विषयसूची इसे सुनेंरोकेंबादल को कवि ने लोक कल्याण का प्रतीक माना है। बादल किसका प्रतीक है और क्यों Class 10? इसे सुनेंरोकें(i) बादल क्रांति, जोश और उत्साह का प्रतीक है। इसके माध्यम से कवि लोगों को प्रेरित करता है। बादल के हृदय में क्या छुपा है तथा िह ककसका प्रतीक है?इसे सुनेंरोकेंउत्तर बादल के हृदय में वज्र के समान विनाश एवं विध्वंस का उपकरण छिपा हुआ है, जिससे नवीन सृष्टि का सृजन किया जा सके। यह नवजीवन का प्रतीक है। बादल प्यासे-पीड़ित जन की प्यास बुझाते हैं तथा नई कल्पना करने वाले भी होते हैं। II उत्साह कविता में बादल किसका प्रतीक है कवि ने बादलों को बरसने के स्थान पर गरजने को क्यों कहा है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: उत्तर: कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि ‘गरजने’ के लिए कहा है; क्योंकि ‘गरजना’ विद्रोह का प्रतीक है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है। कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादलों को कवि ने किसका प्रतीक माना है *?इसे सुनेंरोकेंAnswer: बादल कवि के लोक-कल्याण के भाव का प्रतीक है। वह बादलों के माध्यम से जनक्रांति लाना चाहते हैं। कवि निराला ने बादल को किसका प्रतीक माना है और क्यों? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: बादल क्रांति का प्रतीक है। अर्थात बादल के आने से परिवर्तन की आशा उमड़ पड़ती है। इसीलिए कवि निराला जी ने बादल को क्रांतिकारी का प्रतीक माना है। बादल किसका प्रतीक है और क्यों?इसे सुनेंरोकेंउत्तर- ‘उत्साह’ कविता में बादल चेतना, जागृति और क्रांति का प्रतीक है। कवि बादलों से गरजने के लिए इस लिए कहता है क्योंकि गरजना से लोगो में उत्साह और क्रांति का संचार होता है। बादल के हृदय में कौन छिपा हैं? इसे सुनेंरोकेंAnswer: बादल के हृदय में विद्युत (बिजली) छिपी है। उत्साह कविता में निराला ने बादल को किसका प्रतीक बताया है?इसे सुनेंरोकेंबादल कवि के लोक-कल्याण के भाव का प्रतीक है। वह बादलों के माध्यम से जनक्रांति लाना चाहते हैं। बादल गरजो पंक्ति में अलंकार क्या है? इसे सुनेंरोकेंबादल, गरजो! (iii) ‘घेर घेर घोर’ में अनुप्रास अलंकार है। उत्साह कविता के अनुसार निदाघ किसका प्रतीक है *?इसे सुनेंरोकें’निदाघ’ किसका प्रतीक है ‘निदाघ’ अर्थात् भीषण गर्मी सांस Question कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर'गरजने' के लिए कहता है, क्यों?Open in App Solution
कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने' के लिए कहा है; क्योंकि 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है।Solve Textbooks Question Papers Install app प्रश्न 1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों? उत्तर कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों? उत्तर कवि के अनुसार बादल क्रांति लाने वाले हैं। क्रांति कभी दबे पाँव नहीं आती। कवि बादल से रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है, क्योंकि कोमलता व मृदु भावों से सभी कार्य संपन्न नहीं होते। निराला एक क्रांतिकारी कवि थे। वे समाज में बदलाव लाना चाहते थे इसलिए जनता में चेतना जागृत करने के लिए और जोश जगाने के लिए कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए न कह ‘गरजने’ के लिए कहा है। गरजना शब्द क्रान्ति, बदलाव, विरोध दर्शाता है। नवीनता लाने के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति आवश्यक होती है। क्रांति का सुखद परिणाम सबको मिलता है क्योंकि क्रांति नव निर्माण करती है उसी तरह बादल भी नव अंकुर पल्लवित करता है। प्रश्न 2. कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ क्यों रखा गया है? उत्तर बादल कवि निराला का प्रिय विषय है। बादलों को देखते ही मन प्रफुल्लित हो उठता है क्योंकि बादल एक ओर तो पीड़ित प्यासे जन की आकांक्षा को पूर्ण करने वाला है, तो दूसरी तरफ़ वही बादल नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव और क्रांति की चेतना को संभव करने वाला है। बादलों से मन में ‘उत्साह’ उत्पन्न होता है इसलिए कवि ने कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ रखा। प्रश्न 3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है? उत्तर कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है – (1) पीड़ित और प्यासे लोगों की इच्छाओं की पूर्ति करने वाले परोपकारी रूप में। (2) सामाजिक क्रांति लाने वाले कवि के रूप में। (3) गर्मी से परेशान लोगों को राहत दिलवाने वाले लोक कल्याणकारी रूप में। (4) नयी कल्पना, नए अंकुर के लिए विध्वंस और क्रांति चेतना को संभव करने वाले के रूप में।
उत्तर ध्वनिवाचक शब्दों के प्रयोग से नाद-सौंदर्य उत्पन्न होता है। कविता में ‘घेर घेर घोर गगन’, ‘धाराधर’, ‘विकल-विकल’, ‘उन्मन थे उन्मन’ जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ है, जो नाद-सौंदर्य उत्पन्न करते हैं।
क्या कुछ कह जाते, क्या संदेश देते देखो, इनकी गति कितनी निराली कितनी सुंदर इनकी शोभा प्यारी आगे बढ़ते जाते कभी न थकते हम भी आगे बढ़े कभी न थकें झरने की तरह गतिशील रहें प्रश्न 1. छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए। उत्तर छायावाद की एक खास विशेषता है-अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। ‘अट नहीं रही है’ कविता की निम्नलिखित पंक्तियों से उपर्युक्त धारणा की पुष्टि होती है – (i) ‘आभा फागुन की तन सट नहीं रही है।
(ii) कहीं साँस लेते हो घर-घर भर देते हो, उड़ने को नभ में तुम पर-पर कर देते हो, आँख हटाता हूँ तो (iii) ‘कहीं पड़ी है उर में मंद-गंध-पुष्प-माल।
प्रश्न 2. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है? उत्तर फागुन मास में प्रकृति में एक नया निखार आ जाता है। इसका सौंदर्य रंग-बिरंगे फूलों, पत्तों व हवाओं में दृष्टिगोचर होता है। फागुन की सुंदरता और उल्लास चारों तरफ़ दिखाई पड़ता है। कवि की आँखें फागुन की सुंदरता से अभिभूत हैं इसलिए वह इस पर से नज़रें हटा नहीं पाता।
प्रश्न 4. फागुन में ऐसा क्या होता है, जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है। उत्तर फागुन में प्रकृति की शोभा भीतर नहीं समाती, बल्कि बाहर दिखाई दिती है। फागुन की मादकता तन-मन को बाँधने की शक्ति रखती है। वृक्ष पल्लवित-पुष्पित होते हैं इसलिए मान रूपी पक्षी प्रकृति में आत्मसात हो जाना चाहता है। ये विशेषताएँ सामान्यतः अन्य महीनों में देखने को नहीं मिलती। प्रश्न 5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएं लिखिए। उत्तर कविता में फागुन में छाई मस्ती का चित्रण किया गया है। खड़ी बोली में रचित भाषा में लोकभाषा के शब्द हैं। प्राकृतिक सौंदर्य का सजीव चित्रण है। अंगार रस तथा माधुर्य गुण है। कोमलकांत पदावली का प्रयोग किया गया है। अलंकार योजना अनूठी है। प्रतीकों का सुंदर प्रयोग किया है। मानवीकरण अलंकार का प्रयोग। जैसे- कहीं सांस लेते हो। गीति शैली का प्रभावशाली प्रयोग। कवि ने गीति शैली के अनुसार सरलता तथा संक्षिप्तता का पूरा ध्यान रखा है। संपूर्ण कविता ह्रदय को प्रभावित करती है। कवि काव्य-रचना द्वारा फागुन का सौंदर्य दर्शन में सफल रहा है।
(1) सब ओर मस्ती का वातावरण दिखाई देता है। (2) होली के आस-पास वसंत की बहार छा जाती है। (3) उद्यान में रंग-बिरंगे पुष्प दिखाई देते हैं। (4) प्रकृति में चारों ओर हरियाली छा जाती है। (5) खेतों में गेंहूँ, सरसों की फसलें कटने को तैयार हो जाती हैं। पीली-पीली सरसों की शोभा देखते ही बनती है। कवि बादल को गरजने के लिए क्यों प्रेरित करता है?कवि बादल से गरजने के लिए कह रहे हैं क्योंकि 'गरजना' शब्द क्रान्ति विप्लव और विरोध का सूचक है। परिवर्तन के लिए आह्वान है। कवि को विश्वास है कि बादलों के गरजने से प्राणि जगत में नई स्फूर्ति और चेतना का संचार होगा। वे उत्साहित होकर नव निर्माण करेंगे।
कवि बादल को गरजने के लिए क्यों कह रहा है ?`?उत्तर:- कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने के लिए कहा है, क्योंकि कवि बादलों को क्रांति का सूत्रधार मानता है । 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है । कवि बादलों से पौरुष दिखाने की कामना करता है । कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आहवान किया है।
उत्साह कविता में कवि बादल को गरजने के लिए क्यों कहता है बादल से कवि की अन्य अपेक्षाएं क्या है?उत्तर- 'उत्साह' कविता में कवि बादल को गरजने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि वह लोगों में उत्साह और क्रांति लाना चाहता है। उससे कवि अपेक्षा करता है कि गरमी से व्याकुल, पीड़ित और वेचैन लोगों को छुटकारा दिलाए।
बादलों की गर्जना का आह्वान कवि क्यों करना चाहता है?कवि ने बादल का ही आह्वान किया है क्योंकि बादल क्रांति के प्रतीक हैं। बादलों की गर्जना क्रांति का आह्वान के समान लगती है क्रांति आम व्यक्ति को प्रभावित करती है।
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