इस पोस्ट में हमलोग ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ का विस्तृत अध्ययन करेंगे । दूसरे शब्दों में इसे हम ‘बनावट के आधार पर वाक्यभेद’ भी कहते हैं । शब्दों के सार्थक व्यवस्थित रूप को वाक्य कहते हैं । वाक्य के भेद को जानने से पहले वाक्य के घटक को समझ लेते हैं। Show
वाक्य के घटक / अंगजिन अवयवों को मिलाकर वाक्य की व्यवस्थित रचना होती है इन्हें वाक्य के घटक कहते हैं । वाक्य के मुख्यतः दो घटक या अंग होते हैं। 1- उद्देश्य 2- विधेय 1- वाक्य में उद्देश्य वाक्य में ज़िसके बारे में कुछ कहा जाय वही उस वाक्य का उद्देश्य कहा जाता है ।उद्देश्य को दूसरे अर्थों में कर्ता और और कर्ता का विस्तार कहते हैं। उदाहरण १- सोहन क्रिकेट खेलता है। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में सोहन उद्देश्य है। २- सोहन का भई मोहन क्रिकेट खेलता है। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘सोहन का भाई मोहन’ उद्देश्य है। ३- बालक स्कूल जा रहे हैं। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘बालक’ उद्देश्य है। ४- दशरथ-पुत्र राम ने रावण को मारा। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘दशरथ-पुत्र राम’ उद्देश्य है। २- वाक्य में विधेय उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाय वह विधेय है । इसके अंतर्गत क्रिया और क्रिया का विस्तार, कर्म और कर्म का विस्तार आ जाता है। उदाहरण १- सोहन क्रिकेट खेलता है। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘क्रिकेट खेलता है ‘ विधेय है। २- सोहन का भई मोहन क्रिकेट खेलता है। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘क्रिकेट खेलता है ‘ विधेय है। ३- बालक स्कूल जा रहे हैं। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘स्कूल जा रहे हैं’ विधेय है। ४- दशरथ-पुत्र राम ने रावण को मारा। स्पष्टीकरण– उपर्युक्त वाक्य में ‘रावण को मारा’ विधेय है। रचना के आधार पर वाक्य भेदरचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद हैं ।1- साधारण वाक्य 2- मिश्र वाक्य 3- संयुक्त वाक्य साधारण वाक्य की पहचान, उदाहरणसामान्यतः जिस वाक्य में एक कर्ता और एक क्रिया या एक उद्देश्य और एक विधेय होता है वहाँ साधारण वाक्य होता है। साधारण वाक्य के उदाहरण 1- नीतू खाना खा रही है। मिश्र वाक्य की पहचान और उदाहरणजिन वाक्यों की रचना एक से अधिक ऐसे उपवाक्यों से हुई हो, जिनमें एक प्रधान वाक्य तथा अन्य गौण वाक्य हों, उन्हें मिश्र वाक्य कहतेहैं। मिश्र वाक्य में आश्रित या गौण उपवाक्य प्रधान उपवाक्य या मुख्य उपवाक्य पर निर्भर होते हैं। मिश्र वाक्य की पहचान मिश्र वाक्य के प्रधान और आश्रित उपवाक्य जैसा-वैसा, जो-सो, जिसकी-उसकी, जहाँ-वहाँ, जब-तब, जैसी-वैसी, यदि-तो, जिन्हें-उन्हें, कि आदि संबंधसूचक अव्यय से जुड़े होते हैं। मिश्र वाक्य के उदाहरण मिश्र वाक्य को कैसे पहचाने निम्नलिखित उदाहरण के माध्यम से समझेंगे 1- अध्यापक ने कहा कि हमें देशभक्त बनना चाहिए। स्पष्टीकरण– उपर्युक्त वाक्य में ‘अध्यापक ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है जबकि ‘कि हमें देशभक्त बनना चाहिए’ आश्रित उपवाक्य है। 2- यह वही मंदिर है जिसे पांडवकालीन माना जाता है। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘यह वही मंदिर है’ प्रधान उपवाक्य है जबकि ‘जिसे पांडवकालीन माना जाता है’ आश्रित उपवाक्य है। 3- वह जेबकतरा पकड़ा गया जिसने बस में जेब काटी थी। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘वह जेबकतरा पकड़ा गया’ प्रधान उपवाक्य है जबकि ‘जिसने बस में जेब काटी थी’ आश्रित उपवाक्य है। संयुक्त वाक्य की पहचान और उदाहरणजब दो या दो से अधिक उपवाक्य किसी समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े होते हैं तब वहाँ संयुक्त वाक्य होता है ।इनमें प्रयुक्त उपवाक्यस्वतन्त्र अर्थ का बोध कराते हैं। संयुक्त वाक्य की पहचान संयुक्त वाक्य के उपवाक्य आपस में या, वा, अथवा, इसलिए, और, किंतु, परंतु, लेकिन, तथा, एवं आदि समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़ेहोते हैं। संयुक्त वाक्य के उदाहरण 1- बादल घिरे किंतु बरसात न हुई। उपवाक्य किसे कहते हैंवाक्य के एक खंड या भाग को उपवाक्य कहते हैं उपवाक्य के कितनें भेद या प्रकार होते हैं उपवाक्य के दो भेद या प्रकार होते है १- प्रधान या मुख्य उपवाक्य २- गौण या आश्रित उपवाक्य आश्रित उपवाक्य के कितने प्रकार होते हैंजो वाक्य मुख्य या प्रधान उपवाक्य पर आश्रित होते हैं उन्हें आश्रित उपवाक्य कहते हैं। आश्रित उपवाक्य के मुख्यतः तीन भेद या प्रकारहोते हैं। 1- संज्ञा उपवाक्य 2- विशेषण उपवाक्य 3- क्रियाविशेषण उपवाक्य 1- संज्ञा उपवाक्य किसे कहते हैंकिसी उपवाक्य में जो आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की संज्ञा के स्थान पर आते हैं उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं। संज्ञा उपवाक्य की पहचान क्या है संज्ञा उपवाक्यों की पहचान इनके आरम्भ में लगे ‘कि’ को देखकर की जा सकती है । ये उपवाक्य ‘कि’ के द्वारा मुख्य उपवाक्य से जुड़ेहोते हैं। संज्ञा उपवाक्य के उदाहरण 1- माली ने बच्चों को समझाया कि फूल तोड़ना अच्छी बात
नहीं है। ‘कि’ का प्रयोग उस दशा में नहीं होता जब संज्ञा उपवाक्य प्रधान उपवाक्य से पहले आ जाए या कभी-कभी ‘कि’ का लोप भी हो जाता है। 1- तुम मेरी मदद करोगे, मुझे पता था। 2- विशेषण उपवाक्यजो उपवाक्य मुख्य उपवाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम कि विशेषता बताते हैं उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं। विशेषण उपवाक्य की पहचान क्या है विशेषण उपवाक्यों का प्रारम्भ जो, जिसे, जिसने, जिन्होंने, जिस, जिसको, आदि ‘जो’ के विभिन्न रूपों से होता है। विशेषण उपवाक्य के उदाहरण 1- जो फल तुम लाए थे, वे बहुत ही मीठे हैं। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘जो फल तुम लाए थे’ विशेषण उपवाक्य है क्योंकि इसका प्रारम्भ जो से हुआ है। 2- यह वही लड़का है जिसने कल चोरी की थी। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘जिसने कल चोरी की थी’ विशेषण उपवाक्य है । क्योंकि उक्त वाक्य ‘जिसने’ से जुड़ा हुआ है। 3- जो परिश्रम करता है उसे अवश्य सफलता मिलती है। स्पष्टीकरण- उपर्युक्त वाक्य में ‘जो परिश्रम करता है’ विशेषण उपवाक्य है। क्योंकि वाक्य का प्रारम्भ जो से हुआ है। क्रियाविशेषण उपवाक्यजिस आश्रित उपवाक्य का प्रयोग क्रियाविशेषण की भाँति किया जाता है अर्थात जो आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया की विशेषता बताता है, उसे क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं। क्रियाविशेषण उपवाक्य की पहचान क्या है क्रियाविशेषण उपवाक्यों का प्रारम्भ जब, जहाँ, जैसा, ज्यों-ज्यों आदि शब्दों से होता है| क्रियाविशेषण उपवाक्य के उदाहरण 1- जहाँ आग होती है वहाँ धुआँ होता है। वाक्य रूपांतरण / परिवर्तनएक वाक्य को दूसरे वाक्य में बदलने की क्रिया को वाक्य रूपांतरण कहते हैं। इस रूपांतरण में साधारण वाक्य को मिश्र वाक्य में, मिश्रवाक्य को संयुक्त वाक्य में, संयुक्त वाक्य को साधारण वाक्य में, साधारण वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलाते हैं। इसमें हमलोग वाक्य परिवर्तन के नियम को विस्तृत रूप से समझेंगे। साधारण या सरल वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलने के नियमसरल वाक्यों को संयुक्त वाक्य बनाते समय उन्हें इस तरह से दो भागों में बाँटते हैं कि दो क्रियाएँ बन सकें। तत्पश्चात इन वाक्यों को किंतु, परंतु, और, या, वा, अथवा, लेकिन, परंतु, इसलिए, आदि समुच्चय बोधक अव्ययों से जोड़ने का प्रयास करते हैं। सरल वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलिए सरल वाक्य- बादल घिरकर भी नहीं बरसे| सरल वाक्य को मिश्र वाक्य में कैसे बदलेंसरल वाक्य को मिश्र वाक्य बनाते समय उनके शुरू में जब, जैसे, ज्योंही, जो, जबसे आदि संबंधसूचक अव्ययों को जोड़ते हैं। निम्नलिखित सरल वाक्य को मिश्र वाक्य में बदलिए सरल वाक्य- सोने की चिड़िया कहलाने वाला यह वही भारत है। सरल वाक्य- स्वावलंबी व्यक्ति सदा सुखी रहते हैं। सरल वाक्य- साहसी विद्यार्थी सफल होते हैं। संयुक्त वाक्य को मिश्र वाक्य में बदलनासंयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य बनाते समय
समुच्चयबोधकों को अलग कर देते हैं। संयुक्त वाक्य- पैसे खत्म हो गए थे इसलिए मैं कलम न ले सका। संयुक्त वाक्य- राम ने काम पूरा किया और पढ़ने चला गया। संयुक्त
वाक्य- आज वह सुबह नहाया और मंदिर चला गया। संयुक्त वाक्य- वह अच्छी गाती है और सभी उसे पसंद करते हैं। संयुक्त वाक्य- आज रामनवमी है इसलिए विद्यालय बंद हैं। संयुक्त वाक्य- वर्षा हुई और चारों ओर हरियाली छा गई। संयुक्त वाक्य- हड़ताल हुई और सब्ज़ियाँ महँगी हो गईं। संयुक्त वाक्य को सरल वाक्य में बदलिएसंयुक्त वाक्य- वसंत आया और लताओं पर फूल आने लगे। संयुक्त
वाक्य- परीक्षा निकट आई और छात्र परिश्रम करने लगे। संयुक्त वाक्य- दौड़ जीत गया परंतु इनाम न मिला। संयुक्त वाक्य- बादल घिरे और मोर नाचने लगे। संयुक्त वाक्य- छुट्टी नहीं है इसलिए आपके साथ नहीं चलूँगा। संयुक्त वाक्य- जमाखोरी की गई अत: दालें महँगी हो गई । संयुक्त वाक्य- समय कम था इसलिए मैं आपसे न मिल सका। संयुक्त वाक्य- बत्ती हरी हुई और गाड़ियाँ चल पड़ीं। संयुक्त वाक्य- वह ईमानदार है और परिश्रमी भी है
। संयुक्त वाक्य- वह शहर गई परंतु नौकरी न पा सकी। मिश्र वाक्य को संयुक्त वाक्य में बदलिएमिश्र वाक्य- जब मज़दूर ने काम पूरा किया तब मज़दूरी माँगी। मिश्र वाक्य- जैसे ही मैं विद्यालय पहुँचा वैसे ही वर्षा शुरू हो गई। मिश्र वाक्य- जब वसंत आया तब कोयल गाने लगी । मिश्र वाक्य- जब वर्षा बंद
होती है तब बच्चे नाव तैराते हैं मिश्र वाक्य- जो लोग परिश्रम नहीं करते हैं, वे अपनी मंजिल नहीं पाते हैं। मिश्र वाक्य- जब गार्ड ने झंडी दिखाई तब गाड़ी चल पड़ी । मिश्र वाक्य- ज्यों ही पुलिस ने आसू गैस छोड़ी त्यों ही
भीड़ उग्र हो उठी। मिश्र वाक्य- जैसे ही घंटी बजी वैसे ही छात्र बाहर निकल आए। मिश्र वाक्य- जब मंत्री जी आए तब सभी खड़े हो गए। मिश्र वाक्य को सरल वाक्य में बदलिएमिश्र वाक्य- जिसने खिड़की का शीशा तोड़ा है वह खड़ा हो जाए। मिश्र
वाक्य- जो परिश्रम से जी चुराते हैं वे सफल नहीं होते। मिश्र वाक्य- मैंने सुमन से कहा कि वह नौकरी छोड़ दे। मिश्र वाक्य- जो गरीबों की मदद करते हैं, वे सम्मान के पात्र होते हैं । मिश्र वाक्य- जो छात्र कक्षा में प्रथम आया था उसे मंच
पर बुलाया गया। मिश्र वाक्य- जब-जब चुनाव होते हैं तब-तब महँगाई बढ़ जाती है। रचना के आधार पर वाक्य भेद, rachna ke adhar par waky bhed, saral vakya, mishra wakya, sanyukt vakya, मिश्र वाक्य के कितने भेद होते हैं, रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं, उपवाक्य क्या है, उपवाक्य के कितने भेद हैं, क्या मेरा भाई आपसे मिला वाक्य का कौन सा भेद है?➲ (ग) प्रश्न वाचक वाक्य
⏩ 'क्या मेरा भाई आपसे मिला ? ' इस वाक्य में अर्थ के आधार पर 'प्रश्नवाचक वाक्य' होगा। क्यों इस वाक्य में कोई प्रश्न पूछने का बोध हो रहा है। प्रश्नवाचक वाक्य में किसी प्रश्न को पूछने का बोध होता है।
क्या मेरा भाई आपसे मिला इस वाक्य का अर्थ के आधार पर भेद है * 1 Point?अर्थ के आधार पर वाक्य भेद पर आधारित कुछ बहुविकल्पीय प्रश्न| Arth ki Drishti se Vakya Bhed | Hindi Vyakaran. प्रश्न 1 – ' क्या मेरा भाई आपसे मिला ? ' इस वाक्य में अर्थ के आधार पर वाक्य का कौन सा वाक्य भेद है ? (i) अरे !
वह लड़का मेरा भाई है वाक्य में वह विशेषण का कौन सा भेद है?वह लड़का मेरा भाई है' - वाक्य में 'वह' विशेषण का कौन सा भेद है? *गुणवाचक
वाक्य के अर्थ के आधार पर कितने भेद है?ये भाव विधान, निषेध, प्रश्न, विस्मय, आज्ञा, इच्छा, संदेह और संकेत हैं। इन्हीं वाक्य के आठ भावो की दृष्टि पर अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद बताए गए हैं।
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