कविता क्या है निबंध चिंतामणि के किस भाग में है? - kavita kya hai nibandh chintaamani ke kis bhaag mein hai?

'कविता क्या है' निबंध चिंतामणि के किस भाग में संकलित है ?

  1. चिंतामणि भाग 1
  2. चिंतामणि भाग 2 
  3. चिंतामणि भाग 3
  4. चिंतामणि भाग 4

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : चिंतामणि भाग 1

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'कविता क्या है' निबंध चिंतामणि के भाग 1 में संकलित है|

कविता क्या है निबंध चिंतामणि के किस भाग में है? - kavita kya hai nibandh chintaamani ke kis bhaag mein hai?
Key Points

  • कविता क्या है? निबन्ध आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबन्ध संग्रह चिंतामणि(भाग-1) में संकलित है।
  • सरस्वती पत्रिका में 1909ई. में सर्वप्रथम प्रकाशित हुआ।

कविता क्या है निबंध चिंतामणि के किस भाग में है? - kavita kya hai nibandh chintaamani ke kis bhaag mein hai?
Important Points

  • चिंतामणि(भाग-1) में संकलित अन्य निबन्ध-भाव या मनोविकार,उत्साह,श्रद्धा-भक्ति,करुणा,लज्जा और ग्लानि,लोभ और प्रीति,ईर्ष्या, क्रोध,तुलसी का भक्तिमार्ग, काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था आदि।

कविता क्या है निबंध चिंतामणि के किस भाग में है? - kavita kya hai nibandh chintaamani ke kis bhaag mein hai?
Additional Information

  • चिंतामणि(भाग-1) सर्वप्रथम 'विचार-वीथी' नाम से प्रकाशित हुआ था।
  • अन्य भाग व संपादक-
  1. चिंतामणि(भाग-1)-रामचन्द्र शुक्ल(1939)
  2. चिंतामणि(भाग-2)-विश्वनाथ प्रसाद मिश्र(1945)
  3. चिंतामणि(भाग-3)-नामवर सिंह(1983)
  4. चिंतामणि(भाग-4)-कुसुम चतुर्वेदी और ओमप्रकाश सिंह(2004)

Last updated on Sep 21, 2022

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चिन्तामणि(आचार्य रामचंद्र शुक्ल)

  • चिन्तामणि(आचार्य रामचंद्र शुक्ल)
    • चिंतामणि भाग-1 में संकलित निबंध
    •  चिन्तामणि भाग-2 में संकलित निबंध

⇒ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने ’निबंध’ को व्यवस्थित एवं मर्यादित विचार-प्रधान गद्य रचना माना है, जिसमें शैली की विशिष्टता और लेखक के निजी चिंतन और अनुभव की विशेषता के कारण व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा भी रहती है।

⇒ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने लिखा है-

’’यदि गद्य कवियों या लेखकों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौटी है। भाषा की पूर्ण शक्ति का विकास निबंधों में ही सबसे अधिक संभव है।’’

⇒ आचार्य शुक्ल के निबंधों को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है-

  • मनोविकार संबंधी निबंध
  • आलोचनात्मक निबंध

⇒ चिन्तामणि भाग-1 के ’निवेदन’ में शुक्ल जी ने लिखा है-

’’इस पुस्तक में मेरी अन्तर्यात्रा में पङने वाले कुछ प्रदेश हैं। यात्रा के लिए निकलती रहती है बुद्धि, पर हृदय को भी साथ लेकर अपना रास्ता निकालती रही है।’’

⇒ आचार्य शुक्ल का निबंध संग्रह चिंतामणि चार भागों में प्रकाशित हुआ है।

⇒ चिंतामणि के चारों भागों के संपादक निम्नलिखित है-

  • चिंतामणि भाग- 1 (17 निबंध) संपादकः रामचंद्र शुक्ल 1939 ई.
  • ⇒चिंतामणि भाग- 2 (3 निबंध) संपादकः विश्वनाथ प्रसाद मिश्र 1945 ई.
  • चिंतामणि भाग- 3 (21 निबंध) संपादकः नामवर सिंह 1983 ई.
  • ⇒चिंतामणि भाग- 4 (47 निबंध) संपादकः कुसुम चतुर्वेदी ओम प्रकाश सिहं 2002 ई.  

चिंतामणि भाग-1 में संकलित निबंध

(1) भाव या मनोविकार 

(2) उत्साह 

(3) श्रद्धा और भक्ति 

(4) करूणा 

(5) लज्जा और ग्लानि 

(6) लोभ और प्रीति 

(7) घृणा 

(8) ईर्ष्या  

(9) भय

(10) क्रोध

(11) कविता क्या है ?

(12) मानस की धर्म भूमि

(13) तुलसी का भक्ति मार्ग

(14) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

(15) काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था

(16) साधारणीकरण और व्यक्तिवैचित्र्यवाद

(17) रसात्मक बोध के विविध रूप 

 चिन्तामणि भाग-2 में संकलित निबंध

(1) काव्य में प्रकृति-दृश्य

(2) काव्य में रहस्यवाद

(3) काव्य में अभिव्यंजनावाद 

विशेष तथ्यः

  • आचार्य शुक्ल का चिंतामणि भाग-1 सर्वप्रथम ’विचार वीथी’ नाम से सन् 1930 ई. में प्रकाशित हुआ था।
  • ’कविता क्या है ?’ निबंध ’सरस्वती’ पत्रिका में सन् 1909 ई. में प्रकाशित हुआ था।
  • इनका सबसे पहला निबंध ’साहित्य’ शीर्षक से 1904 ई. में ’सरस्वती’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।
  • इनको ’निबंध सम्राट’ के नाम से जाना जाता है।
  • ’चिंतामणि’ रचना के लिए इनको ’देव पुरस्कार’ प्राप्त हुआ था।
  • ये हिन्दी के कलात्मक निबंधों के जन्मदाता माने जाते है। 

चिंतामणि  रामचंद्र शुक्ल

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Reader Interactions

चिंतामणि भाग 1 कविता क्या है?

मनुष्य अपने भावों, विचारों और व्यापारों को लिये-दिये दूसरों के भावों, विचारों और व्यापारों के साथ कहीं मिलता और कहीं लड़ाता हुआ अन्त तक चला चलता है और इसी को जीना कहता है। जिस अनन्त-रूपात्मक क्षेत्र में यह व्यवसाय चलता रहता है उसका नाम है जगत्।

चिंतामणि भाग 3 में कितने निबंध है?

चिंतामणि भाग- 3 (21 निबंध) संपादकः नामवर सिंह 1983 ई.

चिंतामणि निबंध संग्रह के कितने भाग हैं?

इस पुस्तक के चार भाग हैंचिन्तामणि के प्रमुख निबन्ध हैं- भाव या मनोविकार, उत्साह, श्रद्धा और भक्ति, करुणा, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोक मंगल की साधनावस्था।

कविता क्या है किस प्रकार का निबंध है?

तात्पर्य यह कि कविता मनोवेगों को उत्तेजित करने का एक उत्तम साधन है। यदि क्रोध, करुणा, दया, प्रेम आदि मनोभाव मनुष्य के अन्त:करण से निकल जाएं तो वह कुछ भी नहीं कर सकता। कविता हमारे मनोभावों को उच्छ्वसित करके हमारे जीवन में एक नया जीव डाल देती हैं। हम सृष्टि के सौन्दर्य को देखकर मोहित होने लगते हैं।