अलीमर्दान की सहायता
क्यों अच्छी नहीं लगी ? प्र-51 नायक सिंह ने देवी सिंह को क्या वचन दिया? प्र-52 छोटी रानी ने बड़ी रानी को अपने षड्यंत्र में कैसे शामिल किया? प्र-53 कुंजर सिंह ने कुमुद की रक्षा के लिए क्या प्रस्ताव रखा और कुमुद ने इसका क्या उत्तर दिया ? प्र-54 अलीमर्दान के सिंहगढ़ आने से कुंजर सिंह प्रसन्न क्यों नहीं था? प्र-55 प्रारूपण किसे कहते है? प्र-56 प्रारूपण की विशेषताएं? प्र-57 टिप्पण और टिप्पणी में अंतर ? प्र-58 प्रतिवेदन से आप क्या समझते है? प्र-59 प्रतिवेदन क्यों लिखा जाता है? प्र-60 प्रतिवेदन के मुख्य तत्व कौन-कौन से है? प्र-61 कुछ प्रमुख पारिभाषिक शब्द- टेलीप्रिंटर,
वर्गीकृत विज्ञापन, कयामुख, ई-मेल, दैनिक, ब्रेकिंग न्यूज़, पीत पत्रकारिता? प्र-62 ' जन संचार माध्यम ' से क्या तात्पर्य है? प्र-63 संचार माध्यमों के किन्ही दो उद्देश्यों का उल्लेख कीजिये? प्र-64 किस प्रमुख बात के कारण कोई घटना समाचार बनती है? प्र-65 पत्रकारिता के क्षेत्र में इंटरनेट तथा ईमेल के महत्व पर टिप्पणी लिखिए। प्र-66 चौथा स्तम्भ या चौथा खंभा किसे और क्यों कहा जाता है? तर्क सहित उत्तर लिखिए। प्र-67 रेडियो की भाषा कैसी होनी चाहिए? अपने उत्तर के पक्ष में एक तर्क भी लिखिये। प्र-68 पी.टी.आई. क्या है? इसके कार्यों का उल्लेख कीजिये। प्र-69 प्रायोजित कार्यक्रम क्या होते है। उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिये। प्र-70 समाचार संकलन के किन्ही दो सोतों पर प्रकाश डालिये/उल्लेख कीजिये? प्र-71 फीचर किसे कहते है? प्र-73 कुछ राज्यों में साइबर-अपराधों के निम्नलिखित आंकड़ों को दंड आरेख के द्वारा प्रदर्शित कीजिये। उत्तराखंड-10 प्र-74= निम्नलिखित सूचनाओं को वृक्ष-आरेख द्वारा समझाये हिंदी साहित्य का प्रारंभिक काल आदिकाल के नाम से जाना जाता है। इसमें तीन प्रकार का साहित्य रचा गया है-1. धार्मिक प्रचार एवं प्रसार का साहित्य, 2. वीरकाव्य तथा 3.अन्य। धार्मिक साहित्य में i. सिद्ध साहित्य ii. नाथ साहित्य और जैन साहित्य। 2. वीर काव्य में रासो और 3.अन्य के अंतर्गत अमीर खुसरो का काव्य और दूसरा विद्यापति का काव्य। समाससमास का तात्पर्य है-दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं। समास के छः भेद होते हैं: 1.अव्ययीभाव 2.तत्पुरुष 3.द्विगु 4.द्वन्द्व 5.बहुव्रीहि 6.कर्मधारय 1.अव्ययीभाव समास = जिस समास का पहला पद(पूर्व पद) प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। उदाहरण- आजीवन-जीवन-भर यथासाध्य - सामर्थ्य के अनुसार 2.तत्पुरुष समास - जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे - तुलसीदासकृत = तुलसी द्वारा कृत (रचित) विभक्तियों के नाम के अनुसार तत्पुरुष समास के छह भेद है- कर्म तत्पुरुष (गिरहकट - गिरह को काटने
वाला) तत्पुरुष समास के दो प्रमुख उपभेद है: कर्मधारय समास और द्विगु समास 3. द्विगु समास
नवग्रह = नौ ग्रहों का समूह 4. द्वन्द्व समास- जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं लगता है, वह वंद्व समास कहलाता है। जैसेेे- 5. कर्मधारय समास समस्त पद - समास विग्रह 6. बहवीहि समास: जिस समास के समस्त पदों में कोई भी पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद प्रधान हो, उसे बहुव्रीहि समास के नाम से जाना
जाता है। कारककारक =जो किसी शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध बताए वह कारक है ! कारक के आठ भेद हैं :- जिनका विवरण इस प्रकार है :- नीचे कारकों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं : 2. कर्म कारक 3. करण कारक जैसे- 4. संप्रदान कारक 5. अपादान कारक 6. संबंध
कारक 7. अधिकरण कारक 8. संबोधन कारक अलंकार'अलंकार' का शाब्दिक अर्थ है- 'अभूषण'। जिस प्रकार स्त्रियां स्वयं को आभूषणों से सुसज्जित होती है, उसी प्रकार कवि एवं लेखक भाषा को शब्दों या उनके अर्थो से सजाते है। शब्दों एवं अर्थों के इसी इस्तेमाल को 'अलंकार' कहते है। अलंकार को दो भागों में विभाजित किया गया है: शब्दालंकार- शब्द पर आश्रित अलंकार अर्थालंकार- अर्थ पर आश्रित अलंकार शब्दालंकार - ये शब्द पर आधारित होते हैं ! प्रमुख शब्दालंकार हैं - अनुप्रास , यमक , शलेष आदि । अर्थालंकार - ये अर्थ पर आधारित होते हैं। प्रमुख अर्थालंकार हैं - उपमा , रूपक , उत्प्रेक्षा, 1- अनुप्रास अलंकार - जहां किसी वर्ण की अनेक बार क्रम से आवृत्ति हो वहां अनुप्रास अलंकार होता है ! 2-यमक अलंकार :- जहाँ एक ही शब्द अधिक बार इस्तेमाल हो लेकिन अर्थ हर बार अलग हो ,वहाँ यमक अलंकार होता है। उदाहरण -1 उदाहरण -2 सजना है मुझे सजना के लिए। 3-श्लेष अलंकार :- जहाँ पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो जिनसे एक से अधिक अर्थ निलकते हो वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है । 4-उपमा अलंकार
:- जहाँ दो वस्तुओं में अन्तर रहते हुए भी आकृति एवं गुण की समानता दिखाई जाये ,वहाँ उपमा अलंकार होता है । 5-रूपक अलंकार:- जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय पर उपमान का आरोप किया जाये मतलब
जहाँ दो वस्तुओ में बहुत अधिक समानता के कारण एक वस्तु को दूसरी का ही रूप दे दिया जाये वहाँ रुपक अलंकार होता है । 6-अतिशयोक्ति अलंकार- जहाँ किसी बात को बढ़ा-चढ़ा कर वर्णन किया जाए, वहां अतिश्योक्ति अलंकार होता है। 7-उत्प्रेक्षा अलंकार :- जहाँ उपमेय को ही उपमान मान लिया जाता है यानी अप्रस्तुत को प्रस्तुत मानकर वर्णन किया जाता है। वहा उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इस अलंकार की पहचान - मनु , मानो, मनहुँ, जानहु, जनु , जानो शब्दों से होती है।
8-मानवीकरण अलंकार- जब निर्जीव वस्तु का वर्णन जीवित वस्तुओ या प्राणिओ की तरह किया जाता है, तो वह मानवीकरण अलंकार होता है। इस पंक्ति में "सागार" तथा "लेहरो" का वर्णन जीवित प्राणियों की तरह किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है।
कठपुतली कविता का केंद्रीय भाव क्या है?भावार्थ – कठपुतली दूसरों के हाथों में बंधकर नाचने से परेशान हो गयी है और अब वो सारे धागे तोड़कर स्वतंत्र होना चाहती है। भाव यही है कि किसी को भी पराधीनता या गुलामी पसंद नहीं होती , सभी स्वतंत्रता से रहना पसंद करते हैं।
कठपुतली कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?'कठपुतली' कविता के माध्यम से कवि संदेश देना चाहता है कि आजादी का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। पराधीनता व्यक्ति को व्यथित कर देता है। अतः स्वतंत्र होना और उसे बनाए रखना बहुत जरूरी है, भले ही यह कठिन क्यों न हो।
कठपुतली पाठ से हमें क्या सीख मिलती है?कठपुतली पाठ मनुष्य को अपनी आज़ादी के प्रति सचेत रहने की प्रेरणा देता है। उसके अनुसार गुलामी का जीवन कितना भी सुंदर क्यों न हो परन्तु मनुष्य कहलाता गुलाम ही है। अतः हमें गुलामी से मुक्त होने के प्रयास करने चाहिए और अन्य लोगों को भी इसके प्रति सचेत करते रहना चाहिए।
कठपुतली कविता में कौन सा भाव छिपा है?वो कोई कठपुतली भी नहीं होती, जिसे हम अपने इशारों पर नचा सकें। उनका भी दिल होता है। उच्च शिक्षा पाना कोई अपराध नहीं है जिसकी वज़ह से उसे शर्मिंदा होना पड़े और अपनी योग्यता को छुपाना पड़े।
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