पक्षियों को कैद क्यों नहीं करना चाहिए? - pakshiyon ko kaid kyon nahin karana chaahie?

पिंजरों में पक्षियों को कभी नहीं करना चाहिए कैद, होता है अशुभ

आशुतोष वार्ष्णेय, ज्योतिषाचार्य Updated Thu, 21 Dec 2017 10:37 AM IST

पक्षियों को कैद क्यों नहीं करना चाहिए? - pakshiyon ko kaid kyon nahin karana chaahie?

कई लोगों को पक्षी पालना बेहद ही पसंद होता है। ऐसे लोग अक्सर अपने घर में चिड़ियां, कबूतर या तोते पाल लेते हैं। मगर वास्तुशास्त्र में पक्षियों को घर में पालने से मना किया गया है। वास्तुशास्त्र के मुताबिक, घर में पक्षियों को पिंजरे में कैद नहीं करना चाहिए। इससे आपके परिवार के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, साथ ही घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार, संसार के कण-कण पर नवग्रहों का आधिपत्य है। पशु-पक्षियों एवं जीव-जंतुओं पर भी नवग्रहों का प्रभाव होता है। पक्षी हमेशा खुले आकाश से ही प्रेम करते है। यदि उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाए, तो पिंजरा उनके लिए जेल के समान हो जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों में पक्षियों को दाना खिलाना बहुत ही पुण्य का काम माना गया है। पक्षियों को सुख-समृद्धि और सफलता का सूचक माना जाता है। यदि इन्हें पिंजरे में कैद कर दिया जाए, तो ये घर में स्थिरता और आर्थिक हानि का कारण बन सकते हैं।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सभी जीव-जंतु और पशु-पक्षी ईश्वरीय पंचतत्वों से बने हुए हैं। सभी जीवों में ये तत्व अलग- अलग प्रतिशत में विद्यमान होते हैं। जैसे- हिंसक पशुओं में अग्नि तत्व सबसे ज्यादा होता है। इस प्रकार कमल जैसे कुछ जलीय पौधों और जीव-जंतुओं में जल तत्व की प्रधानता होती है। इसी तरह धरती पर विचरण करने वाले जीव-जंतु पृथ्वी तत्व को संबोधित करते हैं। पेड़ों पर रहने वाले पशु-पक्षियों में वायु तत्व की प्रधानता होती है। इसी श्रंखला में आकाश में उड़ने वाले जितने भी पक्षी हैं, वे आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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आसमान में उड़ते हुए पक्षी हर किसी मन मोह लेते हैं। यही वजह है कि पक्षियों को आजादी का प्रतीक कहा जाता है, जिन्हें बागों में चहचहाता देखना प्रकृति का सबसे खूबसूरत दृश्यों में से एक माना जाता है। हालांकि, हमारे आसपास कई ऐसे लोग रहते हैं, जिन्हें पक्षियों को पालने का शौक होता है। ऐसे लोग अपने घरों में कोई न कोई चिड़िया, तोता या कबूतर जरूर पालते हैं। ये पक्षी कहीं उड़ न जाएं इसलिए उन्हें पिंजरे के अंदर रखा जाता है।

इन खूबसूरत पक्षियों को घर पर पालने का ट्रेंड सालों से चला आ रहा है, जिसका कई पक्षी प्रेमी विरोध भी करते हैं। बता दें कि आजादी के अलावा वास्तु शास्त्र के अनुसार भी  इन पक्षियों को पिंजरे में कैद करना अशुभ माना जाता है, ऐसा करने से घर में कई समस्याएं आती हैं, जिनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। 

इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमने हमारी एक्सपर्ट आरती दहिया से बात की, जो कि वास्तुकार हैं। उन्होंने हमें बताया कि आखिर क्यों वास्तु के अनुसार घरों में कैद पक्षी घरों के लिए क्यों अशुभ होते हैं और ये आपके जीवन पर क्या असर डाल सकते हैं। तो देर किस बात की आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं ये अहम जानकारी।

पक्षी को कैद करने से घर पर पड़ता है प्रभाव-

पक्षियों को कैद क्यों नहीं करना चाहिए? - pakshiyon ko kaid kyon nahin karana chaahie?

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पक्षी को कैद करने का प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इसके अलावा आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा बेहद तेजी से फैल सकती है। शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि संसार के कण-कण पर नौ ग्रहों का राज होता है, ऐसे में पशु-पक्षियों एवं जीव-जंतुओं पर नौ ग्रहों का असर पड़ता है। हम सभी जानते हैं कि पक्षी हमेशा खुले आकाश के प्रेमी होते हैं। ऐसे में अगर उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाए, तो पिंजरा उनके लिए जेल के समान हो जाता है।

हिंदू धर्म में पक्षियों को मिला है पवित्र स्थान-

पक्षियों को कैद क्यों नहीं करना चाहिए? - pakshiyon ko kaid kyon nahin karana chaahie?

हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार पक्षियों को दाना खिलाना बेहद पुण्य का काम माना जाता है। इतना ही नहीं इन पक्षियों को सुख, समृद्धी की प्रतीक माना जाता है। ऐसे में अगर इन पक्षियों को कैद करने से  घर की स्थिरता और आर्थिक स्थितियों खराब हो सकती हैं।

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कुंडली के भावों पर प्रकाश डालते हैं पिंजरे में कैद पक्षी-

पक्षियों को कैद क्यों नहीं करना चाहिए? - pakshiyon ko kaid kyon nahin karana chaahie?

बता दें कि पक्षी मनुष्य की कुंडली भावों पर भी प्रभाव डालते हैं। ऐसे में पिंजरे में कैद पक्षी अपशकुन माने जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर पर पक्षियों को कैद कराना कई समस्याओं का कारण बनता है। एक तरफ जहां शास्त्रों में इन छोटे और प्यारे पक्षियों की सेवा की बात की गई है, वहीं उन्हें पिंजरे में रखना किसी पाप से कम नहीं होता है।

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पिंजरे में तोता पालने से पड़ता है ये प्रभाव-

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो तोता बुध ग्रह का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में अगर हम तोते को कैद करते हैं, तो इससे हमारा बुध ग्रह कमजोर होता है। इसके अलावा हमारी निर्णय लेने की क्षमता भी कम हो जाती है। ऐसे में अगर आपने घर पर तोता पाला है तो उसे बुधवार के दिन मुक्त कर देना चाहिए, जिससे उसे दोबारा न पकड़ा जा सके।

आकाश में है पक्षियों की जगह-

पक्षियों को कैद क्यों नहीं करना चाहिए? - pakshiyon ko kaid kyon nahin karana chaahie?

पक्षियों की जगह पिंजरे में नहीं बल्कि खूबसूरत आकाश में है, ऐसे में उन्हें प्राकृतिक रूप से विचरण करने देना चाहिए। बालकनी या खुले स्थान पर उनके दाना-पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख, घन और मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप किसी पक्षी को पालने का मन बना रही हैं तो ऐसा बिल्कुल भी न करें। यह इंसानियत के बुरा होने के साथ-साथ आपके जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

तो वास्तु के अनुसार यह वजह थी कि आखिर हमें किसी भी पक्षी को पिंजरे में क्यों नहीं पालना चाहिए। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image Credit-freepik and unsplash

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पक्षियों को पिंजरे में बंद क्यों नहीं करना चाहिए?

पिंजरे में बंद पक्षी अपशकुन का प्रतीक होते हैं। वास्तुशास्त्र के मुताबिक, पक्षियों को पिंजरे में रखना विभिन्न प्रकार की परेशानियों को दावत देना है। अतः पक्षियों को पिंजरे में बंद करके कभी नहीं पालना चाहिए। उनकी जगह आकाश में है, उन्हें प्राकृतिक रूप से विचरण करने दें।

पिंजरे में पक्षियों को क्या क्या कष्ट है?

जिससे वे उड़ने के लिए पिंजरे में ही छटपटाते रहते हैं। इसके साथ ही हमारा पर्यावरण भी प्रभावित होता न है, क्योंकि पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में पक्षियों की बहुत बड़ी भागीदारी होती है। पक्षियों के न रहने पर यह । सन्तुलन बिगड़ने लगता है।

पिंजरे में बंद होने पर पक्षी क्या सोचता होगा?

उत्तर- हर तरह की सुख-सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें स्वतन्त्रता पसंद है और वे बंधन में नहीं रहना चाहते। वे खुलकर आकाश में उड़ना चाहते हैं।

पक्षियों को पिंजरे में बंद रखने से पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?

सुरेंद्र यादव, नारनौल : पर्यावरण को संतुलित रखने में पेड़-पौधों के साथ ही पशु-पक्षियों की भूमिका भी अहम है।