नयन सेज का अर्थ क्या है? - nayan sej ka arth kya hai?

दोस्तों ,हिन्दी साहित्य बहुत समृद्ध है और इसमें अच्छी कविताओं का भंडार है , अनेक कवियों ने बहुत-सी कविताएँ लिखी हैं और उनकी सूची काफी लम्बी है अर्थात् हम आपको यहाँ कुछ ही कविताएँ उपलब्ध करा सकते हैं , केवल वही कविताएँ जो प्रेरणात्मक हों क्योंकि ADBHUTLIFE, INSPIRATIONAL BLOG है इसलिए इस पर अन्य विषयों की कविताएँ उपलब्ध न करा पाने का हमें खेद है ।

               अतः यहाँ आशा , सफलता ,साहस , प्रयास , लगन , विश्वास , वीरता , हिम्मत ,सफलता के लिए संघर्ष ,नैतिकता ,सही पथ का चुनाव और उस पर डटे रहने का भाव जैसे प्रेरक विषयों पर चुनकर कविताएँ प्रस्तुत की गई हैं ।
लेकिन इनके अलावा हिन्दी साहित्य में जीवन-दर्शन , जीवन की अनिश्चितता , भाग्यवादिता , सुख - दुख जैसे जीवन के कई विभिन्न पहलूओं पर नजर डालती कविताएँ भी पर्याप्त मात्रा में मिलती हैं ।

आज की कविता गोपालदास नीरज द्वारा कृत " छिप-छिप अश्रु बहाने वालों " है जिसमें  बताया गया है कि एक बार असफल हो जाने के कारण सफलता पाने का प्रयास छोड़ा नहीं जा सकता । कहा भी जाता है - सफलता कभी निश्चित नहीं होती और असफलता कभी अंतिम नहीं होती
हम जीवन की किसी एक घटना को केन्द्र मानकर नहीं जी सकते क्योंकि जीवन आगे बढ़ने के लिए है रूक जाने के लिए नहीं है । हमेशा सकारात्मक रहिए , असफलता को स्वीकार कीजिए और उससे सबक लेकर नए उत्साह के साथ आगे बढ़िये- यही जीवन है ।

छिप-छिप अश्रु बहाने वालों -
                           गोपाल दास ' नीरज '
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

छिप-छिप अश्रु बहाने वालों !
मोती व्यर्थ बहाने वालों !
कुछ सपनों के मर जाने से ,
जीवन नहीं मरा करता है ।

सपना क्या है , नयन सेज पर
सोया हुआ आँख का पानी
और टूटना है उसका ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी
गीली उमर बनाने वालों !
डूबे बिना नहाने वालों !
कुछ पानी के बह जाने से ,
सावन नहीं मरा करता है ।

माला बिखर गयी तो क्या है
खुद ही हल हो गयी समस्या
आँसू गर नीलाम हुए तो
समझो पूरी हुई तपस्या
रूठे दिवस मनाने वालों !
फटी कमीज़ सिलाने वालों !
कुछ दीपों के बुझ जाने से ,
आँगन नहीं मरा करता है।

खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर
केवल जिल्द बदलती पोथी
जैसे रात उतार चांदनी
पहने सुबह धूप की धोती
वस्त्र बदलकर आने वालों !
चाल बदलकर जाने वालों !
चन्द खिलौनों के खोने से ,
बचपन नहीं मरा करता है ।

लाखों बार गगरियाँ फूटीं ,
शिकन न आई पनघट पर ,
लाखों बार किश्तियाँ डूबीं ,
चहल-पहल वो ही है तट पर ,
तम की उमर बढ़ाने वालों !
लौ की आयु घटाने वालों !
लाख करे पतझर कोशिश
पर उपवन नहीं मरा करता है।

लूट लिया माली ने उपवन ,
लुटी न लेकिन गन्ध फूल की ,
तूफानों तक ने छेड़ा पर ,
खिड़की बन्द न हुई धूल की ,
नफरत गले लगाने वालों !
सब पर धूल उड़ाने वालों !
कुछ मुखड़ों की नाराज़ी से
दर्पण नहीं मरा करता है !

अन्य कविताएँ : -

1. कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

2. आशा का दीपक

3. चलना हमारा काम है

Tags : Poem in hindi,motivational poem in hindi by gopaldas neeraj,hindi poem in hindi sahitya .

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छिप-छिप अश्रु बहाने वालों

नयन सेज का अर्थ क्या है? - nayan sej ka arth kya hai?

छिप-छिप अश्रु बहाने वालों,
मोती व्यर्थ लुटाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से,
जीवन नहीं मरा करता है

सपना क्या है नयन सेज पर,
सोई हुई आँख का पान
और टूटना है उसका ज्यों,
जागे कच्ची नींद जवानी
गीली उमर बनाने वालों,
डूबे बिना नहाने वालो
कुछ पानी के बह जाने से,
सावन नहीं मरा करता है

माला बिखर गई तो क्या है,
खुद ही हल हो गई समस्‍य
आँसू गर नीलाम हुए तो,
समझो पूरी हुई तपस्या

रूठे दिवस मनाने वालों,
फ़टी कमीज़ सिलाने वालो
कुछ दीपों के बुझ जाने से,
आँगन नहीं मरा करता है

लाखों बार गगरियाँ फ़ूटीं,
शिकन न आई पर पनघट प
लाखों बार किश्तियाँ डूबीं,
चहल-पहल वो ही है तट पर

तम की उमर बढ़ाने वालों,
लौ की आयु घटाने वालों,
लाख करे पतझड़ कोशिश पर,
उपवन नहीं मरा करता है

लूट लिया माली ने उपवन,
लुटी न लेकिन गंध फ़ूल क
तूफ़ानों तक ने छेड़ा पर,
खिड़की बंद न हुई धूल की

नफ़रत गले लगाने वालों,
सब पर धूल उड़ाने वालों,
कुछ मुखड़ों की नाराज़ी से,
दर्पण नहीं मरा करता है


और भी पढ़ें :

नयन सेज से क्या अभिप्राय है?

सपना क्या है, नयन सेज पर सोया हुआ आँख का पानी और टूटना है उसका ज्यों जागे कच्ची नींद जवानी गीली उमर बनाने वालो, डूबे बिना नहाने वालो कुछ पानी के बह जाने से, सावन नहीं मरा करता है।

सपना क्या है नयन सेज पर में अलंकार?

चाल बदलकर जाने वालों! चन्द खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है। चहल-पहल वो ही है तट पर, तम की उमर बढ़ाने वालों!

नयन सेज पर सोया हुआ आँख का पानी उक्त में नयन सेज में कौन सा अलंकार है?

निम्न में से कौन-सा शब्द स्त्रीलिंग है।

गीली उमर बनाने का क्या अर्थ है?

Answer: गीली उम्र बनाने वाले का अर्थ है कच्ची उम्र।