पिछले जन्म का कुछ याद क्यों नहीं रहता? - pichhale janm ka kuchh yaad kyon nahin rahata?

भगवान की माया के प्रभाव से हमें पिछला जन्म याद नहीं रहता

दोस्तो, जब भी मनुष्य जन्म लेता है तो उसे पिछले जीवन का कुछ भी याद क्यों नहीं रहता? गरुण पुराण में बताय गया है कि मनुष्य को गर्भ के अंदर अपने पिछले जन्म का सब कुछ याद होता है । उसे याद आता है कि उसने अपने पिछले जीवन में कोई भी पूजा पाठ नहीं किया था इसलिए उसे दोबारा जन्म लेना पड़ रहा है ।

जीव की आत्मा गर्भ के अंदर भगवान से प्राथना करती है कि उसे गर्भ से बहार निकालें क्यूंकि वह गंदी जगह में नहीं रहना चाहती । गर्भ में जीव को छोटे छोटे कीड़े काटते रहते हैं इसलिए दर्द के मारे भगवान से प्राथना 🙏 करते हुए वह कहता है कि बहार जाकर वह भगवान का भजन करेगा ताकि उसे फिर से गर्भ में न आना पड़े ।

जैसे ही वह गर्भ के बाहर आता है वह अपने पिछले जन्मो के बारे में भूल जाता है । वह अपने शरीर के माता पिता और उनके संबंधियों को ही अपना मान लेता है । भगवान की माया के प्रभाव में आकर वह अपने पिछले जन्मों के बारे में सब कुछ भूल जाता है ।

भागवत महापुराण में यह वर्णन आता है कि सुकदेव गोस्वामी जिन्होंने राजा परीक्षित को भगवत महापुराण सुनाया था उन्होंने माता के गर्भ से बाहर आने से मन कर दिया था । जब उनके पिता वेद व्यास जिन्होंने चारों वेदों की रचना की है उनको बहार निकालने के लिए आये तो सुकदेव गोस्वामी ने कहा कि बहार आते ही भगवान की माया उन्हें घेर लेगी इसलिए वो बहार नहीं आना चाहते ।

पिछला जन्म याद रहने से व्यक्ति का यह जन्म बर्बाद हो सकता है

शास्त्रों के अनुसार गर्भ के अंदर माया का प्रभाव नहीं रहता इसलिए जीवात्मा को गर्भ के अंदर अपने पुराने 100 जन्मो तक का सब कुछ याद होता है । बाहर आकर जीव अपने शरीर के माता पिता को अपनी आत्मा के माता पिता मान लेता है और एक अच्छा व्यक्ति बनकर शादी हो जाने तक उनकी सेवा करता रहता है ।

शादी हो जाने के बाद वह अपनी पत्नी को सब कुछ मान लेता है और माता पिता को वृद्ध आश्रम में भेज देता है । इसी क्रम से जब वह बूढ़ा हो जाता है तो अपने पोतों को सब कुछ मान लेता है और अंत में एक दिन मर जाता है 💀 ।

धर्मशास्त्रों के अनुसार इसी क्रम से वह दोबारा जन्म लेता है और उसके नए माता पिता बनते हैं । अब अगर उसे अपने पिछले माता पिता की याद रहे तो वह अपने नए माता पिता की सेवा कैसे कर पायेगा? इसी क्रम से जब उसकी शादी होगी तो एक नयी पत्नी भी उसे प्राप्त होगी ।

लेकिन अगर उसे अपने पिछले जीवन की पत्नी के बारे में याद रहेगा तो वह अपनी नयी पत्नी से प्रेम नहीं कर पायेगा । इसी तरह जब उसके बच्चे होंगे तो वह उन्हें पराया समझने लगेगा । अगर एक जीव को अपना पिछला जीवन याद रहे तो उसका यह जीवन अच्छे से नहीं चल पायेगा, शायद इसलिए जीव को पिछले जन्म का कुछ भी याद नहीं रहता ।

पिछले जन्म का कुछ याद क्यों नहीं रहता? - pichhale janm ka kuchh yaad kyon nahin rahata?

जीव में पिछले जन्म जीवनों को याद रखने की शक्ति नहीं है

भगवत गीता में भगवान कृष्ण बताते हैं कि उन्हें परमेश्वर होने के कारण सब कुछ याद है जबकि अर्जुन को जीव आत्मा होने के कारण अपने पिछले जन्मों की याद नहीं । आपने पुनर्जन्म के बारे में जरूर सुना होगा जिसमे व्यक्ति को अपने पुराने जन्म के बारे में सब कुछ याद होता है ।

इस तरह के व्यक्ति अकसर अपना घर छोड़कर किसी और व्यक्ति के घर को पसंद करते हैं । वो अक्सर सभी से कहते हैं कि उनका पिछला जन्म किसी और परिवार में हुआ था । इस तरह से बच्चो के माता पिता के मन में यह भ्रम बना रहता है कि उनका पुत्र अपना पिछला जन्म याद आ जाने पर उन्हें छोड़ कर न चला जाये ।

पिछला जन्म याद रहने के और भी बड़े नुक्सान हो सकते हैं । अगर एक व्यक्ति के दिमाग में बहुत सारी बातें चलती रहे तो वह परेशान हो जाता है 😤 । ज्यादा सोचने वाले व्यक्तियों को अक्सर मानसिक तनाव हो जाता है ।

मानसिक तनाव से ग्रस्त ऐसे लोग भगवान से प्राथना करते हैं कि उनके दिमाग में ज्यादा विचार न आएं । मानसिक तनाव से ग्रस्त लोगों को सोने के लिए भी गोलियों की आवस्यकता पड़ती है । इसलिए यह हमारे लिए अच्छा ही है कि हमें पिछले जीवन का कुछ भी याद ना रहे ।

भगवान हमें पिछले जन्मो के कर्मों का फल देते हैं

भगवत गीता में भगवान बताते है कि हम एक सरीर नहीं वल्कि आत्मा हैं । भगवान बताते हैं कि हमारे अनेकों जन्म हो चुके हैं लेकिन हमें अपने पिछले जन्मों के बारे में कुछ भी याद नहीं रहता । हमें जीव आत्मा होने के कारण पिछले जन्म का कुछ भी याद नहीं रहता लेकिन भगवान को हमारे और सारे जीवों के सारे जीवनों के बारे में सब कुछ याद रहता है । भगवान इसी के अनुसार जीव को अगला जन्म प्रदान करते हैं ।

दोसतो आपने कभी न कभी जरूर सोचा होगा कि कुछ लोगों को तो अमीर परिवार में जन्म मिलता है और उन्हें अपने जीवन में बिना कुछ किये ही बंगला और कार मिलते हैं जबकि एक गरीब के गर में पैदा हुए बच्चे को दो वक्त का खाना ही मिल पता है । क्या कारण है कि कुछ लोगों के माता पिता अमीर होते हैं वहीँ कुछ लोगों के माता पिता गरीब होते हैं? 🤔

इसका कारण है हमारे द्वारा पिछले जन्म में किये गए कर्म । भगवान को हमारे सारे जन्मों में किये गए कर्म याद रहते हैं और उसी के अनुसार वे हमें अगला जन्म देते हैं । जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है उसको अगला जन्म मनुष्य का प्राप्त होता ही जबकि जो बुरे कर्म करता है उसे नारकीय जीवन प्राप्त होता है ।

हम तो अपना पिछला जीवन भूल जाते हैं तो फिर कौन है जो हमारे सारे जीवनों के कर्मो को याद रखके उनका फल हमें देता है । दोसो किस भी व्यक्ति में यह शक्ति नहीं जो सारे जीवों के पिछले जीवन याद रख सके । वह भगवान ही हैं जो हमें हमारे किये गए कर्मों के अनुसार फल देते हैं । एक जीव में कुछ थोड़ी ही शक्ति होती है जबकि परमेश्वर परम शक्तिमान हैं । परमेश्वर सारे जीवों के सारे पिछले जीवन याद रख सकते हैं लेकिन हम अपना एक ही जीवन याद रख सकते हैं ।

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हमें पिछला जन्म याद क्यों नहीं रहता?

पिछले जन्म की बातों को याद रखना नामुमकिन है। जिसकी वजह है मां के गर्भ में मौजूद आसीटासिन नामक तत्व। बच्चे के पैदा होते है आसीटासिन गर्भ में निकल जाता है। यदि यह तत्व बच्चे के साथ ही बाहर आ जाए तो पूर्व जन्म की बातों को ठीक तरह से याद रखा जा सकता है।

पिछले जन्म की याद कैसे आती है?

कुंडली, हस्तरेखा या सामुद्रिक विद्या का जानकार व्यक्ति आपके पिछले जन्म की जानकारी के सूत्र बता सकता है। ज्योतिष के अनुसार जातक के लग्न में उच्च या स्वराशि का बुध या चंद्र स्थिति हो तो यह उसके पूर्व जन्म में सद्गुणी व्यापारी (वैश्य) होने का सूचक है।

पिछले जन्म में आप क्या थे जानिए 10 संकेत?

लग्नस्थ बुध है तो वणिक पुत्र होकर विविध क्लेशों से ग्रस्त था। 2. किसी जातक की कुंडली के लग्न स्थान में मंगल उच्च राशि या स्वराशि में स्थित हो तो इसका अर्थ है कि वह पूर्व जन्म में योद्धा था। यदि मंगल षष्ठ, सप्तम या दशम भाव में है तो यह माना जाता है कि जातक पूर्वजन्म में बहुत क्रोधी स्वभाव का था।

पूर्व जन्म के बारे में आप क्या जानते हो?

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार प्राणी का केवल शरीर नष्ट होता है, आत्मा अमर है। आत्मा एक शरीर के नष्ट हो जाने पर दूसरे शरीर में प्रवेश करती है, इसे ही पुनर्जन्म कहते हैं।