इसे सुनेंरोकेंहीरा कोयले की खान में क्यों मिलता हैं? – Quora. हीरा कोयले की खान में क्यों मिलता हैं? हीरा कार्बन (कोयला) से बनता है, कार्बन के ऊपर 900 से 1500 डिग्री सेल्शियस टेम्परेचर और 40,000 से 50,000 किलो ग्राम प्रेसर पड़ता है वो भी लगातार 1000 साल से ज्यादा.., तब कही एक हीरा बनता है. Show हीरा किसका रूप है?इसे सुनेंरोकेंहीरा (Diamond) कार्बन का अपरूप है। इसे कार्बन का शुद्धतम रूप माना जाता है। यह एक पारदर्शी रत्न है। हीरे और कोयले में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकें* दोनों ही कार्बन के रूप हैं लेकिन दोनों की संरचना एक दूसरे से भिन्न है. * हीरा विद्युत और ऊष्मा का कुचालक होता है जबकि ग्रेफाइट विधुत और ऊष्मा का सुचालक होता है. * हीरा सबसे ठोस पदार्थ है ग्रेफाइट से भी अधिक. पढ़ना: कैल्शियम कैसे बढ़ता है? हीरा कैसे गिरते हैं? इसे सुनेंरोकेंजीएसआई अधिकारियों के मुताबिक, ”140-190 फीट की गहराई में धरती की नीचली सतह पर मौजूद कार्बन परमाणु अत्यधिक तापमान और दबाव के चलते हीरे में तब्दील हो जाते हैं.” ”धरती में विस्फोट होने से लावा बनने लगता है और बाद में यही लावा काले पत्थर में बदल जाता है जिसे किम्बरलाइट और लैम्प्रोइट पाइप कहते हैं. कोयला कहाँ कहाँ पाया जाता है?भारत में कोयला कितने प्रकार की चट्टानों में पाया जाता है
कोयले की खान में क्या पाया जाता है?इसे सुनेंरोकेंइसमें कार्बन की मात्रा 77 से 86 प्रतिशत तक पाई जाती है। यह एक ठोस अवसादी चट्टान है, जो काली या गहरी भूरी रंग की होती है। इस प्रकार के कोयले का उपयोग भाप तथा विद्युत संचालित ऊर्जा के इंजनों में होता है। इस कोयले से कोक का निर्माण भी किया जाता है। पढ़ना: गलता लोहा किसका प्रतीक है? कोयले से सोना कैसे निकलता है? इसे सुनेंरोकेंस्वर्ण अयस्क से शुद्ध सोना हासिल करने के सभी तरीकों में सबसे पहले अयस्क को धोया जाता है और फिर उसे मिल भेज दिया जाता है। मिल में अयस्क को पानी के साथ छोटे-छोटे कणों में पीस लिया जाता है। इसके बाद अयस्क को पारे की परत चढ़ी हुई प्लेटों से होकर गुजारा जाता है। स्वर्ण और पारा मिलकर अमलगम बना लेते हैं। हीरे की पहचान क्या है? इसे सुनेंरोकेंशुद्ध हीरा कार्बन का सबसे शुद्ध रूप है यानी इसमें बिल्कुल मिलावट नहीं होती. * असली हीरा पराबैंगनी किरणों में नीली आभा के साथ चमकता है लेकिन नकली हीरा हल्की पीली-हरी या हल्की स्लेटी आभा के साथ चमकता है. * प्रकाश में हीरे के कोनों के आर पार देखने पर इंद्रधनुष के विभिन्न रंग दिखाई दें तो हीरा असली है. हीरा (Diamond) रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्ध रूप होता है। इसमें बिल्कुल भी मिलावट नहीं होती है, आपको बता दें कि यदि हीरे को ओवन में 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाए, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है और बिलकुल भी राख नहीं बचेगी । इस प्रकार हीरे 100% कार्बन से बनते हैं. तो आइये जानते हैं हीरा कैसे बनता है और इसे कैसे पहचाना जाता है. हीरा कैसे बनता है ? हीरा एक अनमोन रत्न है। यही वजह है कि किसी भी बेहतर व्यक्ति या चीज की तुलना हीरे से की जाती है। सगाई की अंगूठियों से लेकर बढ़िया गहनों तक, हीरे हमारे रोजमर्रा के जीवन में इतने आम हैं कि अक्सर हम यह सोचते हैं कि आखिर वे कहां से आए हैं, लेकिन इन छोटे रत्नों के निर्माण से लेकर गहनों की दुकान तक की यात्रा वास्तव में काफी प्रभावशाली है l तो आइये जानते हैं कि हीरे के सफर की कहानी। इस लेख के माध्यम से हम हीरे के बनने के मुख्य तरीकों और हीरे कहां पाए जाते हैं, इसके बारे में जानेंगेl पृथ्वी की सतह के नीचे से लेकर एक अच्छी तरह से विनियमित प्रयोगशाला तक, आपको आश्चर्य हो सकता है कि ये चमकदार पत्थर कहां पाए जाते हैं l आपको बता देते हैं कि हीरे सदियों से राजसी वैभव और विलासिता के प्रतीक रहे हैं। भारत हजारों साल से इनके कारोबार का केंद्र रहा है l रोमन लोग इन्हें ‘भगवान के आंसू’ कहते थे l यह भी जानना जरूरी है कि 1700 के दशक के बाद से भारत विश्व का प्रमुख हीरा उत्पादक देश नहीं है, इसके बावजूद भारत में हीरे का खनन जारी हैl 2013 में भारत की बड़ी औद्योगिक खदानों और कई छोटी खदानों को मिलाकर केवल 37,515 कैरेट हीरे खनन किए गए थे, जो उस वर्ष पूरे विश्व के उत्पादन 132.9 मिलियन कैरेट के एक प्रतिशत के दसवें हिस्से से भी कम थाl बहुत से लोगों का यह भी कहना है कि विश्व के पहले हीरे की खोज आज से 4000 साल पहले भारत के गोलकोंडा क्षेत्र (आधुनिक हैदराबाद)) में नदी के किनारे की चमकदार रेत में हुई थी l पश्चिमी भारत के औद्योगिक शहर सूरत में दुनिया के 92% हीरों को काटने और पॉलिश करने का काम किया जाता है और इस काम के कारण दुनिया में करीब 500,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है l READ| जानिए भारत में सोना कैसे निकाला जाता है? किस चीज से बना होता है हीरा ? हीरा एक पारदर्शी रत्न होता है। यह रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है। इसमें बिल्कुल मिलावट नहीं होती है, यदि हीरे को ओवन में 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाए, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है तथा बिलकुल भी राख नहीं बचती है, इस प्रकार हीरे 100% कार्बन से बनते हैंl हीरा रासायनिक तौर पर बहुत निष्क्रिय होता है एवं सभी घोलकों में अघुलनशील होता है। इसका आपेक्षिक घनत्व 3.51 होता है।
इतना मजबूत क्यों होता है हीरा ?
आखिर कहां बनते हैं हीरे
READ| जानें 5G नेटवर्क की विशेषताएं क्या हैं असली और नकली हीरे की कैसे करें पहचान ? अमेरिका के जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के शोध के मुताबिक, बेहद गहराई से निकलने वाले हीरे रासायनिक रूप से शुद्ध होते हैं और ये अद्भुत रूप से पारदर्शी होते हैंl प्राकृतिक हीरों और फैक्ट्री में बनाए गए हीरों के बीच फर्क बताना बहुत ही मुश्किल हैl केवल एक खास उपकरण से असली हीरे की पहचान होती हैl हालांकि, निम्न प्रकार भी असली-नकली हीरे की पहचान की जा सकती है l
I. असली हीरे के अंदर की बनावट ऊबड़ खाबड़ होती है, लेकिन कृत्रिम हीरा अंदर से सामान्य दिखता है l असली हीरे में कुछ न कुछ खांचे होते है, जो बारह सौ गुणा ताकतवर माइक्रो स्कोप की मदद से देखे जा सकते है।
READ| क्या आप पेट्रोल पम्प पर अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं? II. आप हीरे को अखबार पर रखें और उसके पार से अक्षरो को पढ़ने की कोशिश करें। अगर आपको टेढ़ी लकीरे दिखे तो इसका मतलब है कि आपके पास नकली हीरा है।
इस रिएक्टर का तापमान और दबाव बिलकुल पृथ्वी के गर्भ जैसा होता है लगभग 3,000 डिग्री सेल्सियस और 50,000 एट्मोस्फियर के दबाव में ग्रेफाइट हीरा बनने लगता हैl इस विधि से हीरा बनने 82 घंटे लगते हैं, इतने समय में हीरे का छोटा टुकड़ा कच्चा हीरा बन जाता है। इसे एसिड के घोल में डालकर अलग किया जाता हैl कोयले की खान में हीरा कैसे मिलता है?वहाँ आक्सीजन का अभाव होता है। इन परिस्थितियों में पेड़-पौधों में उपस्थित कार्बन 'कोलीफिकेशन' की प्रक्रिया द्वारा हजारों लाखों वर्षों में 'कोल' (पक्का कोयला) में परिवर्तित हो जाता है। किंतु यदि वहाँ का ताप पंद्रह सौ डिग्री सेंटिग्रेट, दाब सत्तर हजार एटमास्कियर हो तो कुछ कार्बन हीरे में परिवर्तित हो जाता है।
जमीन में हीरा कैसे बनता है?हीरा (Diamond) रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्ध रूप होता है। इसमें बिल्कुल भी मिलावट नहीं होती है, आपको बता दें कि यदि हीरे को ओवन में 763 डिग्री सेल्सियस पर गरम किया जाए, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बना लेता है और बिलकुल भी राख नहीं बचेगी । इस प्रकार हीरे 100% कार्बन से बनते हैं.
हीरा कहाँ से प्राप्त होता है?मध्य प्रदेश में ही पन्ना ज़िले की भागने नदी द्वारा जमा किये गये निक्षेपों में रामखेरिया नामक स्थान पर धरातल के समीप ही हीरों की प्राप्ति होती है। आन्ध्र प्रदेश के कडपा, अनन्तपुर, कुरनूल, कृष्णा एवं गोदावरी ज़िलों में उत्खनन द्वारा हीरे प्राप्त किये जाते हैं।
कोयला को काला हीरा कहां जाता है क्यों?कोयले को काला हिरा क्यों कहा जाता है? - Quora. कोयले को काला हिरा क्यों कहा जाता है? क्युकी हमेशा कोयले की खान में ही असली हीरा निकलता है । अर्थात कोयले के पीछे ही हीरा होता है जो उसकी परत और कालेपन से ढंका होता है, इसलिए इसे कला हीरा कहते है।
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