लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाई?Solution Show
लेखिका की उर्दू-फ़ारसी में बिल्कुल रुचि न होने के कारण वह उससे सीख नही पायीं। इसलिए लेखिका को बचपन में उर्दू पढ़ाने के लिए जब मौलवी रखा गया और वह जब घर में आए तो लेखिका चारपाई के नीचे छिप गई। Add Review
Report Please Report Your IssueSuccessfully Submitted Q2. लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाईं? Answer. लेखिका उर्दू फ़ारसी नहीं सीख पाई क्योंकि उसे इन विषयों में कोई रुचि न थी। यही कारण था कि जब मौलवी साहब लेखिका को उर्दू और फ़ारसी पढ़ाने घर आते थे तो वह उनसे दूर भाग जाती थी और बेड के नीचे छिप जाती थी। Prev Q1 Q2 Q3 Q4 Next QUESTION / COMMENTS:Uh-Oh! That’s all you get for now. We would love to personalise your learning journey. Sign Up to explore more. Sign Up or Login Skip for now Uh-Oh! That’s all you get for now. We would love to personalise your learning journey. Sign Up to explore more. Sign Up or Login Skip for now Home लेखिकाउर्दू फ़ारसीक्योंनहींसीखपाईं? Question लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाईं?Open in App Solution उर्दू-फ़ारसी में रुचि नहीं होने के कारण लेखिका को यह भाषा कठिन लगी। इसी कारण से लेखिका उर्दू-फ़ारसी नहीं सीख पाईं।Suggest Corrections 1 Similar questions Q. इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाईं? Q. कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी - (क) वह आपको क्या सीख देती हैं? (ख) क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं? Q. लेखिका मियाँ नसीरुद्धीन के पास क्यों गई थीं? Q. भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा? Q. इस आत्मकथ्य में लेखिका के पिता ने रसोई को'भटियारखाना' कहकर क्यों संबोधित किया है? View More लेखिका उर्दू और फारसी क्यों नहीं सीख पाई?लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाई? उत्तर: लेखिका को उर्दू-फ़ारसी में बिल्कुल रुचि नहीं थी। उसके शब्दों में-'ये (बाबा) अवश्य चाहते थे कि मैं उर्दू-फ़ारसी सीख लें, लेकिन वह मेरे वश की नहीं थी।
लेखिका उर्दू फारसी क्यों नहीं सीख पाई 12 लेखिक ने अपनी माँ के व्यक्तित्व के किस?(CBSE 2010) लेखिका उर्दू-फारसी क्यों नहीं सीख पाई ? लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं का उल्लेख किया है : लेखिका की माँ हिंदी से प्रेम करती थीं। वे संस्कृत जानती थीं और उन्हें लिखने तथा गाने का भी शौक था। माँ के गुणों तथा उनकी विशेषताओं का लेखिका पर पूरा प्रभाव पड़ा।
लेखिका ने ऐसा क्यों कहा कि उन्हें अन्य लड़कियों की तरह वह सब नहीं सहना पड़ा?लोग लड़की के जन्म को परिवार के लिए बोझ मानते थे। 2. 'मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।' इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि लड़कियों के जन्म के संबंध - में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं ?
उस समय लड़कियों की क्या दशा थी?यद्यपि स्थिति पूरी तरह से अनूकूल नहीं है परन्तु फिर भी आज के समाज में नारियों को उचित स्थान प्राप्त है। आज भी कुछ परिवारों में नारी की स्वतंत्रता पर प्रश्न चिन्ह है। कहीं-कहीं पर दहेज-प्रथा है। परन्तु निष्कर्ष तौर पर हम कह सकते हैं कि समय के साथ-साथ लड़कियों की स्थिति में पहले से अधिक सुधार आया है।
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