Answer in Brief Show पक्षी को मैदा से भरी सोने की कटोरी से कड़वी निबौरी क्यों अच्छी लगती है? Advertisement Remove all ads Solutionपरतंत्र जीवन सदैव कष्टमय होता है। ऐसे समय में मन की स्वतंत्रता समाप्त हो जाती है। स्वतंत्र जीवन में कठिनाइयाँ भी कितनी अधिक क्यों न हों, वह गुलामी के जीवन से अच्छा होता है। अतः पक्षी भी खुले में रहकर मैदा से भरी सोने की कटोरी की अपेक्षा नीम के कड़वे फल खाना अधिक पसंद करते हैं। Concept: गद्य (Prose) (Class 7) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 1: हम पंछी उन्मुक्त गगन के - अन्य पाठेतर है हल प्रश्न Q 14Q 13Q 15 APPEARS INNCERT Class 7 Hindi - Vasant Part 2 Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के Advertisement Remove all ads Check the below NCERT MCQ Questions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के with Answers Pdf free download. MCQ Questions for Class 7 Hindi with Answers were prepared
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examinations. Question 1. Answer: (c) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ Question 2. Answer:
(c) नदी-झरनों का जल Question 3. Answer: (c) स्वर्ण श्रृंखला का Question 4. Answer:
(c) ये दोनों बातें हो सकती थीं Question 5. Answer: (d) उपर्युक्त सभी (1) हम पंछी उन्मुक्त गगन के Question 1. Answer: (c) उन्मुक्त Question 2. Answer: (a) गा नहीं पाएँगे Question 3. Answer: (d) उपर्युक्त सभी Question 4. Answer: (c) उनके पंख टूट जाएँगे Question 5. Answer: (c) सोना Question 6. Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-‘हम पंछी उन्मुक्त गगन के’। Question 7. Answer: इस काव्यांश में पक्षी अपनी यह इच्छा प्रकट करते हैं कि हमें खुले आकाश में उड़ान भरने की स्वतंत्रता दी जाए। Question 8. Answer: खुले आसमान में उड़ान भरना पक्षियों का स्वभाव है। अतः वे स्वतंत्र रहकर जीना और उड़ना पसंद करते हैं। Question 9. Answer: जब पक्षियों को पिंजरे में कैद कर लिया जाता है तब उनके पुलकित अथवा कोमल पंख उस पिंजरे की तीलियों से टकरा कर टूट जाते हैं। पक्षियों को सोने का पिंजरा कोई सुख नहीं दे सकता। Question 10. Answer: पक्षियों को कड़वी निबौरी खाना पसंद है, क्योंकि वह आज़ाद रहकर पेड़ की एक डाली से दूसरी डाली पर कूदकर अपनी परिश्रम से उन्होंने पाई है। आज़ादी में मिले इस प्राकृतिक भोजन में उनके मेहनत की मिठास घुली हुई है। (2) स्वर्ण-शृंखला के बंधन में Question 1. Answer: (c) अपनी गति-उड़ान Question 2. Answer: (b) वृक्ष की फुनगी पर झूलने का Question 3. Answer: (b) पेड़ की सबसे ऊँची चोटी का सिरा Question 4. Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन Question 5. Answer: (b) सूर्य की किरणों जैसी लंबाई लिए चोंच Question 6. Answer: (a) अनार के दाने रूपी आसमान के तारे Question 7. Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-हम पंछी उन्मुक्त गगन के। Question 8. Answer: पक्षी तब अपनी स्वाभाविक उड़ान भूल जाते हैं, जब उन्हें पिंजरे में बंदी बना लिया जाता है। Question 9. Answer: पंछी पेड़ की डालियों की फुनगी के झूले की बात कर रहे हैं। उस पर बैठकर उन्हें झूलने में बड़ा आनंद आता है। Question 10. Answer: पक्षियों के ये अरमान थे कि वे नीले आकाश में दूर-दूर तक उड़ते। वे आकाश की सीमा तक जाना चाहते थे। Question 11. Answer: पक्षियों के चोंच सूर्य की लाल किरण के समान थे। Question 12. Answer: पक्षी तारों को अनार के दाने समझकर चुगना चाहते थे। (3) होती सीमाहीन क्षितिज से Question 1. Answer: (a) नीले आसमान की Question 2. Answer: (a) आकाश छूने की Question 3. Answer: (b) क्षितिज मिलन करेंगे या प्राण त्याग देंगे Question 4. Answer: (b) सीमाहीन Question 5. Answer: (b) उपमा Question 6. Answer: (c) उड़ने की अधीरता Question 7. Answer: कवि का नाम-शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, कविता का नाम-हम पंछी उन्मुक्त गगन के। Question
8. Answer: पक्षी इस असीम क्षितिज से होड़ा-होड़ी करना चाहते हैं यानी लंबी उड़ान भरना चाहते हैं। Question 9. Answer: पक्षी की न तो घोंसला की इच्छा है और न टहनी का आश्रय। इन्हें भले ही छीन लिया जाए। Question 10. Answer: पक्षी अपने उड़ने के अधिकार को बचाने के लिए अपना घोंसला और पेड़ की डालियों पर बनाया गया आश्रय भी देने को Question 11. Answer: हमें इस काव्यांश से शिक्षा मिलती है कि हमें आजादी का महत्त्व समझना चाहिए तथा अपने प्राणों की बाजी लगाकर इसकी रक्षा करनी चाहिए। We hope the given NCERT MCQ Questions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के with Answers Pdf free download will help you. If you have any queries regarding CBSE Class 7 Hindi हम पंछी उन्मुक्त गगन के MCQs Multiple Choice Questions with Answers, drop a comment below and we will get back to you soon. पक्षियों को कड़वी निबोरी भी क्यों पसंद है?पक्षी खुले आकाश में उड़ान भरना चाहते हैं और क्षितिज के अंतिम छोर को छूना चाहते हैं। प्रकृति के सुंदर रूप का आनंद लेना चाहते हैं और जंगल की कड़वी निबोरी खाना चाहते हैं।
पक्षी को मैदा से भरी सोने की कटोरी से कड़वी निबौरी क्यों अच्छी लगती है?हम बहता जल पीनेवाले मर जाएँगे भूखे-प्यासे, कहीं भली है कटुक निबौरी कनक-कटोरी की मैदा से । ऐसे थे अरमान कि उड़ते नीले नभ की सीमा पाने, लाल किरण- सी चोंच खोल चुगते तारक - अनार के दाने । वसंत भाग - 2 होती सीमाहीन क्षितिज से इन पंखों की होड़ा - होड़ी, या तो क्षितिज मिलन बन जाता या तनती साँसों की डोरी।
पंछियों को कनक कटोरी की मैदा से ज्यादा भली क्या लगती है?व्याख्या-पक्षियों का कहना है कि हम तो नदी - झरनों का बहता जल पीने वाले हैं। हम पिंजरे में बंद रहकर भूखे-प्यासे मर जाएँगे । इस सोने के पिंजरे में सोने की कटोरी में रखे मैदा की अपेक्षा नीम के पेड़ की कड़वी निबौरियाँ खाना हमें अधिक अच्छा लगता है।
कनक कटोरी में कौन अलंकार का प्रयोग हुआ है?'कहीं भली है कटुक निबौरी, कनक कटोरी की मैदा से' में 'क' वर्ण बार - बार आया है अर्थात यहाँ अनुप्रास अलंकार है।
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