मनुष्य की सुनने की क्षमता को कौन नियंत्रित करता है? - manushy kee sunane kee kshamata ko kaun niyantrit karata hai?

विषयसूची

  • 1 सामान्य मनुष्य की श्रव्य सीमा कितनी होती है?
  • 2 औसत मानव कान की श्रव्य सीमा क्या है?
  • 3 सुनने की दहलीज क्या है?
  • 4 मनुष्य के सुनने की क्षमता को कौन नियंत्रित करता है?
  • 5 श्रव्यता का परिसर क्या होता है?

सामान्य मनुष्य की श्रव्य सीमा कितनी होती है?

इसे सुनेंरोकेंसही उत्तर 20 हर्ट्ज – 20000 हर्ट्ज है। मनुष्यों में सामान्य श्रवण आवृत्ति सीमा लगभग 20 से 20000 हर्ट्ज होती है।

औसत मानव कान की श्रव्य सीमा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंश्रव्य आवृत्ति 20Hz से 20000Hz तक होती है। औसत वयस्कों में ऊपरी सीमा अक्सर 15–17 किलोहर्ट्ज़ के करीब होती है।

मानव कान के लिए आवृत्ति की श्रव्य सीमा क्या है *?

इसे सुनेंरोकें20Hz से 20,000 Hz तक की आवृत्तियों की सीमा को सामान्य मानव कान के लिए श्रव्य श्रेणी कहा जाता है।

श्रव्यता सीमा क्या है?

इसे सुनेंरोकें80 के बीच मे होती है।

सुनने की दहलीज क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसुनने की दहलीज को आम तौर पर 20 माइक्रोपास्कल के आरएमएस ध्वनि दबाव के रूप में सूचित किया जाता है , अर्थात 0 डीबी एसपीएल, जो 1 वायुमंडल और 25 डिग्री सेल्सियस पर 0.98 पीडब्लू/एम 2 की ध्वनि तीव्रता के अनुरूप है। यह लगभग सबसे शांत ध्वनि है जिसे बिना क्षतिग्रस्त श्रवण वाला एक युवा १,००० हर्ट्ज पर पहचान सकता है ।

मनुष्य के सुनने की क्षमता को कौन नियंत्रित करता है?

इसे सुनेंरोकेंमनुष्य अपने सुनने की सभी गतिविधियों (हियरिंग) के लिए पूरी तरह अपने कानों पर ही निर्भर रहता है। क्योंकि मानव कान की सुनने की क्षमता अलग-अलग स्तर की ध्वनियों के माध्यम से दिमाग को जरुरी जानकारी भेजती है। और आपका मस्तिष्क उन ध्वनियों में छुपे हुए राज या जानकारी को खोलने का काम करता है।

मानव में ध्वनि की सभ्यता का परिसर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परास 20 Hz से 20000 Hz तक है। सभी आवृतियों की ध्वनियां मानव द्वारा नहीं सुनी जा सकती हैं। मानव 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनि को नहीं सुन सकता और 20000 Hz से अधिक की आवृत्ति को भी नहीं सुन सकता है। ध्वनि जिसे हममें सुनने की क्षमता होती है श्रव्य (audible) ध्वनि कहलाती है।

मनुष्य की सभ्यता की सीमा क्या है?

Manushya Ki Shravyata Sima Kitni Hoti Hai Hindi GK….मनुष्य की श्रव्यता सीमा कितनी होती है?

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श्रव्यता का परिसर क्या होता है?

इसे सुनेंरोकें(i) राइनोसिरस (गैंडा) : राइनोसिरस (गैंडा) 5 Hz तक की आवृत्ति की अवश्रव्य ध्वनि का उपयोग करके संपर्क स्थापित करता है। व्हेल तथा हाथी अवश्रव्य ध्वनि परिसर की ध्वनियाँ उत्पन्न करते हैं। ध्वनि बूम (Sonic Boom): जब ध्वनि उत्पादक स्रोत ध्वनि की चाल से अधिक तेजी से गति करती हैं।

बहरापन
वर्गीकरण व बाहरी संसाधन

मनुष्य की सुनने की क्षमता को कौन नियंत्रित करता है? - manushy kee sunane kee kshamata ko kaun niyantrit karata hai?

बहरेपन का अंतर्राष्ट्रीय चिह्न
आईसीडी-१०H90.-H91.
आईसीडी-९389
रोग डाटाबेस19942
एमईएसएचD034381

बहरापन या अश्रव्यता पूर्ण या आंशिक रूप से ध्वनियों को सुनने की शक्ति का ह्रास होने की स्थिति को कहते हैं।[1] यह एक आम बीमारी है। इस रोग में न सिर्फ सुनने की शक्ति कम हो जाती है बल्कि व्यक्ति की सामाजिक व मानसिक परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। जब कोई व्यक्ति बोलता है, तो वह ध्वनि तरंगों के द्वारा हवा में एक कंपन पैदा करता है। यह कंपन कान के पर्दे एवं सुनने से संबंधित तीन हड्डियों-मेलियस, इन्कस एवं स्टेपीज के द्वारा आंतरिक कान में पहुंचता है और सुनने की नस द्वारा आंतरिक कान से मस्तिष्क में संप्रेषित होता है। इस कारण ध्वनि का अहसास होता है। यदि किसी कारण से ध्वनि की इन तरंगों में अवरोध पैदा हो जाए, तो बहरापन हो जाएगा।

कारण[संपादित करें]

अन्य बहरेपन के कई करण हो सकते हैं। इनमें से निम्न प्रमुख हैं:-

  • उम्र बढ़ने के साथ बहरापन की समस्या उत्पन्न होना प्राकृतिक घटना है
  • व्यावसायिक जोखिम (जो लोग शोर वाले क्षेत्रों में काम कर रहे हैं)
  • मोम के कान में गिरने या डालने से
  • गंभीर कान संक्रमण
  • टीम्पेनिक रोग
  • टीम्पेनिक झिल्ली में छेद
  • कान में हड्डियों का विकास या भर जाना और कैंसर जैसे बीमारी
  • गलत दवाइयों के सेवन से
  • मोबाइल का ज्यादा प्रयोग

लक्षण[संपादित करें]

बहरेपन के लक्षण छोटे बच्चे के एक वर्ष की आयु से ही लक्षित होते हैं।

  • बच्चा जब किसी आवाज का जवाब नहीं देता हो
  • दूसरों की बात समझने में असमर्थ
  • दूसरों से जोर से बात बोलने के लिए कहना

प्रकार[संपादित करें]

कंड्टिव बहरापन[संपादित करें]

यदि अवरोध कान के पर्दे या सुनने की हड्डियों तक सीमित रहता है तो इसे कन्डक्टिव डेफनेस (बहरेपन का एक प्रकार) कहते हैं। कन्डक्टिव डेफनेस के कारण कान का मैल या फंगस होना, कान का बहना, जिसकी वजह से कान का पर्दा फट जाता है और उसमें छेद हो जाता है, ओटोस्क्रोसिस जिसमें कान की अत्यंत सूक्ष्म हड्डी स्टेपीज और भी सूक्ष्म हो जाती है, जिसके कारण कम्पन्न आन्तरिक कान तक नहीं पहुंचता है, पहुंच सकता हैं। इस तरह का बहरापन सामान्यतया युवाओं में कान बहे बगैर भी हो सकता है। इसके अलावा कान पर जोर से झापड़ मारना, चोट लगना, या तेज ध्वनि के धमाके द्वारा कान का पर्दा फट सकता है। इस स्थिति में कान से खून आ सकता है। कान सुन्न हो जाता है अथवा उसमें सांय-सांय की आवाज आने लगती है। सिर भारी हो जाता है या चक्कर भी आ सकता है।

सेन्सरी न्यूरल बहरापन[संपादित करें]

यदि अवरोध कान के आंतरिक भाग में या सुनने से संबंधित नस में है, तो इसे सेन्सरी न्यूरल डेफनेस कहते हैं। इसके सामान्य लक्षण में कान से सांय-सांय की आवाज अथवा तरह-तरह की आवाजें आना और कान का भारी होना, कान में दर्द होना, जो मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से बढ़ सकता है, चक्कर आना, व्यक्तित्व से संबंधित मानसिक परेशानियां आदि होते हैं। सेन्सरी न्यूरल बहरापनके कारण पैदाइशी बहरापन, जो वंशानुगत अथवा पैदा होते समय बच्चे के देर से रोने पर खून में आक्सीजन की कमी के कारण अथवा कान के पूर्णतया विकसित न होने के कारण हो सकता है। इनके अलावा ध्वनि प्रदूषण जैसे तेज आवाज के जेनरेटर, प्रेशर हार्न, वाहनों द्वारा प्रदूषण से भी बहरापन हो सकता है। और अधिक उम्र की वजह से कान में शिथिलता आ जाना, कभी-कभी कान में बहरापन एकदम से आ जाता है। इस स्थिति में शीघ्र ही नाक, कान, गला विशेषज्ञ से सम्पर्क करना चाहिए।

सावधानियाँ[संपादित करें]

इस मामले में बरती जाने वाली सावधानियां इस प्रकार से हैं:

  • शोरगुल वाले स्थानों से दूर रहें
  • डॉक्टर से सलाह लेकर बहरेपन के कारण का पता लगायें
  • ऑडिओलॉजिस्ट से सम्पूर्ण जांच कराये
  • सुनने में सहायक यंत्रों का उपयोग करें

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "स्पीच एण्द लैग्वेज टर्म्स एण्ड एब्रिवियेशंस". मूल से 5 सितंबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २ दिसंबर, २००६.

[1]== बाहरी कड़ियाँ ==

  1. Divya, Taneja. "Hearing Damage: Causes and Prevention". itsmyownway.com. Itsmyownway. मूल से 19 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.

मनुष्य में सुनने की क्षमता को नियंत्रित कौन करता है?

संज्ञानात्मक निरूपण के लिए मस्तिष्क के विभिन्न भाग अलग-अलग और एक साथ उत्तरदाई होते हैं। उदाहरण के लिए देखने के लिए दृश्य क्षेत्र, सुनने के लिए श्रव्य क्षेत्र, गति के लिए अनुमस्तिष्क का क्षेत्र उत्तरदाई होता है।

मनुष्य की सुनने की क्षमता क्या होती है?

सुनने की क्षमता, पावरलूम 104 व ट्रेन से 118 डेसि.