लेखक ने शेकर बिहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका परंतु दूसरी बा रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया? - lekhak ne shekar bihaar mein sumati ko unake yajamaanon ke paas jaane se roka parantu doosaree ba rokane ka prayaas kyon nahin kiya?

लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?


लेखक ने शेकर विहार में सुमति को यजमानों के पास जाने से रोका था क्योंकि अगर वह जाता तो उसे बहुत वक्त लग जाता और इससे लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती। परंतु दूसरी बार लेखक ने उसे रोकने का प्रयास इसलिए नहीं किया क्योंकि वे अकेले रहकर मंदिर में रखी हुई हस्तलिखित पोथियों का अध्ययन करना चाहते थे।

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क्षितिज भाग १

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लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका परंतु दूसरी बाररोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?

उत्तर:- लेखक ने शेकर विहार में सुमति को यजमानों के पासजाने से रोका था क्योंकि अगर वह जाता तो उसे बहुत वक्त लग जाता और इससे लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती। परंतु दूसरी बार लेखक ने उसे रोकने का प्रयास इसलिए नहीं किया क्योंकि वे अकेले रहकर मंदिर में रखी हुई हस्तलिखित पोथियों का अध्ययन करना चाहते थे।

लेखक ने सुमति को अपने यजमानों के पास जाने की अनुमति क्यों दी?

लेखक ने सुमति को यजमानों के घर जाने की अनुमति क्यों दी

शेकर बिहार के मंदिर में निम्नलिखित में से क्या था जिससे लेखक का मन वहां लग गया *?

शेखर विहार में बौद्ध धर्म की पोथियों का भंडार था