महिलाओं के पेट में दर्द क्यों होता है? - mahilaon ke pet mein dard kyon hota hai?

  • Hindi
  • Lifestyle

Show

अक्‍सर महिलाओं को पेट के निचले हिस्‍से में दर्द की शिकायत रहती है. कई बार ये दर्द इ‍तना परेशान करता है कि वे कुछ काम ही नहीं कर पातीं.

महिलाओं के पेट में दर्द क्यों होता है? - mahilaon ke pet mein dard kyon hota hai?

अक्‍सर महिलाओं को पेट के निचले हिस्‍से में दर्द की शिकायत रहती है. कई बार ये दर्द इ‍तना परेशान करता है कि वे कुछ काम ही नहीं कर पातीं. अगर लंबे समय तक इस दर्द को इग्‍नोर किया जाए तो इससे गंभीर परिस्थितियां उत्‍पन्‍न हो सकती हैं.

महिलाओं में ऐसे होते हैं हृदय रोग के लक्षण, किस उम्र में सबसे अधिक खतरा? कैसे करें बचाव?

क्‍यों होता है दर्द
डॉक्‍टर्स कहते हैं कि इस दर्द की वजहों में से एक है Pelvic congestion syndrome (PCS). अगर आपको दर्द की समस्या 6 माह से ज्यादा समय तक रहती है तो यह पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम यानी PCS हो सकता है.
शायद आपको जानकर हैरानी हो पर कुछ समय पहले एक शोध में पता चला था कि भारत की हर तीसरी महिला इस समस्या की शिकार है. पर वे इससे अनजान होती हैं.

क्‍या होते हैं लक्षण
-पेट के निचले हिस्‍से में भारीपन या दबाव महसूस होता है.
– पेट के नीचे के हिस्से में मरोड़ अथवा दर्द महसूस होता है.
– ज्यादा समय तक खड़े होने या बैठने में दर्द महसूस होना.
– शारारिक संबंध बनाते समय दर्द महसूस होता है.
-यूरीन के समय दर्द का महसूस होना.

Tips: बढ़ानी है उम्र तो आज ही अपनाएं ये आदतें, ऐसे करें शुरुआत…

बीमारी का कारण
गर्भावस्था के दौरान हार्मोन संबंधी बदलावों, वजन बढ़ने और पेल्विक क्षेत्र की अनैटमी में परिवर्तन आने से अंडाशय की शिराओं में दबाव बढ़ता है. जिससे शिराओं की दीवार कमजोर हो जाती है. फिर वो सामान्य से अधिक फैल जाती हैं. जब अंडाशय की शिराएं फैल जाती हैं, तो वॉल्व पूरी तरह से बंद नहीं होता, जिससे रक्त वापस बहकर शिराओं में आ जाता है. इसे रीफ्लेक्स कहते हैं. इसके चलते पेल्विक एरिया में ब्लड की मात्रा बढ़ जाती है. PCS बेली बटन के नीचे और दोनों नितंबों के बीच होता है और छह महीने से अधिक समय तक रहता है.

ईलाज क्‍या है
नॉन-सर्जिकल प्रक्रिया से इसका ट्रीटमेंट किया जाता है. इसमें जिन शिराओं में खराबी आ जाती है, उन्हें बंद कर दिया जाता है ताकि उनमें रक्त जमा न हो सके. इसमें अस्पताल में रुकने की जरूरत नहीं होती.

लाइफस्टाइल की और खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें हेल्थ समाचार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में क्यों होता है  तेज दर्द 

महिलाएं आमतौर पर पेट दर्द को हल्के में ले लेती हैं। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा क्यों हो रहा है, यह जाने बिना इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। क्योंकि पेट दर्द के कई कारण होते हैं। आंतों की गंभीर क्षति के कारण कुछ महिलाओं को पेट में दर्द भी हो सकता है। इसके अलावा पीरियड्स, एंडोमेट्रियोसिस , पीसीओडी में भी महिलाओं को तेज दर्द का सामनना करना पड़ता है।  इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि जितना हो सके दर्द को नजरअंदाज किए बिना डॉक्टर के पास जाना बेहतर है। पेट दर्द मुख्य रूप से कब्ज और अपच के कारण हो सकता है। यदि आपके पाचन तंत्र में कोई विकार है तो आपको पेट दर्द का अनुभव होने की अधिक संभावना है। हर किसी में पेट दर्द के कारण अलग-अलग होते हैं।


महिलाओं में ओव्यूलेशन के दिन श्रोणि में दर्द, रजोनिवृत्ति के दस दिन बाद। यह डरने का दर्द नहीं है। एक दो दिन में अपने आप ठीक हो जाएगा। इसे एक संकेत के रूप में भी लिया जा सकता है कि बच्चे का इंतजार कर रहे लोग उस दिन संबंध बनाने वाले हैं।

पीएमएस, जिसे प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम भी कहा जाता है। कमर दर्द भी परेशानी का संकेत हो सकता है। यह दर्द सिर्फ कूल्हों तक ही नहीं बल्कि पीठ तक भी फैल सकता है। यह 3 दिनों तक रहता है। हर महीने, प्लेसेंटा एक झिल्ली बनाता है। यह उस क्षेत्र में है जहां भ्रूण विकसित होता है। यदि निषेचित नहीं किया जाता है, तो झिल्ली निकल जाएगी और बाहर आ जाएगी। यह गर्भाशय के कारण होने वाला दर्द है जिसमें झिल्ली को बाहर निकालने में कठिनाई होती है। इस दर्द के लिए साधारण हॉट कंप्रेस काफी हैं। व्यायाम करने से दर्द से भी राहत मिलती है।

असहनीय दर्द के मामले में, स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें और विशेष दवाएं लें। श्रोणि और आसपास के क्षेत्र में गंभीर दर्द गर्भावस्था के दौरान फैलोपियन ट्यूब में भी हो सकता है। अत्यधिक दस्त, उल्टी, चक्कर आना आदि के साथ हो सकता है। यह एक ऐसी समस्या है जिस पर तत्काल ध्यान देने और उपचार की आवश्यकता है। अन्यथा यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज नामक समस्या भी पैल्विक दर्द का लक्षण हो सकती है। यह समस्या इलाज योग्य है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह गर्भाशय और अंडकोष को पूरी तरह से प्रभावित कर सकता है। अगर आपको पेट में दर्द, बुखार, असामान्य योनि स्राव, या पेशाब करते समय तेज दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। कुछ आयुर्वेदिक औषधियां लेने से इसे ठीक किया जा सकता है। गंभीर को उपचार की आवश्यकता हो सकती है। 

फाइब्रॉएड की समस्या का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण पैल्विक दर्द है। ट्यूमर जैसे फाइब्रॉएड से कैंसर होने की संभावना कम होती है। यह महिलाओं में उनके 30 और 40 के दशक में सबसे आम है। कुछ महिलाओं को अत्यधिक रक्तस्राव, पेट और पेल्विक दर्द आदि भी होता है। अगर ऐसा है तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

महिलाओं को पेट दर्द के दौरान क्यों नही लेनी चाहिए कोल्डड्रिंक्स ?

कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द के लिए सोडा और शीतल पेय पीने की आदत होती है। कोल्डड्रिंक पीने से तुरंत दिमाग थोड़ा तरोताजा हो जाएगा। शीतल पेय में मौजूद चीनी शरीर को तुरंत ऊर्जा देती है। सभी कार्बोनेटेड पेय में कार्बन डाइऑक्साइड होता है, जो अस्थायी रूप से सूजन को खत्म करने में मदद करता है। हालांकि, शीतल पेय शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं और इनमें मिलाई जाने वाली गैस पेट के अल्सर (पेट का अल्सर) का कारण बन सकती है। जब महिलाएं इसका सेवन करती हैं, तो उन्हें हड्डियों में संक्रमण और हड्डियों से संबंधित रोग होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए मेनोपॉज के दौरान होने वाले दर्द और दर्द से छुटकारा पाने का एक ही तरीका है कि जितना हो सके आराम और पौष्टिक आहार लें। 

डॉ चंचल शर्मा के अनुसार महिलाओं के पेट में होने वाले तेज दर्द को  कैसे रोका जाए और ऐसा होने पर इससे कैसे निपटा जाए?

एक महिला की जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करने से मासिक धर्म में ऐंठन को रोकने में मदद मिल सकती है। मासिक धर्म से एक या दो दिन पहले, लंबे समय तक खड़े या बैठे न रहें। समय-समय पर झुकें और छोटे-छोटे काम करें। ऐसा करने से पेट और जननांग क्षेत्र में हलचल होगी। इससे मासिक धर्म के दिनों में होने वाले दर्द से बचाव होगा। 

मासिक धर्म में ऐंठन शरीर की गर्मी के बढ़ने के कारण होती है। लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहने और एयरटाइट कपड़े पहनने से शरीर की गर्मी बढ़ सकती है और गर्भाशय प्रभावित हो सकता है। इससे मासिक धर्म के दिनों में पेट में दर्द हो सकता है। सप्ताह में एक बार नहाने के तेल में तेल मलें। शरीर की गर्मी को कम कर सकता है। हल्दी एवं अदरक के काढ़े के सेवन से दर्द को कम किया जा सकता है। 

मासिक धर्म के दर्द और अत्यधिक रक्तस्राव को रोकने के 8 तरीके:

पानी वाले खाद्य पदार्थ - हाइड्रेटेड खाद्य पदार्थों का खूब सेवन करें। बादाम को रात में पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट खाया जा सकता है। इससे शरीर की गर्मी से बचाव होगा। अनार फल फल या जूस के रूप में ले सकते हैं। इससे शरीर में डिहाइड्रेशन नहीं होगा। 

चुटकी भर सब्जियां- कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कब्ज और पेट दर्द की शिकायत होती है। कब्ज से बचने के लिए रेशेदार बीन्स जैसे मेवे खाएं। साबुत सब्जियों की जगह चुटकीभर सब्जियां खाएं। आप रेशेदार फसल और फल भी खा सकते हैं। यह पेट और गर्भाशय में अपशिष्ट उत्पादों को साफ करता है और कब्ज को दूर करता है।

करी पत्ता- अगर आप बिना नारियल डाले करी पत्ते को धोकर खाएंगे तो आपको मासिक धर्म के दौरान होने वाले हर तरह के दर्द से राहत मिलेगी। 

छाछ : मासिक धर्म के दौरान शरीर की गर्मी से बचने के लिए छाछ का सेवन दिन में दो से तीन बार करना चाहिए। सफेद कद्दू को आहार में शामिल करने, ठंडे पानी से नहाने और नाभि पर दीपक का तेल लगाने से भी शरीर की गर्मी कम होगी और पेट दर्द से राहत मिलेगी।

दालें-  इससे मासिक धर्म के दौरान होने वाला पेल्विक दर्द खत्म हो जाएगा।

महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में क्यों दर्द होता है?

सिस्ट होने पर पेट के निचले हिस्से में बहुत तीव्र दर्द होता है. लार्ज ओवेरियन सिस्ट होने पर हमेशा भरा हुआ या भारीपन महसूस हो सकता है. कई बार ओवरी में सिस्ट होने से स्पॉटिंग या ब्लीडिंग भी हो सकती है. महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है.

रुक रुक के पेट दर्द क्यों होता है?

पेट फूलने के साथ साथ रुक-रुक कर दर्द हो रहा है। कब्ज, डायरिया और गैस जैसा भी महसूस हो रहा है। ऐसा इरिटेबल बाउल (आईबीएस) सिंड्रोम की वजह से होता है। यह सिंड्रोम आंतों की सामान्य बीमारी है।

पेट में दर्द होने के क्या कारण हो सकते हैं?

पेट दर्द क्यों होता है?.
खाना हजम नहीं होना.
कब्ज की शिकयत.
अपेंडिसाइटिस.
फूड पॉइजनिंग.
अल्सर या फोड़ा.
हर्निया.
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम.
पित्त की पथरी.

लेडीस के पेट में दर्द हो तो क्या करना चाहिए?

पेट में दर्द की परेशानी को कम करने के लिए अनार काफी हेल्दी साबित हो सकता है. ... .
पेट दर्द की परेशानी मिनटों में दूर करने के लिए मेथी दाना काफी हेल्दी माना जाता है. ... .
पेट दर्द को झट से दूर करने के लिए पुदीने की पत्तियां भी हेल्दी साबित हो सकती हैं. ... .
पेट दर्द को कम करने के लिए नियमित रूप से अदरक की चाय हेल्दी साबित हो सकती है..