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1. Answer: (a) 1922 में म.प्र. के होशंगाबाद में। Question 2. Answer: (c) गोदान Question 3. Answer: (b) 1995 में Question 4. Answer: (d) यथार्थ चित्रण Question 5. Answer: (c) उनकी पत्नी के Question 6. Answer: (b) कुंभन दास Question 7. Answer: (c) नियम Question 8. Answer: (b) उप Question 9. Answer: (c) व्यंग्यकार Question 10. Answer: (b) यथार्थवादी Question 11. Answer: (d) उनकी कथनी और करनी एक समान धी Question 12. Answer: (c) व्यंग्य विधा गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न मुझे लगता है. तुम किसी सख्त चीज को ठोकर मारते रहे हो। कोई चीज़ जो परम-पर-परम सदियों से जम गयी है, उसे शायद तुमने ठोकर मार-मारकर अपना जूता फाह लिया। कोई टीला जो रास्ते पर खड़ा हो गया था, उस पर तुमने अपना जूता आजमाया। तुम उसे बचाकर, उनके बगल से भी तो निकल सकते थे। टीलों से समझौता भी तो हो जाता है। सभी नदियाँ पहाड़ थोड़े ही फोड़ती हैं, कोई रास्ता बदलकर, घूमकर भी तो चली जाती हैं। Question 1. Answer: (a) प्रेमचंद जी ने अपने साहित्य के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया है Question 2. Answer: (c) यहाँ टोलों का अर्थ उन रूढ़ियों से है जिनके कारण हमारा समाज आज भी अंधकारग्रस्त है Question 3. Answer: (d) शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करना Question 4. Answer: (c) नदी के मार्ग में यदि कोई अवरोध हो तो वह रास्ता बदल लेती है Question 5. Answer: (a) हरिशंकर परसाई मंजूषा से शब्द/वाक्यांश बुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (क) यह मुसकान नहीं इसमें …………. AnswerAnswer: उपहास है, व्यंग्य है। (ख) फोटो ही खिंचना था, …………. या न खिंचाते। AnswerAnswer: तो ठीक जूते पहन लेते (ग) लोग तो माँगे कोट से ……………..। AnswerAnswer: वर दिखाई करते हैं (घ) तुम्हारी अँगुली दिखती है …………..। AnswerAnswer: पर पाँव सुरक्षित हैं (ड) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान …………..। AnswerAnswer: मेरे हौसले पस्त कर देती है (च) चक्कर लगाने से जूता फटता नहीं है, ……………. AnswerAnswer: घिस जाता है (छ) तुम किसी सख्त चीज को …………….. AnswerAnswer: ठोकर मारते रहे हो (ज) कोई टीला जो रास्ते में खड़ा हो गया था, …………. AnswerAnswer: उस पर तुमने अपना जूता आजमाया। सही कयन के सामने (✓) और गलत कयन के सामने (✗) का चिह्न लगाइए। (क) मुंशी प्रेमचंद यथार्थवादी व्यक्ति थे। AnswerAnswer: (✓) (ख) मुंशी प्रेमचंद वैभवशाली व्यक्ति थे। AnswerAnswer: (✗) (ग) वे परिस्थितियों से समझौता कर लेते थे। AnswerAnswer: (✗) (घ) प्रेमचंद का जीवन अभावों में गुजरा। AnswerAnswer: (✓) (ङ) प्रेमचंद के फटे जूते व्यंग्य के रचनाकार शरद जोशी AnswerAnswer: (✗) (च) प्रेमचंद जनता के लेखक थे। AnswerAnswer: (✓) (छ) कुंभन दास का जूता आगरा आने-जाने में घिस गया था। AnswerAnswer: (✗) (ज) पूस की रात में नीलगाय होरी का खेत चर गई AnswerAnswer: (✗) We think the shed NCERT MCQ Questions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 6 प्रेमचंद के फटे जूते with Answers Pdf free download will benefit you to the fullest. For any queries regarding CBSE Class 9 Hindi Kshitij प्रेमचंद के फटे जूते MCQs Multiple Choice Questions with Answers, share with us via the below comment box and we’ll reply back to you at the earliest possible. लेखक यह क्यों सोचते हैं कि उस आदमी की अलग अलग पोशाके नहीं होंगी?Answer: पहले लेखक प्रेमचंद के साधारण व्यक्तित्व को परिभाषित करना चाहते हैं कि ख़ास समय में ये इतने साधारण हैं तो साधारण मौकों पर ये इससे भी अधिक साधारण होते होंगे। परन्तु फिर बाद में लेखक को ऐसा लगता है कि प्रेमचंद का व्यक्तित्व दिखावे की दुनिया से बिल्कुल अलग है क्योंकि वे जैसे भीतर हैं वैसे ही बाहर भी हैं।
इस पाठ के अनुसार लेखक कभी क्या नहीं कर सकते थे?(ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो? पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि 'फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।
11 प्रेमचंद की फोटो में उनके जूते देखकर लेखक क्या सोचने लगता है ?`?प्रश्न 3 : नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए: (क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं। उत्तर : यहाँ पर जूते का आशय समृद्धि से है तथा टोपी मान , मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक है।
जो लोग फोटो का महत्त्व समझते हैं लेखक के अनुसार वे क्या करते हैं?फोटो खिंचाने के लिए तो बीवी तक माँग ली जाती है, तुमसे जूते ही माँगते नहीं बने! तुम फोटो का महत्व नहीं जानते। लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए! गंदे-से-गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है।
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