Updated: 27 Jul 2022, 10:41 AM IST 1/18 मां बेटे की जोड़ी का कारनामाMushroom Farm: एक मशहूर कहावत है अगर आप जीवन में कुछ अलग करना चाहते हैं तो कुछ भी संभव हो सकता है. केरल के एक मां-बेटे की जोड़ी ने इस कहावत को सच करके दिखाया है. जीतू थॉमस और उनकी मां लीना थॉमस Mushroom farming के जरिए सफलता की एक नई कहानी लिख रहे हैं. ET Online 2/18 एक पैकेट से लेकर 40,000 तक की कमाईमां-बेटे की इस जोड़ी ने मशरूम की खेती (Mushroom farming) की शुरुआत एक पैकेट रोजाना से की थी. अब जब कामकाज के 4 साल हो चुके हैं, मां-बेटे की यह जोड़ी मशरूम की खेती से रोजाना ₹40,000 कमा रही है. जीतू थॉमस ने फिजिक्स में बैचलर डिप्लोमा और सोशल वर्क में डिप्लोमा किया हुआ है. कुछ साल पहले तक एनजीओ के साथ सोशल एंटरप्रेन्योर के रूप में काम कर रहे थे. उस समय मशरूम फार्मिंग (Mushroom farming) के बारे में सोचना संभव नहीं था. इसके कुछ समय बाद खेती की तमाम संभावनाओं को टटोलने के लिए जीतू ने पूरी तरह किसान बनने का फैसला किया और यह सोचा कि आसपास के इलाके में मशरूम बेचकर कितनी कमाई की जा सकती है, इसे ट्राई करते हैं. 5/18 खेती से पहले ट्रेनिंगइस समय जीतू थॉमस सिर्फ 19 साल के थे और उन्होंने अपनी मां लीना थॉमस के साथ Mushroom farming शुरू कर दी. मशरूम की खेती से पहले जीतू ने काफी ऑनलाइन रिसर्च किया और 1 दिन का वर्कशॉप भी अटेंड किया. 6/18 साइंटिफिक तरीके से की खेतीएक दिन के वर्कशॉप में मशरूम उगाने के आसान तरीके और भरपूर पैदावार वाली खेती के बारे में सिखाया गया. जीतू ने छोटी अवधि में मशरूम की खेती (Mushroom farming) से अधिक कमाई करने के लिए साइंटिफिक तरीके का इस्तेमाल किया. 7/18 कोरोना संकट में भी बेहतरजीतू और उनकी मां कोरोना संकट के दौर में भी बिना नुकसान उठाए कारोबार करते रहे और संकट से बाहर निकल आए. मशरूम की खेती में मौसम और तापमान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. 8/18 तापमान मेंटेन करने की जरूरतजीतू ने मशरूम फार्मिंग (Mushroom farming) के लिए जरूरी तापमान को मेंटेन करने के लिए अलग-अलग चीजें जुटाई. उन्होंने अपने कमरे को इस तरह तैयार किया जिससे कि मशरूम के कई बेड तैयार किए जा सकें. 9/18 चार साल में होने लगा मुनाफाजीतू थॉमस और उनकी मां का Mushroom farming 4 साल के अंदर ही सफलता की नई इबारत लिख रहा है. लीना थॉमस के मुताबिक साल 2012 में मशरूम फार्मिंग (Mushroom farming) शुरू की गई थी. 10/18 रोजाना 200 किलो मशरूमइस समय जीतू और लीना रोजाना 200 किलोग्राम मशरूम की खेती (Mushroom farming) कर पा रहे हैं. वह अर्नाकुलम जिले में 100 से अधिक खुदरा दुकानों पर अपना मशरूम बेचने के लिए पहुंचा देते हैं. 11/18 महीने में दो टन का प्रोडक्शनलीना के मशरूम फार्म में महीने में 2 टन मशरूम प्रोडक्शन करने की कैपेसिटी है. वे लोग खाने वाले और मेडिसिनल मशरूम का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए लगातार नए-नए उपाय करते रहते हैं. 12/18 नई तकनीक से मशरूम खेतीमशरूम की खेती किसी भी सीजन में की जा सकती है. मशरूम की खेती के लिए नई तकनीक के रूप में बहुत से लोगों ने पुआल, गेहूं की भूसी और एसी का उपयोग करके इन हाउस मशरूम प्रोडक्शन के लिए यूनिट बनाई है. आमतौर पर मशरूम सर्दियों की फसल है, लेकिन अपने घर में नई तकनीक का यूज करके आप किसी भी मौसम में इसका प्रोडक्शन कर सकते हैं. इस तकनीक से मशरूम के पौधों के लिए उपयुक्त तापमान मुहैया कराया जा सकता है. 14/18 घर में करें मशरूम की खेतीमशरूम की खेती आप अपने घर से भी शुरू कर सकते हैं. इसके लिए 6 फुट बाय 6 फुट की जगह चाहिए. जगह ऐसी हो जहां सूरज की रोशनी ना पहुंचती हो. सूरज की रोशनी मिलते ही मशरूम का पौधा खराब हो जाएगा. 15/18 कैसे करें घर में खेतीउसके बाद आपको पानी में भीगा हुआ भूसा तैयार करना होगा. भूसा तैयार करने के बाद पॉलिथीन में उचित मात्रा में भूसे और मशरूम के बीज को ऐसे बांध कर रखना है जिससे हवा किसी तरीके से पास ना हो सके. शरीर के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है. इसकी कमी से कई तरह की बीमारियां होती है. सब्जियों में विटामिन डी बहुत कम पाया जाता है. मशरूम विटामिन डी से भरपूर सब्जियों में से एक है. रोज सिर्फ एक मशरूम खाने से शरीर में विटामिन डी की जरूरी मात्रा पूरी हो जाती है. इसके अलावा सेलेनियम से भरपूर मशरूम इंसान का इम्यून सिस्टम बेहतर बनाता है. इसके साथ ही वजन घटाने में भी मशरूम का सेवन काफी फायदेमंद है. 18/18 मशरूम की खेती का ट्रेनिंगआप अपने जिले या आसपास के कृषि विज्ञान केंद्र में मशरूम की खेती का ट्रेनिंग हासिल कर सकते हैं. यहां कृषि वैज्ञानिक द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है. यह ट्रेनिंग या प्रशिक्षण निःशुल्क प्रदान किया जाता है. मशरूम की खेती के लिए अधिक जानकारी व प्रशिक्षण हेतु अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में संपर्क कर सकते हैं. मशरूम प्लांट कैसे लगाएं?12 घंटे भीगने के बाद भूसा को एक जगह निकालके रखना है। उसके बाद मशरूम उगाने के लिए जो बैग लिए है उसमे भूसे के साथ मशरूम के बीज को अच्छी तरह से मिलाके उनको ऊपर से बांध देना है। ऐसेही जितने बैग है उनमें भूसा और बीज भरके ऊपर से बांधना है।
बटन मशरूम में कौन सी दवा लगती है?उत्पादन विधि
बटन मशरूम को उगाने के लिए कम्पोस्ट की आवश्यकता होती है। कम्पोस्ट भूसा, गेहूं का चापड़, यूरिया एवं जिप्सम को एक साथ मिलाकर व सड़ाकर तैयार किया जाता है। इस मिश्रण को कई तरह की सूक्ष्मजीव रासायनिक क्रिया द्वारा कार्बनिक पदार्थों का विघटन कर कम्पोस्ट में परिवर्तित कर देते हैं।
मशरूम खाने से क्या लाभ होता है?मशरूम खाने के फायदे- Mushroom health benefits in hindi. पेट के लिए फायदेमंद मशरूम आपके पेट की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। ... . मशरूम डायबिटिक है ... . मशरूम विटामिन डी का एक समृद्ध स्रोत हैं ... . वेट लॉस में मददगार है ... . मशरूम दिल के लिए फायदेमंद है. आजादपुर मंडी में मशरूम क्या रेट है?आज़ादपुर मंडी मंडी में मशरूम का न्यूनतम 10000 ₹ तथा अधिकतम 13800 ₹ भाव है।
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